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प्यारे दोस्तो, यह मेरी पहली फ्री सेक्स कहानी है, उम्मीद करता हूँ कि आपको पसंद आएगी।
वैसे तो मैंने कई चूतें फाड़ दी है लेकिन मुझे याद है वो पहली चुदाई जब मैंने रेहाना नाम की लड़की को चोदा वो मेरी पहली चुदाई थी।
हमारे घर के बराबर वाले घर में तीन बहनें रहती थी जिनमें सबसे बड़ी रेहाना थी। रेहाना 20 साल की लड़की थी जो एक सरकारी स्कूल में पढ़ती थी। वो 12 क्लास में थी और दो बार फेल हो चुकी थी। उसका परिवार गरीब था, उसका बाप कबाड़ी का काम करता था।
लेकिन देखने में तीनों बहने एकदम पटाका थी एक से बढ़ कर एक। गठीला बदन मोटे-मोटे चूचे, बहुत गोरी थी तीनो बहनें। उनका कोई भाई नहीं था।
हमारा घर दो-मंजिला है और रेहाना का घर सिर्फ एक मंजिला, खाली प्लाट में बना हुआ था जिसमें दो कमरे, एक बाथरूम जिसकी छत नहीं थी और उसमें सिर्फ एक पर्दा लगा हुआ था।
मैं रोज़ सुबह उठता था और बारी-बारी तीनों बहनों को नहाते हुए देखता था। कसम से मज़ा ही आ जाता था।
एक रविवार वाले दिन मैं उठा और अपनी छत पर गया तो देखा कि रेहाना नहा रही है। मैं उसे देखता रहा और मन में उसे चोदने लगा। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और मुठ मारने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि रेहाना ने मुझे देख लिया तो मैं जल्दी से छिप गया। मैं थोडा डर गया था कि कहीं वो घर में किसी से यह बात न कह दे।
कुछ दिन मैंने उसे नहीं देखा। एक दिन मैं घर आ रहा था तो मुझे रेहाना की माँ मिल गई। उसने मुझसे कहा कि रेहाना की छोटी बहन अफसाना जो 10 क्लास में थी तो उसे गणित में थोड़ी दिक्कत है। उसने मुझसे कहा कि क्या मैं उसे पढ़ा सकता हूँ।
तो मैंने कहा- हाँ बिल्कुल।
यह कहकर उसने मेरे से समय पूछा की कितने बजे भेजूँ अफसाना को।
तो मैंने जवाब दिया- उसे दिन में दो बजे भेज दो। क्योंकि मेरे घर वाले 7 बजे आते थे। अफसाना बिलकुल अपनी बहन जैसी मदमस्त हसीना थी वो 19 साल की थी लेकिन वो भी कई बार फेल हो चुकी थी। दिन में दो बजे अफसाना आई तो मैंने उसे पढ़ाना शुरू कर दिया। मैं उसे रोज़ पढ़ाता था रविवार छोड़ कर। कई बार मैं मौका देख कर उसके चूचे देखा करता था, बहुत सुन्दर चूचे थे उसके। उसके होंठ एकदम लाल ! मन तो करता था कि अभी पकड़ कर रगड़ दूँ, लेकिन मैं थोड़ा शरीफ हूँ इसलिए जोर जबरदस्ती नहीं करना चाहता। अभी मैंने अफसाना तो दो हफ्ते पढ़ाया था कि उसकी माँ ने मुझसे रेहाना को भी पढ़ाने को कहा। मैं पहले थोड़ा हिचकिचाया लेकिन उनके दबाव डालने पर तैयार हो गया। मुझे डर था कि कहीं वो बाथरूम वाली बात किसी को बता न दे।
कुछ दिन सब ठीक चलता रहा। मैं दोनों के बदन देख कर मजे लेता और उनके जाने के बाद मुठ मारता।
एक दिन मैं रविवार को 11 बजे घर में अकेला था सो मैंने टीवी खोला और ब्लू-फिल्म देखने लगा। मैंने बस पजामा पहना हुआ था और अन्दर कच्छा नहीं था। मैंने अपना लंड पकड़ा हुआ था और धीरे-धीरे उसे मसल रहा था। तभी अचानक घंटी बजी तो मैंने झट से टीवी बंद किया और पजामा ऊपर करके देखने गया। मैंने देखा कि गेट पर रेहाना थी तो मैंने गेट खोल कर पूछा- क्या हुआ ?
