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भाभी के साथ मस्ती की कहानी का पिछला भाग: ऐसी प्यारी भाभी सबको मिले-1 दोस्तो, एक बार मैं गर्मियों में रात को देर से सोया था तो सुबह जल्दी नहीं उठ पाया तो भाभी मुझे उठाने के लिए मेरे कमरे में आ गयी. भाभी ने मुझे आवाज़ लगायी- देवर जी, उठ जाइये, चाय बन गयी है. और मजाक करते हुए उठाने लगी.
मैंने कहा- भाभी, प्लीज सोने दो ना!
तभी अचानक भाभी ने मेरी चादर खींच दी. मैं उस समय सिर्फ फ्रेंची कच्छे में था और मेरा लिंग कच्छे में पूरा तना हुआ खड़ा था. जब भाभी ने वो देखा तो हंसने लगीं और बोली- देवर जी, आपका ये कभी सोता भी है या नहीं? इतना कहकर रसोई में चली गयीं।
दोस्तो, ऐसे ही एक बार रात को मैं सोते सोते सपना देख रहा था कि मैं पड़ोस की लड़की की चुदाई कर रहा हूँ. लेकिन मेरा लिंग सच में खड़ा हो गया और झड़ने लगा. मतलब मेरा वीर्य फ्रेंची में ही सोते समय निकल गया, मुझे पता ही नहीं चला.
सुबह चार बजे जब मुझे पेशाब लगी तो मैं उठा और देखा कि मेरा अंडरवियर वीर्य में खराब हो गया था. मैंने बाथरूम में जाकर पेशाब किया और अंडरवियर वहीं निकाल कर पानी में भिगो दिया. मैंने सोचा कि सुबह जब नहाऊँगा, तब धो दूँगा. और दूसरा अंडरवियर पहन कर अपने कमरे में आकर लेट गया.
जब मैं सुबह उठकर नहाने के लिए गया तो वहां पर वो अंडरवियर नहीं था. मैंने भाभी से पूछा- भाभी, मेरा अंडरवियर कहाँ है? तो भाभी बोली- मैंने धोकर छत पर सूखने के लिए डाल दिया है. भाभी सुबह जल्दी नहा लेती हैं.
फिर मैं नहाने लगा. जब मैं नहा कर आया तो भाभी मुझे चिढ़ाने लगी और मजाक करते हुए बोली- देवर जी, अंडरवियर बहुत खराब करते हो? आपकी शादी करानी पड़ेगी. अब मुझे शर्म लग रही थी।
मैंने कहा- भाभी, आपने मेरा अंडरवियर क्यों धोया? तो भाभी बोली- मैंने इतने सारे कपड़े धोये थे, वो भी धो दिया. तो क्या हो गया? देवर जी लेकिन अब अंडरवियर खराब मत करना. मैंने कहा- भाभी, वो मैं रात को सपना देख रहा था, तभी ऐसा हो गया।
दोस्तो, मैं टाइम बढाने वाली कोई गोली या दवाई नहीं खाता हूँ. फिर भी काफी देर में झड़ता हूँ. कुछ लोग सेक्स के लिए अलग अलग कम्पनियों की गोलियां खाते हैं. जो कुछ देर तो असर करती हैं लेकिन इनके साइड इफेक्ट बहुत हैं. इसलिए मैं इन सबका प्रयोग नहीं करता हूँ।
अगर आप अपनी शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं तो आप शुद्ध शिलाजीत ले सकते हैं. बीस ग्राम की शीशी आती है। भाभी जी रोज रात को मुझे और भैया को एक गिलास दूध में दो बूँद शिलाजीत की, शहद और मुनक्का मिला कर देती हैं. इसीलिए मैं और भैया बहुत देर से झड़ते हैं. शिलाजीत बहुत दमदार चीज है. आप लोग एक बार जरूर लेना. लड़की की चीखें निकलने लगेंगी पर आपका नहीं झड़ेगा. और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. पर शिलाजीत गर्मियों में नहीं लेना चाहिए यह बहुत गर्म होता है।
मेरी भाभी जी बहुत अच्छी हैं वह मेरा और भैया का बराबर ख्याल रखती हैं मेरे मन में भी उनके लिए कोई गलत इरादा नहीं है।
दोस्तो, मेरी भाभी जी मेरे और भैया हम दोनों के लिए रात को काले चने, कुछ बादाम, कुछ काजू, दो छुआरे और थोड़े से दाने किशमिश के रोज रात में भिगो देती हैं. फिर सुबह को हम दोनों भैया खाते हैं जिससे ग़जब की ताकत आती है.
