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दोस्तो, मेरी रण्डी बनने की क्सक्सक्स कहानी में आपने पढ़ा कि एक फार्म हाउस में तीन कॉलेज गर्ल रण्डी बन कर पासी कमाने के लिए तीन मर्दों से चुद रही थी. अब आगे:
उसने मेरे सिर को नहीं छोड़ा और उसका पूरा माल मेरे मुँह में भर गया। मजबूरी में मुझे वो गटकना पड़ा।
फिर भी वो मुझसे लंड चटवाता रहा जब तक मैंने उसके लंड को साफ नहीं कर दिया। इसके बाद उसने मुझे छोड़ा और मैं बाथरूम गई और मुँह को साफ किया।
मैं बाथरूम से वापस आकर उसकी बगल में लेट गई. वो मेरी तरफ पलटा और मेरे गोरे गालो को सहलाते हुए बोला- मेरी जान, तू तो मस्त चूसती हैं, खुश कर दिया तूने मुझे। तू जानती हैं अगर मेरा परिवार न होता तो तुझे अपनी रखैल बना लेता! उसने आगे कहा- तेरी जैसी माल इस काम को बहुत कम करती हैं। तू बहुत पैसा कमा सकती है अपनी जवानी से। अभी तो तेरी चूत भी अच्छे से नहीं फटी। तू खूबसूरत तो है ही साथ ही साथ बहुत गर्म लड़की भी है। तुझे जब पहली बार ही देखा तो सोच लिया था कि आज इसे ही चोदूँगा। तेरे जैसी बहुत कम मिलती हैं। आज मैं अपनी हर इच्छा तुझ पर निकाल दूँगा। बस मेरी जान, तू सहती जाना।
फिर उसने मेरे गुलाबी निप्पलों को मुंह में भर कर दांत से काटना शुरू कर दिया। मेरी भी आह निकलने लगी। मैंने भी हाथ से उसके लंड को थाम लिया. वो मेरे स्तनों पर टूट पड़ा। मेरे गोरे गोरे दूध कुछ ही देर में लाल हो गए।
कुछ समय बाद उसने मेरी तरफ देखा और बोला- आज तक मैंने किसी रंडी की चूत नहीं चाटी मगर तू अभी नई माल है तेरी चूत आज चाटूंगा।
और उसने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और मुँह चूत में लगाकर बहुत मस्त तरीके से चाटने लगा। मैं तो जैसे जन्नत की सैर पर निकल गई थी- आहहह आआहह … मम्मी उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह ऊईईई आऊऊच मम्मी … नहीईई हहह!
सच दोस्तो, उस वक्त लग ही नहीं रहा था कि वो किसी रंडी की चूत चूस रहा था। ऐसा लग रहा था कि मैं उसकी गर्लफ्रैंड हूँ या उसकी वाइफ। मेरे बाप के उम्र का भले था मगर मुझे भी उस पर प्यार आ रहा था। मैंने उसके सिर को चूत में दबा लिया था।
कुछ ही पलों में मेरी कमसिन चूत ने जवाब दे दिया और पानी छोड़ दिया। मैं उसके मुंह में ही झर गई। उसने भी प्यार से मेरे चूत की सफाई अपने जीभ से की।
फिर वो मुझे पलटा दिया और मेरी पीठ को चूमने लगा, दांतों से हल्के हल्के काट भी रहा था। मुझे सच में परम सुख मिल रहा था।
चूमते हुए वो मेरे गोरे गाँड़ तक पहुँच गया। मेरे चूतड़ों को दोनों हाथों से दबाते हुए बोला- कसम से तू तो कयामत है साली। इतना मस्त फिगर मिला है तुझे कि अच्छे अच्छे तुझे चोदने को बेचैन हो जाए। पता नहीं तू रंडी क्यों बनी. लोग तो तेरी बैंड बजा देंगे।
फिर उसने मेरे कूल्हे को दांत से काटकर उसमें दो तीन थप्पड़ मारे और मेरे ऊपर लेट गया। उसका लंड मेरी गांड की लकीर पर टिका हुआ था।
मेरे कान में आकर बोला- आज तो तेरी गांड भी चोदूँगा। देगी न तू अपनी गांड? मैंने भी शर्म छोड़ कर कहा- हाँ क्यों नहीं, जो चोदना है चोद लो. आज मैं तुम्हारी हूँ।
“साली तुझे तो अपने साथ ले जाने का मन कर रहा है. बोल चलेगी मेरे साथ? मेरी रखैल बनेगी?” “नहीं … मैं ये तो नहीं कर सकती. पर जब भी तुम आओ, मुझे बुला लिया करो, मैं आ जाऊँगी।” “अरे कुतिया साली … तू यहाँ रहेगी तो पता है कितने लोग तुझे चोदेंगे। कुछ ही महीनों में तू फट जाएगी। वहाँ रहेगी तो मैं बस तुझे चोदूँगा।”
“चल कोई बात नहीं … आज तो चोदने दे।” “चोद लो न जितना मन करे।” “सच?” “हाँ!”
