This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
प्रेषक : रुबीन ग्रीन
आग़ दोनों ओर लगी थी। मैं तो अपनी आग बुझा लेता था पर उसका यह पहला मौका था, वो जल रही थी। मैंने भी सोचा कि इसे थोड़ा तड़पाया जाए !
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और फिर स्कर्ट भी उतार दी।
मैं सिर्फ अपने बोक्सर में था और वो सिर्फ़ पिन्क पैन्टी और छोटी लड़कियों के पहनने वाली शमीज़ में थी। हम दोनों लिपटे हुए थे, उसका एक हाथ मेरे लंड मसल रहा था।
मैंने उसकी शमीज़ ऊपर कर निकाल दी और अपना मुँह उसकी चूचियों पर लगा दिया और चूसने लगा।
वो सिसकारने लगी।
मेरा एक हाथ उसकी दूसरी चूची को मसलने लगा और एक हाथ उसकी पैन्टी में घुस गया, उसकी चूत को मसलने लगा।
वह भी अपना हाथ मेरे पैन्ट में घुसा कर मेरे लंड को मसलने लगी।
कुछ ही मिन्टों में मेरी पैन्ट और उसकी पैन्टी उतर गई, हम दोनों पूरी तरह नंगे हो गये।
वो मुझे और मैं उसे देख रहा था।
फिर हम दोनों 69 की अवस्था में लेट गये और मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया और जीभ उसकी चूत में घुसा कर चूत चाटने लगा।
वो सिसकारियाँ लेने लगी, मुझे कस के भींच लिया और मेरे लण्ड को कस कर मसलने लगी और अपने होठों पर रगड़ने लगी पर मुँह में नहीं लिया।
इधर उसकी चूत से पानी रिसने लगा था और दो मिनट में वो झड़ ग़ई और मुझे भींच लिया।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
बोली- मेरी तो जान निकल गई, अब आराम मिला है।
मैं सीधा हो गया और बोला- तुम तो झड़ गई, मेरा क्या होगा? और अपना लण्ड पकड़ कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
वो फिर से तड़प उठी और बोली- अँकल जल्दी से चोद डालो !
मैं बोला- ठीक है ! पर दर्द होगा, चिल्लाना नहीं।
उसने गर्दन हिला ही। उसकी चूत और मेरा लण्ड पानी रिसने से पूरा चिकना था, मैंने लण्ड को चूत के मुँह पर लगा एक जोरदार धक्का मारा ओर मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया, वो चिल्लाने लगी पर मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर कस दिया और चूसने लगा, एक हाथ से उसकी चूचियों को मसलने लगा, वो तड़प रही थी पर चूचियों की मसलन से दुछ समय में वो आराम महसूस करने लगी और बोली- आपने तो मेरी जान निकाल दी !
तब मैं बोला- कहो तो निकाल लूँ इसे !
वो बोली- नहीं !
तब मैंने एक और कस के धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में फिट हो गया, एक बार वो फिर तड़पी पर इस बार चिल्लाई नहीं। मैं उसकी चूचियों को चूस रहा था। कुछ देर में वो अपनी जाँघें हिलाने लगी, मैं समझ गया और धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी।
तब मैंने अपनी गति बढ़ा दी और कस कस के धक्के लगाने लगा, वो नीचे से चूतड़ उछाल रही थी।
पाँच मिनट के बाद मैं बोला- मेरा निकलने वाला है !
और अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया, उस पर लेट गया और उसके होंठों को चूसते हुए पलट गया।
अब वो मेरे ऊपर थी और धीरे-धीरे अपने चूतड़ों को उछाल रही थी। कुछ ही मिनटो में मेरा लण्ड उसकी चूत में घुसे हुए ही खड़ा हो गया और मैं धक्के मारने लगा। इस बार और तेज धक्के लगने लगे और तभी वो झर गई और शांत पड़ गई पर मैंने धक्के मारना जारी रखा और बीस मिनट तक उसे चोदता रहा। और फिर से एक बार अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और निढाल होकर उससे लिपट गया।
मैं दो बार और वो तीन बार झड़ चुकी थी। चार बजे फिर नींद खुली और फिर दो बार उसे चोदा। और फिर हम दोनों सो गये।
सुबह 6 बजे का अलार्म बजा, मैंने उसे उठाया और जल्दी से कपड़े पहनने को कहा।
पर वो रात की जोरदार चुदाई के कारण चल नहीं पा रही थी। मैंने उसे किसी तरह वापस उसके फ्लैट में भेजा और समझाया कि स्कूल चली जाए और एक घँटे में वापस आ जाये और कहे कि स्कूल में चोट लग गई इसलिये वो चल नहीं पा रही है और वापस आ गई है।
उसने ऐसा ही किया, जिस कारण बिल्डिंग में किसी को शक नहीं हुआ। और फ़िर रात में एक बार हम दोनों ने अलग-अलग तरीकों से 6 बार चुदाई की।
दूसरे दिन उसके मम्मी पापा आ गये और हम साधारण तरीके से मिले पर हम अपनी प्यास नहीं बुझा सके।
समय बीतता गया, जब हमें मौका मिलता हम अपनी प्यास बुझा लेते थे पर उसमें मजा नहीं मिल रहा था। इसी बीच मुझे लगा कि रिम्पी की मम्मी को शक हो गया है, इसलिये मैं रिम्पी से दूर रहने लगा।
एक दिन उसकी मम्मी बाहर गई थी और हम दोनों चुदाई में मस्त थे। तभी उसकी मम्मी आ गई और हमें नंगे पकड़ लिया। रिम्पी उठ कर कपड़े पहनने लगी और उसकी मम्मी ने उसे पीट डाला।
मैं नंगा खड़ा था और मेरा लंड सीधा टाईट ख़डा था, उसने रिम्पी को घर भेज दिया, मुझे दो थप्पड़ मारे और बोली- मैं तुम्हें शरीफ समझती थी पर तुम क्या निकले?
अक़ुर मेरे लण्ड को देखे जा रही थी।
फिर बोली- मैं तुम्हें इस घर से निकलवा दूँगी।
तब मैं बोला- आँटी, बदनामी आपकी ही होगी।
वो चुप हो गई।
थोड़ी देर बाद उसने बोला- तुम रिम्पी से नहीं मिलोगे।
तब मैं बोला- मेरा क्या होगा?
तब वो बोली- उसकी उमर अभी कम है, किसी और को पकड़ो !
और मुस्कुरा कर मेरे लण्ड को देखने लगी।
मैं समझ गया और बोला- आँटी, मैं तो पहले आप पर लाइन दे रहा था पर आपने जवाब नहीं दिया और रिम्पी फँस गई।
तब इस बार वो खुल कर बोली- क्या तुम मुझे चोदना चाहते हो?
ये लफ़्ज सुन मैंने उसकी चूचियों को पकड़ कर मसल दिया और बोला- हाँ, आप तो रिम्पी से भी शानदार माल हो।
वो खुद को छुड़ाती हुए बोली- ठीक है ! पर एक शर्त है ! तुम रिम्पी को हाथ नहीं लगाओगे।
मैं बोला- मंजूर है ! पर मुझे पहला मौका कब मिलेगा आपकी सेवा का?
वो मुस्कुरा कर बोली- कि जल्द ही !
और चली गई।
मैं तुरन्त बाथरूम में गया और मुठ मार कर अपनी गर्मी शांत की।
दोस्तो, यह मेरी सच्ची कहानी है, आपको कैसी लगी, मेल करना !
ताकि मैं अपनी अगली कहानी मैं आपको बता सकूँ कि मैंने कैसे रिम्पी की मम्मी अनीता को और फिर उसकी दो मौसियों विनीता और सुनीता को चोदा।
मेल करें।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000