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मुख़तार
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। यह मेरी पहली कहानी जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ जिसे सुन कर झुके हुए लण्ड फिर से खड़े हो जायेंगे और लड़कियों की चूत से नमकीन सा पसीना बाहर आ जायेगा।
मैं 22 साल का नौजवान हूँ मेरा कद 5 फीट 6 इंच है और मेरा रंग हल्का सा सांवला है। रोज मैं जिम जाता हूँ जिसके कारण मेरा शरीर एक दम गठीला है। मेरा लौड़ा 7 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा है। मेरे पास वाले फ़्लैट में एक नया परिवार आया है उस परिवार में सिर्फ मियां और बीवी हैं । उनकी शादी अभी हाल ही में हुई है। मैंने अपने फ्लैट के पास इतना फाड़ू माल देखा तो मेरा लौड़ा खड़ा हो गया और मैं अब इस फ़िराक में रहने लगा कि कब मैं इसको चोद पाऊँगा।
मैंने धीरे धीरे शाहिद से दोस्ती बढ़ाई, मेरी उससे बहुत अच्छी पहचान हो गई। वो एक आर्किटेक्ट है और उसकी बीवी का नाम फ़रज़ाना है। मैंने फ़रज़ाना से भी दोस्ती कर ली, इस तरह से मैं उसके घर आने जाने लगा। मैं अकेला रहता था और शाहिद को काम के सिलसिले में 10-15 दिन बाहर ही रहना पड़ता था तो मैंने फ़रज़ाना से भी अच्छी दोस्ती बना ली।
मैं फ़रज़ाना से हंसी मजाक भी करने लगा, फ़रज़ाना बहुत ही अच्छी लड़की है। उसकी उम्र 20 साल से ज्यादा नहीं है और उसका बदन 34-28-36 का होगा, गोरा रंग और गुलाबी होंठ है। फ़रज़ाना बहुत ही सेक्सी लगती है, मैं कभी कभी उसे छू लेता हूँ तो वो बुरा नहीं मानती है।
एक बार फ़रज़ाना ने मुझे शाम को डिनर पर बुलाया, शाहिद 10 दिनो के लिए मुंबई गया था। मैं शाम को करीब 7:30 पर खाना खाने गया तो फ़रज़ाना खाना बना रही थी उसने सलवार और गाऊन पहन रखा था जिसमें उसकी ब्रा और पैंटी नजर आ रही थी। मैंने जिस दिन से उसे देखा था, उसे चोदने के लिया बेक़रार था।
उसने मुझसे बोला- मुख़्तार, अभी बैठो, करीब आधा घण्टा और लगेगा।
मैंने टीवी ऑन किया और मूवी देखने लगा। 25 मिनट तक मूवी देखने के बाद अब मुझे तेजी से भूख लग रही थी। मैंने देखा कि फ़रज़ान अभी तक खाना बना रही है।
फ़िर मैंने उससे पूछा- कोई मदद करूँ?
तो वो मुसकुराते हुए बोली- आज मुझे तुम्हारी मदद की ज्यादा जरुरत है।
फ़िर मैंने पूछा- क्या करना है?
तो मुस्कुराते हुए बोली- बता दूँगी। मैं समझ गया कि आज तो इसका चुदवाने का मन है।
थोड़ी देर के बाद वो खाना लेकर आई ओर बोली- मैं कपड़े बदल कर आती हूँ !
वो जालीदार गाऊन और सलवार पहन कर आई जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी जैसे कोई परी हो, उसके चूचे ब्रा फाड़कर बाहर आना चाहते थे।
हम दोनों ने खाना शुरू किया और खाते समय मैं उसके वक्ष को तिरछी निगाहों से देख रहा था, उसे भी पता था कि मैं उसके चूचे देख रहा हूँ।
वो थोड़ी से झुक गई तो उसके आधे स्तन दिखने लगे, वो मुस्कुराते हुए बोली- ऐसे क्या देख रहे हो?
तो मैं बोला- कुछ भी नहीं !
