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मैंने कहा- अगर सभी को ठीक लगे तो इस राउंड में सभी लड़कियों की गांड में लंड डाले जाएँ? मुस्कान बोली- नहीं यार, दर्द होगा और मज़ा भी नहीं आयेगा. हमारे जोर देने पर मुस्कान तैयार हो गयी.
मेरे लंड को सीमा ने अपने मुंह में लेकर चुसना शुरू कर दिया ताकि वो खड़ा होकर गांड में जाने के लिए रेडी हो जाए. और अब तक सतीश और मोनू भी नीचे हमारे पास आ चुके थे।
मैंने मुस्कान को नीचे घोड़ी बनाने को कहा. मुस्कान घोड़ी बन गयी. परन्तु प्रियंका ने मुझे लेटने को कह दिया और बोली- जैसे मैं कहूँगी, वैसे करो. घोड़ी बन कर दर्द बहुत होगा यार!
तो मैं नीचे लेट गया और मुस्कान मेरे सर की तरफ़ पीठ करके मेरे लंड पर गांड रख कर बैठने लगी. मेरे लौड़े पर प्रियंका ने क्रीम लगा दी जिससे लौड़ा चिकना हो गया.
प्रियंका ने मुस्कान को कन्धों से पकड़ा हुआ था और वो उसे धीरे धीरे नीचे कर रही थी. सीमा नीचे मेरे लौड़े पर गांड में लंड डलवा कर बैठ रही मुस्कान की गांड को ध्यान से देख रही थी. और उसकी पीठ पर भी एक हाथ सीमा ने रखा हुआ था।
मुस्कान थोड़ा कसमसा ही रही थी जैसे उसे थोड़ा दर्द हो रहा हो. मैंने कहा- येस शाबाश, ऐसे ही यार … गुड!
तब तक मुस्कान की गांड में मेरा पूरा लंड जा चुका था. मैंने एक बार मुस्कान को थोड़ा ऊपर उठाया और फिर दुबारा उसे अपने लंड पर बिठा लिया जिससे मेरा लौड़ा अच्छे से दुबारा उसकी गांड में चला गया।
सीमा ने मोनू को इशारा किया और मोनू के लंड को भी अपने मुंह में लेकर चूसने लगी. थोड़ी देर चूसने के बाद उसने मुस्कान की आगे की और फूली हुई चूत को अपने हाथ से खोला और मोनू को वहां लंड डालने का इशारा किया.
तो मुस्कान डर गयी और मना करने लगी.
परन्तु हमारे विश्वास दिलाने से वो तैयार हो गयी. और मोनू ने धीरे धीरे बड़े प्यार से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया. अब मुस्कान की चूत और गांड दोनों में दो लौड़े थे. हम दोनों एक लय में मुस्कान की चूत और गांड चोद रहे थे जिससे मुस्कान को मज़ा आ रहा था.
मुस्कान के मुख से मजेदार सिसकारियाँ निकल रही थी- उफ्फ … उई अह्ह्ह्ह अ … हह अहह … सी … सी मज़ा आ रहा है! और वो बहुत जोर जोर से सिसक भी रही थी.
इधर हमारी चुदाई देख कर सतीश, सीमा और प्रियंका भी गर्म हो गये थे. मैंने इशारा किया और मेरा इशारा पाकर प्रियंका मेरे मुंह पर चूत रख कर बैठ गयी. मैं उसकी चूत को चूसने लगा जिससे प्रियंका को भी मज़ा आने लगा। इधर मुस्कान भी जोर जोर से सिसकार रही थी.
तभी मैंने मोनू को इशारा किया. मोनू मुस्कान की चूत में से लंड निकाल कर नीचे लेट गया.
मैंने मुस्कान को उठाया और मोनू के लंड पर बिठा दिया. जिससे मुस्कान की गांड में मोनू का लंड चला गया. मैंने खड़ा होकर मुस्कान की चूत में अपना लौड़ा डाल दिया.
इधर प्रियंका और सतीश बैड पर चले गये और वो आपस में चुदाई करने लगे।
मैं और मोनू दोनों बार-बार पोजीशन बदल कर मुस्कान को चोदने लगे। मुस्कान की गैंग बैंग चुदाई हो रही थी जिससे हम तीनों को बहुत मज़ा आ रहा था. मज़े की वजह से मुस्कान सिसकारियाँ निकालने लगी- उई आह्ह उह्ह … स्सिसि … सिस्सीसी चोदो तेज ऐसे ही आह्ह्ह … ह्ह्ह्ह उईईइ सीसी.. चु … द … ग..यी! मैं गयी अह्ह्ह!
मुस्कान की एक साथ गांड और चूत चुदाई से उसकी चूत से पानी छुट गया, मैंने ये देख कर उसे कहा- उफ्फ सा..ली मादरचोद … चुद गयी … तेरी … फुद्दी … कुतिया … साली तेरी … बहन की … चूत मादर … चोद … ले मेरा … लंड और … साली … चुद … अह्ह्ह्ह … ह सीई उफ!