एक बार मेरा मन नहीं था तो मैंने मना कर दिया तो भाभी बोली- खा लीजिए देवर जी, इससे वीर्य गाढ़ा होगा।
ये चीज़ें आप लोग भी खा सकते है आपको एक सप्ताह में ही फर्क दिखना शुरू हो जायेगा।
एक बार भाभी जी छत पर थी. मैं कहीं से आया था. गर्मियों के दिन थे तो मैंने अपने कपड़े उतारे और पंखा चला कर कमरे में फ्रेंची और बनियान में लेट गया. मैंने सोचा कि अभी कौन सा भाभी नीचे आ रही हैं. मैं लेटकर मोबाइल में अन्तर्वासना की कहानी पढ़ने लगा.
आप सब लोग जानते ही हैं कि कहानी पढ़ते समय हम सब बिल्कुल कहानी में खो जाते हैं और लंड चूत का क्या हाल होता है आपको पता ही है. यही हाल उस समय मेरा भी था. मेरा लिंग फ्रेंची में तना हुआ था.
कहानी पढ़ते पढ़ते कब मैंने फ्रेंची नीचे घुटनों तक कर ली, मुझे पता ही नहीं चला और धीरे-धीरे लिंग को सहलाने लगा. लिंग पूरा तना हुआ खड़ा था.
मैं तो कहानी पढ़ने में मस्त था. पता नहीं कब भाभी नीचे आ गयी और चुपचाप खिड़की से देखने लगी.
जब मैं बहुत अधिक उत्तेजित हो गया तो मेरे लिंग ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी.
तभी अचानक भाभी जी तेज़ी से मेरे कमरे के अंदर आ गयी और कहने लगी- ये क्या कर रहे हो देवर जी? मैंने तुरंत फ्रेंची (अंडरवियर) को ऊपर किया।
अब मैं क्या कहता … मैंने कहा- कु … कुच्छ … कुछ नहीं भाभी … बस वो ऐसे ही मैं तो … भाभी बोली- मैं सब देख रही थी. आपने अपना कितना वीर्य बर्बाद कर दिया. ऐसे नहीं करते हैं देवर जी। और भाभी ने मुझे डाँटा और फिर प्यार से समझाया भी.
उस दिन भाभी ने पहली बार मेरा लिंग देखा था। भाभी ने कहा- देवर जी आपने जितना वीर्य बर्बाद कर दिया, इतने वीर्य से कितनी महिलायें गर्भवती हो जाती, कितनी मेहनत से और बहुत दिनों में बनता है इतना वीर्य।
मैंने भाभी से कहा- भाभी, मैंने बहुत दिनों से सेक्स नहीं किया है. मेरा बहुत मन कर रहा है सेक्स करने के लिए! तो भाभी बोली- देवर जी, ठीक है आपके भैया से बात करके आपकी शादी करवा देती हूँ।
भाभी की बात सही थी दोस्तो … 10-15 ग्राम वीर्य को बनने में लगभग 40-45 दिन लगते हैं इसलिए हमारे वीर्य की एक-एक बूँद बहुत कीमती होती है. और हम लोग हस्तमैथुन में बर्बाद कर देते हैं.
अगर हमारे शरीर में खून की कमी हो जाये तो डाक्टर खून चढ़ा सकता है. अगर ग्लूकोज़ की कमी हो जाये तो आप ग्लूकोज़ की बोतल ले सकते हो. लेकिन अगर हमारे शरीर में वीर्य की कमी हो गयी तो डाक्टर भी कुछ नहीं कर सकता है क्योंकि ये बाहर से नहीं दिया जा सकता. इसलिए वीर्य बचाओ!