तो उसने कहा कि उसका दो दिन बाद पेपर है तो उसे कुछ पढ़ना है। मैंने उसे अन्दर बुला लिया।
रेहाना ने सूट पहन रखा था जिसमें उसके चूचे दिख रहे थे। नीचे सलवार थी जो सफ़ेद रंग की थी और उसमें उसकी टाँगें नज़र आ रही थी। उसके पैर बहुत सुन्दर और चिकने थे। सलवार में से उसकी सफ़ेद रंग की कच्छी नज़र आ रही थी। ये सब देखते ही मेरा खड़ा हो गया।
मैंने उसे अपने सामने बैठाया ताकि मैं उसकी जांघें और चूचे देख सकूँ। मेरी नज़र बार-बार उसके चूचों पर जा रही थी। थोड़ी देर ध्यान से देखने पर पता चला कि उसने ब्रा नहीं पहनी थी और चुन्नी से अपने चूचे छुपाये बैठी थी।
मुझे भी एक शरारत सूझी, मैंने उससे कहा- मैं टॉयलेट जा रहा हूँ, थोड़ी देर में आता हूँ।
मैंने टीवी का रिमोट उसके सामने रख दिया और चला गया। मैं पीछे छिप गया और देखा कि उसने टीवी खोला। उसने जैसे ही देखा कि ब्लू फिल्म चल रही है तो उसने तुरंत बंद कर दिया। लेकिन थोड़ी देर बाद उसने टीवी खोल दिया और ब्लू फिल्म देखने लगी। वो अपने चूचे सहलाने लगी और चूत पर हाथ फ़ेर रही थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं। थोड़ी देर बाद मैंने जोर से दरवाज़ा बंद कर दिया जिससे उसने टीवी बंद कर दिया। मैं उसे फिर से पढ़ाने लगा लेकिन उसका मन कहीं और था।
फिर उसने कहा कि मेरी कोई गर्ल फ्रेंड है? तो मैंने कहा- नहीं।
इसके बाद उसने मुझसे पूछा कि मैं उस दिन क्या कर रहा था? तो मैं थोड़ा शरमा गया और मैंने कहा- मैं तो बस छत पर घूम रहा था।
इसके बाद के सवाल ने मेरे रोंगटे के साथ साथ मेरा लंड खड़ा कर दिया। उसने मुझसे पूछा कि क्या कभी मैंने सेक्स किया है? तो मैं बोला- नहीं। तो इस पर उसने कहा कि उसने किया है अपनी क्लास के एक लड़के के साथ। यह सुनते ही मैं हक्का-बक्का रह गया, मैंने उसे बहुत शरीफ समझा था।
उसके बाद उसने कहा कि वो अब मेरे साथ करना चाहती है। तो मैं भी तयार हो गया। मैंने उसे चूमना शुरू किया, उसके होंठ बड़े ही मीठे थे। धीरे-धीरे मैंने उसके चूचों पर हाथ फेरा, उसने मेरे पजामे में हाथ डाल दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी।
मैंने उसके कमीज का हुक खोला और उसके मोटे-मोटे चूचों को दबाना और चूसना चालू कर दिया। वो मेरे लंड को सहला रही थी और मैं उसके चूचे चूस रहा था। उसके बाद मैंने उसकी सलवार उतार दी। मैंने उसकी कच्छी को हाथ लगाया तो वो पहले से गीली थी। धीरे से मैंने ऊँगली डाल दी उसकी चूत में और रगड़ने लगा। कुछ देर बाद उसका पानी निकल गया। फिर उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। कुछ देर बाद हम सोफे पे लेट गए, 69 के जैसे मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी। कुछ देर बाद मेरा भी पानी निकल गया।
उसने थोड़ी देर और खेला मेरे लंड से और मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया। अब वो बोली- अब इंतज़ार नहीं होता, मुझे प्लीज़ चोद दो। मैंने उसे कहा- कैसे? तो वो थोड़ा हंसी और बोली- तुम लेट जाओ मैं सब कर दूंगी।
इसके बाद मैं लेट गया। उसने मेरा लंड पकड़ा और उसको अपनी चूत में धीरे-धीरे डालने लगी। पहले तो वो थोड़ा अन्दर गया लेकिन वो पुरानी खिलाडी थी और मेरा पूरा लंड ले लिया। और मैं उसे चोदने लगा। मैंने उसके चूचे पकड़ लिए और मसलने लगा। कुछ देर बाद उसका पानी आ गया। उसके थोड़ी देर बाद मेरा भी पानी निकल गया।
उसने कपड़े पहने और बोली- मज़ा आ गया ! दोबारा ऐसे मौके का इंतज़ार करूँगी। मेरी फ्री सेक्स स्टोरी कैसी लगी? मुझे मेल करें! [email protected]
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