रीटा की तड़पती जवानी-4

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बड़ी अदा से रीटा ने बहुत लाहपरवाही से अपनी सुडौल टांग को सुकौड़ कर मासूमीयत से पैर के नाखूनों पर नेलपालिश लगाने लगी. काली स्कर्ट शीशे से गौरे चिकने पट्टों से सरकती चली गई और टयूब लाईट में रीटा की लाल पेंटी की ओट में से रीटा की बच्ची सी लरजाती चूत कच्छी के पीछे से राजू को निहारने लगी. रीटा की टाईट पेंटी चलने की वजह से और ठरक के जूस से इकट्ठी हो कर चूत और चूतड़ों में घुस कर दुबक सी गई थी. गुलाबी चूत की अकड़ी मक्खन सी उजली फांकों का हुस्न देख राजू के लन ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. राजू पास पड़ी गद्दी से लण्ड को छुपा कर हाथ से लण्ड को रगड़ कर शान्त करने लगा.

ऊपर से रीटा नेलपालिश की टचिंग करती हुई अश्लील गाना गाने लगी- हाय जागी बदन में ज्वाला, सईयाँ तूने ये क्या कर डाला!

रीटा की चूत का चीरा एकदम चकुंदर सा सुर्ख और झिलमिला रहा था. बेशर्म रीटा अपनी फुद्दी की फांकों को भींचने खोलने लगी, तो रीटा चूत के अंदर की नरम व नाजुक पत्तियाँ तितली के पंखों सी बन्द और खुलने लगी. चूत ऐसे लग रही थी जैसे नन्ही सी मछली जुगाली कर रही हो. लाल लाल चूत राजू को कच्छी के पीछे से छोटी शरारती लड़की की तरह लुका छिपी का खेल सा खेल रही थी.

‘भईया मेरी लाल लाल अच्छी लग रही है नाऽऽऽ?’ राजू की आँखों को अपने नंगे शवाब पर चिपकी देख रीटा शरारत से थोड़ा ठहर कर बोली- नेलपालिश!’ और खिलखिला कर हंस दी.

राजू ने आज पहली बार रीटा की चूत को इतने करीब से देखा तो राजू को जैसे लकवा ही मार गया. राजू हड़बड़ा कर रीटा के पैर पर नजर टिकाता थूक निगलता बोला- ओह, हाँ! हाँ, अच्छी है, लाल लाल वो वो!’

छीनाल रीटा राजू की पतली हालत देख फिर खिलखिला पड़ी. तभी नेलपालिश लगाने के बाद रीटा ने अपने पन्जों के बल उचक कर शानदार दिल दहला देने वाली अंगड़ाई तोड़ी. चटाक चटाक की आवाज से रीटा की कसी शर्ट के बटन खुलते चले गये. यह देख राजू की आँखें लाल हो गई और लण्ड ने कच्छे में धमाल मचा दी.

राजू की हालत पर मन मन मुस्कूराती मासूमीयत से बोली- भईया, आप की तबीयत तो ठीक है नाऽऽऽ?

यह कह कर रीटा राजू के माथे पर हाथ लगा कर बायाँ चुच्चा राजू की छाती में चुभोती धम से राजू की गोद में बैठ गई. राजू का खूंटे जैसा लण्ड रीटा के चूतड़ों के नीचे दबता चला गया. रीटा अपने चूतड़ों को दायें बायें हिला कर राजू के अकड़े लण्ड को ठीक से चूतडों को बीचो-बीच रख कर राजू के लण्ड की सख्ती का मजा लेने लगी.

अब रीटा राजू के लण्ड की गरमी से अपनी गाण्ड को सेक कर दीवानी सी होने लगी. राजू की हालत अब बद से बदतर हो गई. राजू बात बना कर सिर को पकड़ कर बोला ‘हाँ बेबी, वो वो, बस यूँ ही थोड़ा-थोड़ा सर में दर्द है, चलो कार चलाने चलें.’

