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प्रिय दोस्तो,
मेरा नाम मानसी है। यह मेरी अन्तर्वासना में पहली कहानी है। आज मैं आपको अपनी ज़िन्दगी की सच्ची कहानी बताना चाहती हूँ। मेरी उम्र २३ साल है। हमारा छोटा सा परिवार है। मेरे परिवार में मेरे सिवा ३ लोग और हैं। मम्मी पापा और एक बड़ा भाई।
अब मैं आपको अपनी चुदाई की कहानियाँ बताना चाहती हूँ। मेरी पहली चुदाई कई साल पहले हुई थी। उस वक़्त मैं स्कूल में थी। उस वक़्त तक मुझे चुदाई के बारे में कुछ भी नहीं पता था। मेरी कक्षा में मेरे साथ पढ़ने वाले तीन लड़कों ने मिलकर मेरी चुदाई की थी। हालाँकि उनके बारे में सब लोग जानते थे कि उनका चरित्र ठीक नहीं है। लड़कियों के साथ शारीरिक संबंध बनाना ही उनका शौक था। लेकिन मेरे साथ कभी उन्होंने ऐसा कुछ किया नहीं था इसलिए मैं उन पर बहुत विश्वास करती थी। एक दिन मैं शाम को घर लौट रही थी तो वो तीनों मुझे रास्ते में मिल गए। उन्होंने मेरी एक दोस्त का नाम लेकर कहा कि आज उसका जन्मदिन है और वो लोग वहीं जा रहे हैं तो मैं भी उनके साथ चलूँ। मैं भी उन पर विश्वास कर उनके साथ जाने को तैयार हो गई और घर पर फ़ोन कर दिया कि थोड़ी देर हो जायेगी मुझे लौटने में।
उसके बाद वो लोग मुझे एक ऑफिस में ले गए जो कि उनमें से एक के पिता जी का था। उन्होंने मुझसे कहा कि मेरी दोस्त कुछ देर में यहीं आ रही है। हमें उसका इंतज़ार करना है। ऑफिस में हम चारों के सिवा कोई नहीं था। लेकिन मुझे उनपर इतना विश्वास था कि मुझे ज़रा भी डर नहीं लगा। लेकिन जब उन्होंने ऑफिस का दरवाजा अन्दर से बंद किया तो मुझे कुछ शक हुआ तो मैंने पूछा कि यह दरवाजा क्यूँ बंद किया, तो उन्होंने कहा कि कोई तुम्हें यहाँ कोई देख न ले इसलिए बंद किया है।
मैंने कहा- ठीक है।
लेकिन थोड़ी देर के बाद उनमें से एक केबिन में गया और थोड़ी देर बाद उसने मुझे भी वहीं आने के लिए कहा। मैं जब अन्दर गई तो मैं एक दम हैरान हो गई और डर गई क्यूंकि उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे।
मैंने कहा- यह सब क्या है?
तो उसने कहा- पास आ जाओ सब पता चल जायेगा।
और जैसे ही मैं वापिस जाने के लिए मुड़ी तो वो दोनों लड़के भी मेरे पीछे खड़े थे और मुझे अन्दर करके उन्होंने केबिन का दरवाजा बंद कर लिया। मैं बहुत डर गई थी। तब उन दोनों लड़कों ने भी अपने कपड़े उतार दिए। उनमें से एक ने मेरी कमर में हाथ डाला और मुझे अपने साथ चिपका लिया। उसका लिंग कम से कम सात इंच का था जो मैं अपनी सलवार के ऊपर से महसूस कर रही थी।
तभी उसने मेरा दुपट्टा उतार कर फ़ेंक दिया। पहले तो मुझे बहुत डर लग रहा था कि मेरे साथ यह सब क्या हो रहा है। उसके बाद उसने मेरे होंठों को चूसना शुरू किया। फिर उसने मेरी कमीज़ उतार दी और बाद में सलवार भी। अब मैं सिर्फ पैंटी और ब्रा में उन तीनों के सामने खड़ी थी। मुझे बहुत शर्म आ रही थी। तब दूसरे ने मेरी ब्रा खोल दी मेरी चुचियों को पीछे से हाथ डाल कर दबाने लगा। तभी तीसरे लड़के ने आकर मेरी पैंटी भी उतार दी और वो नीचे बैठ कर मेरी चूत चाटने लगा। मुझे बहुत अजीब लगा कि यह क्या कर रहे हैं। लेकिन थोड़ी देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा।
अब एक लड़का मेरी चूत चाट रहा था, एक मेरी चुचियों को दबा रहा था और तीसरा मेरे होंठों को चूस रहा था।
