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जैसे ही राशि के पेपर हो गए और राशि फिर से अपने शहर आ गई। अपने शहर में आते ही राशि को बेहद खालीपन महसूस होने लगा। उसको रेखा के साथ का मज़ा सताने लगा। चूत का कीड़ा उसको अब बेहद बेचैन रखता था। उसकी निगाहें अब सिर्फ लण्ड देखने को बेचैन रहती थी। वो उस आग में जल रही थी जिसे सिर्फ और सिर्फ एक मस्त लण्ड ही ठंडी कर सकता था। वो हर रात अपनी पैंटी उतार कर अपनी चूत रगड़ती और अपना पानी निकालती।
ऐसा करते हुए एक दिन राशि की माँ ने देख लिया और अपने पति को बता दिया। फिर तो राशि के बाप ने दिन रात एक करके एक अच्छे परिवार में राशि की शादी कर दी। शादी की बात आते ही राशि खिल उठी थी। लण्ड की प्यास अब जल्दी ही बुझने वाली थी। फिर शादी भी हो गई और राशि अपने ससुराल में आ गई। राशि ने जब अपने पति को देखा तो देखती ही रह गई। बहुत सुंदर था राशि का पति राकेश। अच्छी नौकरी पर था। हट्टा-कट्टा नौजवान था राकेश।
ससुराल में पति के अलावा ससुर एवं जेठ-जेठानी ही थे। सास की बहुत पहले मृत्यु हो चुकी थी। बहुत बड़ा मकान था एक बड़े से शहर में।
ससुराल आई तो सुहागरात भी आई। रात को करीब नौ बजे राशि की जेठानी सोनिया राशि को कमरे में छोड़ कर गई। दूध का गिलास लिए जब राशि कमरे के अंदर गई तो राकेश बेड पर ही बैठा हुआ था और राशि का इंतज़ार कर रहा था।
राशि ने घूँघट निकाल रखा था, पास जाकर उसने राकेश को दूध का गिलास दिया और फिर बेड पर राकेश के पास बैठ गई। राकेश ने दूध का गिलास एक तरफ रखा और राशि को अपनी बाहों में खींच लिया। राशि तो खुद इस सब के लिए पता नहीं कब से तरस रही थी। राकेश राशि को प्यार करने लगा।
राकेश ने राशि के होंठों पर अपने होंठ रख दिए। पहली बार किसी मर्द के होंठो का एहसास मिलते ही राशि सिहर गई और उसके मुँह से एक आह सी निकल गई। राकेश ने राशि के कपड़े और गहने उतार कर एक तरफ रख दिए। राशि का नंगा बदन देख कर राकेश पागल सा हो गया। संगमरमर सा बदन कमरे की दूधिया रोशनी में कोहेनूर की तरह चमक रहा था।
राकेश राशि को बेहताशा चूमने-चाटने लगा। पहली बार किसी मर्द के सामने नंगी लेटी हुई राशि को अपने बदन पर पहली बार किसी मर्द के हाथो का एहसास पागल कर रहा था। चूत में आग भर चुकी थी। राशि पागल होकर राकेश के बदन के कपड़े नोचने लगी थी। राकेश ने राशि के दिल को समझा और फिर अपने कपड़े भी एक एक करके उतार दिए।
राकेश के कपड़े उतारते ही राशि के अरमान चूर चूर हो गए। राशि ब्लू-फिल्म में देखे हुए मोटे लण्ड की उम्मीद लगाए बैठी थी पर राकेश का तो सिर्फ चार इंच का पतला सा लण्ड था। वो लण्ड कम किसी बच्चे की नुन्नी ज्यादा लग रही थी। राशि का तो अरमान था कि वो अपनी चूत का उद्घाटन किसी मोटे से लण्ड से करवाएगी। राशि अब अपने बाप को कोसने लगी थी कि उसने शादी करने से पहले राकेश का लण्ड क्यों नहीं देखा। खैर अब हो भी क्या सकता था।
