जब कंडोम फट गया

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मेरा नाम वरुण है (बदला हुआ)। मेरी उम्र 23 साल है, दिल्ली का रहने वाला हूँ, लम्बा कद और मजबूत शरीर ही मेरी ताकत है। मेरे लण्ड का आकार 7 इंच है, मैंने 15 वर्ष की उम्र से ही जिम जाना शुरू कर दिया था इसलिए मेरा शरीर काफी गठीला बन गया है।

कुछ साल पहले मेरे साथ एक ऐसी हसीन घटना घटी जिसने मुझे एक जिगोलो या फिर एक कॉल बॉय बना दिया। अब मेरे पास लगभग 12 युवतियों को संतुष्ट करने का लाजवाब अनुभव है, मैंने जिस भी युवती को चोदा है, वो मुझसे बहुत खुश हुई है।

उम्मीद करता हूँ कि आगे भी मुझे आप जैसी कमसिन युवतियों को पूरी तरह से संतुष्ट करने का मौका मिलेगा।

तो अब मैं अपनी आपबीती शुरू करता हूँ।

बात उन दिनों की है जब मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ता था। कुछ दोस्तों की वजह से मुझे गन्दी आदतें लग गई, मैं छुप छुप कर ब्लू फिल्म देखने लगा। यह आदत इतनी लग गई कि मैं स्कूल में भी अपने मोबाइल में ब्लू फिल्में देखने लगा।

एक दिन स्कूल में मैं अपनी क्लास की पिछली सीट पर बैठा ब्लू फिल्म देख रहा था। मैं अपना लण्ड हाथ में लेकर सहला रहा था कि अचानक मोहिनी मैडम जो मेरी क्लास टीचर है, ने मेरे हाथ से मोबाइल छीन लिया। वो न जाने कब से वहाँ खड़ी होकर मेरी हरकतें देख रही थी।

अब मैं आपको मोहिनी के बारे में बता दूँ। वो एक तलाकशुदा औरत है, उम्र करीब 34 वर्ष, गोरा बदन और उनके 37 इंच के स्तन और 36 इंच की गाण्ड किसी को भी पागल कर सकती थी। ना जाने कितने लोग मोहिनी को देखकर मुट्ठ मारते थे।

वो मेरा मोबाइल लेकर चली गई। क्लास में कम छात्र थे इसलिए मेरी इज्जत उछली नहीं।

पर मैं मन ही मन में घबरा रहा था कि अब क्या होगा। मोहिनी ने मेरा मोबाइल अपने पर्स में रख दिया। वो मुझे देख रही थी। मैंने सोचा कि क्लास के बाद मैं उनसे अपना मोबाइल ले लूँगा।

क्लास ख़त्म होते ही सारे बच्चे चले गए तो मैंने मैडम के पास जाकर कहा- सॉरी मैडम, मैं आगे से ऐसा नहीं करूँगा। प्लीज मेरा फ़ोन दे दीजिए।

“वरुण मुझे तुमसे तो यह उम्मीद नहीं थी। जाओ यहाँ से, कल अपने मम्मी-पापा को लेकर आना !” उन्होंने कहा।

यह सुनते ही मेरे हाथ-पाँव कांपने लगे।

मैंने कहा- प्लीज़ मैडम, मुझे माफ़ कर दो। मैंने आगे से नहीं करूँगा। मैं हाथ जोड़ता हूँ।

तभी उनके चेहरे पर मुस्कराहट आई, उन्होंने कहा- तुम्हें अपना फ़ोन वापिस चाहिए?

मैंने कहा- जी हाँ मैडम !

“तो यह लो मेरा पता, आज शाम मेरे घर पर आकर ले लेना !” मोहिनी ने कहा और चली गई।

अब जाकर मुझे थोड़ा चैन आया, मैं स्कूल से निकल घर पहुँचा और कपड़े बदलकर मैडम के घर की तरफ निकल गया।

करीब एक घंटे बाद मैं उस पते पर पहुँचा और दरवाजे की घण्टी बजा दी। जैसे ही दरवाजा खुला, मैं दंग रह गया।

मेरे सामने मोहिनी मैडम अधनंगी खड़ी थी ! क्या लग रही थी वो ! बड़ी बड़ी छातियाँ और गोल-मटोल नितम्ब ! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।

मेरे तो होश ही उड़ने लगे, ऐसी फिगर वाली औरत तो मैंने सिर्फ ब्लू फिल्म में ही देखी थी।

उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर घर के अन्दर खींच लिया, मुझे लगा मैं गलत वक़्त पर पहुँच गया, इसलिए मैंने कहा- माफ़ कर दो मैडम, मुझे नहीं पता था आप ऐसी हालत में हैं।

तभी मैडम जोर से मुस्कुराई और कहा- किस हालत में?

