This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
बॉयफ्रेंड सेक्स चुदाई हिंदी कहानी मेरी सहेली के दोस्त से मेरी चूत चुदाई की है. मेरी सहेली के घर से मुझे उसका दोस्त मिला. हम दोनों में भी दोस्ती हो गयी.
दोस्तो, मेरा नाम सोनम है. मेरी उम्र 27 साल है. मेरा फिगर 34-30-36 है. मेरी बॉयफ्रेंड सेक्स चुदाई हिंदी कहानी का मजा लें.
एक दिन मैं अपनी फ्रेंड के घर गयी थी. वहां पर मैंने पाया कि मेरी सहेली का एक फ्रेंड आया हुआ था. उसका नाम महेश था. वो देखने में काफी अच्छा था.
मेरी सहेली ने उससे मेरा परिचय करवाया. फिर मैंने भी उसके साथ थोड़ी बहुत बात की. उसने फोन नम्बर देने के लिए कहा तो मैं भी मना नहीं कर पायी.
उस दिन के बाद से फिर हम दोनों के बीच में बात करने का सिलसिला शुरू हुआ. उससे बात करते करते पता नहीं कब मुझे उससे प्यार हो गया. उसके दिल में भी वही था जो मेरे दिल में था.
मैंने उसको अपने दिल की बात बताई और उसने भी अपने दिल की बात कही. हम दोनों ने अपने प्यार का इज़हार किया और हम दोनों ने मिलने का प्लान किया.
पहली बार हम मिले तो बहुत देर तक बातें ही करते रहे. उसने भी मुझे छूने की कोशिश नहीं की और मैंने भी ऐसा कोई इशारा नहीं दिया.
फिर हम दोबारा भी मिले. उस दिन उसने मुझे गले लगाया और मुझे बहुत अच्छा लगा.
हम धीरे धीरे ऐसे ही मिलने लगे. अब वो कई बार मेरे कंधे सहला देता था. मेरी जांघ पर हाथ रख लेता था. मेरी कमर में हाथ डालकर मेरी चूचियों के ऊपर से मुझे अपनी बांहों में ले लेता था.
इस तरह से मैं उसके साथ धीरे धीरे अब खुलने लगी थी. मगर अभी तक हमने एक दूसरे के सेक्स अंगों को नहीं छुआ था. न ही अभी तक हमारी किस हुई थी.
लेकिन एक बात मैं कहूंगी कि उसकी पैंट में उसका लंड मैंने तनाव में कई बार देख लिया था.
मैं जानती थी कि वो मेरे साथ सेक्स करना चाहता है लेकिन कभी उसने पहल नहीं की और मैंने भी कभी कदम आगे नहीं लिया. इस तरह से हम दोनों के बीच में बहुत दिन से कुछ नहीं हो पा रहा था.
एक बार हम दोनों पार्क में बैठे हुए थे. वो बोला- तुम स्पा में गयी हो क्या कभी? मैंने कहा- नहीं, मैं ब्यूटी पार्लर तो गयी हूं लेकिन कभी स्पा में नहीं गयी हूं.
उसने कहा- तो इसका मतलब तुमने कभी मसाज भी नहीं ली होगी? मैंने कहा- हां, मैंने तो कभी नहीं ली आज तक. क्यों क्या हो गया? वो बोला- यार, मुझे मसाज करवाने का मन है. आज बदन बहुत दर्द कर रहा है. मगर तुम्हें मसाज के बारे में पता ही नहीं है तो तुम करोगी कैसे?
मैं बोली- हां, मैंने कभी नहीं करवाई और न ही मुझे इसके बारे में पता है. उसने कहा- तो फिर चलो, आज रूम पर चलते हैं. वहां मैं तुम्हें मसाज करनी सिखाऊंगा. उसके बाद तुम एक बार मेरी कर देना.
उसकी बात पर मैं भी राजी हो गयी.
वो मुझे अपने एक दोस्त के रूम पर ले गया. उस दिन उसका दोस्त किसी काम से बाहर गया हुआ था और वो शाम को आने वाला था.
हम दोनों दोपहर से पहले ही उसके रूम पर पहुंच गये. रूम पर जाकर हमने थोड़ा रिलेक्स किया और फिर हम बातें करने लगे.
कुछ देर के आराम के बाद वो कहने लगा कि चलो मसाज करना सिखाता हूं तुम्हें.
मैंने कहा- चलो सिखाओ फिर। वो बोला- ऐसे सूट सलवार में सीखोगी? मैंने कहा- तो क्या मुझे बिना कपड़ों के सिखाओगे?
उसने कहा- मैंने ऐसा तो नहीं बोला, मगर पूरे कपड़े रहेंगे तो तुम्हें पता ही नहीं चलेगा कि किस जगह पर कैसे मसाज करते हैं. इसलिए कपड़े उतार लो और अंडरगार्मेंट्स मत उतारना.
