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मौसी- बस अब तुम अपने कस्टमर सम्भालो ! मैं और सीमा एक कस्टमर की गोद में रहने वाली हैं पूरे दिन..
जूली- आज कस्टमर के दोनों हाथों में और मुँह में लड्डू है ! एक मौसी और एक सीमा ! साला हमारे हाथ नहीं आता !
मौसी- चलो अपने अपने धंधे पर ! अभी वो आ जाएगा !
इतने में एक छरहरे बदन वाला आदमी आता है, उसकी बाहें तनी हुई और छाती विशाल थी।
उसके आते ही मौसी- आओ राजा बाबू ! आज आपके लिए एक से भले दो रण्डियाँ तैयार हैं.. एक मैं और यह मेरी नई सहेली सीमा। उसको कुछ दिन के लिए रण्डियों जैसी जिंदगी जीनी है। है न बड़ी अजीब बात?
राजा बाबू- क्या नाम है तुम्हारा?
सुनीता- जी सीमा।
इतने में मौसी ने आँख मार कर इशारा किया तो सुनीता उसकी गोद में जा बैठी और झट से एक जोरदार किस दे दी और लौड़े को छू लिया।
राजा बाबू- मौसी, आज बड़ा गजब ढाने वाली है? साली मस्त है ! बिल्कुल गर्म कर दिया। चलो कमरे में चलते हैं ए सी चालू कर दो और 555 सिगरेट का पैकिट ले लो।
सुनीता- चलो मेरे राजा, सब तैयार है बस तुम्हारी कमी थी।
राजा बाबू ने सुनीता और मौसी के कमर पर हाथ डाल दिया दोनों को लेकर कमरे में पहुँच गया।
मौसी- राजा बाबू, इस साली को अपने लौड़े का पूरा पूरा मज़ा चखाओ ! बहुत आशिक है अलग अलग तरह के लौड़ों की। दिन में दस लौड़े लेने के लिए तैयार है और दो दिन दिल्ली में ही है मेरे पास।
राजा बाबू- अरे मेरी रानी, मेरे एक का लौड़ा ही काफी है तुम्हारे लिए। आओ, तुम्हारी गेंदें तो बड़ी बेकरार हैं हमारे हाथों में आने के लिए। मौसी तू साली बड़ी चालू चीज है, तेरे पास ऐसी बड़ी गेंदों वाली रण्डियाँ कैसे आती हैं? इस पूरे मोहल्ले में तेरे जैसी रण्डियाँ ही नहीं हैं। किसी की गाण्ड छोटी तो किसी की गेंद न के बराबर। इसकी तो गाण्ड भी बड़ी मस्त है।
इतना कह कर राजा ने सुनीता की चूचियाँ खुली देखने के लिए उसको पूरा नंगा होने को कहा।
सुनीता- अरे, यह काम तुम ही करो न?
राजा- ठीक है।
और उसने उसके मिनी स्कर्ट में हाथ डाल दिया और भोंसड़े को थपथपाया और एक ही झटके में सुनीता को ब्रेजियर और पैंटी में खड़ा किया और पीछे से मुआइना किया।
राजा- मौसी, तू भी नंगी हो जा ! क्या राह देखती है? आज एक साथ दो गाण्ड, दो भोंसड़े और 4 गेंदों का और दो मुँह का मज़ा लेना है।
मौसी- क्यों तुम मुझे नंगी नहीं करोगे? यह तो तुम्हारा काम और हक़ है.. मैंने भी 3 दिन से एक भी लौड़ा नहीं लिया, तुम्हारी राह देख रही थी।
राजा ने दोनों को नंगी कर दिया और दोनों के बगल में हाथ डालकर दोनों की चूचियों से खेलने लगा। दोनों की निप्पलें उसके स्पर्श से एकदम अंगूर के दाने जैसे कड़क हो गई। राजा बाबू को यह समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ और किसके साथ शुरू करूँ।
सुनीता- राजा बाबू, क्या नया माल नहीं पहले चखोगे? देखो, यह भोसड़ा कैसे प्यासा है?
