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…तो महेश नीचे लेट गया और पिंकी ऊपर से उसका लण्ड गाण्ड में ले लिया और ऊपर-नीचे होने लगी। कुछ देर बाद पिंकी और महेश दोनों झर गए और आराम से लेट गए।
महेश ने कहा- क्यों पिंकी, मजा आया न?
पिंकी ने कहा- भाई, तुमने अपनी बहन को चोद दिया।
तो महेश ने कहा- अरे यार, थोड़ी देर के भूल जा कि हम भाई-बहन हैं बस तू एक लड़की है और मैं एक लड़का ! और फिर क्या तू यह नहीं चाहती थी? तुझे मजा नहीं आया?
तो पिंकी शरमा गई और महेश के गले से लग गई। फिर दोनों रात को रोज चुदाई का खेल खेलने लगे।महेश ने पिंकी को कई बार अपने दोस्त से चुदवाया और कभी कभार दोनों एक साथ चोदते थे।
तो यह तो हो गई पिंकी की दास्तान !
और अगली कहानी में रिंकी ने अपने मामा के घर क्या करती थी और कैसे करती थी।
तो महेश नीचे लेट गया और पिंकी ऊपर से उसका लण्ड गाण्ड में ले लिए और ऊपर नीचे होने लगी २५ मिनट बाद पिंकी और महेश दोनों झर गए और आराम से लेट गए। महेश ने कहा- क्यों पिंकी मजा आया न। पिंकी ने कहा- भाई तुमने अपनी बहन को चोद दिया। तो महेश ने कहा- अरे यार थोड़ी देर के भूल जा की हम भाई बहन है बस तू एक लड़की है और मैं एक लड़का और फिर क्या तू ये नहीं चाहती थी। तुझे मजा नहीं आया। तो पिंकी शर्मा गई और महेश ले लगे से लग गई। फिर दोनों रात को रोज चुदाई का खेल खेलते थे। महेश ने पिंकी को कई बार अपने द्सोत से चुदवाया और कभी कभार दोनों एक साथ चोदते थे।
तो ये तो हो गई पिंकी का अकेलेपन की दास्ताँ और आगे कहानी में पिंकी की वो वहां क्या करती थी। और कैसे करती थी।
रिंकी अपने मामा के यहाँ कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। उसके मामा का लड़का किसी और शहर में नौकरी कर रहा था। वहाँ सिर्फ उसके मामा वरुण और मामी गीता थी। वो दोनों भी ठरकी किस्म के थे। दोनों रात को चुदाई करते तो रिंकी को उनकी आवाजें सुनाई देती थी।
एक दिन रिंकी से रहा नहीं गया तो वो अपने कमरे से अपने मामा के कमरे की तरफ बढ़ी तो देखा कि गेट खुला हुआ है और उसकी मामी गीता और मामा वरुण चुदाई कर रहे थे बिल्कुल नंगे।
गीता वरुण के ऊपर थी और एक और उसके मामा की उम्र का आदमी भी था वहाँ पर। वो भी नंगा था और वो मामी की चूची चूस रहा था।
कुछ देर बाद मामी ने कहा- सिर्फ़ चूची को ही प्यार दोगे? मेरी गाण्ड का छेद अभी खुला हुआ है, इसमें डाल दो।
तो वो आदमी पीछे आया और मामी की गाण्ड में अपना लण्ड डाल दिया। मामी खूब मजे से चुदवा रही थी। 15 मिनट तक चोदने के बाद मामा ने अपना पानी निकाल लिया और कहा- अब आप ही करो, मैं थक गया हूँ। आज काम बहुत किया।
और उस आदमी ने गाण्ड से लण्ड निकाल कर चूत में डाल दिया। फिर वो भी थोड़ो देर चोद कर कपड़े पहन कर चला गया।
रिंकी भी जाकर सो गई पर उसे रात को नींद नहीं आई। इतने दिनों बाद लण्ड देख के उसका मन भी ललचा गया। जैसे तैसे रिंकी सो गई, अब रिंकी अगली रात का इन्तजार करने लगी।
रात हो गई। उसके मामा-मामी की चुदाई फिर शुरू हो गई। उसके मामा उसकी मामी को चोद रहे थे और कह रहे थे- यार, रिंकी भी अब बड़ी हो गई है।
गीता ने कहा- मतलब?