फिर वो बोली- मैं सब जानती हूँ !
और फ़िर मुस्कुराने लगी। हम दोनों ने खाना खाया और फ़िर मैं बोला- मैं अब घर जा रहा हूँ !
तो वो बोली- आज यहीं सो जाओ ! मुझे अकेले डर लगता है, आज शाहिद भी नहीं है, यहीं सो जाओ ना?
मैंने कहा- ठीक है ! लेकिन मैं कहाँ सोऊँगा?
तो वो बोली- तुम बेड पर सो जाओ।
मैं बोला- ठीक है !
हम दोनों 11 बजे तक मूवी देखते रहे और बातें करते रहे। फ़िर मुझे पता नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई और रात को जब मैं बाथरूम जाने के लिए उठा तो देखा कि फ़रज़ाना भी मेरे साथ ही सो गई है। यह देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया, मैंने सोचा कि आज तो इसे चोद कर ही रहूँगा।
मैं बथरूम से आने के बाद लेट गया और एक हाथ उसके वक्ष पर रख दिया। वो सो रही थी, मैं उसके चूचे सहलाने लगा। फ़िर भी वो नहीं जगी तो मैं उसकी जांघों को सहलाने लगा तो वो जग गई और उसने देख लिया।
मैं चुपचाप सोने का नाटक करने लगा तो वो कुछ नहीं बोली और फ़िर सो गई।
थोड़ी देर के बाद उसने मेरे लण्ड पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगी। मैं ऐसे ही लेटा रहा तो उसे लगा कि मैं सो गया हूँ।
अब मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और उसे अपने बाँहों में ले लिया ओर उसके गुलाबी होंठो को चूमने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी और थोड़ी देर के बाद वो बोली- मुझे तुमसे प्यार हो गया है। हम दोनों एक दूसरे को चूमते रहे और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। मैं सिर्फ अंडरवीयर में था। फ़िर मैंने भी उसे पूरी नंगी कर दिया। बल्ब की रोशनी में उसका गोरा बदन बिलकुल चाँद की तरह चमक रहा था। उसने मेरे लण्ड को हाथ में लेकर बोला- तुम्हार लण्ड तो बहुत मोटा-चौड़ा है, शाहिद का लण्ड तो तुम्हारे से आधा है, वो मुझे कभी भी संतुष्ट नहीं कर पाया। मुख़्तार, आज तुम मेरी प्यास बुझा दो !
उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और प्यार करने लगी। मैंने भी उसके दोनों चूचे पकड़ लिए, चूसने लगा और प्यार करने लगा। हम दोनों बिल्कुल मदहोश हुए जा रहे थे। उसके वक्ष का आकार 34 है। एक स्तन मेरे मुँह में था और एक मेरे हाथ में था।
वो मेरे लण्ड को सहला रही थी, करीब हम एक घंटे तक चूमा-चाटी करते रहे। उसने मेरा पूरा बदन चूमा। फ़िर मैंने भी उसके पूरे बदन को चूमा और मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसकी चूत को चूसने लगा। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था।
मैंने उसकी चूत को चूम-चूम कर गुलाबी कर दिया, वो बोलने लगी- प्लीज मुख़्तार ! जल्दी करो ! अब और नहीं रहा जाता।
फ़िर मैंने कहा- तुम भी एक बार मेरे लण्ड को पिओ !
तो वो बोली- मैंने कभी आज तक लण्ड मुँह में नहीं लिया है !
मैंने कहा- तो मेरा ले लो !
उत्तेजनावश उसने मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया। धीरे-2 उसे भी मज़ा आने लगा और वो तो पूरे जोश-ओ-खरोश से मेरे लण्ड चूसने-चाटने लगी।
थोड़ी देर के बाद मैंने अपना सारा माल उसके मुँह में निकाल दिया तो वो पूरा का पूरा माल पी गई और फ़िर मुस्कुराते हुए बोली- मुझे तुम्हारा माल बहुत ही अच्छा लगा।
कहानी जारी रहेगी…
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