इतना कहकर सुनीता ने अपनी एक टांग राजा की जांघ पर रख दी और अपने हाथों से भोसड़ा साफ़ करके राजा बाबू के मुँह के पास ले गई।
राजा उसको फटाफट चाटने लगा। इधर मौसी ने राजा के पूरे कपड़े निकाल दिए, उसका लौड़ा मुँह में ले लिया और चाट चाट कर कड़क लोहे के डंडे जैसा कर दिया।
मौसी- उ हु उह ! राजा, क्या स्वादिष्ट लौड़ा लग रहा है ! बहुत दिन बाद आया मेरे मुँह में ! राजा बाबू अब सुनीता के भोसड़े को छोड़ो और उसे भी तुम्हारा लौड़ा चूसने दो।
थोड़ी देर बाद सुनीता ने लौड़ा चाट लिया, अपनी गेंदें राजा के मुँह में दे दी और राजा को पलंग पर लेटने कहा। इतना तेज ए सी चलने के बावजूद तीनों के तीन पसीने से लथपथ हो रहे थे और पूरी तरह सेक्स के महासागर में तैर रहे थे..
राजा अंगूर की खेती के मज़े लेने लगा और मौसी ने नीचे होकर कभी सुनीता के भोसड़े और कभी राजा के लौड़े को मुँह में लिया.. अब सुनीता गरम हो गई।
सुनीता- राजा बाबू, भड़वे साले ! चूस मेरे गोलों को और कल्पना साली रांड आज छोड़ना मत इस भोसड़े को, जब तक राजा बाबू मेरा रस नहीं चूस लेते तू मुँह से चोद डाल !
राजा- क्या मौसी का नाम कल्पना है? मुझे क्यों नहीं बताया?
मौसी- क्या रे भड़वे? मेरे से शादी करने वाला था क्या? मुझे रण्डी बने रहना ठीक लगता है। साला रोज मर्द के लिए खाना पकाओ और मर्द के साथ सोकर बच्चे पैदा करो, बड़े करो और फिर अपने भोसड़े की भूख मिटाने के लिए नए लौड़े नहीं ले सकती। यहाँ तो हर मर्द मेरे भोसड़े का प्यासा है। मैंने अगर होटल का धंधा किया होता तो इतना नहीं कमाती और सीमा, नीला, सुशी, जूली जैसी रण्डियों को सहारा नहीं मिलता।
राजा- मौसी, साला सारा मज़ा किर-किर कर दिया। कोई सेक्सी गाना लगाओ और तुम दोनों नाचो।
गाना बजने लगता है और सुनीता और मौसी ने सेक्सी लटके झटके लेने शुरू किये।
थोड़ी देर बाद राजा भी नंगा हो नाचने लगा। नाचते वक्त मौसी और सुनीता की गेंदें और राजा के लौड़े को मचला उठती थी।मौसी ने नाच-नाच में राजा को इशारा किया और उसने सुनीता को घोड़ी बनने कहा और पीछे से कुत्ते के जैसे चोदने लगा।
सुनीता- राजा बाबू चोदो ! मुझे बहुत अच्छा लगता है। बहुत दिनों बाद कोई आशिक लौड़ा मिला।
राजा ने सुनीता की दोनों गेंदों को पकड़ते हुए चोदना चालू किया। सुनीता सिसकने लगी और चाहती थी कि राजा उसकी चूत में अपना पूरा पानी छोड़ दे।
पर मौसी ने इशारा किया और कहा- क्या राजा बाबू ! हमारी गाण्ड मारने में आपको मज़ा आता है और इसकी गाण्ड तो अछूती है !
सुनीता- कल्पना, नहीं ! मैं गाण्ड नहीं मरवाऊँगी ! मैंने यह कभी नहीं किया।
मौसी- चुप साली राण्ड ! राजा बाबू ने सबके लिए पैसे गिने हैं गाण्ड तो तुझे मरवानी ही होगी। तेरे राजू ने यहाँ सबकी मतलब जाहिदा, सुशी, नीला रानी की गाण्ड मारी है, सिर्फ एक जूली बची है इसलिए कि वो पान वाले के यहाँ खड़ा रहता है और इनकी दलाली करता है और बदले में उनको मुफ्त में चोदता है। यहाँ तो राजा बाबू पैसे दे रहे हैं।
राजा बाबू ! राह मत देखो और इसकी गाण्ड में और अपने लौड़े पर क्रीम लगाओ और चोद डालो साली राण्ड की गाण्ड को। बहुत हिलाती है और कस्टमरो को बेताब करती है..
राजा ने लौड़े पे क्रीम लगाई और दो उंगली से सुनीता की गाण्ड में क्रीम लगा दी और धीरे से डाल दिया अपना लोहे जैसा लौड़ा।
सुनीता- मर गई रे ! राजा क्या किया तूने?
पढ़ते रहिए ! कहानी जारी रहेगी ! [email protected] 2005
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