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चुदाई का शौक-1 चुदाई का शौक-2
सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! कुछ पिछला बताते हुए मैं आगे लिख रही हूँ!
आधा घंटा उसने मुझे जम कर पेला, फिर शांत हुए, नशा उतर गया, बोला- तुमने मुझे इतना मस्त गिफ्ट दे दिया! माधुरी नहीं देती? सच बताऊँ? उसे मत कहना! उसमें अब कुछ नहीं बचा! ना जाने कितनो से किया है उसने! तुम भी नहीं जानती! छोड़ उसको! खाना खाया, कपड़े दुरुस्त किये, घर लौट आई। मुझे चुदाई का चस्का लग गया, मेरा ध्यान अब लड़कों में रहता, सोचती इसका कैसा होगा? वैसा होगा? फिर मेरा आवा तब उता जब मुझे घर में लौड़ा मिलने लगा।
मुझे जब पता चल गया कि लिखारी शादी शुदा है और उसके दो बेटे हैं, लेकिन फिर भी ऐश परस्ती के लिए उसके साथ महंगे होटल में जाती, उसको अपनी पत्नी को तलाक देने के लिए दबाव बनाने लगी, वो मेरे हाथों में आता भी दिखा। उन दिनों उसके माँ पापा देश से बाहर थे तब मुझे लगा शायद में इस घर की रानी बन सकती हूँ, अपनी पत्नी के सामने ही मुझे घर ले जाता।
एक दिन मेरी माँ ने बताया कि ऊपर वाला पोर्शन जो खाली पड़ा है किराए पर दिया जा रहा है।
अगले ही दिन एक परिवार अपना सामान लेकर आया, वो एयर फ़ोर्स में था, उसके साथ उसकी बीवी और एक बेटी थी और पत्नी दुबारा पेट से थी। वो बहुत खूबसूरत था पर उसकी बीवी सुंदर नहीं थी, बंगालन थी, वो वहाँ समस्तीपुर के रहने वाले थे, उनकी बदली यहाँ हुई थी, उसका नाम था पुरुषोत्तम और उसकी बीवी का नाम था आनन्दया, बेटी का नाम था चारु! वो अपने बाप पर थी, गोली मोली सी कयूट।
हमारे परिवार से जल्दी वो घुल मिल से गए, माँ भी, मैं भी, चारु को प्यार करते, उसको गोद में उठाते।
मैं पुरुषोत्तम पर मरने लगी थी, जिस दिन उसको नहाते हुए देखा मेरे अंदर उसके लिए सोच अलग हो गई। उसकी ड्यूटी कभी रात को, कभी दिन में, उधर राहुल ने मुझे चोदना नहीं छोड़ा था लेकिन मेरा तो दिल किसी और पर था, मैं खुलकर मैदान में उतर आई, उसको देख मुस्कुराना, जब धूप सेकने छत पर जाती तो कभी चुन्नी नहीं लेती। वो भी कुछ कुछ समझ गया था।
एक महीना ऐसे निकल गया, आग बराबर लगी थी, मौका नहीं था, मेरी तरफ से परेशानी कोई नहीं थी, दिन में घर में मैं लगभग अकेली रहती थी, जब उसकी पत्नी का महीना बाकी था तो वो उसको लेकर समस्तीपुर चला गया उसको छोड़ने और एक हफ्ते में वापस लौट आया।
उसने अपना खाना बाहर बांध लिया था, डिब्बा आता था।
एक दिन सुबह सभी घर से बाहर थे, डिब्बे वाला आया तो मैंने उससे डिब्बा ले लिया। मैंने पतली सी गुलाबी टॉप के नीचे हाफ कप ब्रा पहनी, नीचे लोअर!
मुख्य दरवाज़े को कुंडा लगाया और लॉबी वाले को हल्की कुण्डी लगा दी और डिब्बा लेकर ऊपर चली गई। मैंने देखा कि दरवाज़ा आधा बंद था, वो उल्टा सोया हुआ था, उसने सिर्फ बनयान और अंडरवीयर पहना था, मैंने आवाज़ नहीं दी, मैं सोच चुकी थी कि आज मौका जाया नहीं होने देना!
मैं धीरे धीरे कदम बढ़ाने लगी, उसके पाँव की तरफ बैठ गई, मैंने उनके घुटने पर हाथ रख हिलाया, वो एक दम हड़बड़ा कर उठे- तुम यहाँ?
मैंने नशीली कातिल निगाहों से देखा और बोली- क्या आ नहीं सकती मैं? आपका डिब्बा आया था, उसने काफी गेट खटकाया था, मैं लेकर आ गई।
मैं बेशरमी ही सीमा कूद कर वहाँ तक आई थी। आ सकती हो! क्यूँ नहीं आ सकती! वो जहाँ लेटे थे, थोड़ पीछे सरक कर बोले- बैठो बैठो!
मैंने उसके सर के पास बैठते हुए हाथ उनकी छाती पर रख दिया- आज मैं आपके लिए चाय बनाऊँगी! ओह, कोई ख़ास वजह? मैं थोड़ा झुकी, उनकी नज़र मेरे हिल-स्टेशन पर थी। तुम जैसी खूबसूरत लड़की को कौन पास नहीं बिठाएगा? अच्छा जी? और क्या!
मैं खुल कर मैदान में आने के लिए उनकी छाती के बालों में हाथ फेरने लगी, मेरा दूसरा हाथ उनकी जांघों के बीच में था, मैंने कहा- आपके सिर्फ इसमें सोते हो?
हाँ, ऐसे मुझे अच्छी नींद आती है!
मैंने लाज शर्म उतार दी, उनके साथ कंबल में घुस गई और उनके लौड़े को पकड़ लिया। वो पहले ही काफी खड़ा था, वो बोले- तू जानती है कि मेरी शादी हुई है, एक बेटी भी! फिर तुम आगे बढ़ने लगी हो?
जानती हूँ, कुछ छुपा नहीं है, लेकिन मैं आप पर मरने लगी हूँ! आपको देख मेरा बदन तरंगें लेने लगता है, आपके अंदर का मर्द मुझे खींच रहा है! दूसरी शादी कर लो मेरे साथ! मैं उसके साथ बहुत प्यार से रहूंगी!
बकवास बंद कर साली! चलो, मुझे अपनी रखैल समझो! उनके लौड़े पर गुलाबी होंठ लगते हुए बोली- यह नहीं जीने देता मुझे!
पहले अपने होंठों पर उनके लौड़े को रगड़ा और फिर धीरे से उसका मुँह में डाल लिया। वाह मेरी जान! तू तो पक्की चुदक्क्ड़ लगती है? हाय मेरे राजा! एक बार इस हुस्न को चख लो, दीवाने न बन गए तो मेरी जवानी पर थू होगी! इतना इतराती है? क्या करूँ? जब प्यासी हूँ तो! नहीं रह पाती इस कमीने के बिना! तो फिर क्या करूँ जी?
ओये होए! पति के लिए कुछ बचा ले साली! प्यार करो मुझे! देखो मुझे! खो जाओ मेरे अंदर! हासिल कर लो मुझे! अपनी बीवी को भूल न गए तो यवनिका की चूत पर थूक देना! आये हाय! चल साली???
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