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प्रेषक : संदीप शर्मा
मैंने जवाब दिया- चाची, आपको मैं आठ साल से प्यार करता हूँ, बस आपको भोगने का मन नहीं था, पर मैंने आपको प्यार किया है, वही निभा रहा हूँ।
चाची ने खाया और उठ कर बाल सुखाने लगी…
क्या गजब लग रही थी यार वो….
उस वक्त उनको देख कर मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और जब चाची बाल सुखा कर आई वो भी मेरे लण्ड को देख कर मेरे पास आकर मेरे गले लग गई और बड़े प्यार से बोली- बताओ ना ? क्या करूँ मैं तुम्हारे लिए ?
मैंने कहा- ठीक है, बताता हूँ !
चाची से मैंने कहा- जाओ जाकर पहले काले रंग की ब्रा और पैंटी पहन कर आ जाओ और अच्छा वाला परफ्यूम भी लगा लो..
चाची गांव में रहती जरूर थी लेकिन उनका परिवार शहर में रहा है और वो खुद भी शहर में रही हैं तो उनके पास यह सब था जो मैंने आठ साल पहले ही देख लिया था। इसलिए मैंने बड़े ही आदेशनुमा शब्दों के साथ कहा- जाओ, जाकर पहन कर आओ !
और चाची बिना कुछ सवाल किए सीधे कमरे में जाकर मेरे कहे अनुसार तैयार हो कर आ गई।
बोली- अब कहो, क्या करना है?
मैं पलट कर लेट गया, मैंने कहा- मेरी पीठ पर चूमना शुरू करो और हर चुम्बन के साथ चूसना भी !
चाची ने बिना कुछ सोचे समझे मुझे चूसना शुरू कर दिया। जैसे जैसे चाची मुझे चूसती जा रही थी, मेरी मस्ती बढ़ती जा रही थी। थोड़ी देर की बात थी, मेरा दिमाग मेरे काबू में नहीं रहा और मैंने पलट कर चाची को अपने ऊपर ले लिया, उनको चूमना शुरू कर दिया और धीरे से चाची को खिसका कर नीचे लिटाया और चाची से कहा- मेरा लण्ड निकालो और इसको पूरी मस्ती के साथ चूसो !
एक बार को तो चाची थोड़ा सा संकुचाई पर उसके बाद मेरी तरफ प्यार से देखा और सीधे मेरा अंडरवियर उतार कर मेरा लण्ड चूमना और चूसना शुरू कर दिया।
चाची चूसती रही और मैं मस्ती में चुसवाता रहा।
थोड़ी ही देर में मेरे लण्ड ने पानी छोड़ने की तैयारी कर ली, मैंने कहा- चाची, मैं छूटने वाला हूँ ! जो कहूँगा वो करोगी ना?
चाची बोली- राजा तुमसे वादा किया है, जान मांगोगे तो वो भी दे दूँगी लेकिन ना नहीं करूंगी।
मैंने कहा- ठीक है चाची ! आप घूम कर अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख लो और मेरे लण्ड को चूसो और तब तक चूसती रहना जब तक मेरे लण्ड से आखरी बूँद भी ना निकल जाए।
चाची ने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर बिना किसी झिझक के अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख दिया और मैंने चाची की पेंटी को बगल में हटा कर चूत को चूसना शुरू कर दिया। और चाची ने मेरे लण्ड को चूसना शुरू कर दिया।
इधर मैं छूटने की कगार पर था और चाची भी छूटने ही वाली हालात में आ गई।
चाची बोली- राजा, मैं अब टिक नहीं पाऊँगी !
तो मैंने चाची की चूत को चूसना बंद की और चाची ने मेरा लण्ड तेजी से चूसना शुरु कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि मैं बस छूटने की कगार पर आ गया, और उधर मैंने चाची की चूत को चूसना शुरू कर दिया और कुछ ही देर में हम दोनों ही एक दूसरे के मुँह में अपना अपना पानी छोड़ने लगे और चाची मेरे लण्ड को अपने वादे के मुताबिक़ तब तक चूसती रही जब तक उसमें से एक एक बूँद बाहर ना आ गई।
चाची की चुसाई ऐसी थी कि मैं पूरी तरह से पस्त हो चुका था, मैंने कई लड़कियों और औरतो को चोदा है, उनसे चुसवाया है लेकिन मैं कभी भी इसके पहले इस तरह से पस्त नहीं हुआ था।
जब चाची ने मुझे पूरा निचोड़ लिया तो मेरे बगल में आकर मुझे चूमा और बोली- बोलो रज्जा? और क्या करूँ?
मैंने कहा- चाची, थोड़ी देर बस मेरे पास ऐसे ही मेरी बाँहों में आ कर लेटी रहो ! फिर बताता हूँ क्या करना है।
इसके बाद क्या हुआ जानने के लिए अगली कड़ी का इन्तजार करें !
आप मुझे मेल करके बताएँ कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी…
संदीप शर्मा
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