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प्रेषक : मनीष जैन (रुबीन ग्रीन) दोस्तो, आपने मेरी कहानी पढ़ी और आपके लगभग 1100 पत्र प्राप्त हुए, जिनके लिए सर्वप्रथम मैं गुरू जी का धन्यवाद दूंगा जिन्होंने मेरी कहानी प्रकाशित की। एवम् सभी पाठकों का जिन्हें यह कहानी काफी अच्छी लगी और मुझे आगे की कहानी भेजने को प्रेरित किया।
मेरी पिछ्ली कहानियों में आपने पढ़ा कि मैंने कैसे रिम्पी की चुदाई की और जिसे देख कर रिम्पी की मम्मी अनीता भी चुदवाने को तैयार हो गई।
अगले दिन सुबह जब रिम्पी स्कूल और उसके पापा काम पर चले गये और घर सन्नाटा हो गया तब मैंने अनीता के फ्लैट पर पहुँच कर घण्टी बजाई।
अदंर से आवाज़ आई- कौन है?
मेरे जवाब देने पर उसने दरवाजा खोला और मैं अदंर चला गया। वो दरवाजा बंद कर बोली- अभी क्यों आये हो? किसी ने देख लिया तो?
मैं बोला- किसी ने नहीं देखा है।
और मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और हाथ आगे कर उसकी छातियों को मसलने लगा, उसकी चूचियाँ एकदम कड़ी थी।
वो अपने को छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली- देखो, कोई आ जायेगा !
पर मैंने उसे नहीं छोड़ा और अपना लण्ड जो उसको छूने और गाण्ड में रगड़ने से खड़ा हो गया था, उसकी गाण्ड में रगड़ने लगा और बोला- आज मैं आपको नहीं छोड़ूँगा, मैं कब से तुम्हें सपनों में चोदता रहा हूँ, आज मौका मिला है तो तुम छोड़ने को बोल रही हो !
और कसकर उसकी चूचियों को मसलने लगा।
तब वो अपने को ढीला छोड़ते हुए बोली- मैं भी तड़प रही हूँ, पर मजबूरी है, तीन दिन मैं नहीं चुदवा सकती।
मैं समझ गया, पर बोला- अगर चुदवा नहीं सकती तो मेरी तड़प कैसे शाँत होगी।
तड़प तो मैं भी रही हूँ ! उसने बोला और मेरा लण्ड पकड़ लिया।
तब मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और उसके ब्लाउज को खोलने लगा। वह मना करने लगी पर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और उसे ऊपर से नंगी कर उसकी चूचियों को चूसने लगा।
इधर वो मेरे लण्ड को मसल रही थी और मैं उसकी चूचियों को चूसते हुए उसकी गाण्ड को मसल रहा था।
पाँच मिनट के बाद वो खुद को छुड़ाते हुए बोली- अभी तुम जाओ, तीन दिन बाद रिम्पी के पापा बाहर जाने वाले हैं और मैं भी फ्री हो जाऊँगी, तब हम ये करेंगे।
तब मैंने कहा- जब तक मेरा माल नहीं निकालोगी, मैं नहीं जाने वाला।
तब वो नाराज होते हुए बोली- ठीक है !
और उसने खिड़की से झाँककर बाहर देखा और फिर मुझे खींचकर अपने बेड पर लेजा कर गिरा दिया और मेरे पैन्ट को खोल कर मेरे लण्ड को मसलने लगी। तब मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी चूचियों के लिये मेरे मन में जो इच्छा थी उसे पूरा करने लगा।
मैं उसकी दोनों चूचियों को आपस में सटाकर बीच में अपना लण्ड डाल चूचियों की चुदाई करने लगा।
शुरु में वो नाराज हुई, फिर मज़ा लेने लगी।
करीब 15 मिनट तक उसकी चूचियों की चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी चूचियों और चेहरे पर बरसा दिया।
तब उसने बिगड़ते हुए कहा- यह क्या किया, मुझे गंदा कर दिया !
तब मैंने मुस्कराते हुए चूचियों को चूम लिया और बोला- क्या हुआ? वैसे भी आप अभी नहाने जा रही थी।
वो हंस दी और मेरे लण्ड को मसलते हुए कहा- तुम बहुत बदमाश हो और बहुत परेशान करते हो। अब तो तुम्हें आराम मिल गया ना ? अब तुम जाओ, मुझे नहाना है।
मैंने कहा- अभी आपने मेरी बदमाशी देखी कहाँ है, मौका मिलने दो, इतनी बदमाशी करूँगा कि बाकी सभी बदमाशियाँ भूल जाओगी।
वो उठती हुए बोली- अब तुम जाओ।
मैं बोला- जाता हूँ, पर तुम पहले बाहर देख तो लो कि कोई है तो नहीँ?
और मैं बाथरूम में घुस गया।
वो बाहर देख बोली- जाओ, कोई नहीं है।
तब मैं एक बार फिर से उसकी चूचियों को मसलते हुए बाहर निकल गया।
एक दिन बाद सुबह सात बजे मेरे घर की घण्टी बजी, जब दरवाजा खोला तो अंकल थे, वो 1000 का नोट लिये थे, बोले- इसका चिल्लर दे दो ! मैंने बोला- नहीं है !