हाँ अगर ये ज्यादा बन गया तो आपका लंड रात को सोते समय वीर्य को खुद ही बाहर निकाल देगा।
उस दिन जब भाभी ने मेरा लिंग देखा तो भाभी का मुँह खुला का खुला रह गया. और मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए भाभी बोली- अरे देवर जी, आपका तो ये बहुत बड़ा है बिल्कुल आपके भैया के जितना बड़ा है. भाभी हंसने लगीं और बोली- आप दोनों भाई एक जैसे हो. दोनों में कोई अंतर नहीं है. दोनों का घोड़े की तरह लम्बा और मोटा है. इतना कहते हुए भाभी कमरे से बाहर चलीं गयी।
दोस्तो, एक बार मुझे ट्रेन से आना था तो शाम को भाभी ने फोन किया और बोली- देवर जी, कहाँ हो और कितने बजे तक घर आ जाओगे? तो मैंने कहा- भाभी, मैं दस बजे तक घर पहुँच जाऊँगा. भाभी ने कहा- ठीक है।
लेकिन रास्ते में ट्रेन दो घंटे लेट हो गयी तो मैंने सोचा कि चलो फोन करके भाभी को बता देता हूँ कि ट्रेन दो घंटे लेट हो गयी है. मैंने भाभी के नम्बर पर फोन किया तो भैया ने फोन उठाया और बोले- हैलो कौन? मैंने कहा- भैया, मेरी ट्रेन दो घंटे लेट हो गयी है तो मैं क़रीब बारह बजे तक आ पाऊँगा. भैया ने हाँफते हुए कहा- ठीक है, कोई बात नहीं. और भैया ने इतना कह कर फोन तो रख दिया.
लेकिन कालॅ नहीं कटी थी. मैंने देखा कि कॉल अभी भी चल रही थी. तो मैंने भी कॉल नहीं काटी. मेरी कॉलिंग तो वैसे भी फ्री रहती है.
मैं ध्यान से सुनने लगा तो उधर से ‘आह … ऊह … ऊई …’ सिसकारियों की आवाज़ आ रही थी. मतलब भैया घर पर भाभी की चुदाई कर रहे थे. दस पन्द्रह मिनट तक सुनने के बाद मैंने फोन काट दिया.
मैं रात को एक बजे घर पहुँचा था.
फिर सुबह को मैंने भाभी से पूछा- कल आपका मोबाइल भैया के पास था? तो भाभी ने बताया- मोबाइल पास में ही रखा था तो इन्होंने उठा लिया था।
मैं बोला- भाभी जी, पता है रात भैया कॉल काटना ही भूल गये थे. अब भाभी शरमाती हुई बोली- धत्त … तो आपने क्या-क्या सुन लिया देवर जी? मैंने कहा- ज्यादा कुछ नहीं भाभी … लेकिन सिसकारियों की आवाज़ बहुत आ रही थी. तो भाभी बोली- देवर जी, आप बहुत शरारती हो।
एक बार की बात है, हमारी रिशतेदारी में एक शादी थी, उसमें घर के सभी लोग गये थे. दूसरे शहर में बरात गयी थी और विदा होकर अगले दिन वापस आनी थी. सब लोग बस में बैठ गये और एक सीट पर मैं, भैया और भाभी बैठ गये.
खूब हँसी मजाक करते हुए हम लोग शादी में पहुँच गए. शादी एक पाँच मंजिला होटल में थी. होटल भी बहुत आलीशान था. रात को शादी थी, सब बाराती कमरों में ठहरे हुए थे.
जब रात हुई तो सब लोग तैयार होने लगे. भैया कपड़े बदल कर नीचे चले गए क्योंकि उनके दोस्त उन्हें बुला कर ले गये थे.
