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दोस्तो, मैं राकेश अपनी नयी सेक्स कहानी आप सबके साथ शेयर करने जा रहा हूँ. पर उससे पहले मैं आप सबका धन्यवाद करना चाहता हूं कि आप सबने मेरी लिखी सच्ची सेक्स कहानियों को इतना अधिक पसंद किया. आप में से बहुत से लोगों के मेल मुझे मिले, जिनमें महिला, पुरुष व जवान लड़के लड़कियों के काफी संख्या में मेल आए और सभी ने मुझे बहुत प्रोसाहित किया. कई लोगों ने मुझे वंदना की ननद नीतू की चुदाई की कहानी जल्दी लिखने का भी आग्रह किया.
कहानी देरी से लिखने के लिए मैं आप सबसे क्षमा चाहता हूं. जैसा कि आपने मेरी पिछली कहानी ‘गर्लफ्रेंड की बहन की कामवासना’ पढ़ी. उसे आप लोगों ने बहुत पसंद भी किया. आप सब लोग नीतू को तो जानते ही हैं, नीतू मेरी माशूक नीरू की छोटी बहन वंदना की ननद है. वो एक मॉडल बनना चाहती है.
अब आज मैं नीतू की चुदाई की कहानी पेश कर रहा हूँ. मैं यकीन से कह सकता हूँ कि ये कहानी पढ़ते हुए बीच में ही पुरुषों के लंड पानी छोड़ देंगे और महिला पाठकों की भी कच्छी गीली हो जाएगी.
इसलिए आप सबसे मेरी सलाह है कि आप सब ये कहानी नंगे हो कर पढ़ें, तो ज्यादा मजा आएगा.
मेरी ये सेक्स कहानी, पिछली कहानी का ही अगला भाग है.
अपने नए जुड़े पाठकों से कहना चाहता हूँ कि अगर आपको इस सेक्स कहानी का पूरा मजा लेना है, तो इससे पहले की मेरी सेक्स कहानी दो बहनों के साथ थ्रीसम चोदन-1 और गर्लफ्रेंड की बहन की कामवासना जरूर पढ़ें.
उस दिन वंदना की चुदाई के बाद मैंने उसकी नौकरानी आशा की भी चुदाई की. फिर मैं अपने कमरे में आ कर सो गया. उसके बाद सुबह नहा धोकर मैं नीतू के साथ स्टूडियो जाने लगा. मैंने देखा नीतू ने एक पीले रंग की मिनी स्कर्ट डाली हुई थी और साथ में प्रिंटेड क्रॉप टॉप डाला हुआ था. मिनी स्कर्ट में उसकी मांसल और चिकनी जांघें एकदम चमक रही थीं. मैंने एक उड़ती नज़र से वन्दना की तरफ देखा, तो वो मुझे देख कर मुस्कुरा दी
उसने इशारे से मुझे नीतू को ठोकने की अनुमति दे दी. मैंने भी उसे एक हवा में चुम्मी दे कर थैंक्स बोला और हम कार स्टार्ट करके स्टूडियो की तरफ बढ़ गए.
थोड़ी देर बाद नीतू मुझे बोली- सर, कार को मार्किट के बीच में से ले चलना … मुझे दुकान से कुछ सामान लेना है. मैंने पूछा- कैसा सामान? तो वो बोली कि चलो तो … आपको सब पता चल जाएगा.
मैंने कार मार्किट की तरफ ले ली. नीतू ने एक दुकान के पास गाड़ी रुकवाई. वो महिलाओं के अंडर गारमेंट्स की दुकान थी. मैं समझ गया. वो मुझसे ‘बस दो मिनट में आई..’ बोल कर उस दुकान में चली गयी. थोड़ी देर बाद वो हाथ में एक छोटा सा पैकेट लेकर वापिस आ गयी. मुझे पता तो था ही कि उस पैकेट में वो अपने लिए ब्रा पेंटी ही लायी होगी.