मैंने कपड़े उतारने से मना किया तो उसने मुंह बना लिया. फिर उसको नाराज होता देख मैंने सोचा कि इसका दिल तोड़ना ठीक नहीं है, पहली बार इसने कुछ करने को कहा है तो मैं भी कर देती हूं.
फिर मैं उसके सामने ही अपने कपड़े उतारने लगी. मैंने शर्ट और सलवार निकाल दिया और केवल ब्रा पैंटी में रह गयी. मुझे शर्म आ रही थी लेकिन मैंने अपने सूट और सलवार को उठाकर एक तरफ रख दिया.
उसके बाद उसने मुझे नीचे गद्दे पर लेटने को कहा. मैं उसके सामने पेट के बल लेट गयी. फिर वो तेल लेकर आया और मेरे बदन पर मसाज देने लगा. पहले उसने मेरे कंधों पर मसाज दी.
फिर वो पीठ पर मसाज करने लगा लेकिन मेरी ब्रा के हुक आ रहे थे बीच में तो वो नीचे कमर पर मसाज देने लगा. उसके हाथ मेरे कूल्हों तक पहुंच रहे थे.
मुझे थोड़ा अच्छा लग रहा था. मैं पहली बार किसी से मसाज ले रही थी और वो भी एक लड़के के हाथों से। वो फिर से पीठ की ओर आया और मसाज देने लगा.
वो बोला- ये पट्टी खोल लो कुछ देर यहां से. यहां पर हाथ नहीं चल पा रहे हैं. मैं सोचने लगी कि इसके सामने कैसे खोलूं!
मगर फिर वो बोला- यहां पर मसाज देने से ज्यादा रिलेक्स होता है.
फिर मैंने उससे कहा कि तुम ही खोल दो. फिर उसने मेरी ब्रा के हुक खोल दिये. मेरी ब्रा की पट्टी मेरी चूचियों के साइड में आकर रुक गयी. उसके बाद एक बार फिर से उसके हाथ मेरी पीठ पर चलने लगे.
अब उसके हाथ मेरी पीठ पर से मेरी बगलों के पास मेरी चूचियों की जड़ तक आ रहे थे. मुझे उसकी उंगलियां अपनी चूचियों के निचले हिस्से पर महसूस हो रही थीं और मुझे बदन में अजीब सी झुरझुरी हो रही थी.
कोई लड़का पहली बार मेरी चूचियों को अपनी उंगलियों से छू रहा था. फिर धीरे धीरे उसके हाथों की पकड़ मेरी चूचियों के नीचे बढ़ने लगी थी. मुझे अच्छा लगने लगा था.
एक दो बार तो उसके हाथ मेरी आधी चूचियों पर आ गये और वो मेरी चूची दबाकर फिर से हाथ ऊपर ले जाकर पीठ की मालिश करने लगता था. मैं भी कुछ नहीं बोल रही थी क्योंकि मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था.
फिर उसके हाथ मेरी जांघों पर चले गये. वो मेरी जांघों के बीच में मालिश करने लगा. उसने मेरी जांघों को थोड़ी और फैलवा दिया और हाथ को नीचे तक लाने लगा.
अब उसके हाथ मेरे चूतड़ों के नीचे तक जा रहे थे. धीरे धीरे उसकी उंगली मेरी पैंटी के नीचे तक घुसने लगीं. उसकी उंगली लगभग मेरी चूत से इंच भर की दूरी तक पहुंच कर रुक रही थी.
मुझे लग रहा था कि वो मेरी चूत को छूना चाहता है. मैंने भी उसको रोकने की कोशिश नहीं की क्योंकि मैं अब तक काफी गर्म हो चुकी थी.
फिर उसने मेरी चूत को एक दो बार छुआ तो मुझे बहुत अच्छा लगा. मैंने सोचा कि जो होगा देखा जायेगा अब मैं इसे नहीं रोकूंगी.
अब उसके हाथ फिर से मेरी पीठ पर आ गये और वो अब आराम से मेरी चूचियों को आधे हिस्से तक दबाने लगा.
बार बार उसके हाथ दोनों तरफ से मेरी चूचियों पर आते थे और वो उनको दबाकर चला जाता था. अब मुझे काफी मजा आने लगा.
मैंने अपनी छाती थोड़ी सी उठानी शुरू कर दी ताकि उसके हाथ मेरी पूरी चूची पर पहुंच जायें.
वो तो इसी इंतजार में था. वो मेरी पूरी चूचियों को दबाने लगा. जब उसे लगा कि मैं अब खुद ही दबवाना चाह रही हूं तो उसने मुझे सीधी होने को कहा.