वरुण ने उसका जवाब देते हुए कहा- मतलब क्या? कभी देखा है उसको? उसकी गाण्ड की तरफ? उसकी चूचियाँ मस्त लगती हैं।
गीता- हाँ, लगती तो हैं ! तो?
वरुण- क्या? तो एक बार दिलवा दो।
गीता- नहीं तो तुम्हारी भांजी है, उसको चोदोगे?
वरुण- तो क्या हो गया? तुम्हारे कहने पर मैंने भी तो नेता जी से तुमको चुदवाया है।
गीता- तो उसके लिए तुम पैसे लेते थे। पहले 15000 और अब 5000/-
वरुण- और मेरे बॉस के बेटे के साथ भी चुदवाने के मन था तुम्हारा, मैंने चुदवाया ना?
गीता- उसके कारण तुम्हारा प्रोमोशन भी हुआ था।
वरुण- और वो मजदूरों से? उनसे तो कोई फायदा नहीं हुआ मेरा।
गीता- हाँ यार ! मजा आ गया था उन लम्बे और काले लण्डों से ! चलो, तुम्हे रिंकी की चूत मारनी है ना?
वरुण- नहीं यार, चूत और गाण्ड दोनों।
गीता- अच्छा ठीक है, कुछ जुगाड़ कर दूँगी, तब तक मेरी तो प्यास बुझाओ।
वरुण- अगर मान गई तो नेता जी से चुदवा दूंगा। उसके तो 25000 लूँगा।
गीता- चलो ठीक है ! अब स्पीड बढ़ाओ।
उनकी ये बातें रिंकी सुन रही थी और सुन के हैरान रह गई कि उसके मामा उसको चोदना चाहते हैं और किसी और से चुदवा कर पैसे भी लेंगे।
उसे अपने मामा पर गुस्सा आ रहा था पर मजा भी आने वाला था कि एक साथ कई दिनों बाद लण्ड मिलने वाले हैं।
वो अपने कमरे में गई और सारे कपड़े उतार कर उंगली करके सो गई।
सुबह उठी और अच्छे से नहाई और अपनी झांटें साफ़ की।
उसे पता था कि अब वो जल्दी ही चुदने वाली है। उस दिन उसके कॉलेज की छुट्टी थी। इसलिए उसने अपनी पैंटी नहीं पहनी और ना ही ब्रा। एक ढीला टॉप और जांघों तक स्कर्ट पहना था।
उसके मामा वरुण अभी सोकर उठे थे तो वो लुंगी और बनियान में थे। रिंकी उनके सामने आकर बैठ गई।
उसकी मामी रसोई में थी। रिंकी और उसके मामा दोनों बैठ कर चाय पी रहे थे। तभी रिंकी ने अपनी टांगें फैला ली और उसके मामा की नजर सीधा उसकी चूत पर गई जो बिल्कुल गुलाबी दिख रही थी।
देखते ही वरुण का लण्ड खड़ा हो गया। रिंकी की नजर सीधा उसी पर गई और वो धीरे से मुस्कुरा दी।
रिंकी टांगें चौड़ी करके चूत दिखाती हुई अपने फोन में लगी हुई थी और उसके मामा अख़बार का बहाना करके उसकी चूत देख रहे थे।
तभी गीता आई तो वरुण ने अपने आप को और रिंकी ने भी खुद को संभाला। गीता आकर वरुण के पास बैठ गई और कहा- बेटा रिंकी, मैं 2-3 दिन के लिए मायके जा रही हूँ। तू सुबह जल्दी उठ कर नाश्ता बना लिया करना।
और बोल कर चली गई कि मैं सामान रखने जा रही हूँ।
गीता के जाने के बाद रिंकी ने फिर टांगें चौड़ा ली। वरुण से रहा नहीं गया तो बोल ही दिया- रिंकी !