राशि सोच में डूबी थी पर राकेश तो पूरे जोश में अपनी खूबसूरत बीवी के खूबसूरत बदन को भोगने के कोशिश में लगा था। राशि का जोश कम हो गया था पर राकेश का नहीं। वो कभी राशि के होंठों को चूमता और कभी राशि की चूचियों को अपने दांतों से काटता। राकेश ने राशि का हाथ अपने नुन्नी नुमा लण्ड पर रखा। राशि मरे मन से उसको सहलाने लगी।
राकेश ने कुछ देर बाद राशि को बेड पर लेटाया और फिर वो राशि की चूत चाटने लगा। जैसे ही राकेश की जीभ राशि की चूत पर लगी तो राशि फिर से जन्नत में पहुँच गई। उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगी।
तभी राशि ने अपनी चूत पर राकेश की नुन्नी महसूस हुई। अब वो भी चाहती थी कि कुछ न कुछ घुस जाए चूत में।
राकेश ने थोड़ा सा तेल राशि की चूत पर लगाया और अपना छोटा सा लण्ड राशि की चूत पर दबा दिया। राकेश का लण्ड राशि की उंगली से थोड़ा मोटा था। राशि को हल्का सा दर्द महसूस हुआ और फिर राकेश ने जब एक जोरदार धक्का लगाया तो आधा लण्ड अंदर चला गया और फिर दूसरे ही धक्के में पूरा लण्ड चूत में था।
झिल्ली फट गई थी और खून भी निकल आया था। राकेश अपने छोटे से लण्ड को अंदर-बाहर करने लगा। लण्ड छोटा था पर कुँवारी चूत को तो इसमें भी मज़ा आ सकता था। खैर राकेश धक्के मारता रहा और राशि भी जितना मिल रहा था उसको पूरा अपने अंदर समाने की कोशिश कर रही थी।
राकेश ने दस-बारह मिनट तक राशि की चूत की चुदाई की। राशि की चूत झड़ गई थी। पानी निकलने से राशि अब खुश थी। राशि का बदन भी अब हल्का हो गया था। बस अफ़सोस था तो सिर्फ ये कि मोटा लण्ड नहीं मिला था। राकेश ने उस रात एक बार और राशि को चोदा और फिर वो सो गए।
अगले कुछ दिन और ऐसे ही बीते पर एक दिन…
राशि रात को पेशाब करने के लिए उठी थी। मैं आपको बताना भूल गया की राशि के जेठ-जेठानी का कमरा भी उनके कमरे के बराबर में ही था और दोनों का बाथरूम भी एक ही था जो दोनों कमरों में खुलता था। राशि जब पेशाब करने के लिए बाथरूम में गई तो जेठ के कमरे की लाईट जग रही थी। जेठ के कमरे के तरफ का दरवाजा भी खुला था। राशि ने ध्यान दिया तो जेठ के कमरे में से कुछ मादक आवाजें आती सुनाई दी।
राशि ने थोड़ा सा दरवाजे में से झाँक कर देखा तो सन्न रह गई कमरे का दृश्य देख कर। जेठ-जेठानी बिल्कुल नंगे बेड पर बैठे थे। जेठ सुरेश अपनी बीवी सोनिया को अपनी बाहों में भर कर चूम रहा था। दूसरे हाथ से वो सोनिया की चूचियाँ मसल रहा था। उसने कुछ देर यह दृश्य देखा और फिर पेशाब का जोर हुआ तो बैठ कर मूतने लगी। मूतते हुए अचानक राशि के दिल में अपनी जेठ जी के लण्ड महाराज के दर्शन करने की लालसा जागृत हुई। राशि के दिल की धड़कन अपने आप ही बढ़ गई। फिर वो मूतने के बाद फिर से दरवाजे के सामने आकर खड़ी हो गई।
कमरे के अंदर का दृश्य बदल चुका था। अब जेठ जी खड़े थे और जेठानी जी नीचे बैठ कर जेठ जी का लण्ड हिला रही थी। जेठ का मुँह दूसरी तरफ था तो लण्ड दिख नहीं रहा था। लण्ड ना दिखने से राशि परेशान सी हो गई। अपनी जेठानी सोनिया के चेहरे की खुशी को देखते हुए राशि समझ रही थी कि सुरेश का लण्ड कुछ तो गजब होगा। उसकी लण्ड देखने की लालसा बढ़ती जा रही थी। तभी जेठ जी घूमे और तभी राशि का दिमाग भी घूम गया।