मैं सीधी होकर पीठ के बल लेट गयी और मेरी ब्रा नीचे ही रह गयी जिसको मैंने ऊपर ढकने की कोशिश नहीं की. अब मेरे स्तन उसके सामने ऊपर की ओर आकर पूरे नंगे थे.
उसके हाथ मेरी चूचियों पर अच्छे से आकर मसाज देने लगे. वो मेरे निप्पलों को भी अपनी उंगलियों के बीच में दबाने लगा; उनको मसलने लगा.
जब वो मेरे निप्पलों को मसलता तो मेरे मुंह से आह्ह निकल जाती थी.
अब उसने मेरी चूचियों को जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया और मेरी आहें निकलने लगीं. अब मुझे मेरी चूचियों के निप्पलों में सरसराहट सी होती हुई महसूस हो रही थी.
मैंने खुद ही उसके हाथों को अपनी चूचियों पर दबाना शुरू कर दिया. अब उसको भी समझ आ गया कि मैं अब सेक्स करने के लिए तैयार हो रही हूं तो उसने मेरे पेट को सहलाना शुरू कर दिया.
उसका एक हाथ मेरी चूचियों पर सहला रहा था और दूसरा हाथ मेरे पेट पर सहला रहा था. अब धीरे धीरे उसका हाथ मेरी पैंटी तक पहुंचने लगा. फिर उसने मेरी पैंटी में हाथ दे दिया और मेरी चूत को सहला दिया.
मैंने अपनी टांगें सिकोड़ीं तो उसने फिर से टांगों को फैला दिया और तेजी से मेरी चूत को सहलाने लगा.
मैं चुदासी होती चली गयी और एकदम से उसने मेरी चूत में उंगली दे दी.
मेरे मुंह से जोर से आह्ह … निकली और वो एक हाथ से मेरी चूचियों को दबाते हुए मेरी चूत में उंगली करने लगा. मैं बहुत गर्म हो गयी और फिर उसने मेरी पैंटी भी निकाल.
अब मैं उसके सामने पूरी नंगी हो गयी. वो नीचे गया और मेरी टांगों को खोलकर मेरी चूत में जीभ से चाटने लगा. मैं एकदम से सिसकार उठी- आह्ह … ओह्ह … नो … उम्म … ओह्ह! ऐसे करके मैं अपनी चूचियों को सहलाने लगी.
उसने मेरी चूत में जीभ डाल दी और चूत को तेजी से चाटने और काटने लगा. अब मेरी हालत बुरी होने लगी. मैं चुदना चाहती थी. वह भी ये समझ गया कि अब चूत में लंड पेलने का सही समय है.
फिर उसने मिनट भर में ही अपने कपड़े उतार फेंके और खुद भी पूरा नंगा हो गया. वो नंगा होकर मेरे ऊपर आ गया और मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे जिस्म पर अपने जिस्म को रगड़ने लगा.
मैंने भी उसको बांहों में कस लिया और उसके लंड की ओर चूत को दबाने लगी. फिर उसने नीचे से मेरी चूत पर लंड लगा दिया और एक झटका देकर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया.
एकदम से लंड चूत में गया तो मैं दर्द से चीख पड़ी. उसने मेरे मुंह पर हाथ रखा और मुझे प्यार करने लगा; मेरे गालों को चूमने लगा; मेरी चूचियों को सहलाने लगा.
कुछ देर तक उसने कोई हरकत नहीं की. अब मैं भी थोड़ी शांत हो गयी. उसने फिर धीरे धीरे लंड को चूत में हिलाना शुरू किया. अभी वो बहुत धीरे धीरे अपने लंड के धक्के मेरी चूत में मार रहा था.
मुझे कुछ धक्कों के बाद लंड का चूत में आना जाना अच्छा लगने लगा. मैंने अपने बदन को ढीला छोड़ दिया और उसका साथ देने की कोशिश करने लगी.
उसको पता लग गया कि मेरी चूत में अब मुझे मजा आने लगा. फिर उसने धीरे धीरे स्पीड बढ़ा दी और मैं आराम से चुदने लगी.
अब उसकी स्पीड बढ़ती ही चली गयी और उसने मुझे अगले 10 मिनट तक बहुत मस्ती से चोदा. मैं इस बीच दो बार झड़ गयी और फिर वो भी मेरी चूत में ही माल छोड़कर मेरे ऊपर लेट गया.
मैं खुश हो गयी. पहली बार चुदाई करवाकर बहुत मजा आया. मदहोशी में मेरी आंखें बंद हो गयी थीं.
हम कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे. लेटे लेटे एक बार फिर से उसका लंड खड़ा हो गया और उसने एक बार फिर मेरी चूत चोद डाली.
उस दिन के बाद से मैं उसके लंड की दीवानी हो गयी. अब वो हफ्ते में तीन बार तो कम से कम मेरी चूत को चोद देता था. वो मुझे रूम पर ले जाता था और मेरी चूत चोद देता था.