‘अरे नहीं भईया आप ने अभी तो देखी कि मेरी अभी बिल्कुल गीली है- हरामी रीटा हल्के से आँख दबा मुस्कुरा कर बोली. ‘क्याऽऽऽ?’ राजू लगभग हाँफता सा बोला. ‘भईया, मेरी नेलपालिश और क्या! आपने क्या समझा?’ कमीनी रीटा तिरछी निगाहों के बाण चलाती बोली और राजू की हालत पर खिलखला कर हंस पड़ी. लौड़े के तनाव से मज़बूर राजू ने कसमसा कर गोदी में बैठी रीटा के खींच के सूखा घस्सा मार दिया.

रीटा अपनी नेलपालिश को सुखाने के बहाने अपनी सैक्सी गोरी गुदाज़ टाँगों को हिलाने लगी. इस हरकत से रीटा की रसभरी गाण्ड राजू के केले को बुरी तरह से गुदगुदाने लगी. लण्ड अब पूरा अकड़ चुका था और पत्थर सा सख्त हो चरमरा उठा. हरामज़ादी रीटा भी लौडियाबाज़ लड़के के लौड़े की मीठी मीठी चुभन का स्वर्गीय सुख ले रही थी.

रीटा को पता था कि राजू उसे बच्ची समझता है और चोदने से डरता है. रीटा बात आगे बढ़ाती राजू के कान में फुसफुसा कर बोली- ऐऽऽऽ भईया, जब तक मैं गीली हूँ, तब तक कुछ खेलते हैं!

‘क्या खेलें बेबी ‘? राजू जवान रीटा को बाहों में भींचता सा ठरक में कांपता सा बोला.

‘कोई भी मजेदार और मस्त खेल जो मुझे ना आता हो और आपको अच्छा लगता हो!’ रीटा भी अपनी शानदार फूले हुऐ गुब्बरों को राजू की छाती से रगड़ती आँखों में आँखों डाल कर बोली. अब रीटा सरेआम बेशमर हो अपने चूतड़ राजू के खड़े लण्ड पर आगे पीछे घिसने लगी.

‘कौन सा खेल बेबी?’ राजू रीटा की उसे बाहों में और जोर से भींचता अलबेली रीटा की मखमली रानों को सहलाता बोला. रीटा शर्माती संकुचाती बोली- भईया, क्या आपको बहुत ज्यादा गुण्डी गुण्डी बातें करनी आती हैं? ‘बेबी, मैं समझा नहीं!’ राजू अनजान बनता और रीटा के चूतड़ मसलता हुआ बोला. रीटा और भी शर्माती बोली- भईया, जैसा गुण्डी पिक्चरों में होता है, लालीपाप लालीपाप टाइप! ‘क्याऽऽऽ मतलब, तुमने ब्ल्यू पिक्चर देखी हुई है?’ राजू के दिमाग में जैसे किसी ने हथोड़ा मार दिया हो. रीटा और भी जोर से शर्माती सकुचाती बोली- ‘येसऽऽ भईया, अपनी सहेली के घर पर, पर भईया आप किसी को बताना नहीं प्लीज़ऽऽऽ.

रीटा का आग्रह सुन कर राजू का ठरक के मारे बुरा हाल हो गया. छछौरी रीटा के इरादे से बेखबर राजू तो ऊपर ऊपर से ही ठरक पूरा करने के चक्कर में था- बेबी, अगर किसी को हमारी गुण्डी गेम के बारे पता लग गया तो?

राजू रीटा के मन को टटोलता बोला.

रीटा राजू के गाल पर गाल रगड़ती हुई फुसफुसाती और शर्माती बोली- भईया, मैं किसी को नहीं बताऊँगी और हम घर पर बिल्कुल अकेले हैं और दरवाजे और खिड़कियाँ भी तो बन्द हैं और भईया, वैसे भी अब मैं बच्ची थोड़े ही हूँ.

यह सुनते ही राजू का लण्ड बुरी तरह से फड़फड़ा उठा.

रीटा बड़े ही भोलेपन से बोली- पता है, अब मम्मी मुझे स्कर्ट के नीचे पेंटी ना पहनने पर डांटती है और कहती हैं कि अब मैं बड़ी हो गई हूँ. भईया क्या अब मैं सचमुच बड़ी हो गई हूँ?

