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लेखक : अरुण
उस दिन की घटना के बाद मेरी बीवी और दोस्त दोनों ही बहुत झेंप और शर्मिन्दा हो रहे थे, मैंने दोनों को काफी समझाया कि कुछ गलत नहीं हुआ क्योंकि इस सब में मेरी भी सहमति शामिल थी और फिर भगवान् ने तो सिर्फ नर और मादा ही बनाए है अन्य प्राणियों में फ्री सेक्स होता ही है, इंसान ने शादी का पवित्र बंधन बनाया है जो उचित भी है, जिसका सम्मान भी करना चाहिए, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि किसी दूसरे ने आपके नग्न शरीर को छू लिया तो कोई पाप हो गया। और यही काम छुप कर या किसी को धोखा देकर किया जाए तो गलत होता है।
मैंने और भी बहुत सी बातें कर के दोनों को इतना आश्वस्त कर दिया कि दोनों की छेड़छाड़, हंसी-मजाक और धोल-धप्पे फिर से शुरू हो गए और यह अगले ही दिन जाहिर हो गया जब वो एक और इंजेक्शन लगाने आया, वो भी रात को लेकिन मेरी पत्नी तब तक साड़ी में ही थी।
थोड़ी देर बैठने और पानी वगैरा पीने के बाद उसने कहा- लाओ पैर दिखाओ, क्या हाल है?
मेरी पत्नी ने पैर दिखाते हुए कहा- हाँ, अब पूरी तरह से बाल तोड़ ठीक हो गया है, प्लीज अब सुई मत लगाओ।
वो बोला- नहीं मैडम कोर्स पूरा ही लगवाओ, और अब आखिरी ही तो बचा है।
वो ना-नुकर करने लगी पर वो उसे प्यार से पुचकारने लगा- प्यारी बेबी, अब लेट भी जाओ, देखो, बिल्कुल भी दर्द नहीं करता हूँ, अभी फ्री कर दूंगा।
आखिर वो तैयार हो गई लेकिन बोली- मैंने साड़ी पहन रखी है, बदल कर आती हूँ !
यह बोलती हुई वो चली गई और जल्दी ही गाउन लपेट कर आ भी गई और मेरे पास आ कर बोली- आप साथ ही रहना !
मैंने उसके गालों को चूमते हुए कहा- डोंट वरी डार्लिंग ! मैं पास ही रहूँगा।
वो मेरी गोद में सर रख कर औंधी लेट गई। इस बार दोस्त ने बिना हिचक के उसका गाउन कमर तक ऊँचा उठा दिया और बिना समय गंवाए उसकी पेंटी भी सरका कर कूल्हे अनावृत कर दिए और सहलाते हुए दबा दबा कर चेक किए और बोला- दर्द में बर्फ की मालिश से आराम आया होगा।
वो बोली- हाँ पहले से तो आराम है लेकिन जनाब मेरे जांघों के चकत्तों में बिल्कुल भी फायदा नहीं है !
वो इंजेक्शन लगाते हुए बोला- उसको भी देखते हैं मैडम, उसे भी ठीक कर देंगे। तुम्हारा इलाज करने तो मजा आ रहा है।
और उसे बातों में लगाते हुए सुई लगाई थी कि मेरी पत्नी की सिसकारी निकल गई, उसने मुझे जोर से भींच लिया।
वो बोला- लो हो गया !
फिर खुद ही स्प्रिट का फाहा मसलने लगा। यह दृश्य भी बहुत मनोहारी लग रहा था क्योंकि फाहा मसलने से उसके नग्न कूल्हे बहुत ही उत्तेजक तरीके से हिल रहे थे। थोड़ी देर स्प्रिट मसलने के बाद दूसरे कूल्हे पर एक जोरदार चपत लगाते हुए बोला- लो मैडम, अब सीधी हो जाओ।
चपत पड़ते ही वो जोर से चिहुंक उठी और आउच करके चिल्लाई, पर मैं समझ गया था कि उसे मजा आया होगा क्योंकि जैसा मैंने पहले भी बताया है कि उसे नंगे बदन होकर बंधना और पिटाई खाना अच्छा लगता है !
और हुआ भी वो ही !