सुरेश जब घूमा तो उसका आठ इंच लंबा और लगभग तीन-चार इंच मोटा लण्ड राशि की आँखों के सामने था। राशि की आँखें फटी की फटी रह गई सुरेश का लण्ड देख कर। वो हैरान हो गई कि क्या सच में ही सुरेश और राकेश दोनों सगे भाई हैं। लण्ड देखते ही राशि की चूत ने पानी छोड़ दिया था। उसे अब अपनी जेठानी सोनिया से जलन सी हो रही थी। बार बार मन में यही आ रहा था कि सोनिया की जगह वो क्यों नहीं है सुरेश के लण्ड के सामने।
राशि के बदन में आग भर चुकी थी पर वो क्या कर सकती थी। बस वही खड़ी अपने चूचे मसलती रही और अपने जेठ-जेठानी की चुदाई देखती रही। सुरेश का लण्ड लेकर सोनिया बहुत खुश नजर आ रही थी। और होती भी क्यूँ ना… आखिर यह तो हर औरत के मन की चाहत होती है। सुरेश ने सोनिया को बिस्तर पर लेटाया और अपना मोटा मूसल उसकी चूत में घुसा कर चुदाई शुरू कर दी। चुदाई तो सोनिया की हो रही थी पर गंगा-जमुना राशि की चूत से बह रही थी।
अब तो राशि का यह रोज का काम हो गया। वो राकेश का पतले से लण्ड से चुदती और फिर बाथरूम में जाकर सुरेश सोनिया की चुदाई देखती। अब वो सुरेश से चुदवाने के लिए बेचैन रहने लगी थी पर सुरेश तो हर समय सिर्फ अपनी पत्नी सोनिया में खोया रहता था।
ऐसे ही दस-पन्द्रह दिन निकल गए और फिर एक दिन दोपहर में राशि और सोनिया घर पर अकेली बैठी बातें कर रही थी। इधर-उधर की बातें करते करते बातें रात को सम्भोग की बातों में बदल गई और फिर राशि के दिल का दर्द उसकी आँखों में से बह निकला।
राशि को रोता देख कर सोनिया राशि को कुरेद कुरेद कर पूछने लगी तो राशि ने सब कुछ बता दिया। और फिर जब बात चल ही निकली तो राशि ने यह भी बता दिया कि उसने सोनिया को अपने पति सुरेश से चुदवाते हुए देखा है और जब से उसने सुरेश का लण्ड देखा है उसकी चूत में खुजली शांत ही नहीं होती।
सोनिया राशि की बात सुन कर सन्न रह गई। एक औरत के सामने दूसरी औरत उसके पति के बारे में ऐसी बातें कर रही थी। कुछ देर के लिए कमरे का माहौल थोड़ा शान्त सा हो गया। दोनों में से कोई भी कुछ भी नहीं बोल पा रही थी। और फिर कुछ देर के बाद सोनिया ने जो पूछा, उसको सुन कर राशि के दिल की धड़कन बढ़ गई और उससे कुछ कहते नहीं बन रहा था।
सोनिया ने राशि से सीधे ही पूछ लिया- राशि क्या तुम सुरेश से चुदना चाहती हो…? राशि का मुँह यह सुन कर खुला का खुला रह गया।
राशि- कोई भी पत्नी अपने पति का प्यार किसी दूसरे से नहीं बाँट सकती पर देवरानी छोटी बहन जैसी होती है और मैं यह भी जानती हूँ कि सेक्स एक ऐसा मज़ा है जिसके लिए कोई भी अपने परिवार की इज्जत को गली में ले जाने में भी नहीं घबराती। और मेरे परिवार की इज्जत घर से बाहर जाए यह मैं होते नहीं देख सकती पर अपने पति को भी तुम संग नहीं बाँट सकती…
सोनिया बोल रही थी पर राशि चुपचाप सर झुकाए बैठी थी।
