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प्रेषक : राजवीर
मेरी पूर्व प्रकाशित कहानियों पर काफी मेल आये, उसके लिए आपका शुक्रिया ! आपके मेल से ही तो हमें नई कहानियाँ लिखने की प्रेरणा मिलती है।
आपने मेरी कहानी दो बूँद आँसू तो पढ़ी ही होगी। उसमें मैंने अपनी फ्रेंड की सहेली की बहन की मदद की थी। रूपा अब अपने बेटे के साथ खुश है। उसको बता कर ही मैंने अपनी कहानी लिखी थी उसके बाद उसको पढ़वाई, फिर आपके सामने पेश की थी।
तो रूपा ने वो बात आयशा तो बता दी। जिससे पता नहीं वो उसके बाद मुझ से कुछ ज्यादा ही बात करने लगी थी, मेरा बहुत ख्याल भी रखने लगी थी और सारे काम करने से पहले मुझे बताती थी, नहाने से पहले, सोने से पहले जागने के बाद, सब कुछ।
मैंने कुछ दिन बाद उससे पूछ ही लिया- क्या बात है, तुम में इतना परिवर्तन कैसे हो गया?
तो उसने कुछ नहीं कहा, बस कहाँ कि मिलोगे तो बता दूँगी।
तो मिलने के लिए उसने मुझे अपनी सहेली के घर बुलाया। मैं सही समय पर पहुँच गया। उसकी सहेली से बातचीत हुई, फिर उसकी सहेली यह बोल कर चली गई- मुझे कुछ काम है, मैं अपना काम करती हूँ, तुम बातें करो।
मैंने आयशा से पूछा- बोलो, क्या बात है?
उसने कहा- मैंने तुम्हारी कहानी पढ़ी दीदी वाली, मस्त थी, दीदी ने ही मुझे बताया कि तुमने कहानी लिखी है। और बाकी काफ़ी सारी अन्तर्वासना की कहानियाँ भी पढ़ी। मजा आ गया था सच्ची में !
एक बात बताऊँ मेरा पहली बार…
वो कैसे कहूँ !?!
तुम्हारी कहानी पढ़ कर पहली बार मेरे जिस्म में गर्मी आई और उस हर कहानी में मैं खुद को उस कहानी की नायिक महसूस कर रही थी। वैसे तो मैंने पहले कई बार वैसी मूवी देखी है पर अन्तर्वासना कहानी पढ़ कर पहली बार मेरा हाथ खुद ही वहाँ पहुँच गया और खूब सारा पानी निकल गया।
पता नहीं इन सब बातों से तुम मेरे बारे में क्या सोच रहे होंगे पर अपनी दिल की बात कह रही हूँ।
मैंने सब सुन कर कहा- हाँ, वो तो ठीक है पर ये सब बातें मुझे क्यों बता रही हो? कहना क्या चाहती हो?
उसने कहा- बस मैं यह चाहती हूँ कि तुम्हारी एक और कहानी में मैं रहूँ तुम्हारे साथ।
पहले मुझे थोड़ा अजीब लगा कि यह कैसी लड़की है, फिर भी मैंने उसे समझया- सोच लो एक बार और? कहीं जवानी के जोश में भूल कर रही हो?
फिर भी उसने कहा- मैंने पूरा सोच लिया है, बस दीदी को मत बताना, भले बाद में मैं ही बता दूंगी।
फिर उसने पूछा- बोलो, करोगे न?
मैंने थोड़ा सोच कर हाँ कर दी। आखिर हाथ आ रही लक्ष्मी और चूत दोनों का अपमान नहीं करना चाहिए। फिर थोड़ी देर बातें होती रही। उसने कहा- पता है, आज भी नहीं रहाँ गया तो आज सुबह ही मैंने अपने बाल साफ़ किये और तुम्हारे बारे में सोच कर खूब सारा पानी निकाल दिया और आज पहली बार खुद को शीशे में बिना कपड़ों के देखा और खुद ही शरमा गई।
फिर उसने कहा- मैंने सच में, सच में कभी पास से नहीं देखा ! क्या मैं तुम्हारा अभी देख सकती हूँ?
