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मैं- राजू यहीं बैठो हमारे साथ! और एकदम निश्चिंत होकर तुम भी मज़े लो यार।
राजू चुप रहा, मैं उसके सामने ही उसकी बीबी को चोदने वाला जो था। नीलम रानी, जरा कैबरे डांस करके एक एक कपड़ा उतार कर अपनी जवानी हमें भी दिखा दो। काफी देर से तड़फा रही हो! मैंने एक सेक्सी गाना लगाया और कहा- नीलम, शुरु हो जाओ।
नीलम ने डांस चालू किया पर कपड़े नहीं उतारे। मैंने राजू को कहा- राजू, अब तुम नीलम का टॉप निकालो और मेरी तरफ फेंको! अभी इसकी शर्म ख़त्म नहीं हुई है।
राजू उठा और नीलम के पास जाकर उसका टॉप निकला और मेरी तरफ फेंक दिया। मैं उसके टॉप को चूमने लगा। उसके शरीर की नशीली सुगंध उसके टॉप से आ रही थी। फिर मैंने राजू को नीलम की कैपरी उतारने को कहा और उसको भी सूंघ कर नीलम से कहा- जियो मेरी नीलम जान! मज़ा आ गया!
मुझे अचानक एक फिल्म का सीन याद आ गया। नीलम सिर्फ ब्रा और चड्डी में थी, मैंने राजू को कहा- अब तुम बैठ जाओ। नीलम, तुम अपने दोनों हाथ ऊपर उठा कर पूरे हॉल का एक चक्कर लगाओ।
जैसे ही नीलम मेरे पास आई और आगे बढ़ी मैंने पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी ब्रा को हाथ में लेकर सूंघने और चूमने लगा। फिर मैंने ब्रा राजू की तरफ फेंक दी और कहा- सूंघो और चूम कर देखो। आज तक तुमने कभी अपनी बीबी की ब्रा नहीं सूंघी और चूमी होगी। बोलो- चूमी है क्या?
राजू ने नहीं में गर्दन हिलाई। नीलम वहीं खड़ी थी और मुझ से रुका नहीं गया। मैंने उसकी चड्डी में हाथ डाल कर उसकी चूत को सहलाया और एक झटके में चड्डी नीचे खींच कर निकाल दी।
अब नीलम पूरी नंगी हो गई थी। वाह! क्या बला की खूबसूरत संगमरमर की मूर्ति है। उसके पूरे शरीर पर बाल नहीं थे और चूत पर बालों का बड़ा सा गुच्छा बड़ा मादक लग रहा था।
नीलम की पूरी काया एक दम गोरी रुई की तरह मुलायम, हाथ लगाओ तो मैली हो जाये।
मैंने राजू से कहा- तुम इसकी चूचियों पर व्हिस्की डालो और मैं पिऊँगा।
राजू मरता क्या न करता! एक चम्मच से व्हिस्की डाल रहा था और मैं पी रहा था। और धीरे धीरे उसकी चूचियों को चूस रहा था। जरा जोर से चूची पर दांत लगाने से नीलम कसमसा पड़ी, बोली- प्लीज! धीरे धीरे कीजिये न! दर्द हो रहा है।
मैंने पूछा- कहाँ दर्द हो रहा है? वो चुप रही।
मैंने फिर उसकी चूची को काटा और कहा- भोंसड़ी की! जब तक नहीं बोलोगी, काटता रहूँगा। नीलम बोली- मेरी चूची में आपके काटने से दर्द हो रहा है।
फिर नीलम की चूत पर व्हिस्की डालने को कहा।
अब राजू चम्मच से व्हिस्की नीलम की चूत में डाल रहा था और मैं उसकी चूत के पानी के साथ मिली हुई व्हिस्की का आनंद ले रहा था। दोस्तों कभी आजमा कर देखना एक दम सोमरस जैसा मज़ा आएगा।
और मैंने उसकी चूत के पट को भी मुँह में ले कर चूसते चूसते काट लिया।
नीलम फिर बोली- दर्द हो रहा है।
मैंने पूछा- कहाँ? और जब तक नहीं बोलोगी काटता रहूँगा, खा जाऊँगा तेरी माँ की चूत को!नीलम बोली- मेरी चूत में दर्द हो रहा है! प्लीज, धीरे धीरे चाट लो!