राशि- तुमने आज मुझे धर्मसंकट में डाल दिया है… अगर तुम्हारे दिल की बात सुनती हूँ तो पति तुम संग बांटना पड़ता है और अगर नहीं सुनती हूँ तो अपने देवरानी को तड़पते हुए नहीं देख सकती और फिर डर भी है कि कहीं तुम घर से बाहर चली गई तो घर की इज्जत का क्या होगा।
राशि की ये बातें सुन कर रोना निकल रहा था। सोनिया ने उसको चुप करवाया और फिर उठ कर अपने कमरे में चली गई।
ऐसे ही दो दिन निकल गए। ना तो राशि ने और ना ही सोनिया ने इस बारे में एक दूसरे से कोई बात की। धीरे धीरे सब कुछ सामान्य हो गया था पर राशि का दिल अब भी सुरेश और सोनिया की चुदाई देखने को करने लगा था। तीसरी रात राशि अपने आप को रोक नहीं पाई और अपने पति राकेश से चुदवाने के बाद बाथरूम में जाकर सोनिया सुरेश के कमरे में झाँकने की कोशिश की तो देखा की दरवाजा बंद था। बहुत कोशिश के बाद भी वो उनके कमरे में झाँक नहीं पाई पर जब उसने कमरे के दरवाजे पर कान लगा कर सुना तो अंदर से मादक सिसकारियाँ सुनकर वो समझ गई कि अंदर क्या हो रहा होगा और इतना सोचते ही राशि की चूत में दुबारा से आग भर गई।
वो रात राशि ने तड़प तड़प कर काटी क्यूंकि जब वो वापिस अपने कमरे में गई तो राकेश भी गहरी नींद सो चुका था।
अगले दिन सुरेश ने अपने भाई राकेश को किसी जरूरी काम से दूसरे शहर भेज दिया। रात को राशि कमरे में अकेली पड़ी तड़प रही थी। बाथरूम में जाकर उसने देखा तो दरवाजा भी बंद था। वो आकर फिर से अपने कमरे में लेट गई और बड़ी मुश्किल से उंगली चला चला कर अपनी चूत का पानी निकाला। पानी निकल जाने के बाद बदन कुछ हल्का हुआ और राशि की नींद आ गई।
करीब आधी रात को राशि को अपने बदन पर कुछ अजीब सा महसूस हुआ, कोई उसकी चूचियों को सहला रहा था। पहले तो राशि को लगा कि कहीं वो कोई सपना तो नहीं देख रही है पर अगले ही पल जब उस हाथ ने उसके चूचक को पकड़ कर मसला तो वो एकदम से उठ बैठी। कमरे में अँधेरे के कारण वो उसे पहचान नहीं पाई। डर के मारे उसके मुँह से आवाज भी नहीं निकल पा रही थी।
जैसे ही उसकी आँखें अँधेरे में कुछ देखने की अवस्था में आई तो उसने पहचाना…
अरे यह तो उसका जेठ सुरेश था।
उसको अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ कि सोनिया ने उसके लिए अपने पति को भेजा था।
उसने थोड़ा घबराते हुए सुरेश का हाथ को अपने बदन से दूर कर दिया पर सुरेश ने अभी उसको दुबारा से पकड़ लिया और अपने होंठ राशि के होंठों से जोड़ दिए। राशि तो पहले ही अपनी चूचियों के मसले जाने से मदहोश हो चुकी थी, बाकी रही सही कसर सुरेश ने उसके होंठ चूस कर पूरी कर दी। राशि दिखावे के लिए सुरेश का विरोध कर रही थी पर वैसे तो उसकी चूत में भट्टी जलने लगी थी जिस पर चूत से निकलने वाला पानी पेट्रोल का काम कर रहा था।
राशि की पैंटी गीली हो चुकी थी।
‘प्लीज… ना करो सुरेश भैया… प्लीज छोड़ दो… मैं बहक रही हूँ भैया ! प्लीज छोड़ दो… किसी को पता लग गया तो मैं किसी को मुँह दिखने लायक नहीं रहूँगी…’
