हमें भी करना चाहिए

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प्रेषक : दमन सिंह

मेरा नाम दमन है, उम्र २१ साल, मैं पंजाब का रहने वाला हूँ। मैं काफी स्मार्ट और हैण्डसम हूँ, मेरे व्यक्तित्व पर काफी लड़कियां फ़िदा हैं। मैंने काफी लड़कियों के साथ सेक्स किया है पर मैं आपको सिमरन शील नाम की लड़की के बारे में बताता हूँ।

सिमरन एक बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लड़की थी और उसकी फिगर भी मस्त थी। हम एक ही क्लास में पढ़ते थे। जब मैंने स्कूल ज्वाइन किया तभी से मैं उसके हुस्न का दीवाना हो गया। मैंने उस पर काफी लाइन मारी। मैं काफी होशियार भी हूँ इस लिए वो मुझसे गणित के कुछ सवाल पूछ लिया करती थी।

एक दिन मैं लंच-ब्रेक में अकेला बैठा था, वो मेरे पास आई और एक सवाल पूछने लगी।

जब वो जाने लगी तो मैंने हिम्मत करके बोल दिया- आई लव यू !

वो शरमा गई और बोली- मैंने ऐसा कुछ सोचा नहीं है, सोच कर बताउंगी !

मैं बोला- जब तक मर्जी सोच लो ! मैं तुम्हारे जवाब का इंतज़ार करूँगा।

एक दिन मैंने उससे पूछा- क्या सोचा?

तो उसने हाँ कह दी। मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था। हमारी प्रेम कहानी यूँ ही चलती गई। एक दो हफ्ते में ही हम काफ़ी खुल गए थे आपस में ! और मैंने उससे सेक्स के बारे में पूछ लिया तो वो बोली- अभी तक किसी के साथ किया नहीं है।

मैं और खुश हो गया।

फिर एक दिन हम मूवी देखने गए। अँधेरे में मैंने उसके वक्षों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया, उसने मेरे हाथ पकड़ कर साइड पे रख दिया। मैंने कुछ नहीं कहा और मूवी देखने लगा। मूवी के बाद हम पार्क में घूमने चले गए और उसने मेरी उस हरकत के बारे में पूछा तो मैंने कहा- हमें भी तो करना चाहिए !

तो उसने कहा- जगह भी तो होनी चाहिए !

तो मैंने कहा- उसका इंतजाम हो जाएगा ।

दो दिन बाद मैंने होटल में कमरा बुक करवाया और उसे बुलाया। वो आ गई पर थोड़ी घबराई हुई थी।

मैंने पूछा- क्या हुआ?

वो बोली- पहली बार है ! कुछ होगा तो नहीं? और अगर किसी को पता चल गया तो?

मैंने कहा- घबरा मत ! कुछ नहीं होगा और किसी को भी पता नहीं चलेगा।

हम बेड पर लेट गए। हम दोनों एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे। हम दोनों इस विषय पर खुल कर बात करने लगे थे, अब उसकी घबराहट दूर हो गई थी। मेरा लंड उसकी टाँगों को छू रहा था। मेरा लंड ९ इंच लम्बा और काफी मोटा है। वह पूरी तरह से अकड़ चुका था। उसे मेरे लंड की गर्मी महसूस हो रही थी। पर उसके मन में घबराहट थी। मैंने उसके हाथ अपने लंड पर रख दिया और थोड़ा सा दबा दिया। उसे भी अच्छा लगा। फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ में मेरी पैन्ट के ऊपर से पकड़ लिया और मसलने लगी। अब मुझे भी मज़ा आने लगा। फिर मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया। वो बहुत गरम हो चुकी थी। मैंने उसकी पैन्ट उतार दी, पैन्टी के अन्दर हाथ डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा। वो बिल्कुल साफ थी।

अब मैंने उसकी पैन्टी भी निकाल दी। अब वो नीचे से नंगी थी। मैंने अपना पाँव उसके ऊपर रख दिया और उसकी टॉप उतारने लगा। उसके बाद मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी। उसने कई बार मेरा हाथ रोका, पर धीरे-धीरे मज़ा उसे भी आने लगा था। फिर बाद में वह साथ देने लगी। मैंने उसके चुचूकों को चूसना शुरु कर दिया। वो मदहोश हो रही थी और मेरे लंड को और मस्त कर रही थी।

