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प्रेषक : नब्बू खान
मैं- नहीं, मैं यहाँ तुम्हें प्यार करने लाया हूँ !
कहकर उसे अपनी बाँहों में ले जकड़ लिया और हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को चूमने लगे जैसे हम दोनों बरसों से भूखे हों। चूमते-चूमते मैंने उसकी सलवार खोल दी और उसकी चूत में उंगली डाल दी जो पहले से गीली थी !
अचानक सोनी अलग हो गई और कहा- मुझे पता था कि तुम यही करोगे और मुझे इसके बाद छोड़ दोगे !
मैं यह नहीं चाहता था कि ऐसा मौका हाथ से चले जाए !
मैं- सोनी, क्या तुम्हें ऐसा लगता है कि मैं तुम्हें छोड़ दूँगा? मेरे ऊपर भरोसा नहीं है ?
सोनी- अगर यह करने के बाद मैं माँ बन गई तो क्या होगा?
मैं- मेरे पास सब चीज का इलाज है, अगर तुम्हें मासिक नहीं हुआ तो दो महीने के अन्दर बता देना !
अब वो निडर होकर मेरे से लिपट गई। इस बार ज्यादा देर नहीं की, सीधे उसके कपड़े उतार दिए।
दोस्तो, वो क्या लग रही थी- काली पैंटी और ब्रा में उसका कसा हुआ जिस्म ! उसकी मादकता को बढ़ा रहा था, ऊपर से उसकी वो नशीली आँखें मेरा हौंसला और बढ़ा रही थी। मैंने भी अंडरवीयर समेत अपने सारे कपड़े उतार दिए। मैं उसके सामने पूरा नंगा था।
मैंने सोनी को उठा कर बेडरूम में ले जाकर बिस्तर पर बैठा दिया और अपना लंड उस के मुँह के पास ले जाकर उसे चूसने के लिये कहा।
उसने मना कर दिया। मैंने जबरदस्ती अपना लंड उसके मुँह में घुसेड़ना चाहा मगर लंड का आकार मोटा होने की वजह से मुँह में केवल सुपारा ही गया। अब वो जैसे तैसे मेरे लंड को चूसने लगी।
मुझे बहुत मजा आ रहा था क्योंकि इससे पहले मैंने कभी ऐसा नहीं किया था। अब मैं आगे-पीछे होने लगा, उसकी लार से मेरा पूरा लंड गीला हो चुका था मैंने अपना लंड उसके मुँह में से निकाला और उसे पैंटी और ब्रा से आजाद कर दिया।
मेरे तो होश उड़ गए क्योंकि मैंने आज तक इतनी कसी चूत और कसे हुए स्तन, वो भी गुलाबी रंग के कभी नहीं देखे थे। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था।
मैं तुरंत उसके दोनों चूचों को एक साथ मुँह में ले कर चूसने लगा। सोनी सिसकारियाँ लेते हुए सी-सी करने लगी और चूसते चूसते उसकी चूत में उंगली डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा। अब सोनी बहुत गर्म हो गई और उसकी चूत में पानी आ गया था। सोनी के मुँह से आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह की आवाजें आ रही थी और वो अपने पैरों को सिकोड़ने व मसलने लगी थी। एक बात मैंने नोट की कि सोनी बिल्कुल खामोश थी और अपशब्द का प्रयोग नहीं कर रही थी।
अचानक सोनी बोली- नब्बू, आगे कब बढ़ोगे? मेरे से अब रहा नहीं जा रहा है !
मैं खुश हो गया और मैंने सोनी की टांगों के बीच में बैठ कर अपना लंड उसकी चूत पर रख कर जोरदार धक्का मारा।
मेरा लंड अभी पूरा गया ही नहीं था कि सोनी चिल्लाने लगी- मम्मी ! ई ई ई ! मम्मी ! मैं मर जाउँगी ई ई ई !
