This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
आज मैं आपको एक सच्ची और अनोखी कहानी सुनाता हूँ। मैं जब स्कूल में पढ़ता था तो मेरे पड़ोस में एक युगल रहने आया, उन्हें हम सभी भाई-बहन अंकल-आंटी कहते थे। आंटी की उम्र करीब 28 साल थी, उनका फिगर 36-24-42 था। अकसर उनकी ब्रा का पीछे का हुक खुला रहता था। यही वह बात थी जिससे मेरा मन सेक्स की ओर गया।
उस समय मेरी उम्र 18 साल की थी। आंटी, जिनका नाम सरला था, अकसर मुझे किसी न किसी काम से बुलाती रहती थी, कभी कोई क्रीम लाने, कभी चाय की पत्ती लाने के लिए कहती। मैं भी उनके वक्ष का दीदार करने के लालच में उनका काम कर देता था। वो कई बार मेरे से बचे पैसे नहीं लेती थी। मेरा भी काम चल जाता था।
अंकल के दफ़्तर का चपड़ासी जिसका नाम मुरली था, अकसर घरेलू काम जैसे कपड़े प्रेस करने, बागवानी करने आता था। जब अंकल बाहर टूर पर जाते तब मुरली की बीबी लीला जिसकी उम्र 24 साल की थी, उनके यहाँ रात को सोती थी। बाकी समय भी कई बार लीला घर आती थी।
एक दिन मैं आंटी को कुछ सामान देने उनके घर गया, मैंने दरवाज़ा खटखटाया लेकिन दरवाज़ा खुला ही था, मैं अन्दर चला गया। उनके बेडरूम से लड़ने की आवाज़ आ रही थी। फ़िर कुछ देर बाद मारपीट की आवाज़ आई, थोड़ी देर में आंटी बाहर आई, वो बहुत गुस्से में थी, मुझे देख कर सामान्य होने की कोशिश की, फिर बोली- अरे, तुम कब आये ?
मैंने कहा- आँटी, मम्मी ने किसी रेसीपी की कटिंग भेजी है, जो अपने माँगी थी।
उसके बाद वह बोली- ठीक है, मेज़ पर रख दो !
फिर पैर पटकते हुए बाहर निकल गई। फिर मै अंदर गया तो देखा सुरेश अंकल अन्दर रो रहे थे।
मैंने पूछा तो कुछ छुपाते हुए बोले- कुछ नहीं ! पैर फिसल गया था, इसलिए पैर में मोच आ गई है और दर्द हो रहा है, इसीलिए आँखों में आँसू आ गए।
बाद में मुरली से मालूम हुआ क़ि साहब की नौकरी मेमसाब के पापा ने लगवाई है, साहब थोड़े गरीब घर के हैं इसलिए कभी-कभी ऐसी घटना हो जाती है।कुछ दिन बाद सरला आंटी ने मुझे घर बुलाया, घर में कोई नहीं था, आंटी ने मुझे बाम लाने को कहा, मैंने कहा- आंटी, आज बुधवार है, सभी दुकानें बंद रहती हैं।
आंटी ने कहा- ठीक है, कल ले आना !
मेरा दिमाग ख़राब हुआ, मैंने सोच लिया आर नहीं तो पार !
आज जो भी हो चाहे मेरी मम्मी को बताये या नहीं आज तो मैदान मारना है।
मैंने कहा- आंटी, क्या सर में दर्द है?
आंटी- हाँ !
मैंने कहा- आंटी, मैं थोड़ा एक्युप्रेशर जानता हूँ, यदि आप कहें तो मैं कोशिश करूँ?
आंटी- ठीक है !
फिर मैंऩे उनके माथे और गालों पर उंगली घुमाना शुरू किया, गाल को धीरे-धीरे सहलाने लगा, मेरा 7″ लम्बा औज़ार खड़ा हो गया लेकिन आंटी को कोई फर्क नहीं पड़ा।
मैंने उस दिन जब सुरेश अंकल रो रहे थे, का जिक्र किया, आंटी चौंक गई।
मैंने उंगली गले में सरकाया, फ़िर आंटी ऩे गहरी साँस लिया, उनके दोनों स्तन अन्दर-बाहर होने लगे।
आंटी ऩे कहा- कुछ नहीं ! वैसे ही थोड़ी कहा-सुनी हो गई थी।
मैंने कहा- अंकल तो कह रहे थे कि पैर फिसल गया था?
