चाहत मॉडल बनने की-1

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मेरा नाम पूनम है, दिल्ली की रहने वाली हूँ, उम्र लगभग 24 है।

आज मैं आपको अपनी कालेज के दिनों कि एक घटना बताने जा रही हूँ।

बात उन दिनों की है जब मैं कालेज में प्रवेश ले चुकी थी। मेरी शक्ल उर्मिला मातोण्डकर से ख़ूब मिलती थी, मेरे क्लास के लड़के मुझे मजाक में उर्मिला कह कर बुलाते थे। मन ही मन मुझे अच्छा तो लगता था मगर मैं चुप ही रहती थी।

एक दिन मेरी एक सहेली ने मुझसे कहा- तुम इतनी स्मार्ट हो, मॉडलिंग के लिये क्यों नहीं कोशिश करती?

मन में तो था ही, मैंने कहा- कोई जानपहचान का भी तो नहीं है !

वो बोली- मेरी एक दोस्त है, उसकी बहन सीमा भी इस लाइन में है, तुम कहो तो मैं उनसे बात करुँ?

1-2 रोज के बाद हम दोनों सीमा दीदी के पास गये और अपने मन की बात बताई तो पहले वो हँसी और बोली- सिर्फ़ शक्ल होने से कुछ नहीं होता, चेहरा फ़ोटोज़ेनिक भी होना चाहिये !

मैं अपने साथ कुछ फ़ोटो भी लाई थी वो उनको दिखा दिये, देख कर वो बोली- ऐसी वाली नहीं, तुम को प्रोफेशनल फ़ोटो खिंचवानी पड़ेगी और एक फ़ोटो के 500 रुपए लगते हैं।

मेरे पास इतने पैसे तो थे नहीं, मैं चुप हो गई।

फिर वो बोली- कोई बात नहीं, मेरी जान-पहचान का एक स्टूडियो है मैं उससे बात कर लूँगी, तुम अपना फोन नम्बर दे दो।

मैं अपना फोन नम्बर दे कर वापस आ गई।

करीब 15 दिन बाद उनका फोन आया, बोली- मैंने स्टूडियो में बात कर ली है, अगले हफ़्ते उनके पास एक विज्ञापन कम्पनी आने वाली है, उन्हें एक नया चेहरा चाहिये, तुम सोमवार को सुबह10 बजे आ सकती हो क्या?

मैंने कुछ सोच कर उन्हें हाँ कर दी और बताए हुये दिन और जगह पर कॉलेज़ गुल करके पहुँच गई।

वहाँ पर सीमा दीदी ने मुझे फ़िल्म स्टूडियो के मलिक रोहन से मिलवाया। रोहन ने बतया- एक विज्ञापन कम्पनी को नया चेहरा चाहिये, अगर बात बन गई तो 30000 रुपये मिलेंगे और वो आज ही फ़ोटो का अन्तिम जबाब भी दे देंगे।

दीदी ने मुझे बधाई दी, बोली- मुबारक हो, अगर फ़ोटो पसंद आई तो पहली बार में ही 30000 रुपये की आमदनी हो जायेगी।

मैं मन ही मन खुश हुई और साथ ही थोड़ी घबराहट भी थी।

खैर !

मुझे थोड़ी देर में मुझे एक हाल में ले लाया गया साथ में दीदी भी थी। मुझे 4 ड्रेस में 4-4 पोज़ देने थे।

पहला सलवार-सूट में, गुलाबी रंग का सूट था, थोड़ा सा गहरे गले का, वो भी बिना चुन्नी के, मैंने कभी भी बिना चुन्नी के सूट नहीं पहना था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।

दीदी ने ड्रेसिंग रूम में यह कह कर मेरी ब्रा उतरवा दी थी और पैंटी भी बदलवा दी थी कि इसमें गेट-अप नहीं आता। पैटी क्या थी सिर्फ़ इलास्टिक पर एक कपड़ा, इस शॉट के बाद मुझे जींस-शर्ट में शॉट देना था। मैंने ध्यान किया कि बीच बीच में रोहन मेरी ड्रेस को ठीक करने के बहाने मुझे छूता भी था। खैर, यह मेरा वहम भी हो सकता है, सोच कर चुप रही मैं।

तीसरी ड्रेस साड़ी थी। जब मैं साड़ी पहनने गई तो देखा कि ब्लाऊज़ का गला बहुत ही गहरा था और पीठ के नाम पर सिर्फ़ एक पट्टी थी।

मैंने दीदी को बुला कर बताया तो वो बोली- कोई बात नहीं ! ये फ़ोटो कही छपनी थोड़ा हैं, सिर्फ़ विज्ञापन कम्पनी के लिये हैं और मॉडलिंग के लिये तो ये आम फ़ोटो हैं, अगर इतना शर्मीलापन दिखाओगी तो कैसे काम चलेगा?