पर सुरेश तो चुपचाप अपना काम कर रहा था। सुरेश ने राशि का टॉप उतार कर उसकी चूचियों को नंगा कर दिया। राशि की चूचियों को देख कर सुरेश भी अपने आप को रोक नहीं पाया क्यूंकि राशि की चूचियाँ सोनिया से बड़ी भी थी और तनी हुई भी थी। उसने जरा भी देर नहीं की और राशि की चूची के चूचक को अपने होंठों में दबा कर चूस लिया।
राशि मस्ती के मारे सीत्कार उठी। उसकी आहें कमरे में सुनाई देने लगी थी। वो दिखावे के लिए अभी भी थोड़ा सा विरोध कर रही थी पर वो अब बिल्कुल असमर्थ थी सुरेश को अपने से दूर करने में।
कुछ देर होंठ और जीभ का मिलन करने के बाद सुरेश ने राशि का हाथ पकड़ कर अपने मोटे और लंबे लण्ड पर रख दिया तो राशि थर्रा उठी। उसका बदन काँपने लगा था। जिस लण्ड को उसने दूर से देखा था वो लण्ड अब उसके हाथ में था और वो भी बिल्कुल नंगा।
तभी सुरेश पहली बार फुसफुसाया– मेरी जान, तुम्हारे लिए तो मैं कब से तड़प रहा था… इस रात्रि मिलन के ही तो मैंने राकेश को आज शहर से बाहर भेजा है… मुझे तुम्हारे और राकेश के बारे में सब पता है… और मैंने तुम्हें बहुत बार बाथरूम में खड़े होकर मेरी और सोनिया की चुदाई देखते हुए देखा है।
राशि शर्म के मारे सुरेश से लिपट गई और उसने अपना मुँह सुरेश की चौड़ी छाती में छुपा लिया। सुरेश ने भी उसे बाहों में भर लिया और राशि के बदन पर से सारे कपड़े उतार कर एक तरफ रख दिए। राशि का नंगा बदन अब सुरेश के नंगे बदन से लिपटा हुआ था। सुरेश के हाथ राशि के मस्त चूचों को सहला रहे थे और मसल रहे थे तो राशि के हाथ भी सुरेश के मोटे लण्ड को सहला रहे थे और मसल रहे थे।दोनों की ही सिसकारियाँ और आहें कमरे के वातावरण को मादक बना रही थी। अब दोनों के बीच का पर्दा हट चुका था।
तभी सुरेश ने राशि को बिस्तर पर लेटा दिया और उसके नाभि क्षेत्र को चूमने लगा और अपनी जीभ घुमा घुमा कर राशि की गहरी नाभि को चाटने लगा। ऐसा करने से राशि जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी। जीभ नाभि के पास घूमते घूमते नीचे राशि की चूत के क्षेत्र में दाखिल होने लगी और जब सुरेश की जीभ राशि की चूत के दाने से टकराई तो राशि की चूत ने ढेर सा पानी छोड़ दिया। सुरेश को तो जैसे अमृत मिल गया था। वो जीभ से राशि की चूत का सारा रस चाट गया और अपनी जीभ राशि की चूत में घुसा कर जीभ से चूत को चोदने लगा।
‘आह्ह… भैया ऐसा मत करो… मैं मर जाउंगी… आह्ह… ओह्ह खा जाओ मेरी चूत को भैया… आह्ह…’
तभी सुरेश ने उसको बैठाया और अपना तन कर खड़े लण्ड को राशि के मुँह के पास कर दिया। असली मोटा और लंबा लण्ड पहली बार राशि की आँखों के बिल्कुल पास था। राशि ने एक क्षण के लिए तो उसको निहारा और फिर एकदम से सुरेश के लण्ड का सुपारा अपने होंठों में दबा लिया और फिर सुपारे पर जीभ घुमा घुमा कर चाटने और चूसने लगी। अब आह निकलने की बारी सुरेश की थी।
‘क्या लण्ड चूसती हो मेरी जान… आह्ह चूसो और जोर से चूसो… पूरा लण्ड मुँह में लेकर चूसो… तुम तो अपनी जेठानी से भी अच्छा लण्ड चूसती हो मेरी जान..’