और फिर वो मेरे बगल में लेट गया और बोला- आ जा, मेरे लंड की सवारी कर फिर!
मैं उठी और दोनों टाँगें चौड़ी करते हुए उसके लंड को पहले चूत में रगड़ने लगी। वो काले भैंसे के जैसे लेटा हुआ था।
फिर मैंने उसके सुपारे को चूत के छेद में लगाया और उस पर बैठने लगी। धीरे धीरे पूरा लंड मेरी चूत में उतर गया. जैसे ही वो अंतिम छोर पर जा कर बच्चेदानी से छुआ मेरे मुंह से निकला- ऊऊऊ ऊऊईई ईईईई मम्मी!
“क्या हुआ मेरी जान? मोटा है क्या?” “हाँ मोटा तो है ही … मेरी चूत में समा नहीं रहा.” और मुस्कुरा कर बोली- इतनी छोटी सी फुद्दी है मेरी … देखो!” अपने अंगूठे से मेरे चूत के दाने को सहलाते हुए बोला- हाँ छोटी तो है. पर मजा भी तो इसमें ही आएगा।
फिर मेरे दोनों दूध को हाथों से दबाते हुए बोला- चल शुरू हो जा। मैं भी अपनी कमर को गोल गोल घुमाते हुए लंड लेने लगी।
फिर मैं अपनी चुदाई को तेज रफ्तार देने लगी- आआह आआ हहह आआ आहहह ओ ओह मम्मी आह ऊऊ ऊऊऊई ईईईईई रे आआह!
“क्या हुआ जान … मजा आ रहा है मेरी जान को?” “हां, बहुत मजा आ रहा है.” “तो कूदती जा मेरे लंड पर!” “कूद तो रही हूं!” “मुझे मजा नहीं आ रहा है. और जोर से कूद!”
मैंने अपनी रफ्तार तेज कर दी. मगर वह बोला- क्या धीरे धीरे कर रही है? मैं तुझे तेजी से करने को बोल रहा हूं. “और कितनी तेज करूं? मुझसे इतना ही हो पा रहा है.”
फिर उसने अचानक मेरी गांड को दबोच लिया और मुझे अपने लंड पर जोर जोर से कुदाने लगा. उस वक्त मेरी जान पर आ गई मुझे इतना तेज दर्द हुआ कि मैं जोर से चिल्ला पड़ी- मम्मीईई ईईईई नहीं मत करो!
वो इतनी जोर से मुझे दबा रहा था कि उसका लंड सीधा मेरे बच्चेदानी से टकरा रहा था.
कुछ ही देर बाद उसने मुझे अपने ऊपर से उठा दिया और बोला- चल मेरी जान, अब कुतिया बन जा! मैं तुरंत ही अपने घुटनों पर आ गई और वो मेरी गांड की तरफ हो गया.
उसने अपना घोड़े जैसा लंड मेरी छोटी सी चूत पर टिकाया और मेरी कमर को कस कर थाम लिया. और एक ही बार में अपना घोड़े जैसा लंड मेरी चूत में उतार दिया. मैं जोर से बिलख उठी- मम्मीईईईईईई!