मैं जानबूझ कर उसकी शर्म ख़त्म करने के लिए उससे चूत, चूची लंड सब बुलवा रहा था।
हाँ! मैं एक बात बताना भूल गया कि मेरे फार्म हाउस में हर जगह मैंने छुपे कैमरे लगा रखे थे। मैं बाद में एडिट करके लड़कियों की ब्लू फिल्म दिखा कर कई बार चोदने के लिए बुला सकता था।
मैं बोला- राजू, अब तुम इसकी चूत चाटो! राजू नीलम की चूत चाटने लगा।
मैं बोला- यह तो बड़ी नाइंसाफी है, एक लड़की पूरी नंगी है और दो मर्दों ने अभी तक अपने कपड़े नहीं निकाले हैं। नीलम बेचारी को शर्म तो आएगी ही न! नीलम तुम मेरे पास आओ और मेरे कपड़े निकालो। लेकिन नीलम खड़ी रही।
मैंने गुस्से से कहा- मादरचोद! ऐसे नखरे चोद रही है जैसे आज तक किसी मर्द को नंगा नहीं किया हो? क्यों बे राजू, तूने आज तक नीलम को चोदा नहीं है क्या? क्या यह शादी के बाद भी सीलबन्द माल है? बहनचोद! चल निकाल मेरे कपडे!
और वो मेरे गुस्से से डर गई और मेरे पास आ कर मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरी पैंट उतार कर रुक गई।
मैं चिल्लाया- तेरी गांड में कुत्ते का डालूँ साली! मेरी चड्डी क्या तेरी बहन आकर निकालेगी? हाँ, याद आया! नीलम, तेरी एक कुंवारी बहन भी है ना? बड़ी जोर की कड़क माल है। क्यों बे राजू, क्या नाम है तेरी साली का?
राजू बोला- उसका नाम मंजू है, लेकिन उससे क्या लेना देना?
मैं बोला- अच्छा जी! अकेले-अकेले साली को चोदेगा? चलो मंजू को बाद में चोदेंगे, आज तो नीलम की चूत मज़ा लें! नीलम, चलो अच्छी बच्ची की तरह मेरी चड्डी निकालो!
नीलम ने मेरी चड्डी निकाली। मेरा 10 इंच का पूरा खड़ा कड़क लंड देख कर नीलम के मुँह से चीख निकल गई। क्या हुआ नीलम रानी? डर गई क्या? चल अब राजू के भी कपड़े निकाल!
राजू जब नंगा हुआ तो देखा उसका लंड बड़ा छोटा सा था, इसीलिए नीलम ने जब मेरा लंड देखा तो चीख पड़ी। क्या नीलम! इतने छोटे लंड से तुझे क्या मज़ा मिलता होगा?
और मैंने नीलम के बाल कस कर पकड़ कर खींचे, उसका मुँह खुला और मैंने उसके मुँह में लंड घुसेड़ दिया और उसके मुँह को चोदने लगा। नीलम जरा तुम भी साथ दो और अपने मुँह से लंड चूसो!
नीलम धीरे धीरे मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूचियों को मसलने लगा।
काट साली लंड को! धीरे धीरे काट और मज़े से लंड चूस! आज तुझे असली लंड से चुदाई का मज़ा मिलेगा! आज के बाद तू खुद भागी-भागी आएगी, अशोक जी मुझे चोदो! और अब तू मस्ती में आ जा मज़ा ले और मज़ा दे!
नीलम, और जल्दी आगे पीछे कर के चूस लौड़े को! सुपारे की खाल को अपने मुँह से आगे पीछे करके चूस और अब गोलियाँ भी मुँह में ले ले! ये गोलियाँ बेचारी न चूत और न गांड का मज़ा ले सकती हैं कम से कम इनको मुँह में लेकर तो चूस नीलम!
आह चूस! और चूस! बस मेरा निकलने वाला है!