मैंने कहा- भाभी जी, आप कब तैयार होंगी? तो भाभी ने कहा- मुझे नहाना है. मैं नहा कर ही कपड़े बदलूंगी, पहले देवर जी आप तैयार हो जाइये।
मैं तैयार हुआ और नीचे आ गया जहाँ शादी का कार्यक्रम होना था।
सारे मेहमान तैयार होकर नीचे आ गए लेकिन भाभी जी कहीं दिखाई नहीं दे रही थी. मैंने सोचा कि एक सेल्फ़ी ली जाये. तभी मुझे याद आया कि मेरा मोबाइल तो चार्जिंग पर लगा रह गया है. मेरे मोबाइल की बैटरी बिल्कुल समाप्त हो गयी थी जिस कारण मैंने अपना मोबाइल कमरे में ही चार्जिंग पर लगा दिया था। मैं तुरन्त मोबाइल लेने ऊपर गया और कमरे का दरवाजा खटखटाया. मैंने कहा- भाभी जी, दरवाजा खोलिये. मुझे मोबाइल लेना है. भाभी ने कहा- अच्छा! और दरवाजा खोल दिया.
मैंने कहा- भाभी, आप तैयार होकर नीचे नहीं आयी? सब लोग पहुँच गए हैं और जयमाला होने वाली है. तो भाभी बोली- देवर जी, प्लीज आप मेरा एक काम कर दीजिये. मैंने कहा- क्या काम करना है, बताइये? मुझे लगा कि शायद कोई सामान लाने का काम होगा.
“आप अन्दर तो आईये देवर जी!” “अच्छा भाभी … लो आ गया अन्दर … अब बताइये?”
भाभी ने मुझे कमरे के अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया. फिर भाभी बोली- देवर जी, प्लीज मेरी ये ब्लाउज का हुक्क लगा दीजिये. मेरा हाथ नहीं पहुँच रहा था. इतना कहते ही भाभी घूम गयी और अपनी पीठ मेरी तरफ कर दी।
“भाभी मैं कैसे लगा सकता हूँ? मुझे शर्म आती है. आप भैया से लगवा लेना।” भाभी बोली- अच्छा देवर जी, बहुत नक्शेबाज़ी दिखा रहे हो? हुक नहीं लगा सकते हो? आपके भैया पता नहीं कहां हैं. नहीं तो वही लगाते हैं।
मेरी भाभी ने साड़ी पहनी थी जिसका ब्लाउज पीछे से काफी खुला हुआ और हुक वाला था. ब्लाउज का हुक खुद नहीं लगाया जा सकता है। फिर मैं क्या करता … मैंने ही भाभी के ब्लाउज का हुक लगाया और ब्लाउज की डोरी को भी बाँधा।
भाभी ने कहा- इसीलिए मुझे नीचे आने में देर हो गयी.
जब ब्लाउज का हुक्क लग गया तो भाभी हँसते हुए मजाक में बोली- जिसने हुक लगाया है, वही खोलेगा भी! तो मैं भी हँस दिया।
फिर मैं और भाभी नीचे आ गये. तब तक भैया मिल गये थे, वे डीजे पर डांस कर रहे थे. तो भाभी ने उनको बुलाया. भैया के मुँह से शराब की बदबू आ रही थी.
उन्हें उनके दोस्त बुला कर ले गये थे और जबरदस्ती पिला दी थी. हालांकि भैया कभी पीते नहीं हैं. लेकिन शादी में कोई ना कोई पिला ही देता है, इस बात पर भाभी उनसे बहुत लड़ी थी।
जब जयमाला का कार्यक्रम और खाना पीना हो गया तो मैंने कहा- भाभी, मैं सोने जा रहा हूँ. और ऊपर कमरे में आकर लेट गया.
थोड़ी देर बाद ही भाभी जी आ गयी. तो मैंने कहा- भाभी आपको सोना है क्या! भाभी बोली- मुझे फेरे देखने हैं और ये साड़ी भी बदलनी है. फेरों के लिए भाभी सूट लायी थी।
मैंने पूछा- भैया कहां हैं? तो भाभी बोली- आपके भैया को उनके हरामी दोस्तों ने इतनी पिला दी है कि वे चल भी नहीं पा रहे हैं और नीचे वाले कमरे में ही सो गये हैं।
फिर भाभी बोली- देवर जी, प्लीज ये हुक खोल दीजिये. मैंने भाभी के ब्लाउज के हुक खोल दिये तो भाभी जल्दी से बाथरूम में घुस गयी.