‘अच्छा देखें तो तुम कित्ती बड़ी हो गई हो?’ राजू ने हाथ रीटा की रेशमी जांघों को सहलाते सहलाते ऊपर सरकाने लगा, किन्तु हरामी रीटा ने अपनी जांघों को भींच कर हाथ को मंजिल तक पहुंचने से रोक दिया. रीटा को राजू को सता कर खूब मजा आ रहा था पर रीटा की सांसें भी अब तेज हो गई थी.

‘क्यों क्या हुआ?’ राजू चिकनी रीटा की सुडौल जांघों की गदराहट का आनन्द लेता हुआ बोला.

‘भईयाऽऽऽ! कुछ कुछ होता है!’ हाँफती रीटा अपनी गोरी बांहों का हार राजू के गले में डाल कर मदभरी निगाहों से राजू को ताकती और मदहोशी में सरसराती अवाज़ में बोली.

‘देखें कहाँ होती है ये कुछ कुछ?’ राजू बोला. यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉंम पर पढ़ रहे हैं.

‘यहाँ!’ रीटा अपने उठते-गिरते चुच्चों की तरफ इशारा कर बुरी तरह शरमा कर हाँफती हुई झटके से राजू से लिपटती हुई बोली. अब रीटा का दिल सीने के अंदर बुरी तरह से धक धक कर के धड़क रहा था.

‘ज़रा देखें तो!’ यह कह राजू ने रीटा की गले से बाहर उबल पड़ रहे मम्मे को पकड कर जोश में आकर जोर से दबा कर रीटा की लावारिस जवानी की कठोरता का मजा लेने लगा.

‘ऊई माऽऽ भऽऽ ईऽऽ याऽऽऽ आहऽऽऽ कित्त्ती जोर से दबाया है, आप बड़े खचरे हो!’ रीटा के होंठों पर दबी दबी आनन्द भरी चीख सी उगल पड़ी.

राजू रीटा के प्यासे मम्मों को बराबर मसलता रहा और प्यासी मस्ताई हुई रीटा राजू की आँखों में आँखों डाले होंटों में उंगली दबाये शर्माती सी चुच्चे खिंचवाती और दबवाती चली गई.

‘सीऽऽऽ छोड़ो दो भईया! आऊचऽऽऽ मैं तो आपकी बहन जैसी हूँ, ऊईऽऽ क्या करते हो भईया मैं तो जाती हूँ, हायऽऽ मम्मीऽऽऽ ओह हायऽऽऽ उफऽऽऽ बहुत मजा आ रहा है, दबाईये सीऽऽऽ और जोर से आहऽऽऽ भईया मत करो यह सब आऽऽऽ ओहऽऽऽ उफऽऽऽऽऽ!’ ऊपर ऊपर से रीटा राजू का हल्का हल्का विरोध कर हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी. राजू के लण्ड के इश्क में बावली हुई रीटा की हाँ हाँ और ना ना ने राजू को पागल सा कर दिया था. रीटा के स्तन अब पत्थर से कठोर हो कर अकड़ गये थे.

रीटा ने आज पहली बार किसी मर्द की गोदी में बैठ कर अपने मम्मे दववाये थे. अब रीटा का ठरक सातवें आसमान पर था, मुँह लाल और सिर घूम सा रहा था. राजू भी अपने से कई साल छोटी लौडिया को पाकर हाल बेहाल हो उठा था.

‘बेबी पहले कभी किसी से ऐसा करवाया है क्या?’ राजू ने रीटा के पत्थर से कठोर निप्पल को चुटकी में मसला तो रीटा मज़े से दोहरी हो कर चिंहुक के राजू से बुरी तरह से लिपटती और लज्जाती बोली- सीऽऽऽ नहीं भईया पहली बार करवा रही हूँ ये सब! हायऽऽ ये आप क्या कर रहे हो?

‘मजा आ रहा है ना?’ राजू चूचों को पीसता बोला.