फिर भी मैंने उससे पूछा- क्या लायी हो? वो बोली- स्टूडियो में चल कर सब दिखाती हूँ.
थोड़ी देर बाद हम स्टूडियो पहुंच गए, मैंने नीतू को रिसेप्शन में बैठने को बोला. वहां 4-5 और मॉडल्स बैठी थीं. मैं अपने रेस्ट रूम में चला गया और केशव को बुलाया. वो मेरे लिए चाय का कप लेकर आया.
मैंने केशव से बोला कि वो एक घंटे तक दिल्ली के लिए निकल जाए. वहां हेड आफिस से एक लैंस लाना है.
उसे कुछ पैसे दिए मैंने और मॉडल्स को स्टूडियो में भेजने को कहा. केशव सभी मॉडल्स को भेज कर दिल्ली के लिए रवाना हो गया. मैंने मॉडल्स को कॉस्ट्यूम्स बदलने को कहा, तो सभी मॉडल्स ने मेरे सामने ही कॉस्ट्यूम्स बदले. मैंने एक घंटे में सबका फोटो शूट किया और सबको जाने के लिए कह दिया.
नीतू को मैंने वहीं रुकने को बोला और उसे लेकर मैं अपने रेस्टरूम में आ गया. मेरे रेस्ट रूम में सुख सुविधाओं का सब सामान उपलब्ध है. जैसे डबलबेड, एलसीडी, फ्रिज इत्यादि. मेरा ये रूम ठीक वैसे ही सुसज्जित है, जैसे कि एक अच्छे होटल का कमरा होता है.
अपने कमरे में पहुंच कर मैंने नीतू को बैठने के लिए बोला और बियर पीने के लिए उससे पूछा … तो उसने हां कर दी.
नीतू अभी भी मॉडलिंग वाले कपड़ों यानि एक छोटी सी निक्कर और शार्ट क्रॉप टॉप में थी. उसका ये टॉप उसके चूचों तक ही था. नीतू की जांघें किसी शीशे की तरह चमक रही थीं. मैंने फ्रिज से एक बियर निकाली और दो गिलास में डाल कर नीतू को दी. नीतू ने बड़ी दिलकश अदा से मेरे गिलास से गिलास टकरा कर चियर्स बोला और बियर का एक घूंट भरा.
मैंने सिगरेट जलाते हुए पूछा- तुम दुकान से क्या लायी थी?
वो मेरी तरफ देख कर थोड़ा मुस्कुराई और उठ कर अपने बैग में से वो पैकेट निकाल कर मुझे देते हुए बोली कि लो खुद ही देख लो.
मुझे तो पता ही था कि उसमें क्या है. फिर भी मैंने पैकेट खोल कर देखा, तो उसमें मेहरून कलर की एक थ्री पीस ट्रांसपैरंट नाइटी थी, जिसमें एक छोटी सी ब्रा, एक थोंग ओर एक गाउन था.
वो बोली- कैसा लगा? मैंने थोंग उठा कर बोला कि ऐसे कैसे पता चलेगा, पहन कर तो दिखाओ. तो वो बोली- पहन कर भी दिखा दूंगी … पहले बियर तो एन्जॉय कर लूं. फिर वो सब भी एन्जॉय भी कर लेंगे. मैं बोला- वो सब से मतलब? तो वो बोली- वही एन्जॉय … जो कल आपने भाभी और आशा के साथ किया था.
उसकी ये बात सुन कर मैं चौंक गया. मैंने उससे पूछा कि तुम्हें कैसे पता? तो वो हंस कर बोली- आज सुबह मुझे आशा ने सब कुछ बता दिया, लेकिन आप फिक्र मत करो … मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी. पर उसके बदले आपको भी मेरे दो काम करने होंगे. मैं बोला- कौन से दो काम? तो नीतू बोली कि एक तो आप मुझे इस एड के लिए फाइनल करोगे और दूसरा आप मेरे साथ भी सेक्स करोगे … क्योंकि आशा बता रही थी कि आपका वो बहुत जानदार है. तो मैंने पूछा- वो क्या? वो मेरी जींस के ऊपर से मेरे लंड को दबाते हुए बोली- ये.