मोनू भी उसकी गांड मारता हुआ बोला- उई ले चुद माद…र चोद अ.ह्ह्ह्ह.ह उ.फ्फ्फ्फ़ … माय फ़.क.ड रांड … साली.. कु.ति.या ..ये … ले … चुद … अ.ह्ह्ह.. ले … ते.री. … गां.ड … औ.र … चू.त … चोद … दी … ह.म .दो..नों. ने … चुदक्कड़. … कुति..या!
येह चुदाई करीब आधे घंटे तक चली. मुस्कान की चूत से निकल रहे पानी से मेरे टट्टे तक भीग गये. और इधर मैं और मोनू भी नज़दीक थे, हमने भी अपने अपने लंड उसकी चूत और गांड से निकाले, और मैंने अपना लंड मुस्कान के मुंह में दे दिया और वो उसे एक हाथ में लेकर अपनी जीभ को मेरे लंड के टोपे पर घुमा कर चूसने लगी.
तभी मोनू ने भी अपना लौड़ा उसके मुंह के पास कर दिया. उसने मेरा लौड़ा मुंह से निकाला और मोनू का लंड मुंह में ले लिया. हमारे पास हमें देख रही सीमा ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया.
वो मेरे पिंक टोपे पर जीभ फेर फेर कर, उसे जीभ से चाट चाट कर, लंड के छेद के ऊपर अपनी जीभ लगा कर, जीभ से अपने थूक की एक लार बना कर फिर छेद को जीभ से रगड़ने लगी. इससे मेरा लंड पिघलने के करीब पहुँच गया.
और जैसे ही सीमा ने मेरे लंड के छेद पर दुबारा जीभ रखी, तभी मेरे लंड ने वीर्य की पिचकारी सीमा की जीभ पर मारी और मेरे मुंह से भी एक मजेदार सिसकारी निकली- उफ फ्फ्फ़ … अह्ह … साली … ले … पी ले … मे..री … ज…वानी … … का रस … माय … डर्टी … डा.र्लिं..ग .कु.ति.या ,.. उफ़!
और सीमा का मुंह मेरे लंड रस से भर गया. सीमा ने तुरंत मेरा लौड़ा पूरा मुंह में ले लिया जैसे वो चाहती हो कि लंड रस का एक भी कतरा बाहर न गिर जाए. मैंने भी उसके सर को पकड़ कर अपने लंड पर दबा दिया ताकि अब मेरा लौड़ा उसके मुंह से बाहर न निकल जाए.
मेरा लंड एक के बाद एक पिचकारी उसके मुंह में छोड़ता गया और वो मेरा सारा रस पीती गयी. कुछ लंड रस उसके मुंह से बाहर भी आ गया. अब जैसे ही मेरा लंड खाली हुआ तभी उसने मेरा लौड़ा बाहर निकाला और सीधा बाथरूम की ओर भाग गयी।
मैंने देखा कि इधर मोनू ने अपने लौड़े का सारा रस मुस्कान के मुंह पर निकाल दिया था. शायद प्रियंका ने ही उसे ऐसा करने को कहा हो क्योंकि प्रियंका को लंड रस का फेशियल करवाना बहुत पसंद है. उसका कहना है कि ऐसा करने से चेहरे पर ग्लो आता है और चेहरा सुंदर दिखता है.
और उसने मोनू के लौड़े के रस को अपनी दो उँगलियों से चेहरे पर पूरी तरह से लगा दिया. लंड का कुछ रस उसके मम्मों पर भी टपक गया था, उसने वो भी अपने मम्मों पर रगड़ कर लगा लिया। जैसे ही हमारी चुदाई ख़त्म हुई, तब तक एक राउंड प्रियंका और सतीश का भी हो गया था।
हमारे लंड बुरी तरह झड़ चुके थे और हम सभी थक गये थे। हमने अपनी चुदाई के दो राउंड पूरे कर लिए थे.
हम सभी कुछ देर के लिए बैड पर आकर लेट गये. टाइम देखा तो अभी रात के 9:30 ही हो रहे थे. मतलब हमारे पास काफी टाइम था.
तो मैंने प्रियंका को कुछ खाने का इंतजाम करने को कहा. प्रियंका ने इण्टरकॉम पर कॉल करके चाय के साथ कुछ स्नेक्स आर्डर कर दिए.
हम सभी बड़े कम्बल में एक दूसरे को बांहों में लेकर लेट गये. इस टाइम मैंने मुस्कान को अपनी बांहों में जकड़ा हुआ था और मुस्कान ने भी मुझे अपनी बांहों में लपेटा हुआ था. मुस्कान के होंठ मैंने अपने होंठों में ले लिए थे. और मुस्कान के चूतड़ों की तरफ़ अपने चूतड़ लगा कर सीमा सतीश की बांहों लिपटी हुई थी.
हमारे पैरों की तरफ़ प्रियंका और मोनू भी आपस में किस करते हुए सुस्ताने लगे.