उसका लंड सीधा मेरे बच्चेदानी से टकराने लगा. उसने मेरी कमर को कस कर पकड़ा और दनादन धक्के देना चालू कर दिया. वह बहुत ही तेज चोद रहा था, उसके झटके मेरे बर्दाश्त से बाहर हो रहे थे उसका हर एक धक्का मेरे चूतड़ों पर लग रहा था।
मैं घोड़ी बनी हुई थी इस वजह से मेरे दोनों दूध नीचे लटक रहे थे
फिर वो अपने पैरों पर खड़ा होकर झुक गया मेरे दोनों दूधों को अपने हाथों से थाम लिया और फिर अपने धक्के शुरू कर दिये. इस बार तो उसके धक्के और भी ज्यादा तेज पड़ रहे थे.
वह बिना रुके मुझे चोदे जा रहा था. इस बार मैं जल्द ही झड़ गई मगर उसकी रफ्तार कम नहीं हुई.
फिर उसने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरे ऊपर सवार हो गया. मैं पेट के बल लेटी हुई थी और उसने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को फैलाया और मेरी गांड पर लंड लगाकर एक तेज धक्का दिया.
उसका लंड मेरी गांड को चीरता हुआ अंदर घुस गया. मैं जोर से चिल्लाई- नहीं मत करो, आराम से करो, बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज आराम से करो! मगर वह कहां मानने वाला था … वह अपने शरीर का पूरा वजन मेरे ऊपर डाल कर जोर जोर से मेरी गांड मारने लगा.
मैं बस चिल्लाए जा रही थी मगर उसको किसी भी बात का फर्क नहीं पड़ा.
5 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद उसने मुझे सीधा कर दिया और एक झटके में लंड मेरी चूत में उतार दिया और मेरे चूचुकों को काटते हुए दनादन मुझे चोदने लगा.
मेरी आहें जोर-जोर से निकल रही थी. मैं किसी भी तरह से छूटना चाह रही थी मगर उसने मुझे दबा रखा था और दनादन मुझे चोदते जा रहा था.
मेरी छोटी सी फुद्दी बुरी तरह फट चुकी थी. मेरे दर्द का उसे एक भी ख्याल नहीं आ रहा था. वह बस मुझे चोदना चाह रहा था … वह भी बहुत ही बेदर्दी के साथ।
कुछ देर बाद वो उठा और मुझे बिस्तर से बाहर खींच लिया और मुझे अपनी गोद में उठा कर लंड को मेरी गांड में डाल दिया और मेरे दोनों पैरों को कमर में फंसा कर मुझे जोर-जोर से उछालने लगा।
तब भी उसका मन नहीं भरा तो उसने मुझे खड़ा कर दिया और खड़ा करके सामने से मेरी चूत में लंड घुसा दिया.
मुझे किसी भी प्रकार से मजा नहीं आ रहा था, बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था क्योंकि उसका लंड बहुत ही मोटा और तगड़ा था।
उसको बर्दाश्त कर पाना मेरे बस के बाहर था. उसने मेरे चूतड़ों को कस कर दबाया हुआ था. वो दनादन धक्के लगाता जा रहा था.
बहुत ही मुश्किल से उसका पानी निकला, वह उसने मेरी जांघ पर उड़ेल दिया और फिर उसने मुझे छोड़ा. यह चुदाई मुझे बहुत ही दर्द दे रही थी.
अब वह बिस्तर पर लेट गया. मैं भी उसके बगल में जाकर लेट गई और अपने हाथों से अपनी चूत को सहला रही थी.
मेरी चूत और गांड दोनों ही बहुत दर्द कर रही थी. मैं भगवान से यही प्रार्थना कर रही थी कि इसका मन फिर से ना करें नहीं तो यह मेरी बैंड बजा देगा.
मगर दोस्तो, मेरा डर सच साबित हुआ और कुछ ही देर बाद उसका लंड फिर से खड़ा हो गया।
इस बार मैंने बोला- मैं चूस कर आपका पानी निकाल देती हूं. मगर वह नहीं माना और मुझे फिर से बिस्तर पर पटक दिया. एक बार फिर मेरी गांड और चूत की चुदाई होने लगी.