“मुझे शर्म आ रही है।” मैंने कहा।

“चल अब इतना शरमा मत और शुरू हो जा !” मोहिनी ने कहा।

“मैं कुछ समझा नहीं मैडम !”

“ठीक है ! अभी समझ जायेगा !” पलक झपकते ही मेरा लण्ड मैडम के हाथों में था।

“तेरा लौड़ा तो बड़ा मस्त है रे वरुण?”

अब मैं समझ गया कि वो क्या चाहती हैं, मैंने एक झटके में अपने सारे कपड़े उतार दिए। मैं मोहिनी की चूचियों को दोनों हाथों से दबाने और मसलने लगा। मोहिनी की चूचियाँ थोड़ी सख्त होने लगी। 3-4 मिनट तक दबाने के बाद मैं उनके एक चुचूक को मुँह में लेकर चूसने लगा और एक हाथ से मोहिनी की एक चूची को दबाने लगा। मोहिनी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी।

मैं कभी एक चूची को मुँह से चूसता तो कभी दूसरी को !

8-10 मिनट तक मैं ऐसे ही चूसता तो कभी मसलता और मोहिनी परम आनन्द में गोते लगा रही थी।

मोहिनी ने मुस्कुराते हुए मेरा लण्ड अपने मुँह लेकर चूसने लगी।

मैंने भी मोहिनी के बालों को पकड़ के उसके मुँह को चोदने लगा, धीरे धीरे लण्ड लोहे की तरह सख्त हो गया।

वो मेरा लण्ड चूसने में इतना व्यस्त हो गई कि हम भूल गए कि दरवाजा खुला हुआ है।

मैंने जाकर दरवाजा बंद कर दिया और मैडम को उठाकर सोफे पर लिटा दिया। मोहिनी ने अपने ब्रा और पैंटी उतार दी। उसके जिस्म की खुशबू से पूरा कमरा महक रहा था।

“खड़े क्यों मेरे राजा? यह जिस्म आज सिर्फ तुम्हारा है, जो करना चाहते हो करो लेकिन आज मेरी प्यास को मिटा दो।”

“ज़रूर मेरी रानी !” मैंने कहा।

हम दोनों 69 की अवस्था में लेट गए जिससे मेरा लण्ड उसके मुँह में और उसकी चूत मेरे मुँह में आ जाये। हम दोनों एक दूसरे के अंगों से खेलने लगे। मैंने अपनी जीभ से चूत

को चाटना शुरू कर दिया और वो तो जैसे मेरे लण्ड को खा जाना चाहती थी।

मैंने चूत को मुँह में ले लिया और जोर जोर से चाटने लगा ! उसके मुँह से आह आह आह की आवाज़ निकलने लगी।

मैंने मोहिनी की चूत को अपनी अँगुलियों से खोला और अपनी जीभ मोहिनी की चूत पर चलाने लगा तो मोहिनी के शरीर में उत्तेजना होने लगी। मैं अपनी जीभ को मोहिनी की चूत में अन्दर तक डाल कर चोदने लगा तो मोहिनी की उत्तेजना बहुत ही ज्यादा बढ़ गई और मोहिनी ने मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल लिया और मुँह से मेरे लण्ड से खेलने लगी। मेरा लण्ड लोहे की छड़ की तरह से अकड़ गया। मोहिनी भी मेरे लण्ड को अपने मुँह से चोदने लगी!

उसने एक हाथ से मेरा लण्ड सहलाना शुरु कर दिया। उसका एक हाथ मेरे सर पर था, वो मुझे ऐसे दबा रही थी कि मानो कह रही हो- मेरी चूत में घुस जाओ !

इतनी कामुक औरत मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखी !

करीब दस मिनट बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। वो चुदने के लिए छटपटा रही थी- वरुण, प्लीज़ चोद दो मुझे। डाल दो अपना मूसल मेरी इस ओखली में।

“थोड़ा इन्तजार करो मेरी जान ! पहले कंडोम तो पहन लूँ ! पर मेरे पास तो कंडोम है ही नहीं, अब क्या करूँ?”

“रुको, मेरी जान, मैं देती हूँ।”

उसने सोफे के नीचे से एक पुराना सा कंडोम निकाल कर दिया, शायद उसके पति का था।

मैंने कंडोम पहनकर, मोहिनी को गोद में उठा लिया और अपना लण्ड उसकी चूत के द्वार पर रख के धीरे से दबा दिया।

जैसे ही मेरा सुपारा अन्दर गया, उसकी चीख निकल गई- आह ऊऊ च्छ मार दिया !