और छटपटाने लगी।
मैं रूक गया और सोनी से कहा- तुम्हें कुछ नहीं होगा ! पहली बार थोड़ा-थोड़ा दर्द होता ही है, बाद में जो मजा है, वो दुनिया में कहीं नहीं है !
फ़िर मैं धीरे-धीरे उसके स्तन दबाने लगा और साथ ही मैं ऊपर ही ऊपर उसकी उसकी चूत में अपना लंड अन्दर-बाहर करने लगा।
दो-तीन मिनट के बाद सोनी को भी मजा आने लगा, सोनी ने मुझे बाहों में जकड़ लिया और चूमने लगी।
मैंने फ़िर जोर का धक्का मारा, इस बार मेरा लंड उसकी उसकी चूत में आधे से ज्यादा चला गया। इस बार मैं जोर-जोर के धक्के पे धक्का मारता चला गया।
अब हम दोनों सेक्स का भरपूर मजा ले रहे थे। धीरे-धीरे मेरा लंड पूरा उसकी चूत में चला गया और उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था। मेरा हाथ सोनी के वक्ष पर धीरे-धीरे हरकत कर रहा था और होटों से उसे मैं चूम रहा था।
दस मिनट की चुदाई के बाद सोनी ने मेरे को और कस के पकड़ लिया। मैं समझ गया कि सोनी अब झड़ने वाली है, मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी। थोड़ी देर के बाद सोनी की चूत उसके रज़ से भर गई।
फ़िर मैंने सोनी को घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी कमर पकड़ कर उसकी चूत में लंड डाल कर जोर जोर से चोदने लगा।
सोनी आह्ह्ह आह्ह्ह कर रही थी।
मैंने कहा- सोनी मजा आ रहा है ना ?
तो सोनी ने कहा- इसके लिये मैं हमेशा तड़पती थी ! आज मुझे बहुत मजा आ रहा है। मैं हमेशा सोचती थी कि तुम यह कब करोगे ! आय लव यू नब्बू !
चोदते चोदते मेर नजर उसकी लाल लाल गांड की तरफ गई। उसकी गांड का लाल छेद मेरी कामुकता को और बढ़ा रहा था। मैंने आज तक किसी की गांड नहीं मारी थी, अब मेरा लंड भी समय समाप्ति घोषणा कर रहा था।
मैं और जोर जोर से करने लगा। 8-10 धक्कों के बाद उसकी चूत में ही मैंने अपना सारा पानी छोड़ दिया।
अब हम दोनों ही पसीने से भीग चुके थे, बिस्तर पर ही हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर पड़े थे। सोनी को एक घंटा चोदने के बाद भी ऐसा लग रहा था कि मेरा मन नहीं भरा है, मेरी तमन्ना अभी बाकी है।
थोड़ी देर के बाद जब सोनी नंगी ही बाथरूम की तरफ लड़खड़ाते हुआ जा रही थी मैं पीछे से उसकी गांड को देख रहा था। उसकी गांड के दोनों पुट्ठे ऊपर-नीचे हो रहे थे। यह देखकर मेरा उम्मीदवार चुनाव (लंड चूत चोदने) के लिये खड़ा होने लगा। मैं तुरंत उठकर सोनी के पीछे पीछे बाथरूम में घुस गया और शावर चालू कर दिया।
सोनी मेरे सामने ही अपनी चूत में उंगली डाल कर अपनी चूत साफ़ करने लगी। यह देखकर मेरा लंड झटके मारने लगा। मेरा लंड पूरे आकार में आ चुका था, मैंने सोनी से कहा- सोनी, तुम मुझे नहलाओ, मैं तुम्हें नहलाता हूँ !
सोनी- ठीक है, मगर यह छोटा नब्बू अभी भी खड़ा है, लाओ मैं इसे साफ़ कर देती हूँ !