खैर, मैंने थोड़ी सी झिझक के साथ वो साड़ी पहन ली, जब ड्रेसिंगरूम से बाहर आई तो रोहन बोला- मैडम, यह प्रोफेशनल फोटोग्राफी है, साड़ी थोड़ा नीचे करो !

यह सुन कर दीदी मुझे ड्रेसिंगरूम में ले गई ओर थोड़ा डाँट कर साड़ी नीचे कर दी, नाभि से 6 उंगली नीचे या यह कहो कि लगभग योनि को छूते हुए !

मुझे शर्म भी आ रही थी, मैं बाहर आकर कैमरे के सामने खड़ी हो ग़ई।

अब तक मैं कुछ सामान्य सी हो चुकी थी, शर्म कुछ हद तक जा चुकी थी।

रोहन एक शॉट लेने के बाद मेरी साड़ी ठीक करने आया और मेरी साड़ी के पल्ले को ठीक करने के बहाने मेरे वक्ष को छूने लगा।

मैं थोड़ा घबराई…

“मैडम पल्ले को थोड़ा नीचे करो !” कह कर उसने मेरा पल्ला नीचे कर दिया।

एक तो इतना गहरा ब्लाऊज़ और ऊपर से पल्ला नीचे !

अब आखिरी ड्रेस में मुझे शॉट देना था…स्कर्ट-शर्ट में !

जब मैं वो पहन कर वापस आई तो रोहन बोला- मैडम शर्ट पूरी नहीं, नीचे से खोल कर आधे पेट पर गांठ लगाओ !

मैंने उसके कहने पर कमीज के नीचे के बटन खोल कर अपनी पेट के ऊपर गांठ लगा दी।

अब मेरा पेट पूरा खुला हुआ था। इससे पहले मैंने कभी भी इस तरह से कुछ नहीं पहना था, रोहन ड्रेस को ठीक करने के लिये मेरे पास आया और मेरी शर्ट को और ऊपर कर दिया और कमीज के ऊपर के दो बटन खोल दिये।

अब मेरी कमीज मेरे तन पर सिर्फ़ नाममाञ की ही थी, वो मेरे तन को छिपा कम और दिखा ज्यादा रही थी।

वो इसी तरीके से शॉट खत्म करके वो बोला- मैडम स्कर्ट की थोड़ी ज़िप खोलिये ! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।

मैं एकदम चौंक गई, मैंने दीदी की तरफ़ देखा, वो बोली- पूनम क्या परेशानी है? आखिरी फ़ोटो है, शॉट पूरा करना है या नहीं?

रोहन बोला- जल्दी करो ! विज्ञापन वाले ओ फ़ोटो भी दिखानी है !

मैंने झिझकते हुये स्कर्ट की जिप थोड़ी सी नीचे कर दी। अब मेरी कमर का निचला हिस्सा कुछ हद तक खुल गया था मगर रोहन के लिये शायद यह कुछ ना था, वो मेरे पास आया और स्कर्ट को दोनों तरफ़ से नीचे कर के ज़िप भी लगभग खोल दी। लगभग क्या पूरी सी खोल दी, पैंटी की इलास्टिक साफ़ दिख रही थी।

मेरी हालत लगभग नंगी सी थी मगर मैं कर भी क्या सकती थी। मेरे दोनों हाथ ऊपर थे और मैं दीवार के सहारे स्कर्ट को किसी तरह सम्भाले हुए थी।

ऊपर से छाती खुली हुई !

रोहन ने इसी पोज़ में मेरे दो फ़ोटो लिये, फोटोग्राफी बन्द कर दी और मुझे कपड़े बदल कर आने के लिये कहा।

वहाँ आकर दीदी और मैंने कुछ देर इन्तज़ार किया फिर थोड़ी देर में रोहन मेरी फ़ोटो ले कर आया, फ़ोटो अच्छी तो थी मगर सबको दिखाने लयक नहीं थी।

यह बात मैंने दीदी से कही तो रोहन बीच में बोला- मैडम, ये फोटो तो सिर्फ़ इस कम्पनी को दिखाने के लिये हैं बस ! यह कम्पनी विदेश के लिए विज्ञापन करती है, भारत में कोई विज्ञापन नहीं देती !

यह सुन कर मुझे कुछ राहत मिली।

फिर उसने बताया- कम्पनी को ये फोटो भेज दी हैं इ-मेल से, थोड़ी देर में जबाब आ जायेगा।

हम दोनों वहाँ से आ गये।

दीदी ने शाम को फ़ोन कर के मुझे बधाई दी कि मुझे चुन लिया गया है और कल ही विज्ञापन की शूटिंग करनी है।

आगे की कहानी अगले भाग में !

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