मैंने कहा- क्या?
उसने कहा- वो !
मैंने फिर पूछा- क्या वो? नाम क्या है उस चीज का?
उसने कहा- लुल्ली !
मुझे हंसी आ गई और कहा- नहीं दिखाऊँगा। उसी दिन दिखाऊँगा जिस दिन तुम्हारी सील तोडूँगा। हाँ हाथ लगा कर देख सकती हो।
अब इतनी देर से उसकी सेक्सी जिस्म को देख कर और उसकी बातों से लण्ड तो खड़ा हो ही गया था।
वो अपने होंठ मेरे होंठों के पास ले आई तो मैंने भी आगे बढ़ कर उसके गुलाबी होंठों को अपने होंठों में कैद कर लिया और फ्रेंच किस शुरू हो गई।
उसका हाथ मेरी छाती से होते हुए मेरी पैंट पर आ गया और मेरे लण्ड को पकड़ लिया। मेरा भी हाथ उसकी चूचियों पर आ गया और उनको मसलने लगा। वो मेरे लंड का नाप ले रही थी।
फिर उसने अलग होकर कहा- दिखा दो ना !
मैंने कहा- नहीं, उसी दिन जिस दिन तुम्हारी चूत खोलूँगा।
फिर वो गई और एक किस देकर चली गई और कहा कि दो दिन बाद फ्री रहना।
उसने मुझे दो दिन बाद अपनी उसी सहेली के घर पर बुलाया जहाँ पर पहले बुलाया था। यह पहली बार था मेरे साथ कि सोच समझ कर बस मजे के लिए मैं किसी के साथ सेक्स कर रहा था।
जैसे ही मैं गया उसने ही दरवाजा खोल कर मुझे अन्दर बुलाया। उसने मेरे कहे अनुसार काले रंग का सूट पहना हुआ था।
पहले अच्छे से देखा उसे.. होंठों पर हल्की लिपस्टिक, मस्त सी खुशबू आ रही थी।
आयशा ने जैसे मुझे सपने से जगाया- देखते रहोगे या कुछ और भी करोगे।
तभी उसकी सहेली बाहर आई और बोली- मुझे मार्किट जाना है, कुछ काम है, तुम बैठ कर बातें करो, मैं बाहर से दरवाजा लगा देती हूँ।
और वो बाहर से ताला लगा कर चली गई। अब हम दोनों घर में अकेले थे। वो मुझे अपनी सहेली के कमरे में ही ले गई। बिस्तर सजा कर रखा हुआ था फूलों से, सामने मेज पर दो गिलास और कुछ खाने का भी रखा था।
जाते ही उसने मुझे सोफे पर बिठाया और कहा- पता है कि तुम पीते हो, इसलिए मैंने पहले ही मंगा रखी है।
वो फ्रिज में से रॉयल बैरल का हाफ और पानी-सोडा ले आई और पेग बने लगी मेरा।
मैंने कहा- तुम भी अपना बनाओ तो पीऊँगा नहीं तो ऐसे ही ठीक है।
फिर उसने भी अपने गिलास में डाला और पी गई। मैं भी अपना पेग पी गया। फिर वो मेरे गोद में बैठ गई और होंठों पर होंठ रख कर किस करने लगी। मैं भी पूरा साथ देने लगा। किस करते करते मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था।
फिर मैंने उसका कमीज़ उतार दिया और सलवार का भी नाड़ा खोल कर आधी नंगी कर दिया। अब उसके ऊपर सिर्फ काली ब्रा और काली पेंटी थी।
मैंने उसे सोफे पर लिटाया और जांघो को चूमते हुए पेट पर आ गया और नाभि में जीभ डाल कर चाटने लगा और हाथों से उसकी चूचिया दबा रहा था।
कुछ देर बाद उसमे मेरे कपड़े उतार दिए बदन को चूमते-चूमते ! अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था और लण्ड पूरे जोश में खड़ा था जिसको वो ऊपर से ही सहला रही थी।
मैंने कहा- आयशा, आज इसे देख लो और जी भर के प्यार करो।
फिर उसने कहा- नहीं, अभी नहीं ! अभी कुछ और दिखाऊँगी।