‘जी भईया, बहुत अच्छा लग रहा है और बहुत मजा आ रहा है. करिये और करते रहिये, मैं किसी को नहीं बताऊँगी.’ रीटा नींद में फुसफुसाती सी बोली.

रीटा ने मस्ती में आकर राजू को अपनी सुडौल चिकनी टांगों और गोरी गोरी बाहों में दबोच लिया और अपने कोमल अंगों को जोर खरोश से राजू के जिस्म से रगड़ने लगी.

‘रीटा प्लीज़ एक बार अपनी चिड़िया तो दिखा दो?’ राजू रीटा की स्कर्ट में हाथ डालता हुआ बोला.

‘हाऽऽ भईया! आप तो बहुत गुण्डे हो?’ रीटा मुँह पर हाथ रख कर बोली- हायऽऽ, भला मैं आपको अपनी क्यों दिखाऊँ? यहाँ कोई नुमायश लगी हुई है क्या?’

‘अरे, मुझे तो सिर्फ यह देखना है कि तुम कितनी जवान हो गई हो?’ राजू के हाथ रीटा स्कर्ट के नीचे घुस कर रीट के अधनंगे मलाई से मुलायम चूतड़ों पर ढक्कन की तरह चिपक गये.

रीटा की कमर सहलाते सहलाते राजू ने झटके से रीटा की कच्छी को केले के तनों सी रानों से नीचे सरका कर घुटनों तक खींच दी और फड़फड़ाती रीटा को जबरदस्ती स्कर्ट के नीचे से जन्मजात नन्गी कर दिया.

रीटा शर्म से पानी पानी हो गई और अनमाने स्वर में ना-नुकर करती बोली- प्लीज़ भईया छोड़िये, मुझे नन्गी मत करो नाऽऽऽऽ! बहुत शर्म आयेगी!

‘रीटा़, बस एक बार देख लेने दो अपनी प्लीज!’ पगलाया सा राजू रीटा की स्कर्ट में हाथ डालता कर फरियाद सी करता बोला.

‘अच्छा, आप जिद्द करते हो तो मैं आपको अपनी दिखा देती हूँ, पर कोई ज्यादा गुण्डी बात मत करना, ओके’? नन्ही रीटा ने पलकों को फड़फड़ाते हुए बहुत ही भोलेपन से कहा.

रीटा ने गोदी में बैठे बैठे ही बड़ी ही मासूमीयत से एक एक टांग को सुकोड़ कर बारी बारी अपनी कच्छी में से नजाकत से निकाला तो राजू की प्यासी आँखों को रीटा की एकदम नन्गी चूत की झलकी देखने को मिली.

चूत को अच्छी तरह से देखने के लिये राजू ने रीटा के घुटने को पकड़ कर जबरदस्ती रीटा की कन्धों से लगा कर कुकड़ी सा बना दिया तो रीटा ने झट से अपने छोटे छोटे फूल से हाथों की कटोरियाँ बना कर अपनी टाँगों के बीच चिपका कर नाचीज़ चूत के चीरे और बुण्ड के गुलाबी सुराख को छुपाती बोली- आहऽ! नोऽऽऽ! भईया, बहुत शर्म आ रही है.

पर राजू के सिर पर चूत का भूत सवार था- देखो बेबी, अगर तुम मुझे अपनी चिड़िया दिखाओगी, तो मैं तुम्हें अपना तोता दिखाऊँगा. रीटा शक भरी निगाहों से राजू को देखती बोली- सच्चीऽऽऽऽऽ भईया? ‘सच्ची बेबी, तुम्हारी कसम! और चाहे तुम उससे लॉलीपोप-लॉलीपोप भी खेल लेना और मैं किसी को नहीं बताऊँगा.’ राजू हाँफता सा रीटा के चुच्चे को सहलाता बोला.

लॉलीपोप सुन कर सुन्दरी रीटा की आँखों में चमक आ गई और उसने नीचे से हाथ हटा कर शर्मा कर अपना मुंह हाथों में छुपा लिया.

क्या अदा थी लौंडिया की, चूत भी दिखा रही थी और शरमा भी रही थी.

अगले भाग की प्रतीक्षा करें! [email protected]

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