एक दिन फिर उसने चलती कार में मुझसे उसका लंड चूसने के लिये कहा. मैंने चलती कार में उसका लंड चूसा. अब मैं भी उसके साथ पूरी खुल चुकी थी. वो जो बोलता था मैं कर देती थी. उसके साथ चुदकर मुझे बहुत मजा आता था.
मैं उससे प्यार करने लगी थी और वो भी मेरे लिये बहुत पागल रहता था.
फिर एक दिन की बात है कि हम लोग कार में घूमने जा रहे थे. रास्ते में एक भिखारी दूर से हमें बैठा हुआ दिखाई दिया.
बॉयफ्रेंड ने कहा कि इस भिखारी को तेरे चूचे दिखाते हैं, बहुत मजा आयेगा. मैं हैरान हो गयी. मगर फिर मुझे भी आइडिया अच्छा लगा और उसने मेरे से मेरी कुर्ती और ब्रा उतारने के लिए कहा.
वो बोला- कुर्ती और ब्रा निकाल कर केवल चुन्नी डाल ले और आगे वाली सीट पर लेट जा। मैंने वैसा ही किया.
फिर उसने उस भिखारी के पास जाकर गाड़ी रोकी. उसने उसको पैसे दिखाए और वो भिखारी उठकर गाड़ी के पास आने लगा तो रमेश ने मुझे इशारा कर दिया.
उसको देखते ही मैंने अपनी चुन्नी हटा दी. भिखारी की आंखें खुली की खुली रह गयीं. उसने मेरे सीने के सामने से हाथ आगे लाकर पैसे लिये और फिर वहीं पर हैरानी से देखने लगा.
मैं नीचे ही नीचे मुस्करा रही थी. मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था. ऐसा मैंने पहली बार किया था. रमेश बोला- दबा लूं? मैंने कहा- हां, दबा लो.
वो भिखारी वहीं गाड़ी के बाहर हक्का बक्का खड़ा था. उसने पैसों को देखा भी नहीं और मेरी चूचियों को देखता रहा. उसके सामने ही रमेश ने मेरी चूचियों को एक दो बार दबाया और फिर हम आगे निकल आये.
रमशे बोला- मजा आया? मैंने कहा- हां, बहुत मजा आया. वो बोला- ठीक है, अब अपनी लैगी भी निकाल दे और घोड़ी बनकर मेरे लंड को चूस. अब मैं उसको तेरी चूत और गांड भी दिखाऊंगा.
मैंने वैसा ही किया. मैंने अपनी लैगी और पैंटी भी निकाल दी. मैं पूरी नंगी हो गयी और रमेश का लौड़ा चूसने लगी.
अब रमेश ने गाड़ी पीछे की ओर ली और उल्टी दिशा में चलाता हुआ ही फिर से भिखारी के सामने ले गया.
वो भिखारी उठकर आया और उसने मेरी चूत और गांड देखी. मैं रमेश का लौड़ा चूसने में लगी हुई थी. रमेश उसको फिर से एक नोट निकाल कर दिया और मेरी गांड पर हाथ फिराते हुए फिर से गाड़ी आगे ले आया.
मैं रमेश का लंड चूसती रही. उसने गाड़ी अब रोड के साइड में रोक ली. वहां पर ज्यादा लोगों का आना जाना नहीं था क्योंकि यहां से आगे जंगल का रास्ता शुरू हो जाता था.
मुझे रमेश का लंड चूसने में बहुत मजा रहा था. उसने मुझे लंड चूसने की आदत लगा दी थी. वो भी जोर जोर से सिसकार रहा था- आह्ह … जान … आह्ह … चूसो … आह्ह पूरा चूस जाओ मेरी रानी … आह्ह … बहुत मजा आता है तेरे साथ!
मैं भी अपने बॉयफ्रेंड को पूरा मजा देने में लगी हुई थी. उसकी गोटियों तक मेरी लार पहुंच चुकी थी. फिर उसने मुझे उठने के लिए कहा. मुझे समझ नहीं आया कि वो क्या करना चाहता है.
फिर मैं उठ गयी और वो अपनी पैंट उतारने लगा.
बॉयफ्रेंड सेक्स चुदाई हिंदी कहानी आपको पसंद आई हो तो अपने मैसेज और कमेंट्स में जरूर बतायें. जिससे मैं आपके लिए अपनी और भी कहानियां आगे लेकर आ पाऊंगी। नीचे दिये ईमेल पर अपनी राय भेजें। [email protected]
बॉयफ्रेंड सेक्स चुदाई हिंदी कहानी का अगला भाग: सहेली के बॉयफ्रेंड को अपना चोदू यार बना लिया- 2
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000