मेरे साथ ऐसा पहली बार हो रहा था कि तीन लड़कों के साथ मैं अकेले कमरे में बिलकुल नंगी थी। अब मुझे भी धीरे धीरे मज़ा आने लगा। मुझे मज़ा आ रहा है इस बात का एहसास उन्हें तब हुआ जब मैं अपनी चूत चाट रहे लड़के का सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी और जो मेरे होंठ चूस रहा था मैं भी उसका पूरा साथ देने लगी। जो लड़का मेरी चूचियां दबा रहा था, मैं दूसरे हाथ से उसका हाथ पकड़ कर अपनी चुचियों पर दबाव देने लगी। तब उन तीनों को एहसास होने लगा कि मैं अब गरम हो चुकी हूँ।
तब उन्होंने मुझे नीचे लेटने को कहा और जो लड़का मेरे होंठ चूस रहा था वो भी मेरे होंठ चूसते चूसते मेरे ऊपर लेट गया और मेरी चुचियों को दबाने लगा। मैं बेकाबू हो रही थी और मेरे बदन पर मेरा कोई कण्ट्रोल नहीं था। मुझे ऐसा लग रहा थी कि मेरी चूत में से कुछ निकल रहा है, पता नहीं क्या लेकिन मैं मदहोश होती जा रही थी।
तभी उस लड़के ने मेरी चूत के मुँह पर अपना लंड रखा और धीरे धीरे दबाव देने लगा। मुझे दर्द हो रहा था।
मैंने उसे कहा- मत करो !
लेकिन उसने मेरी एक न सुनी और तभी दूसरे लड़के ने आकर मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए जिस से मेरे मुँह से आवाज़ न निकले। मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन मैं कुछ कर नहीं पा रही थी। अब एक मेरे होंठ चूस रहा था। दूसरा मेरी चुचियों को दबा रहा था और तीसरा मेरी चूत पर अपना लंड रख कर मेरी चुदाई करने के लिए तैयार था। उस लड़के ने जैसे ही मेरी चूत पर थोड़ा और दबाव दिया, मैं दर्द से तड़प उठी। लेकिन मैं कुछ कर नहीं पा रही थी क्यूंकि अन्दर से मैं भी चाह रही थी कि वो अब अपना लंड मेरी चूत में डाल दे। तभी उस लड़के ने मेरी टांगों पर हाथ रखा क्यूंकि वो जान चुका था कि मैं कुंवारी हूँ और मुझे बहुत दर्द होगा इसलिए उसने मेरी टाँगे पकड़ ली और एक जोर का झटका मारा और उसका दो इंच तक लण्ड मेरी चूत में घुस गया।
मैं दर्द के मारे तड़प उठी। लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकती थी सिरफ दर्द के मारे तड़प कर रह गयी। मेरी आँखों से आंसू निकल आये। वो थोड़ी देर के लिए रुक गया और फिर उसने एक और जोर का झटका मारा और उसका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ मेरी चूत में ४ इंच तक अन्दर घुस गया। मैं फिर दर्द से तड़प उठी।
अब उसने अपना लंड बाहर निकाला और दोबारा मेरी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार झटका मारा और उसका पूरा लण्ड मेरी चूत में अन्दर तक जा घुसा। मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन मैं हिल भी नहीं पा रही थी। अब उसके बाद वो धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर करने लगा, फिर दर्द कुछ कम हो रहा था और मज़ा आने लगा। और उसके बाद वो दोनों लड़के जो मेरी चूचियां और होंठों को चूस रहे थे मेरे ऊपर से हट गए और मैं आज़ाद हो गई। लेकिन अब मैं आज़ाद होना नहीं चाहती थी।
जो लड़का मेरी चुदाई कर रहा था मैं भी अब अपने चूतड़ उठा उठा कर उसका साथ देने लगी।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने उस लड़के को इशारे से अपने ऊपर लेटने को कहा। वो चुदाई करता करता मेरे ऊपर लेट गया। मैंने उसके हाथ पकड़ अपनी चुचियों पर रख लिए और उसके होठों को पागलों की तरह चूसने लगी। वो लगभग ७-८ मिनट तक मेरी चुदाई करता रहा इस बीच मैं न जाने कितनी बार झड़ चुकी थी।
तभी वो अपने दोस्तों से बोला- यार, फिर होने वाला है !