मैंने उसे अपनी ओर खींच कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और एक जोरदार चुम्बन लिया.
मैं उससे बोला- फाइनल तो मैं तुम्हें कर ही चुका हूं … और रही सेक्स की बात, तो मैं तुम्हें बता दूं कि मुझे बिल्कुल खुल कर सेक्स करने में मजा आता है. मैं तुमसे भी यही चाहूंगा कि तुम भी मेरे साथ सेक्स करते टाइम बिल्कुल खुल जाओ … और बिल्कुल भी मत शर्माओ.
वो ये सुन कर मुस्कुरा दी और मुझे मेरी शर्ट से पकड़ कर अपनी ओर खींचकर मुझे चूमने लगी.
फिर हमने बियर खत्म की.
अब मैंने सिगरेट जलाते हुए पूछा कि तो अपनी नई ड्रेस पहन कर कब दिखा रही हो? वो बोली- अभी दिखाती हूं.
ये बोल कर वो ड्रेस लेकर बाथरूम में जाने लगी, तो मैं बोला कि यहीं मेरे सामने बदल लो. वो बोली कि जब मैं ये पहन कर आपके सामने आऊँगी, तो आपको ज्यादा मजा आएगा. मैं सिगरेट फूंकता हुआ बोला- ठीक है … लेकिन जो ये कपड़े पहने हैं, वो तो यहीं उतार जाओ.
उसने पैकेट बेड पर रखा और मेरी तरफ घूम कर अपना टॉप उतारा. फिर बड़ी ही कातिल अदा से अपनी काली ब्रा निकाली और मेरी तरफ फेंक कर झटके से घूम गयी.
इस समय नीतू की गांड मेरी तरफ थी. उसने अपनी निक्कर का बटन खोला टांगों को चौड़ा करके कुतिया सी झुक गयी और मेरी तरफ देखते हुए अपनी निक्कर को धीरे धीरे नीचे सरकाने लगी.
जैसे जैसे उसकी निक्कर नीचे सरक रही थी, तो मुझे उसकी काली नेट वाली पेंटी में कैद उसकी गोरी चिकनी गांड के दर्शन हो रहे थे, जिसे देख कर मेरा लंड उछलने लगा था.
फिर वो निक्कर उतार कर सीधी खड़ी हो गयी. उसने मेरी तरफ मुँह करके अपनी पेंटी भी उतार दी और उसे भी मेरी तरफ फेंक दिया. मैंने उसकी पैंटी को सूंघा फिर वो बाथरूम में जाने लगी.
मैंने उसे रोका और उसकी छोटी सी पेंटी को अपनी उंगली में लपेट कर उसे झुका कर वो उंगली उसकी चूत में डाल दी. मैंने देखा उसकी चूत बिल्कुल चिकनी थी. चुत पर एक भी बाल नहीं था और थोड़ी गीली भी थी.
फिर मैंने अपनी उंगली में लिपटी उसकी पैंटी को उसकी चूत से बाहर निकाला और उसे सूंघ कर चाटने लगा. ये देख कर वो मुझे ‘हट गंदे..’ बोल कर बाथरूम में चली गयी.
मैंने भी अपने कपड़े बदल लिए … क्योंकि मुझे पता था कि अब नीतू को चोदना है.
मैंने अंडरवियर नहीं पहना, सिर्फ एक शॉर्ट्स और एक टी-शर्ट डाल ली. फिर फ्रिज से एक ओर बियर निकाली और दोनों गिलासों में डाल कर एक पैकेट रोस्टेड काजू का खोल लिया. अब मैंने अपना लैपटॉप ऑन किया और तस्वीरें अपलोड करने लगा. साथ में बियर की चुस्की लेने लगा.
थोड़ी देर बाद पीछे से नीतू आई और मेरे कंधों पर झुक कर मेरे कान के पीछे अपनी जीभ रगड़ने लगी.