और मैंने पूरा लंड उसके गले तक घुसेड़ दिया और अपने रस की पिचकारी नीलम के मुँह में छोड़ दी और जब तक नीलम ने पूरा रस पी नहीं लिया मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला। फिर लंड बाहर निकाल कर नीलम को कहा- अब जीभ से मेरे पूरे लंड को साफ कर!
और उसने लंड पर लगे वीर्य-रस को चाटा।
फिर मैं सोफे पर बैठ गया और नीलम को अपनी गोद में बिठाया। गोद में बिठा कर उसको खूब प्यार किया, राजू को बोला- जाओ नौकर से बोलो कि खाना लगा दे! और सुनो, नंगे ही जाना! दो दिन तक यहाँ कोई भी कपड़े नहीं पहनेगा, सब नंगे ही रहेंगे।
राजू नौकर के पास गया तब मैंने नीलम का मुँह हाथ में लेकर उसे प्यार करते हुए पूछा- नीलम, सच बताना! तुम्हें मेरा लंड कैसा लगा और यही पूछने के लिए मैंने राजू को थोड़ी देर के लिए बाहर भेजा है।
नीलम भी अब नशे में थी और मेरे लम्बे लंड का सरूर और राजू नहीं था तो उसने पहली बार मुझे चूम लिया और बोली- आपके लंड जितना लम्बा मोटा लंड तो भाग्यवान चूत को ही मिलता है! लेकिन राजू के सामने मैं कैसे प्यार करूँ? आप कमरे में अकले मुझे चोदो! बड़ा मज़ा आयेगा!
मैं बोला- नहीं! राजू तो सामने ही रहेगा, और तुम देखना थोड़ी देर बाद अपने आप मज़े से चुदवाओगी, राजू की भी शर्म नहीं करोगी। यह मेरा दावा है। मुझे अपने लंड पर इतना भरोसा है।
नीलम मेरे होंठ अपने होंठों में लेकर चूसने-काटने लगी। मैं अपनी जीभ से उसकी जीभ को प्यार करने लगा। दोनों आलिंगन में चिपटे हुए एक दूसरे के शरीर में समाने की कोशिश कर रहे थे।
राजू आया तो नीलम ने प्यार करना बंद कर दिया और यह जताने लगी कि जैसे मैं ही उसे प्यार कर रहा था, वो मज़बूरी में मेरी गोद में बैठी थी।
नौकर खाना ले कर आया और वो तिरछी आँखों से नीलम के शरीर का मज़ा ले रहा था।
मैंने उसको सोफे के समाने की मेज़ पर ही खाना लगाने को कहा। उसकी नज़र लगातार नीलम पर ही थी, वो ललचाई नज़रों से नीलम को मन ही मन चोद रहा था। पैंट में लंड उसका खड़ा हुआ साफ नज़र आ रहा था,
मैं बोला- रामू, चुपचाप खाना लगा! यह कोई रंडी नहीं है, राजू की बीबी है, यह तुझे चोदने को नहीं मिलेगी। अगर लौड़े में इतनी ही खुजली हो रही हो तो किसी रंडी को बुला कर चोद ले। इस प्राइवेट माल का सिर्फ में ही इस्तेमाल करूँगा।
नौकर चला गया।
मैंने नीलम को कहा- जब भी मैं यहाँ रंडी लाकर चोदता हूँ तब मुझे इस नौकर को भी रंडी चोदने के लिए देनी पड़ती है। नहीं तो यह मेरी बीबी को बोल देगा, इसका डर रहता है। लेकिन तुम चिंता मत करो, मैं तुम्हें नौकर से नहीं चुदवाऊँगा।
फिर हमने व्हिस्की के ग्लास भरे और मैंने नीलम को अपनी गोद में ही बिठा कर रखा। अपने ग्लास से उसे व्हिस्की पिलाई फिर उसको कहा कि वो अपने ग्लास से मुझे व्हिस्की पिलाये।
उसने मेरी गर्दन के पीछे एक हाथ डाल कर पकड़ा और दूसरे हाथ से मुझे व्हिस्की पिलाई। व्हिस्की पिलाते समय उसकी मोटी मोटी कड़क चूचियाँ मेरी छाती में गड़ रही थी और मैं नीलम को जोर से पकड़ कर दबाने लगा। मैंने नीलम का एक हाथ पकड़ के अपने लंड पर रखा और कहा- जानी, जरा इसको भी खुश कर दो।
नीलम ने पहली बार बड़े प्यार से मेरे लंड को पकड़ा और लंड से ऐसे खेलने लगी जैसे कोई छोटा बच्चा किसी खिलौने से खेल रहा हो।
ऐसे हम दोनों एक दूसरे को व्हिस्की पिलाते रहे और मैं उसकी चूचियों को हाथों से, मुँह से मसलता रहा।
जब उसकी चूत में ऊँगली डाली तो लगा उसकी चूत काफी गीली हो गई है। मैंने ऊँगली से उसकी चूत का रस बाहर निकल कर व्हिस्की के ग्लास में ऊँगली हिला कर मिला दिया, फिर उस व्हिस्की का टेस्ट! वाह वाह! मज़ा आ गया।
मैंने नीलम की चूत में फिर ऊँगली डाल कर रस निकाला और राजू को अपनी ऊँगली चटाई- ले भड़वे! चाट अपनी बीबी की चूत का रस!