फिर मैंने अपने हाथ गर्दन के निचले हिस्से में घुमाना शुरू किया, आंटी की साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया।
आंटी हंसने लगी, बोली- पैर नहीं फिसला था ! मैंने खुराक दी थी !
फिर मेरे हाथ आंटी के गले से मुँह के गाल, फिर माथे, फिर वापस गले के निचले हिस्से पर ऊपर-नीचे होने लगे !
मैंने बड़े भोलेपन से कहा- क्या खुराक दी थी?
आंटी- साला मेरी बिल्ली ! मुझी को म्याऊँ? साले का लण्ड खड़ा ठीक से नहीं होता और मुझ को कहता है “एक महीने ससुराल में रहो !”फिर क्या आप ससुराल जाओगी? मैंने मासूमियत से कहा।
आंटी- साले की ऐसी पिटाई की कि अब जिन्दगी में कभी मेरे को ससुराल जाने को नहीं बोलेगा !
मैंने कहा- आप अंकल की पिटाई करती हैं?आंटी ऩे कहा – हाँ !
अब आंटी भी मज़ा लेने लगी, उसने मेरा हाथ पकड़ कर गले से ऊपरी छाती पर लगाया। फिर मेरे हाथ को अपने ब्लाउज के बटन पर ले गई। मैंने तुरंत उनका बटन खोलना शुरू किया, फिर उनकी पीठ पर उंगली से सहलाने लगा और उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर ब्रा के हुक पर रख दिया। मैं ब्रा खोलने के बाद पागलों की तरह उनके स्तन दबाने लगा।
आंटी हंसने लगी, बोली- ऐसे नहीं बेटा ! थोड़ा धीरे !फिर उसने मेरे बाल पकड़ कर मेरा मुँह अपने चुचूक पर लगाया, मुझे सारा जहाँ मिल गया !
आंटी ऩे मुझे अपने कपड़े खोलने को कहा, मैं तुरंत नंगा हो गया, फिर आंटी के कपड़े उतारे, पहली बार किसी जवान औरत को नंगा देखा।
मेरी आँखें फटी रह गई। आंटी ने मेरा 7″ लम्बा औज़ार देखा तो उसकी आँखें फटी रह गई।
तभी सुरेश अंकल अन्दर आ गये !
चूंकि अभी-अभी उनका इतिहास सुना था, इसीलिए मुझे कोई डर नहीं लगा।
सुरेश अंकल- सरला, यह क्या कर रहे हो ?
सरला आंटी- देख मादरचोद ! इससे कहते हैं “लंड” तेरा तो लुल्ली है !
फिर अंकल के बाल पकड़ कर उनका मुँह अपनी चूत में घुसा दिया।
अंकल- सरला प्लीज़ !
आंटी- साले आज ये तेरे को चोदना सिखाएगा ! जल्दी कपड़े उतार कर मेरी चूत चाट !
मैं उसके स्तन चूसने लगा, फिर जब अंकल थक गए तो मैं अपना लण्ड आंटी की चूत में धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा।
अंकल अब आंटी के स्तन पीने लगे।
आंटी चीत्कार उठी- उह्ह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह उईईई माआ आअ चोद ! चोद ! देख सुरेश ! तू कब चोदना सीखेगा ?
15 मिनट बाद मैं झड़ गया, आंटी भी संतुष्ट हो गई। फिर थोड़ी देर बाद जब हम लोग कपड़े पहनने लगे तब आंटी ऩे मुझे रोका और फ़िर दूसरा चक्र शुरू हो गया।
अब आंटी घोड़ी बन गई, मैंने उनकी चूत में अपना लण्ड डाला !
अंकल नीचे से उसके स्तन चूसने लगे।
आंटी- आऽऽऽऽ हऽ ऽऽऽ मारऽऽऽ डाऽऽऽला ऽऽऽ आआआ !!!!!!
फिर आंटी ऩे सबको कपड़े पहनने को कहा।
इस तरह अंकल, आंटी और मेरी चुदाई कार्यक्रम करीब दो साल चला। फिर उनका तबादला दूसरे शहर में हो गया।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000