बाथरूम में साबुन की जगह लीक्विड लोशन था। वो लोशन हाथ में लेकर मेरे लंड पर लगा कर साफ़ करने लगी।
मैंने भी लोशन लेकर उसकी चूत में लगा कर रगड़ना शुरू कर दिया !
मैं- सोनी, तुम्हारी ऐसे साफ़ नहीं होगी, तुम थोड़ा झुक जाओ ! फिर मैं आसानी से इसे साफ़ कर दूंगा !
मैंने सोनी वाशबेसिन पकड़ा कर झुका दिया और मैं उसके पीछे आ गया और लोशन गांड और चूत पर लगा कर अपने अपने लंड से रगड़ने लगा।
तो सोनी कहा- तुम अपने दोस्तों के साथ गंगा जमुना जाया करते हो ना ?
यह सुनकर मैं हैरान हो गया !
मैं- तुम्हें किसने बताया ?
सोनी- मेरी सहेलियों (अज्जू और शिव की गर्लफ्रेंड) ने कहा था। आइन्दा अब अब तुम वहाँ नहीं जाओगे, तुम्हें जो चाहिए वो मैं दूंगी !
मैं खुश हो गया, अब रांडों की फटी हुई चूत की जगह सोनी की चूत चोदने को मिलेगी !
मैंने लोशन को उसकी लाल गांड पर लगाना शुरू कर दिया और उंगली से उसकी गांड के अंदर तक लगा दिया। अब बस शॉट मारने की जरूरत थी !
मैंने अपना लंड उसकी गांड के गद्दे पर रख कर पेल दिया।
अचानक सोनी मम्मी ई ई इ मम्मी ई इ करते सरक गई और मेरा लंड उसकी गांड में से निकल गया और वो नीच बैठ कर रोने लगी।
मैं- सोनी, क्या हुआ ?
सोनी रोते हुए- बहुत दर्द हो रहा है, तुम्हारा बहुत मोटा और लंबा है ! पीछे से मत करो ! अभी तक जलन हो रही है !
मैं- कोई बात नहीं ! चलो उठ जाओ ! मैं पीछे से नहीं करूगा !
फ़िर मैंने उसे उठा कर खड़ा किया और शावर बंद करके सोनी को चूमना शुरू किया। दस मिनट के बाद मैंने सोनी के कमर के पीछे हाथ रखकर उठा लिया और सोनी से कहा कि वो अपनी दोनों टांगों से मेरी कमर को पकड़ ले और अपने दोनों हाथ मेरे कंधों पर रख दे।
सोनी ने वैसा ही किया। मेरे दोनों हाथ उसकी गांड को सहारा दे रहे थे और मेरा लंड सोनी की चूत से टकरा रहा था।
अब सोनी मुझे चूमने लगी थी और मैं अपने हाथों से सोनी की गांड को ऊपर-नीचे कर रहा था। दस मिनट के बाद अब सोनी गर्म हो चुकी थी। मैंने एक हाथ से अपना लंड सोनी की चूत में लगाया और अपने हाथों को थोड़ा नीचे किया। लोशन की चिकनाहट की वजह से मेरा लंड सोनी की चूत में अन्दर तक चला गया। सोनी बहुत ज्यादा ही गर्म हो गई थी और वो उछलने लगी, जिससे मुझे और मजा आने लगा था।
<pदस मिनट तक इस अवस्था में चुदाई करने के बाद मैंने उसे बाथरूम में ही नीचे लिटा के तीस मिनट तक चोदा। इस बीच सोनी दो बार झड़ गई। मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में ही डाल दिया।
<pउसके बाद एक बार और हमने चुदाई की और थोड़ा आराम करके शाम के पाँच बजे हम घर आ गये !
<pउसके बाद तीन साल तक मैंने सोनी को चोदा !
<pदोस्तो, मेरी कहानी कहानी ही नहीं हकीकत भी है।
<pआगे क्या हुआ ! यह जानने के लिए मुझे इ-मेल करें !
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