और हम ऐसे ही थोड़ी थोड़ी छेड़खानी करते हुए सुस्ता रहे थे. तभी बैल बजी. चाय स्नेक्स आ गये थे.
तभी प्रियंका ने ज़ल्दी से गाउन पहन कर डोर खोला और वेटर से ट्रे पकड़ कर वेटर को वहीं दरवाजे से ही वापिस भेज दिया।
प्रियंका और मुस्कान दोनों ने मिल कर सभी चाय स्नेक्स सर्व किये और हम सभी उठ कर चाय और स्नेक्स खाने लगे. साथ में हम बैठे बैठे बातें भी कर रहे थे.
और जैसे ही चाय ख़त्म हुई, हम भी सभी थोड़ा थोड़ा दुबारा चुदाई के मूड में आ रहे थे.
मैंने इस बार प्रियंका को उसकी बाजू से पकड़ कर अपने पास खींचा, बोला- साली इधर आ … तू ही रह गयी अब मेरे लंड से चुदने से! वो तुरंत बोली- मैं तो रोज़ आपसे ही ठुकती हूँ डियर, अब रेस्ट करो सभी!
मोनू कहने लगा- देख लो यार … रेस्ट करना है तो कर लो. वैसे टाइम अभी थोड़ा ही हुआ है, एक राउंड लगा लो.
मुस्कान भी अब तक पूरी खुल चुकी थी, वो बोली- हाँ, एक राउंड तो और होना चाहिए. अब तो मज़ा आने लगा है. मैंने कहा- अच्छा साली, तो बोल अब किस से ठुकना है? किससे मरवानी है तूने? वो तुरंत बोली- ये डिसीजन आप लोग लो, हमें तो बस मज़ा चाहिए.
मोनू बोला- फिर तुम मेरे पास जाओ इस बार बेबी! मैंने सीमा से कहा- साली देख ले, तेरा पार्टनर तो फ़िदा हो गया मुस्कान पर! कहीं वो न पटा ले इसे? सीमा तुरंत बोली- कोई बात नहीं, मैं आपको पटा लूंगी.
प्रियंका हमारी बातें सुन कर बोल उठी- अरे, इनको तुम झेल नहीं पाओगी, ये रोज़ तेरी गांड मारेंगे. मोनू बोला- ओये लगता है प्रियंका साली रोज़ गांड मरवाती होगी फिर तो!
ऐसे ही हम सभी बातें कर रहे थे कि मोनू और मुस्कान आपस में किस करने लगे.
मैंने प्रियंका को अपने पास खींच लिया और सतीश ने सीमा के साथ अपनी जोड़ी बना ली.
हम सभी एक दूसरे के अंगों को छू कर और चूस कर सभी एक दूसरे को गर्म करने में लगे थे।
कुछ ही देर में कमरे में फिर से मादक सिसकारियों का दौर शुरू हो चुका था और कामुकता अपने जोर शोर पर थी। तभी बीच में प्रियंका बोली- अरे आप तो कहते थे आप दोनों एक साथ सीमा को … कहती कहती वो रुक गयी.
तो मैंने सीमा की तरफ देखा और वो मुस्करा पड़ी. मैंने प्रियंका को कहा- ले फिर आज तुम्हें दिखा ही देते हैं साली कि सीमा एक साथ कैसे चुदती है.
तो मैंने सतीश को इशारा किया और सतीश अपना लौड़ा सीमा को चुसवाने की तैयारी कर रहा था. तो मैंने सीमा और प्रियंका को एक एक किस की और सीमा के पास चला गया.
मैंने सीमा को उल्टा किया और सतीश ने सीमा के मुंह में अपना लौड़ा डाल दिया. अब सीमा घोड़ी बन कर सतीश का लौड़ा चूस रही थी. मैं पूरी तरह से गर्म हो चुकी सीमा के पीछे गया और अपना लौड़ा उसकी गांड में ठोक दिया। मेरा लौड़ा अपनी गांड में महसूस करके सीमा ने जोर से सिसकी निकाली- आऊ आई उफ़! उसकी सिसकी सुन कर पास बैठी प्रियंका बोली- अब अपनी बार पता चला? मेरी बारी तो बहुत जोक मारती थी.
इससे सतीश भी बहुत उतेजित हो गया था, सतीश ने सीमा के मुंह से लौड़ा निकाला और उसके नीचे लेट गया. मैं कुछ देर के लिए रुका. मेरा लंड अब सीमा की गांड में पूरी तरह घुस चुका था.
सीमा ने सतीश का इशारा समझ लिया और और वो थोड़ा पीछे को हो गयी मेरा लंड सीमा की गांड के अंदर ही था. तभी सतीश का लंड सीमा ने अपने हाथ में पकड़ा और अपनी चूत पे रख कर बोली- अब यहाँ मज़ा ही मज़ा भर दो मेरे मर्दो!
कहानी जारी रहेगी. [email protected]
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