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प्रेषक : रवि कुमार गुप्ता
आप सभी को मेरा नमस्कार तथा गुरूजी को भी मेरा नमस्कार ! मेरी लम्बाई और सेहत ठीक-ठाक है और मैं देखने में भी सुन्दर लगता हूँ!
आज मैं आपके सामने अन्तर्वासना डॉट कॉम के माध्यम से एक कहानी लेकर आया हूँ ! लेकिन यह कहानी बिल्कुल सत्य है तथा मेरी जिन्दगी पर आधारित है ! एक बात और : ऐसी घटना शायद मेरी जिन्दगी में ही हुई होगी !
देह शोषण जिससे आप सभी भली-भांति परिचित हैं ! आज तक देह शोषण केवल लड़कियों का ही हुआ है लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी लड़के का देह शोषण हुआ है ! यह कहानी भी मेरे देह चोदन से जुड़ी हुई है।
यह बात तब की है जब मैं कॉलेज में बी.एस.सी फ़ाइनल कर रहा था! मैं हमारी एक गणित की मैम के घर ट्यूशन पढ़ने जाता था। वो मैडम दिखने में बहुत ही ज्यादा सुन्दर थी तथा उनकी उम्र यही कोई 35-36 साल होगी। मेरी परीक्षा निकट आ रही थी, एक दिन मुझे गणित में कुछ परेशानी आई तो मैंने सोचा कि क्यों न मैडम के पास चला जाये !
सो मैं दोपहर के समय मैडम के घर चल दिया। वैसे तो अक्सर मैडम के घर कोई नहीं रहता ! मैडम के पति भी एक बहुत बड़ी कम्पनी में काम करते है तथा घर पर महीने दो महीने में एक बार आते हैं।
मैं मैडम के घर जाकर घंटी बजाने वाला ही था कि मैंने सोचा की पहले अन्दर देख तो लूँ कि अन्दर कौन-कौन है !
तो मैंने चाबी वाले छेद से देखा। मैंने देखा कि अन्दर दूसरे कॉलेज की तीन मैडम और बैठी हुई है! फ़िर मैंने देखा कि मेरी वाली मैडम ने टी.वी. ऑन करके एक सी.डी. चला दी। मैंने कुछ देर और ध्यान लगाये रखा तो मैंने देखा वो अश्लील वीडियो थी! मैं भी आँख लगाकर उन्हें देखने लगा। तभी मैंने देखा कि चारों मैडमों ने अपनी अपनी कमीज़ तथा ब्रा उतार दी तथा वे एक दूसरे के बोबों को दबाने लगी, मुँह में लेकर चूसने लगी।
इससे मेरा लिंग भी काफी कड़क हो गया लेकिन मैं यह सब नहीं चाहता था, इसलिए मैंने घंटी बजा दी। मेरा घंटी बजाना ही था कि सबने हड़बड़ाकर अपने-अपने कपड़े पहन लिए तथा टी.वी. बंद कर दिया। सभी एकदम सामान्य हो गई, जैसे कुछ नहीं हुआ है।
उसके बाद मेरी वाली मैडम ने आकर दरवाजा खोला, मैडम के दरवाजे खोलते ही मैंने उन्हें नमस्ते किया। मैडम मुझे देखकर कुछ आश्चर्य-चकित सी हो गई!
मैंने मैडम से कहा- मैडम, मुझे गणित में कुछ प्रोब्लम है इसलिए मैं समझने यहाँ आ गया।
मैडम बोली- चलो आओ अन्दर आ जाओ !
तभी मैडम ने मेरी पैंट की तरफ देखा, तो शायद वो समझ गई कि मैंने सब कुछ देख लिया है। मैं मैडम के घर के अंदर जाकर सोफ़े पर बैठ गया। मैडम दरवाजा बंद करके मेरे पास आई और बोली- तुम मेरे बैडरूम में बैठो क्योंकि यहाँ पर ये मैडम बैठी हुई हैं, मैं अभी 5 मिनट में अंदर आती हूँ।
मैं मैडम के बैडरूम में जाकर अपनी पढ़ाई करने लगा, मैडम उन तीनों से कुछ बात करने लग गई!
तभी मैडम मेरे कमरे में आ गई और मुझे पढ़ाने लगी।
फ़िर उनको पता नहीं क्या सूझा, उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर अपने वक्ष पर रख लिया। तो मैंने गुस्से से मेरा हाथ हटा लया तथा मैडम से कहा- मैडम, आप यह क्या कर रही हैं, आप मुझसे काफी बड़ी हैं !
मैडम मुझसे कहने लगी- अगर तुझे पढ़ना है तो मेरा यह काम भी करना पड़ेगा !
मैं कुछ सोच में पड़ गया तथा मैंने फैसला किया कि यह काम गलत है, इसलिए मैं किताबें उठा कर बाहर जाने लगा।
तो मैंने देखा कि बाहर मुख्य-द्वार का ताला अन्दर से लगा हुआ है और बाहर जाने के सभी दरबाजे बंद है। मैंने सोचा कि शायद मैडम ने अकेले की वजह से लगा दिए होंगे।
मैंने मैडम से कहा- मैं जा रहा हूँ, दरवाजा खोल दो !