मैंने खड़े होकर उसकी गाण्ड के दोनों गोलों को अपने हाथों में उठा लिया और धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू कर दिया।

जैसे जैसे मेरा लण्ड चूत के भीतर जाता गया, वैसे वैसे मोहिनी की सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगी। मेरा आधा लण्ड उसकी चूत समां चुका था।

मैंने मोहिनी से कहा- तुम्हारी चूत तो बहुत कसी हुई है !

“क्या करूँ मेरे राजा? तलाक के बाद कोई मिला ही नहीं जो वक़्त वक़्त पर मेरी प्यास बुझाता रहे ! आज तुम मेरी प्यास बुझा दो, फाड़ डालो इसे, बना दो इसका भोसड़ा !”

मैंने बिना रुके मोहिनी को दीवार से सटा दिया और अपना लण्ड बाहर निकाल कर दोबारा से एक जोरदार धक्का मारा।

“हरामजादे ! मार डाला, ई ई इ इ इ इ इ आः अहः हा अह अह अहह उई माँ, कम से कम बता तो देता !” मोहिनी दर्द से चिल्लाने लगी।

मैंने उसके दर्द की परवाह किये बिना धक्के मारना जारी रखा। कुछ देर में वो सातवें आसमान पर थी।

मैंने उस अपनी गोद में उठा पेलना शुरू कर दिया। अब वो भी उछल उछल कर मेरा साथ देने लगी।

“शाबाश मेरे राजा और तेज ! दिखादे अपने लण्ड का दम !” मोहिनी कहने लगी- और जोर से ! जोर आ आ म्म्म्म म एम अम मेमेमे मेए आ अ अ !

मैंने मोहिनी को सोफे पर पटक दिया, मेरा लण्ड एक मूसल की तरह एक दम सीधा खड़ा हुआ था, मोहिनी ने अपने दोनों पैर फैलाये और मेरे लण्ड के ऊपर बैठ गई और जो उसके बाद हुआ ! माशा अल्लाह क्या चुदाई थी।

वो मेरे ऊपर सवार हो गई और हम दोनों ने उछल उछल कर चुदाई करनी शुरू कर दी।

बस फिर क्या था मोहिनी के धक्कों की रफ्तार बढ़ने लगी और मेरे मुँह से भी सिसकारियाँ निकलने लगी। मैं भी मजे में बड़बड़ाने लगा और मोहिनी और जोर से जोर से आ आ आ ईईइ आइऐइ आऐ ऐअ करने लगी! मैं भी उसकी चूत में जबरदस्त धक्के पे धक्के लगाने लगा।

हम दोनों पसीने पसीने हो गए थे।

फिर मैंने कहा- मोहिनी, अब आप घोड़ी बन जाओ।

मोहिनी अपने दोनों हाथ बिस्तर पर रख कर झुक गई और मैंने अपना लण्ड वन्दना की चूत में पीछे से डाल दिया। पहले धक्के धीरे-धीरे से मारने शुरु किये तो मोहिनी को भी मजा आने लगा, फिर मैंने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ानी शुरु कर दी। मोहिनी अपने मजे से मदहोश होने लगी और पता ही नहीं क्या-क्या बड़बड़ाने लगी।

मोहिनी अपने मजे में पूरी मदहोश होती जा रही थी और एक ही झटके में मोहिनी की आवाज तेज हुई और मोहिनी की चूत ने पानी छोड़ दिया। उसके बाद जैसे ही मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला तो देखा कंडोम फट चुका था।

हम दोनों कंडोम की तरफ देखकर मुस्कुरा रहे थे।

मोहिनीं ने मेरा फटा हुआ कंडोम निकालकर फेंक दिया और नीचे बैठकर मेरा लण्ड मुँह में लेकर मेरी चूसने लगी। 4-5 मिनट बाद मेरे लण्ड का सारा माल मोहिनी के मुँह में जा गिरा!

वो मेरा सारा माल पी गई और कहने लगी – वरुण, तुम तो चुदाई करने में माहिर हो ! मैं तो आज सन्तुष्ट हो गई ! काफी दिनों के बाद इतनी सन्तुष्टि मुझे मिली है।

मैंने कहा- मोहिनी, अब क्या विचार है?

उसने कहा- तुमने मेरी प्यास बुझाई है। लो अपना ईनाम !

और कहकर मेरे फ़ोन के साथ 5000 की गड्डी मेरे हाथ में दे दी और कहने लगी- अब जब मैं तुम्हें बुलाऊँ तो आओगे न?

मैंने कहा- क्यूँ नहीं !

और मैं वहाँ से चला आया !

तो दोस्तों उम्मीद है, आपको मेरी पहली कहानी आपको जरुर पसंद आई होगी, मुझे ज़रूर ईमेल करना !

नमस्कार।

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