मैं समझ नहीं पाई कि वो क्या कह रहा था। उसके दोस्तों ने बोला- बाहर निकाल लो, अन्दर मत झाड़ना।
मुझे तब भी कुछ समझ नहीं आया। तब उसने अपना लौड़ा जैसे ही बाहर निकला उसमें से उसका वीर्य निकल कर सीधा मेरे पेट पर आ गिरा। जब मैंने अपनी चूत पर हाथ लगाया तो मुझे वहां गीला गीला लगा। जब मैंने अपना हाथ देखा तो मेरे हाथ पर मेरी चूत का पानी और खून लगा हुआ था।
मैंने उससे कहा- यह खून कैसे निकला?
तो उसने कहा- जब पहली बार चुदाई होती है तो ऐसे ही खून निकलता है।
तब बाकी दोनों लड़कों ने भी बारी बारी से मेरी चुदाई की। मुझे उस दिन बहुत मज़ा आया था।
लेकिन यह सब होने के बाद मुझे डर भी बहुत लग रहा था क्यूंकि मैं इन सब के बारे में जानती नहीं थी। घर आने के बाद मैंने बहुत सोचा कि यह मेरे साथ क्या हो गया।
उसके बाद मैंने जब दोबारा अपना स्कूल ज्वाइन किया तोह वो लड़के भी क्लास में थे। लेकिन मैं यह बात किसी को बता नहीं सकती थी लेकिन हर वक़्त यही डर लगा रहता था कि अगर उन लड़कों ने ही बता दिया तो मैं क्या करुँगी।
और वैसा ही हुआ। उन लड़कों ने अपने दोस्तों से सब कुछ बता दिया। लेकिन सब जानते थे कि मैं किस तरह की लड़की हूँ और वो तीनों किस तरह के हैं। जो तो गलत लड़के थे उन्होंने तो मुझे भी उसी तरह की नज़र से देखना शुरू कर दिया लेकिन मैं कभी उनसे बात नहीं करती थी। मेरी क्लास में एक और लड़का भी था जिसे मैं बहुत पसंद करती थी और दिल ही दिल में उससे बहुत प्यार भी करती थी। वो भी जानता था कि मैं उससे प्यार करती हूँ।
जब उसे यह सब पता चला तो उसे बहुत ख़राब लगा। लेकिन उसके दिल में मेरे लिए जो प्यार था वो कभी कम नहीं हुआ। उसने मुझसे इस बारे में बात करने की कोशिश की लेकिन मैं उस वजह से किसी से भी बात नहीं कर पा रही थी।
तब एक दिन उसने मुझसे कहा- मानसी मुझे तुमसे बात करनी है ! मेरे साथ चलो।
हम उस दिन स्कूल ख़तम होने के बाद साथ घर गए। रास्ते में उसने मुझसे सब कुछ पूछा कि मेरे साथ उन लोगों ने क्या किया। हम बात करते करते जा रहे थे तभी उसका घर भी आ गया। उसने कहा कि मैं उसके घर चलूँ। लेकिन वो सब होने के बाद मैं बहुत डरी हुई थी कि अगर इसके घर जाउंगी तो कहीं यह भी वो सब न करे। लेकिन उसने मुझे विश्वास दिलाया कि ऐसा कुछ नहीं होगा। उसके घर में सब लोग हैं इसलिए वो मुझे साथ चलने के लिए कह रहा है।
मैं उसके घर पर गई और हम उसके कमरे में बैठ कर बात करने लगे। उसकी मम्मी चाय बना कर लाई और थोड़ी देर हमारे पास बैठी। फिर वो उठकर अपने कमरे में चली गई। वो मेरे पास आकर बैठ गया और मेरा हाथ पकड़ लिया।
उसने कहा- मानसी, डरो मत और मुझे सब कुछ बताओ कि क्या हुआ था।
मैंने उसे सब सच सच बता दिया और मैं रोने लगी। उसने मुझे अपने सीने से लगा लिया और वो भी रोने लगा। तब उसने मुझे बताया कि वो मुझे जब से जानता है तब से ही मुझे बहुत प्यार करता है।
लेकिन मैं उसे कुछ नहीं कह सकी, मुझे लगा कि मैं अगर अभी यह सब कहूँगी तो वो मेरी मजबूरी होगी। मैंने उसे कुछ नहीं कहा।
लेकिन उसने कहा कि वो सच में मुझसे बहुत प्यार करता है और वो जानता है कि मैं भी उस से बहुत प्यार करती हूँ। तब मैंने भी उसे अपने दिल की बात कह दी और कहा कि अब मैं उसके लायक नहीं रही।
उसने कहा कि मैं कौन होती हूँ यह कहने वाली कि मैं उसके लायक हूँ या नहीं।
मैं रोने लगी और उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। और हम दोनों ने एक दूसरे के साथ पूरी ज़िन्दगी बिताने का फैसला कर लिया।
तो दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी। मुझे ज़रूर बताएं।
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