मैंने उसकी बाजू से पकड़ कर उसे अपनी ओर घुमाया, तो उसे देख कर मेरी आंखें फ़टी की फटी रह गईं और मेरे मुँह से वाओ निकल गया. नीतू इस ड्रेस में एकदम पटाखा लग रही थी. वो अपनी एक टांग को थोड़ा मोड़ कर अपने कूल्हे पर एक हाथ रख कर खड़ी थी. मैंने लैपटॉप को टेबल पर रखा और खड़ा हो कर नीतू के पास गया.
नीतू बोली- अब बताओ सर मैं कैसी लग रही हूं? मैं नीतू की जांघों और गांड पर हाथ फेरते हुए बोला कि बहुत ही मस्त लग रही हो.
ये बोल कर मैंने अपनी एक उंगली उसकी पैंटी के साइड से उसकी चूत में पेल दी. मेरे ऐसा करने से वो चिहुंक गयी और मेरी शॉर्ट्स के ऊपर से उसने मेरा लंड दबा दिया
वो बोली- आह सर आपका लंड तो बहुत बड़ा लग रहा है … क्या मुझे दिखाओगे नहीं. मैं बोला- तुम खुद ही देख लो मेरी जान.
ये सुन कर वो मेरे सामने बैठ गयी और उसने मेरे शॉर्ट्स को नीचे खींच दिया. मेरा लंड तो पहले ही खड़ा था, जो कि शॉर्ट्स उतरने से उसके मुँह के सामने तन गया. मेरे लंड को देख कर उसकी आंखें में चमक आ गयी. उसने मेरे लंड को अपने दोनों हाथों में लिया औऱ उस पर 3-4 चुम्बन जड़ दिए.
फिर मैंने उसे खड़ा किया और उसे बियर का गिलास दिया और मैं सामने रखे सोफे पर जा कर नंगा ही बैठ गया. नीतू ने अपने गिलास से एक लंबा घूंट बियर का भरा और गिलास को टेबल पर रखा और अपनी नशीली आंखों से मेरी तरफ देखा. अब उसके चेहरे पर कोई मुस्कुराहट नहीं थी. मैंने महसूस किया कि उसकी आंखों में बस वासना थी, जो कि उसके चेहरे पर मुझे साफ दिख रही थी.
नीतू ने वहीं खड़े खड़े अपने जिस्म से वो ट्रांसपेरेंट गाउन उतार दिया. अब वो मेरे सामने सिर्फ एक छोटी सी ट्रांसपेरेंट ब्रा और एक छोटी सी थोंग में थी.
मैं आप लोगों को थोंग के बारे में बता दूं, मेरी महिला पाठकों को तो पता ही होगा. पर जिन्हें भी थोंग के बारे नहीं पता, उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि थोंग एक तरह की पेंटी होती है, जिसके अगले हिस्से में थोड़ा सा कपड़ा लगा होता है … जो सिर्फ चूत को ही ढकता है … और पीछे एक पतली सी डोरी होती है, जो गांड की दरार में घुसी होती है.
नीतू ने गाउन उतारा … और गिलास उठा कर मेरे पास आई. वो मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी. उसके चेहरे पर मुझे अब भी कोई भाव नज़र नहीं आ रहे थे. अगर कुछ नज़र आ रहा था, तो वो थी सिर्फ वासना और वासना. नीतू ने अपनी एक उंगली मेरे माथे से लेकर मेरे होंठों तक फेरी और फिर मेरे मुँह में दे दी.
मैं उसकी उंगली चूसने लगा, फिर उसने वही उंगली खुद चूसी और अपनी ब्रा से अपनी एक चूची निकाल कर अपने बियर के गिलास में डुबो दी. फिर अपनी वही चूची मेरे मुँह में दे दी. मैं उसकी वो चूची चूसने लगा. उसकी आंखों में वासना के डोरे तैर रहे थे. फिर उसने मेरा गिलास लिया और मेरी गोद से उतर कर मेरे लंड को गिलास में डुबो दिया. उस बिल्कुल ठंडी बियर में डूबने से मेरा लंड सुन्न हो गया, जिस वजह से मेरे मुँह से आह निकल गयी. फिर उसने पहले वो बियर एक ही सांस में गटक ली और फिर नीचे बैठ कर मेरे लंड को चूसने लगी. उसके मुँह की गर्मी से मेरे लंड को कुछ राहत पहुंची.