रिंकी- हाँ मामा, क्या बात है?
वरुण- लगता है आज तुम गलती से अपनी पैंटी पहनना भूल गई हो और तुमने टांगे भी चौड़ी कर रखी है, कोई भी तुम्हारी उस जगह को देख सकता है।
रिंकी यह सुन कर शरमा गई और अपने कमरे में चली गई। रिंकी काले रंग की पैंटी पहन कर वापिस आ गई।
दो घण्टे बाद उसकी मामी चली गई। रिंकी रसोई में कुछ काम कर रही थी उसके मामा वहाँ आये और कहने लगे- रिंकी, जैसे आज भूल गई और कहीं या कॉलेज मत चली जाना ! नहीं तो किसी की नियत ख़राब हो सकती है।
रिंकी कुछ नहीं बोली, चुपचाप अपना काम करती रही।
तभी वरुण उसके पीछे आया और उसकी गाण्ड की दरार पर अपना लण्ड रख दिया जो लुंगी के अन्दर था।
रिंकी को कोई ऐसी उम्मीद नहीं थी कि उसके मामा ऐसा करेंगे, फिर भी उसे मजा आ रहा था पर नाटक जरूरी था, रिंकी कहने लगी- मामा जी, क्या कर रहे हैं? आप मेरे मामा हैं, यह गलत है, मैं मामी से कह दूंगी।
उसके मामा कहने लगे- रिंकी, किसी से भी कह दे, मगर जब से तेरी चिकनी चूत देखी है लण्ड खड़ा का खड़ा है। बस एक बार मेरे वरुण को अपनी रिंकी से मिला लेने दे, फिर छोड़ दूंगा।
रिंकी कहने लगी- नहीं मामा जी, यह गलत है मैं आपकी भांजी हूँ।
वरुण ने कहा- अच्छा जब मामा के सामने बिना पैंटी के टांगें चौड़ी करके बैठी थी तब नहीं दिखा कि क्या गलत है क्या सही?
और कह कर वरुण ने रिंकी की स्कर्ट ऊपर कर दी और पैंटी नीचे सरका दी, लुंगी में से अपना लण्ड बाहर निकाल के चूत पर लण्ड रखा और एक ही धक्के में आधा लण्ड घुसा दिया।
रिंकी ने कहा- मामा जी, आपने यह क्या कर दिया?
वरुण ने कहा- मैंने क्या किया/ पहले से ही चुदी पड़ी है, सील तो तेरी टूटी हुई है, बता किससे तुड़वाई, नहीं तो अभी तेरे घर फोन करता हूँ।
और एक धक्का और दिया और पूरा लण्ड अन्दर कर दिया।
रिंकी ने ऐसे ही झूठ बोल दिया कि कॉलेज में एक लड़का है उसी ने सील तोड़ दी।
“अच्छा, तो कॉलेज में जाकर चुदवाती है और यहाँ मुझे बताती है यह गलत है?”
रिंकी ने कहा- मामा जी, किसी को बताना मत, आपको जो करना है कर लो।
वरुण ने कहा- यह हुई न बात। चल अब मेरा साथ दे !
और कह कर धक्के पर धक्का लगाने लगे और 15 मिनट चोदने के बाद अपना वीर्य उसकी चूत में ही डाल दिया।
फिर उसे कमरे में ले गए और उसके सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी !
अपना लण्ड सहलाते हुए बोले- ले रिंकी, चूस इसे।
रिंकी उसे चूसने लगी।
वरुण ने कहा- चूसने से लगती हो बहुत खेली खाई हो ! सच बताओ चुदना कब से शुरू किया?
रिंकी ने कहा- बस यही दो महीने हुए हैं।
“अच्छा? लगता है उसने तुम्हें पूरी एक्सपर्ट बना दिया, कई लड़कियों को चोदा होगा।”
फिर वरुण रिंकी की चूत चाटने लगा, फिर एक बार चूत और एक बार गाण्ड मारी और कहा- शाम को ठीक से तैयार रहना, नेता जी आयेंगे, मजे से चुदना उनसे।
कहानी जारी रहेगी।
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