अब भाभी ने आवाज़ लगायी- देवर जी, मेरी ब्रा दे दीजिये … बैग में रखी है. मैंने ब्रा दी. और भाभी सूट पहन कर आ गयीं.
अब फिर वही समस्या थी. भाभी बोली- देवर जी, मेरे सूट की चैन (ज़िप) लगा दीजिये.
जब मैं सूट की चैन लगाने के लिए उठा तो ब्रा का हुक भी खुला हुआ था. मतलब भाभी ने ब्रा का हुक भी नहीं लगाया था. मैंने भाभी की ब्रा का हुक लगाया और फिर सूट की चैन बन्द की.
उसके बाद भाभी फेरे देखने के लिए नीचे चली गयीं।
सुबह जब फेरे हो गये तो भाभी कमरे में आयी. साथ में भैया भी थे. भैया का नशा उतर चुका था। भैया बोले- नहाना है तो नहा लो, दो घंटे में विदाई हो जायेगी.
फिर भैया बोले- विपुल पहले तुम नहा लो. और नीचे नाश्ता चल रहा है, जाकर नाश्ता कर लो. मैं नहाने चला गया।
जब मैं नहा रहा था तो मैंने सुना कि भैया भाभी से बोल रहे थे- जान आज साथ नहायेंगे. भाभी बोली- आपने रात का सारा मजा खराब कर दिया. तो भैया बोले- जान, दोस्तों ने जबरदस्ती पिला दी थी।
फिर विदाई हो गई और सारे बाराती बस में बैठ गये. बस चल दी.
बस में भाभी मुझसे बहुत मजाक कर रहीं थीं. भाभी ने कहा- देवर जी, शादी में कोई लड़की पसंद आयी या नहीं, कोई पटायी या नहीं?
दोस्तो, वहां मुझे एक लड़की बहुत अच्छी लगी थी. अगर सैट हो जाती तो कसम से पूरी रात चोदता।
भाभी को बस में उल्टियाँ होने लगती हैं. जब भाभी को उल्टी हुई तो मैं उनकी पीठ थपथपाने सहलाने लगा. जब मैंने जोर से हाथ फिराया तो भाभी की ब्रा का हुक खुल गया. भाभी बोली- क्या देवर जी … आपने तो ब्रा का हुक ही खोल दिया?
भैया पीछे की सीट पर सो रहे थे। बस में भाभी ने बताया- आपके भैया वहां कमरे में पूरी रात सेक्स करने के लिए बोल रहे थे लेकिन उनके दोस्तों ने बहुत ज्यादा पिला दी थी. और ये भी बताया कि जब मैं नहा कर नीचे आ गया था तो भैया भाभी बाथरूम में नंगे नहाये थे और भैया ने बाथरूम में भाभी की चुदाई भी की थी।
इस तरह से बातें करते हुए हम लोग कब घर पहुँच गये, पता भी नहीं चला।
दोस्तो, भाभी ने मम्मी से यहाँ तक कह दिया है कि विपुल की शादी मेरी एक सहेली से करवा दीजिये. भाभी मेरी शादी करवाने के लिए पीछे पड़ी हैं.
एक बार भाभी कह रही थी- देवर जी, मैं आपकी शादी अपनी एक सहेली से करवा देती हूँ. आपको उसकी चूत लेने में मज़ा आ जायेगा. भाभी कहतीं हैं- देवर जी, आपकी शादी के लिए बिल्कुल कुँवारी लड़की देखूँगी.
मेरी प्यारी भाभी मुझसे बहुत मजाक करती हैं.
वैसे दोस्तो, ये कुछ किस्से थे मेरे और भाभी के बीच! आपको इनमें से कौन सी घटना सबसे अच्छी लगी? मुझे ईमेल करके जरूर बताएं. और लड़कियाँ, प्यारी भाभियाँ मुझे बेहिचक मेल कर सकतीं हैं. मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा।
मैं आगे और भी कहानी लिखने वाला हूँ अगर आप लोग कहेंगे तो!
मेरी भाभी जी बहुत प्यारी हैं और मैं भी बहुत प्रेम करता हूँ। आई लव यू दीपा भाभी जी, ऐसी भाभी सबको मिलें। [email protected]
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