तभी बाकी तीनों मैडम पता नहीं कहां से मेरे सामने आ गई और मुझसे बोली- अभी से कहाँ जा रहे हो?
तभी पीछे से मेरी मैडम ने मेरा मुँह पकड़ लया और बाकी तीनों मैडमों ने भी मुझे पकड़ लिया, मुझे पकड़कर बैडरूम में ले गई।
मैं जोर जोर से कहने लगा- मैडम, यह क्या हो रहा है?
लेकिन उन चारों ने मेरी एक नहीं सुनी और मुझे ले जाकर बिस्तर पर पटक दया। एक मैडम ने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए तथा एक मैडम ने मेरे दोनों पैर पकड़ लिए। अब मैं उठ भी नहीं सकता था।तभी बची दोनों मैडमों में से एक तो मुझे चूमने लगी तथा दूसरी मैडम मेरे कपड़े उतारने लगी तो मैं जोर जोर से चिल्लाने लगा। तो एक मैडम रसोई में गई तथा चाकू लेकर आई, तब तक दूसरी मैडम ने मेरी पेंट उतार दी थी।
तभी चाकू वाली मैडम आई और मेरे गाल पर तीन चार थप्पड़ लगा दिए। मैं जोर जोर से चिल्लाने लगा तो एक मैडम वोली- अब तू चिल्लाया तो मैं तेरा लंड चाकू से काट दूंगी ! उन्होंने मुझे चाकू दिखाते हुए कहा।
मैं बहुत ज्यादा डर गया और बिल्कुल चुप हो गया।
अब तक दूसरी मैडम ने मेरे पैंट और शर्ट उतार दए थे, अब मेरे शरीर पर केवल चड्डी-बनियान ही थे, और ये मैडमो से उतर नहीं रहे थे।
तो चाकू वाली मैडम ने चाकू से मेरे चड्डी-बनियान काटकर अलग कर दिए। अब मैं बिल्कुल नंगा चारों मैडमों के सामने था।
अब एक मैडम ने मेरी आँखों पर रुमाल बांध दिया, जिससे मुझे कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा था। अब मैं न तो उठ सकता था और न ही कुछ देख सकता था। थोड़ी देर बाद मुझे ऐसा लगा कि कोई मेरे हाथ पैर बांध रहा है।
अब मैडम ने मेरे आँखों की पट्टी खोल दी तो मैंने देखा कि मैडमों ने मेरे हाथ पैर रस्सी से बांधे हुए हैं।
मेरी वाली मैडम बोली- अरुण हम तुझे तेरी गलती की सजा दे रहे हैं।
मैंने कहा- मैडम मैंने क्या गलती की है?
दूसरी मैडम बोली- तूने हम चारों को छिपकर सेक्स करते हुए देखा, यह उसी की सजा है !
इतना कहते ही चाकू वाली मैडम ने चाकू मेरे लंड पर रखते हुए कहा- अगर अब तूने जरा सी भी बदमाशी की और हमारा कहना नहीं माना तो मैं तेरा लंड काट दूंगी ! इसलिए जैसा हम कहें वैसा ही करना !
अब मैं मरता, क्या ना करता ! उनकी बात मानने के लिए राजी हो गया। अब एक मैडम मेरे होंठो पर अपने होंठ रखकर जोर जोर से चूमने लगी। मुझे ऐसा लगा कि जैसे वो मैडम मेरा सारा थूक अपने अन्दर ले जाना चाहती हो !
दूसरी मैडम मेरे लंड को ऊपर नीचे करने लगी तथा कभी गोल गोल घुमाने लगी जैसे की रई से छाछ बनती है। इससे मेरे लंड में तनाव पैदा हो गया। बाकी दोनों मैडमों ने मेरे हाथ खोल दिए तथा दोनों मेरे दाएँ व बाएँ लेट गई और मेरा एक एक हाथ पकड़कर अपने अपने स्तनों पर लगा कर मुझसे बोली- इनको जोर जोर से दबाओ !
सो मैं दोनों मैडमो के बोबों को जोर जोर से दबाने लगा। इस समय मैं चारो मैडमों से घिरा हुआ था। एक मैडम मुझे किस पर किस किये जा रही थी, दूसरी मैडम मेरा लंड हिला रही थी, बाकी दोनों मैडम अपने अपने बोब दबवा रही थी।
इस समय मेरा लंड भी बहुत ज्यादा कड़क हो गया था। अब चारों मैडम मेरे से दूर एक साथ खड़ी हो गई। तभी एक मैडम ने दराज़ में से एक कंडोम निकाला, और मेरे लंड पर पहना दिया। अब तीन मैडम बैडरूम से बाहर चली गई। अब बैडरूम में मैं और केवल मेरी वाली मैडम ही रह गई थी। मेरी टांगें अभी भी बंधी हुई थी। पता नहीं जाने मुझे क्यों एसा लगा कि मुझे मेरे देह शोषण में मजा आया, मजा ही नहीं बहुत मजा आया।
आगे मैडम ने मेरे साथ क्या किया, अगली बार !
आपको मेरी कहानी कैसी लगी ? मुझे मेल अवश्य करें !
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