वो उसी तरह लेटी रही, मेरे दोस्त ने दो चार चपत और लगाई पर वो बेशरम की तरह कूल्हे पर चांटे खाए जा रही थी। माहौल फिर वासनामय हो गया था, दोस्त भी भरपूर उत्तेजित हो गया था, इसका पता उसकी अगली हरकत से जाहिर हो गया जब उसने मेरी बीवी के नंगे हो चुके चूतड़ों के बीच में से हाथ पूरा अन्दर डाल कर उसकी चूत में गुदगुदी करना शुरू कर दिया।
अब वो चिल्ला कर सीधी हो गई और दोस्त पर घूंसे बरसाने लगी और उससे गुत्थम गुत्था हो गई बिना यह देखे कि वो अर्धनग्न अवस्था में है। दोस्त भी उसके साथ कुश्ती सी लड़ता रहा और अंततः उसे चित्त लिटा ही दिया।
“इन्हें साफ़ करने के लिए कहा था ना? फिर यह क्या है?” और यह कहते हुए उसने मेरी बीवी की झांटो को अपनी मुट्ठी में भींच लिया, फिर मुझसे भी बोला- यार, साफ़ सफाई का ध्यान रखा करो ! और अगर चूत पर बाल अच्छे भी लगते हैं तो कम से कम गर्मियों में तो साफ़ कर ही दिया करो !
मैंने उसे समझाया- तुम्हारी भाभी को हेयर-रिमूविंग क्रीम से एलर्जी है और इस नाजुक जगह की शेविंग करने में मुझे डर लगता है, बस कभी-कभी कैंची से हल्के कर देता हूँ।
वो बोला- नहीं, उमस वाली तेज गर्मी में पूरे साफ़ करना ही सही रहता है। और इसमें दिक्कत क्या है? मैं अपनी बीवी की शेव करता ही हूँ !
मैंने उसकी बात काटी- यार, तुम तो सर्जन हो, बड़े-बड़े ऑपरेशन करते हो, तुम्हें क्या दिक्कत आएगी, लेकिन चलो मैं कोशिश करूँगा।
इतने में मेरी बीवी चिल्लाई- नहीं, ये अनाड़ी हैं, कहीं मेरी पुपु पर कट लगा दिया तो?
वो अपनी चूत को पुपु ही बोलती है, उसे चूत शब्द गंदा लगता है।
मैंने कहा- देख, यह भी तो को-ओपरेट नहीं करती !
अब वो मेरी पत्नी की तरफ मुखातिब होकर बोला- भाभी, डरो मत, ध्यान से करेंगे। मैं तो अकसर करता रहता हूँ।
इस पूरी वार्तालाप के दौरान वो उसकी झांटों में उंगलियाँ फिराता रहा इसी बीच उसने पैरों में अटकी पड़ी पैंटी निकाल दी थी और मुझे इशारा किया कि मैं एक पैर चौड़ा कर दूँ क्योंकि दूसरा पैर उसने चौड़ा कर दिया था।
मैंने उसके कहे अनुसार किया, मेरी बीवी ने भी बिना किसी संकोच के दोनों पैर चौड़े हो जाने दिए लेकिन अब वो निहायत ही सेक्सी, उत्तेजक, अश्लील, भद्दी और वासनामयी मुद्रा में चूत खोल कर पड़ी हुई थी।
मेरा दोस्त अब भी उसकी चूत सहला रहा था, मैंने भी अपना काबू खो दिया और उसकी अनावृत चूत पर अपना एक हाथ रख दिया और उंगलियों से उसकी चूत को दो फांक करते हुए दोस्त को कहा- देख यार ! कहाँ तक बाल हैं, मुझे तो डर लगता है, एक बार तू ही साफ़ करके बता दे, फिर तो मैं भी कोशिश कर लूँगा।
इतना कह कर मैंने उसे बहुत ही सनसनीखेज पेशकश कर डाली।
और मेरे दोस्त को तो जैसे इसी बात का इन्तजार था कि कब मैं उसे अपनी पत्नी के झांटें साफ़ करने को कहूँ, उसकी आँखों में चमक साफ़ देखी जा सकती थी, वो बोला- यार, अब भाभी जी के लिए इतना तो करना ही पड़ेगा, क्यों भाभी तैयार हो ना?
वो बेचारी कुछ नहीं बोल सकी पर उसके भी समूचे शरीर में सिरहन सी दौड़ गई, साँसें ऊपर-नीचे होने लगी।
वो बोली कुछ नहीं !