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद वो बोली- सर आशा सच बोल रही थी कि आपका लंड बहुत ही मस्त है.
ये बोल कर वो खड़ी हुई और बोली- सर अब अपना लंड मेरी चूत में भी डाल दो. मैं भी तो देखूं कि आपका लंड मेरी चूत में कितनी धमाल मचाता है.
ये सुन कर मैंने नीतू को खड़ा किया और पहले उसकी ब्रा उतारी, तो उसके 34 साइज के मोम्मे मेरी आंखों के सामने उछलने लगे. ये देख कर मुझे कुछ आश्चर्य हुआ … क्योंकि नीतू थी तो अभी अविवाहित, पर उसके मोम्मे देख कर लगा कि वो किसी विवाहित स्त्री से भी ज्यादा बार चुद चुकी है.
खैर मुझे क्या मुझे तो वैसे भी शादीशुदा या चुदी हुई औरतें ज्यादा पसंद हैं. मैं नीतू के मोम्मे चूसने लगा, कभी मसलता कभी उसके निप्पल को हल्का सा काट देता.
नीतू के हाथ मेरे लंड पर चले गए. पहले वो मेरे लंड को धीरे धीरे सहलाने लगी. फिर मेरे लंड को मुठ्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगी. मैंने उसके दोनों मोम्मे चूस चूस कर लाल कर दिए.
फिर उसने मेरी टी-शर्ट भी उतार दी और मेरी छाती पर जीभ फेर कर चाटने लगी. मेरी पूरी छाती अपने थूक से गीली कर दी.
कुछ देर बाद मैंने उसे गोद में उठाया और सामने लगी शेल्फ पर बिठा दिया. उसने बैठते ही खुद अपनी टांगें खोल दीं और खुद ही अपनी थोंग में हाथ डाल कर अपनी चूत में उंगली करने लगी. फिर मैंने उसकी थोंग को साइड में किया और अपने अंगूठे और उसके साथ वाली उंगली से उसकी चूत को खोलकर उसमें अपनी जीभ घुसा दी. मैं उसकी मस्त चुत चाटने लगा.
इससे नीतू के मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ जैसी कामुक आवाजें आने लगीं.
उसने अपनी दोनों टांगें क्रॉस करके मेरा सिर अपनी चूत पर दबा दिया और कुछ देर बाद उसने झटके से अपनी गांड उठायी और ‘आ आ आह..’ करके झड़ गयी. उसकी चूत के पानी से मेरा सारा मुँह गीला हो गया. उसने जब मेरा मुँह और होंठ अपने पानी से भीगे देखे, तो उसने मुस्कुराते हुए अपने गुलाबी होंठों पर अपनी जीभ फेरी. फिर मुझे खड़ा करके उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और अपनी चुत के रस को मजे से चूसने लगी. मेरे होंठों पर अपनी चूत के लगे पानी को चाटते हुए वो मुझे वासना से देख रही थी. मैं भी कभी उसके मोम्मे चूसता और कभी उसके होंठ … ऐसा करने से हम दोनों के मुँह एक दूसरे के थूक या लार से गीले हो गए.
फिर नीतू बोली- सर अब और मत तड़पाओ … प्लीज अब अपने लंड का कमाल दिखाओ … बहुत दिनों से मेरी चूत में लंड नहीं गया.
आपको मेरी ये सेक्स कहानी कैसी लग रही है … इस कहानी में मैंने सेक्स ही सेक्स भरा है. आपके मेल मुझे उत्साहित करेंगे. [email protected]
कहानी जारी है.
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