उसने एक पेग बना कर मुझे दिया और म्यूजिक सिस्टम चालू कर दिया और इंग्लिश गाने पर सेक्सी डांस करने लगी।
ऐसा मेरे साथ पहली बार था, ऐसा मजा किसी ने नहीं दिया था। फिर उसने डांस करते करते ब्रा उतार कर मेरी तरफ़ फेंक दी और फिर पेंटी भी उतार के मेरे होठों को छुआ दी। फिर मेरे लंड को अण्डरवीयर से निकाल कर अच्छे से देखा और मेरा अंडरवियर उतार दिया।
और फिर लंड को अच्छे से चूमा और मुँह में लेकर चूसने लगी। वो इतनी जोर से चूस रही थी कि दस मिनट में ही उसके मुँह में पानी निकल गया, वो लंड को बाहर नहीं निकाल पाई क्योंकि मैंने उसका सर पकड़ रखा था।
फिर मैंने उसे सोफे पर खड़ा किया और मैंने उसकी चूत को चूमा और चूसने लगा, पीछे हाथ ले जाकर उसकी गांड पकड़ कर मसल रहा था और आगे से चूत चाट रहा था।
वो मेरे मुँह के ऊपर बैठ सी गई और 10 मिनट में वो भी झड़ गई।
फिर वो मेरे बगल में ही बैठ गई। फिर कुछ देर बाद मैंने कई मूवी में देखा था वैसे किया, मैंने सोफे पर बैठ कर उसको उल्टा किया और अपने मुँह के पास उसकी चूत ले आया और उसके मुँह के पास मेरा लंड आ गया। मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लण्ड चूस रही थी।
फिर मैंने उसे सीधा किया, दो पेग और बनाये, एक मैंने, एक उसने पिया और उसे गोदी में उठा के बेड पर लिटा दिया।
उसने अपने बैग से एक तेल की शीशी निकाली और छुट पर लगाने को बोला। मैं शीशी में से तेल लेकर उसकी चूत के अंदर और बाहर लगाने लगा।
उसने भी तेल लेकर मेरे लंड पर लगाना शुरू किया, कहने लगी- एक तो काला लंड, ऊपर से तेल लगा कर कितना चमक रहा है !फिर मैंने उसे लेटा कर उसके चूत में छेद पर लंड रखा और धक्का दिया, पहले फिसल गया, फिर दुबारा सेट करके धक्का दिया तो टोपे से थोड़ा आगे तक उसकी चूत में चला गया।
वो थोड़ी कसमसा सी गई तो मैंने पूछा- ठीक हो न?
उसने हाँ में सर हिलाया।
फिर मैंने एक और धक्का दिया इस बार वो थोड़ी चीखी और उसकी सील भी टूट गई। मैं उसको चूमने लगा उसकी चूची चूसने लगा, सहलाने लगा, होंठों को चूमा।
जब मुझे लगा कि उसे आराम है तो मैंने एक और धक्का दिया पर पूरा नहीं गया, थोड़ा बाहर रह गया। मैंने दुबारा एक आखिरी धक्का दिया और उसकी चूत में मेरा पूरा लंड घुस गया।
उसका नशा पूरी तरह उतर गया था पर उस पर चुदाई का नशा छाने लगा, उसे मजा लगा तो मैंने भी अंदर बाहर करना शुरू किया, वो जोर जोर से चिल्लाने लगी- और तेज और तेज !
मैं भी तेज तेज धक्के लगाने लगा और 15 मिनट में उसकी चूत में ही माल गिरा दिया और साथ में उसने भी अपना पानी निकाल दिया।
मैं उसके ऊपर ही लेट गया, कुछ देर बाद टाइम देखा तो हमें ये सब करते करते डेढ़ घण्टा हो गया था।
हमने जल्दी जल्दी कपड़े पहने और ठीकठाक बैठ गए।
थोड़ी ही देर में आयशा की सहेली आ गई और हम चल दिए।
तो यह थी आयशा की दिल की तमन्ना, जो पूरी हो गई।
बताना यह कहानी आपको कैसी लगी?
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