करीब दस मिनट लण्ड चूसने के बाद सुरेश का पानी निकलने को हुआ तो उसने अपना लण्ड राशि के मुँह से निकाल लिया और राशि की दोनों टाँगे ऊपर उठा कर लण्ड का सुपारा राशि की चूत के मुहाने पर टिका दिया। राशि तो खुद लण्ड अपनी चूत में लेने को बेक़रार हो रही थी सो वो अपनी गांड उछाल कर लण्ड को अंदर लेने की कोशिश करने लगी कि तभी सुरेश ने एक जोरदार धक्का लगा दिया और राशि की चीख कमरे में गूंज गई।
राशि की चूत अब तक सिर्फ या तो राशि की उंगली घुसी थी या राकेश का पतला सा लण्ड। सुरेश के मोटे लण्ड के अंदर जाते ही चूत की दीवारें खिंच गई और राशि दर्द के मारे हलकान होने लगी। राशि की चूत बहुत कसी थी। राशि को पहली बार पता लग रहा था कि चुदाई क्या होती है।
सुरेश के लण्ड का सिर्फ सुपारा ही अब तक अंदर गया था और ऐसा लग रहा था कि चूत फट गई है। अभी राशि कुछ सोच पाती की सुरेश ने एक और जोरदार धक्का लगा कर लगभग आधा लण्ड चूत में उतार दिया। राशि की आँखों से दर्द के आँसू निकल पड़े।
उसके बाद सुरेश ने राशि को सँभलने का मौका भी नहीं दिया और अगले दो तीन धक्कों में पूरा लण्ड राशि की मस्त गीली चूत की गहराई में घुसा दिया। राशि कसमसा कर रह गई।
अभी सुरेश ने आठ-दस धक्के ही लगाए थे कि राशि की चूत ने पानी छोड़ दिया। पानी के कारण चूत अब चिकनी हो गई थी तो सुरेश का लण्ड अब सटासट राशि की चूत के अंदर-बाहर होने लगा था।
अब राशि को भी मज़ा आने लगा था। इसी मज़े के लिए तो वो ना जाने कब से तड़प रही थी। उसकी गांड अब उछलने लगी थी लण्ड को अपने अंदर तक समा लेने के लिए। उसकी आहें और सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगी थी। फच्च फच्च करता हुआ लण्ड अब अपनी पूरी गति से राशि की चूत को चोद रहा था। राशि आनन्द के सागर में गोते लगा रही थी।
‘चोद दो मुझे भैया… बहुत तड़पाया है तुम्हारे लण्ड ने… आज मेरी चूत के सारे अरमान पूरे कर दो… आह्ह… इस्स…चोदो… ओह्ह… चोदो… उम्म… इस्स… आह्ह जोर से… जोर से…और जोर से…’ राशि बराबर बड़बड़ा रही थी।
सुरेश ने करीब बीस मिनट तक राशि की चूत को चोद चोद कर पानी पानी कर दिया। राशि कम से कम चार बार झड़ चुकी थी। और फिर जब सुरेश ने जोरदार ढंग से चोदते हुए अपना कामरस राशि की चूत में फव्वारे के रूप में बरसाया तो राशि उत्तेजना से भर गई और एक बार फिर से झड़ गई। गर्म गर्म वीर्य का चूत के अंदर एहसास मिलते ही राशि ने सुरेश को अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपने नाख़ून मस्ती में सुरेश की पीठ पर गड़ा दिए। अब दोनों ही एक दूसरे में समा जाने को बेताब होकर एक दूसरे को बाहों में जकड़ रहे थे।
कुछ देर बाद दोनों निढाल होकर बेड पर लेट गए। तभी किसी के खाँसने की आवाज सुनाई दी और साथ ही कमरे की लाईट जल उठी। सुरेश और राशि दोनों अवाक् से उस शख्स की तरह देखने लगे।
यह कोई और नहीं राशि की प्रिय जेठानी सोनिया थी। सोनिया को देखते ही राशि की आँखों में आँसू आ गए और वो भाग कर सोनिया से लिपट गई।
‘थैंक्स दीदी… अपने प्यार और पति को मेरे साथ बांटने के लिए मैं हमेशा आपकी दासी बन कर रहूंगी…मेरी जिंदगी में प्यार के रंग भरने के लिए धन्यवाद…’ राशि भावनाओं बह कर रोते रोते सोनिया का धन्यवाद कर रही थी और मन ही मन दुआ कर रही थी कि ऐसी जेठानी भगवान सब को दे।
कहानी कैसी लगी जरूर बताना… राशि को और मुझे आपके मेल का इंतज़ार रहेगा। मेरी आईडी तो याद है ना… [email protected] 2614
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