इस बार फिर मुझे बेतहाशा दर्द हो रहा था। मैं बस यही सोच रही थी कि जल्द से जल्द इसका पानी निकल जाए और यह मुझे छोड़ दे मगर उस कमीने का पावर इतना ज्यादा था कि इतनी जल्दी उसका पानी नहीं निकल रहा था. सचमुच उसने मुझे बहुत ही बेदर्दी के साथ चोदा था।
इस बार तो आधे घंटे तक वह मुझे चोदता रहा. फिर भी उसका पानी नहीं निकला. तब उसने मेरे मुंह में लंड डाल दिया और बोला- चूस अब इसको!
मैं बहुत ही कोशिश कर रही थी कि चूस कर उसका पानी निकाल दूं मगर मेरी कोशिश बेकार जा रही थी.
किसी तरह से मैंने उसका पानी निकाला और उसके बाद उसने मुझे आजाद कर दिया और वह पलट कर सो गया. मैं भी कुछ देर बाद सो गई फिर तो मेरी सुबह ही नींद खुली।
सुबह मैंने देखा तो वह तैयार होकर जाने की तैयारी में था. उसने मुझे देखा और कहा- उठ गई मेरी जान! तूने तो मेरा दिल जीत लिया. मन कर रहा है तुझे अपने साथ ले चलूं. तेरी जैसी लौंडिया कभी-कभी ही मिलती है. तुझे चोद कर मेरा लंड खुश हो गया. अब तो मैं जा रहा हूं.
वो तैयार होकर मेरे पास आया और मेरे होंठों को चूमते हुए मेरे दूध को दबाया. फिर उसने अपने पर्स से 5000 रुपये निकाल कर मुझे दिए और बोला- यह मेरी तरफ से तेरी चूत को। उसके बाद वह चला गया.
मैं बाहर गई और देखा तो पूरा घर खाली था केवल वह नौकर और हम तीन लड़कियां ही बची थी.
कुछ देर बाद हम तीनों भी तैयार हो गई और वह एजेंट आकर हमें वापस ले गया.
इसी तरह वो एजेंट महीने में तीन या चार बार हमारी सेटिंग करवाता। इसके बदले वो हमारी कमाई में से कमीशन खाता था. इसमें से हमारी अच्छी कमाई होने लगी. एक रात के हम 15 से 20 हजार कमा लेती थी.
हम लोग बस अमीर आदमियों के पास ही जाती थी.
फिर उस एजेंट के द्वारा ही हम लोगों ने एक किराए का मकान लिया क्योंकि हॉस्टल से बार-बार बाहर निकलना मुश्किल हो रहा था.
हम 3 साल उस शहर में रही और जमकर मजा लिया. पैसे भी कमाए, पढ़ाई भी की और चुदाई का मजा अलग से!
उसके बाद मैं अपने घर वापस आई और यह सब काम छोड़ दिया. कुछ ही समय बाद मेरी शादी हो गई और अब मैं 2 बच्चों की मां हूं और अपनी जिंदगी में खुश हूं।
कभी कभी अपने बीते हुए पल को याद करती हूं तो क्जुद पर हैरान होती हूँ कि मजे के लिए मैंने वो क्या कर लिया था.
दोस्तो, यह सेक्स कहानी है एक लड़की के इस संसार की तड़क भड़क और चकाचौंध में बह जाने की. इस कहानी को पढ़ने वाली सभी लड़कियों से मैं अपील करती हूँ कि इस चकाचौंध में कुछ नहीं रखा है. सब दिखावा है. जब तक लड़की का जिस्म खूबसूरत दिखता है, तब तक मर्द उस पर पैसे लुटाएंगे. उसके बाद उसे कोई नहीं पूछेगा.
आपको कैसी लगी मेरी कालगर्ल बन कर इस नर्क से निकलने की क्सक्सक्स कहानी? मुझे मेल करके बताइएगा। [email protected]
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