और वे चले गए।
उनके जाने के बाद अनीता आई, बोली- 200 रुपए उधार दे दो, बाद में लौटा दूँगी।
तब मैंने उसे अंदर बुलाया और 200 पकड़ाते हुए उसकी छाती को मसल दिया। तब वो खुद को छुड़ाते हुए बोली- तुम्हारे अंकल अभी बाहर जा रहे हैं, तुम इनके पीछे स्टेशन जाकर देख लेना कि ये गये या नहीं ! फिर 11 बजे मैं आती हूँ।
मैं स्टेशन गया और उनकी ट्रेन जाने के बाद घर लौटा, देखा, वो दरवाजे पर इंतजार कर रही है।
मैंने सिर हिला कर इशारा कर दिया तो वो मुस्कुरा दी और मेरे पास आकर बोली- अभी बच्चे स्कूल चले जायेंगे, तब मैं 11 बजे आऊँगी।
और मेरे लण्ड को मसलकर चली गई।
मैं फटाफट तैयार हो गया और अपने कमरे को सेंट छिड़क कर तैयार कर दिया।
करीब 11 बजे वो अपने घर से निकल इधर-उधर देखते हुए मेरे घर में घुस गई, मैंने फटाफट दरवाजा बंद कर लिया। ज़ैसे ही वो अंदर आई, मैंने उसे जकड़ लिया और उसकी चूचियों को मसलते हुए बिस्तर पर गिरा दिया और उसकी साड़ी को खोल दिया।
5 मिनट के अंदर ही हम दोनों बिस्तर पर पूरी तरह से नंगे एक दूसरे से लिपटे हुए 69 की स्थिति में थे।
मैं उसकी चूत जिसे उसने आज ही साफ किया था, बुरी तरह अपनी जीभ से रगड़ रहा था और वो मेरे लण्ड को आइसक्रीम की तरह चाटे जा रही थी। जहाँ रिम्पी लण्ड को मुँह में लेने से मना करती थी, उसकी मम्मी अराम से आइसक्रीम चाट रही थी। मेरे द्वारा उसकी चूत 2 मिनट चाटने के अंदर ही वो पहली बार झर गई।
उसके बाद वो अलग होते हुए बोली- आज मैं शादी के बाद पहली बार झरी हूँ।
और फिर से लिपट गई और बोली- अब मुझे चोद डालो !
और अपने हाथ से मेरे लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी। मैं भी पूरी तरह गर्म था, इसलिये एक ही झटके में अपना आधा लण्ड घुसा दिया।
वो चिल्ला उठी और बोली- जरा धीरे ! मेरी चूत पिछ्ले 5 साल के बाद चुद रही है, इसलिए आराम से घुसाओ, सारा दिन मैं तुम्हारे पास हूँ।
करीब एक मिनट के बाद मैंने एक धक्का जोर से मारा और अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया।
और फिर आधे घंटे तक ऐसा तूफान आया कि मैं बुरी तरह थक गया।
और उस दिन 4 घंटों में हमने तीन बार चुदाई की, और हर बार वो मुझ पर भारी पड़ी।
पर यह हुआ कि वो मेरी दीवानी हो गई।
तब मेरे पूछने पर अनीता ने बताया- रिम्पी मेरी सौतेली बेटी है, मेरी उम्र मात्र 32 साल है और तुम्हारे अंकल की उम्र 49 साल है, इसी कारण से कभी भी मुझे शारीरिक सुख नहीं मिला। तुम पहले आदमी हो जिसने मुझे संतुष्टि दी है।
उसके बाद अकसर जब भी हमें मौका मिलता, हम चुदाई किया करते थे।
मैंने उसके हर छेद की चुदाई की। पर मुझे जब भी मौका मिलता, रिम्पी की भी चुदाई करता रहता था। पर वो हर दिन चुदाई चाहती थी जिसमें हमारे पकड़े जाने का डर था। इसलिये मैंने सोचा कि अगर रिम्पी मुझे और अनीता को चुदाई करते हुए देख ले तब अनीता मुझे और रिम्पी को चुदाई से नहीं रोक पाएगी।
इसलिए मैंने रिम्पी को बोला- अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी मम्मी को फंसाने की कोशिश करूं? अगर वो फंस गई तो फिर वो हमें मिलने से नहीं रोक सकती।
रिम्पी इसके लिये तैयार हो गई। और मेरी योजना के अनुसार एक दिन मैं और अनीता जब चुदाई कर रहे थे तब रिम्पी ने हमें पकड़ लिया और अनीता से बोली- मैं पापा को बता दूंगी।
और तब मैंने दोनों को समझाया। और उसके बाद अब मैं आराम से दोनों को चोदता हूँ, जब रिम्पी को चोदता हूँ तो अनीता रखवाली करती और अनिता को चोदते समय रिम्पी।
अब मैं दोनों को एक साथ चुदवाने को तैयार करने की कोशिश कर रहा था कि एक दिन रिम्पी ने कहा- अब हमें चुदाई में परेशानी होगी।
पूछने पर बताया कि अनीता की छोटी बहन विनीता जो सिर्फ 19 साल की है, और एक महीने पहले ही शादी हुई है उनके साथ रहने आ रही है।
5 दिनों के बाद विनीता आ गई। उसका पति उसे यहाँ छोड़ विदेश कमाने चला गया।
अब हमारी चुदाई होने में काफी परेशानी हो रही थी क्योंकि विनीता हर समय घर पर ही रह्ती थी।
आगे की सच्ची घटना अगली कड़ी में बताऊँगा कि कैसे मैंने विनीता को चोदा और कैसे अनीता और रिम्पी को एक साथ चोदा।
मैं आगे की घटना तभी लिखूँगा जब आप सभी की प्रतिक्रिया मिलेगी। धन्यवाद। मनीष जैन [email protected]
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