धीरे-धीरे उसकी आँखें बन्द होने लगी थी। मैं नीचे उसकी चूत पर उसके दाने को मसल रहा था। वो एक बार झड़ गई। उसका पानी निकल चुका था। उसकी सिसकियाँ निकल रही थी। फिर उसने मेरी पैन्ट और अन्डरवियर उतार दी और कहने लगी- मेरी जान, मुझे कुछ हो रहा है। कुछ करो। मेरी चूत को फाड़ दो। जल्दी से इस मोटे लण्ड को डाल दो। मुझसे रहा नहीं जा रहा।

ऐसे नहीं, अभी तो बहुत कुछ करना है, मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया और उसकी चूत पर अपनी जीभ से फिराई और जीभ से उसकी चूत को चोदना शुरु कर दिया। वह बहुत गरम हो गई। मैं कभी उसे अपनी जीभ से तो कभी उँगली से चोद रहा था। वो एक बार फिर से झड़ गई। मैंने उसका सारा रस पी लिया। अब मैंने अपना लंड उसके मुँह की तरफ कर दिया, और उसने झट से उसे अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। वो ऐसे चूसे जा रही थी, जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा होता है। मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था। मैं भी उसके मुँह को चोद रहा था। मैं भी झड़ गया। मेरा सारा वीर्य उसके मुँह में जा गिरा। पहले उसे अच्छा नहीं लगा, पर जब एक बार उसने स्वाद चखा तो वह सारा वीर्य पी गई।

हम एक-दूसरे के शरीर से खेल रहे थे। वो मेरे लंड को मसल रही थी, और वह फिर से खड़ा हो रहा था। वह चुदवाने के लिए तड़प रही थी, मिन्नतें कर रही थी। मैं झट से उसकी टाँगों के बीच आ गया और अपना लंड उसकी चूत में रगड़ने लगा। अपने लंड से उसके दाने को रगड़ने लगा।

वह बहुत गरम हो गई, बोली- अब ना तड़पाओ, मुझसे रहा नहीं जा रहा। डाल दो मेरे अन्दर।

मैं लंड को उसकी चूत पर रख कर धक्का लगाने लगा। मेरा लंड मोटा होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था और उसकी चूत भी सँकरी थी। पहली बार किसी लंड का स्वाद ले रही थी। मैंने उसकी टाँगों को थोड़ा और खोला और अपने लंड को उसकी चूत पर सेट करके थोड़ा ज़ोर से अन्दर डाला, तो वो कोई दो इंच अन्दर चला गया। उसे मज़ा आया। उसे नहीं मालूम था कि अभी उसकी फटने वाली है। मैंने थोड़ा और ज़ोर लगाया तो उसकी चीख निकल गई। मेरा लंड लगभग छः इंच अन्दर जा चुका था और उसकी झिल्ली फट चुकी थी। वह कहने लगी- बाहर निकालो मुझे दर्द हो रहा है।

मैंने उससे कहा- जो होना था वो हो चुका है, अब दर्द नहीं होगा, बस मज़ा आएगा।

पर वो मान ही नहीं रही थी। मैं उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर उसे किस करने लगा, और नीचे वहीं पर रुक गया। जब उसका दर्द कम हुआ तो उसने मुझे पीछे से कस लिया और मेरे होंठ चूसने लगी। अब मैं धीरे-धीरे नीचे अन्दर-बाहर करने लगा। अब उसे मजा आने लगा था। कोई पच्चीस-तीस झटकों के बाद वो भी नीचे से कमर उछाल-उछाल कर साथ देने लगी। दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था। फिर उसका झड़ने वाला था तो उसने अपनी चूत को टाईट करना शुरु कर दिया और मुझे एक गहरा चुम्मा देकर शांत हो गई।

थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने वाला था, मैंने उसे बताया तो उसने कहा- बाहर मत निकालो, अन्दर ही डाल दो। मैं भी उसका मज़ा लेना चाहती हूँ।

मैंने अन्दर ही सारा डाल दिया। हम दोनों झड़ चुके थे, वो मेरे ऊपर लेट गई। हम ऐसे ही सो गए फिर जागने क बाद हमने फिर से सेक्स किया तीन बार। फिर कपड़े पहन कर मैंने उसे उसके घर तक छोड़ा और मैं अपने घर आ गया।

हम दो साल तक इकट्ठे रहे फिर मैं जालंधर आ गया और हमारा रिश्ता ख़त्म हो गया।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी ?

कृपया मुझे बताइए।

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