मैं प्यार से उसके पास गया और दुलारते हुए बोला- यह तो अच्छी बात है, तुम्हारा बचपन का दोस्त घर में मेरी मौजूदगी में बाल साफ कर देगा और डॉक्टर है तो यक़ीनन बहुत सफाई से करेगा।
और फिर मेरी बीबी ने जो बेबाक जवाब दिया उससे हम दोनों ना सिर्फ दंग रह गए बल्कि माहौल भी हल्का और खुशनुमा हो गया, वो बोली- ठीक है ! पर ध्यान रखना कि अगर एक भी कट लग गया ना मेरी पुपु पर तो तुम दोनों के जो ये औजार खड़े हैं ना, तनतना रहे हैं, जड़ से काट दूँगी ! समझे?
हम दोनों ही ठहका मार कर हंस पड़े, दोस्त बोला- मैडम, फिकर नोट ! पर तुम भी वादा करो कि शेविंग के दौरान सहयोग करोगी?
अब वो बोली- हाँ, मेरे जैसी सहयोग करने वाली दूसरी नहीं मिलेगी, जिसे तुम दोनों बात बात पर नंगा कर के पटक देते हो, और मैं देख रही हूँ कि कब से दोनों के दोनों मेरी पुपु में उंगलियाँ फिरा रहे हो, गुच्छे खींच रहे हो और मेरी हालत खराब कर डाली ! अभी मैं तुम्हारे लण्ड को पकड़ भर लूँ ना तो पिचकारी निकल जायेगी जैसे उस दिन बिना कुछ किये इन डॉक्टर बाबू की छूट गई थी।
यह कहते हुए उसने उसकी चूत पर रखे हमारे हाथों पर जोरदार तमाचा मारा और बोली- अब हाथ हटाओ और फ़टाफ़ट शेव करो।
दोस्त ने मुझे शेविंग का सामान लाने को कहा और साथ ही यह भी कहा- ब्लेड नया लाना !
और मेरी पत्नी से कहा- चाहो तो गाउन हटा दो, वरना गीला हो जाएगा।
“मुझे पता है !” यह कहते हुए वो उठी और गाउन उतार फेंका।
मैं शेविंग का सामान ले आया था, अब वो सिर्फ ब्रा में थी उसमें से भी उसका एक वक्ष बाहर लटका पड़ा था।
मेरा डॉक्टर दोस्त मेरी सेक्सी बीबी के साथ इतना खुल गया था कि उसने उस स्तन को पकड़ कर ब्रा में वापिस ठूंसने की कोशिश की पर वो अन्दर जा ही नहीं रहा था और मेरी बीबी हँसे जा रही थी- वाह बेटा, निकाल निकाल कर तो पटक देते हो और वापिस घुसाने में जान निकल रही है?
दोस्त को भी जोश आ गया- आज तो इसे घुसा कर ही मानूँगा।
और उसने एक हाथ से ब्रा खींची और दूसरे हाथ से चूची को लगभग नोचते हुए बड़ी बेदर्दी से भींच कर अन्दर डालने की कोशिश की तो मेरी बीवी की चीख निकल गई। पर मैं आपको पहले बता चुका हूँ कि उसको पीड़ा और चपत खाना पसंद है इसलिए वो इसका मज़ा ले रही थी।
फिर अचानक हुआ यह कि चूची तो अन्दर नहीं घुसी पर हुक टूटने से ब्रा उछल कर हाथ में आ गई और पीछे छोड़ गई दो उन्नत और नग्न उभारों को झूलते हुए !
मेरी बीवी ने अपना माथा पीट लिया और चिल्लाई- हो गया सत्यानाश नई ब्रा का !
दोस्त भी झेंप गया, बोला- भाभी नई ला दूँगा ! और इस बार बड़े नम्बर क़ी !
वो बोली- बदमाश कहीं के ! तुम्हारा मकसद पूरा हो गया मुझे पूरा नंगा करने का? अब मेहरबानी करके आगे का काम शुरू करो।
रात बहुत हो चुकी थी। शेविंग का सामान मैंने दोस्त को संभलवा दिया।
वो मेरी बीबी से बोला- आर यू रेडी?
उसने अपनी आदत के मुताबिक़ ही उसे जवाब भी पकड़ा दिया- पूरी नंगी तो बैठी हूँ ! और क्या तैयारी करनी है? लो संभालो इसे !
और ऐसा कहते हुए अपने कूल्हे ऐसे उठा कर ऊंचे किये कि उसकी चूत डॉक्टर के लगभग मुँह पर ही आ गई।
कहानी जारी रहेगी।
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