और मैंने भी नीलम की चूत का रस चाटा। नीलम चूत के रस का स्वाद बड़ा मज़ेदार था।मैंने नीलम को गोद में आमने-सामने बैठने को कहा। वो मेरे ऊपर बैठी, अपनी टांगे मेरी गांड के पीछे करके मुझे कस के भींच कर बैठ गई। मैंने नीलम की चूत में लंड घुसेड़ दिया लेकिन लंड थोड़ा सा अन्दर जाते ही नीलम बोली- बस करो! और मत डालो! मेरी चूत फट जाएगी!
अब नीलम काफी नशे में थी और खुल कर बोलने लगी थी। मैंने उसे चूमना चालू किया और धीरे धीरे उसकी चूत में लंड को अन्दर घुसेड़ता रहा- मेरी रानी, डरो नहीं और मुझे प्यार करती रहोगी तो दर्द भी नहीं होगा। मैं तो आज पूरा लंड ही घुसेड़ूंगा। अगर तुम प्यार करती रहोगी तो तुम्हें दर्द के बदले मज़ा मिलेगा। मर्ज़ी तुम्हारी है तुम्हे क्या चाहिए।
फिर नीलम ने राजू की शर्म छोड़ दी और मुझे कस के प्यार करने लगी और मैंने अपना पूरा दस इंच का मोटा लंड नीलम की चूत में डाल दिया। उसकी चूत राजू के छोटे पतले लंड से चुदी होने के कारण एक दम कड़क थी। कसम से ऐसा लग रहा था मैं उसकी सील तोड़ रहा हूँ। ऐसी चूत तो जिंदगी में अपनी बीवी के बाद किसी और की पहली बार चोदने को मिली।
मैं नीचे था और नीलम मेरे ऊपर, मैंने उसके होंठ अपने होंठों में दबा रखे थे और उसको कहा कि जोर जोर से धक्के लगा कर चोदे।
दस मिनट तक चोदने के बाद नीलम थक कर रुक गई। मैंने उसको अपनी गोदी में कस के पकड़ लिया और दोनों खड़े हो गए जिससे लंड चूत से बाहर ना आ जाये और फिर नीलम को सोफे पर लिटा कर में उसके ऊपर चढ़ गया और लगा धक्के मारने।
अब नीलम पूरी मस्ती में थी- अशोक जी चोद दो मुझे! खूब चोद दो। आज आपके लंड से अलग ही मज़ा आ रहा है। राजू देख तेरी चूत आज फट कर भोसड़ा बन गई है। आजा तू भी पास में आ जा, अपना लंड मेरे मुँह में दे दे।
राजू ने अपना लंड नीलम के मुँह में दिया और वो उसे प्यार से चाटने लगी।
मैं उसकी चूत में जोर जोर से धक्के मार रहा था- क्यूँ हरामी की औलादो! करी है कभी ऐसी चुदाई? मादरचोदो, अकले चोदने से ज्यादा मज़ा दो-दो लंड के साथ आता है।
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