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हाय दोस्तो, मैं राजू गोरखपुर का रहने वाला हूँ, ये मेरा सच्ची सेक्स कहानी आज से एक साल पहले की है.
मैं अपने बारे में बता दूं कि मेरी लंबाई साढ़े पांच फिट है. मेरे लंड का साइज भी बड़ा मस्त है, ये 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मैं रेलवे में जॉब करता हूँ. मेरी मामी की एक बहन की चुदाई की कहानी कैसे बन गई आज यही लिख रहा हूँ.
मेरी मामी की तीन बहनें और हैं. मेरी मामी का मायका मेरे गाँव के पास वाले गाँव में ही है सिर्फ 6 किलोमीटर की दूरी पर!
मैंने मामी की तीसरे नम्बर की बहन कामिनी की चुदाई की है. मेरी कामिनी रानी 5 फिट लम्बी है. उसकी बड़ी बड़ी चूची, गोल मटोल गांड ऐसे मादक हैं, जो किसी बूढ़े के लंड में भी आग लगा दें. वो एक सेक्सी और गदराई जवानी की मालकिन है.
उस समय मेरा मन करता था कि किसी लड़की से बात करूं, बांहों में भरकर ढेर सारा प्यार करूं … किस करूं. मगर कोई नहीं थी और चुत चोदने का मन करता था, तो मुठ मार लेता था.
ऐसे ही दिन कट रहे थे कि तभी एक दिन भगवान ने मेरी इच्छा सुन ली. जिसने मेरी जिंदगी में खुशियां भर दीं.
ये बात उस दिन की है, जब मेरी मामी अपने मायके आई हुई थीं. मैं मामी से अक्सर फोन पर बात कर लेता था. तो मैं फोन पर मामी से बात कर रहा था कि तभी उनकी बहन कामिनी उनके पास आ गई और पूछने लगी कि वो किस के साथ बात कर रही है.
मामी ने उसे मेरे बारे में बताया और मुझे भी अपनी बहन के बारे में थोड़ा बहुत बताया.
एक दिन मैं ट्रेन से अपनी डयूटी पर जा रहा था. अचानक एक नए नंबर से कॉल आई. मैंने पूछा- कौन?
तो उसने बताया- मैं पारस की मौसी. मैं तुरन्त पहचान गया. मेरे मामा के लड़के का नाम पारस है जिसे मैं बहुत लाड़ दुलार करता हूँ.
मैंने पूछा- नंबर कहां से मिला? उसने बताया- दीदी के मोबाइल से चुराया. मैंने सोचा कि लगता है मेरे भूखे लंड की खुराक इसी के पास है. जैसे उसने नंबर चुराने की बात कही, मैं समझ गया, ये माल जल्दी चुदने के लिए तैयार हो जाएगी.
मैंने बहुत देर तक बात की और बात करते करते आई लव यू बोल दिया. इसका उसने कोई जवाब नहीं दिया. आवाजें भी साफ नहीं आ रही थीं, सो कल फोन करने के लिए बोलकर फोन रख दिया.
उसकी सेक्सी आवाज सुनकर मेरे लंड में तूफान आ गया था. मैंने ट्रेन में कई बार मुठ मारी, लेकिन लंड महाराज शांत होने का नाम नहीं ले रहे थे.
इसके दो दिन तक उसका फोन नहीं आया, तो मैंने सोचा लगता है, ‘आई लव यू’ कहने से नाराज हो गई. कहीं अपनी दीदी को ना बोल दे.
ये सोच कर मेरी गांड फटने लगी कि इससे तो मेरी बहुत बदनामी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वो मुझसे कैसे आकर्षित हो गई थी, ये अलग किस्सा है. वो मैं फिर कभी लिखूंगा. हालांकि अब तक न तो उसने मुझे देखा था और न ही मैंने उसे देखा था.
तीसरे दिन उसका कॉल आया. मैंने पूछा- नाराज हो गई थी क्या? तो उसने पूछा- किस बात के लिए नाराज होऊंगी? मैंने कहा- फिर तुमने फोन क्यों नहीं किया? उसने कहा- टाइम नहीं मिला.
मुझे समझ आ गया कि ये नाराज नहीं है. फिर मैं बोला- आई लव यू कामिनी. उसने बहुत प्यार से सेक्सी अंदाज में ‘आई लव यू टू मेरे राजा’ का जबाव दिया.
इतना सुनते ही मेरे लंड में तूफान आ गया, मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
मैं बोला- रानी अब जीना तुम्हारे साथ, मरना तुम्हारे साथ. उसने भी जवाब दिया- हां राजा, अब जीना तुम्हारे साथ!
अभी तक हम दोनों आमने सामने मिले भी नहीं थे.
अब हमारी रोज बात होने लगी. हम दोनों रात रात भर बात करते थे. मुझे कामिनी से बहुत ज्यादा प्यार हो गया था. अब मेरा उसके बिना चैन से जी पाना मुश्किल हो गया था. मैं उससे बहुत दूर था इसलिए मिल नहीं पा रहा था.
हम दोनों सेक्स की बातें भी करने लगे थे. उसकी सेक्स भरी बातें मुझे पागल बना देती थीं. उसकी उत्तेजक सेक्सी आवाजें मेरे लंड में ऐसा तूफ़ान खड़ा कर देती थीं कि मैं एक ऱात में 10-10 बार मुठ मारता, फिर भी मुझे शांति नहीं मिलती. बात करते करते हम लोग इतना गरम हो जाते थे कि एक साथ मुठ मारते थे. उधर वो चुदने के लिए इतना बेचैन थी कि फोन पर ही चुदाई करवा लेती. मैं उसकी चुत चुदाई के लिए दिन-रात बेचैन रहने लगा था.
वो अपनी चुत में उंगली घुसाकर बोलती- पेलो राजा … आह … आह … आह … बहुत मजा आ रहा है … चोदो … और जोर … से … आह मेरी चुत के मालिक … चोद कर मेरी चुत का भोसड़ा बना दो.
इधर मैं भी चोदने के लिए बेचैन था. मैं इधर से उसे बोलता- हां ले रानी … मैं तेरी चुत में लंड पेल रहा हूँ. … आह. … तेरी चुत है और गांड इतनी कसी हुई है. … तेरी बुर को आज चोद कर फाड़ दूंगा.
फिर वो बोलती- आह इतनी अन्दर तक पेल रहे हो … क्या मार ही डालोगे … धीरे धीरे पेलो … बहुत दर्द हो रहा है … आह सैयां धीरे धीरे चोदो. हम लोग ऐसे फोन सेक्स करते करते झड़ जाते थे.
एक दिन मैंने उसे कहा- यार, अब तो सच में तेरी चूत पेलने को बेचैन हूँ मैं. वो बोली- तुम ही मेरी जिंदगी के मालिक मेरे जिस्म के मालिक हो, ये जवानी अब तुम्हारी है, इसे जैसे चाहो चाटो, चोदो पेलो, लेकिन धोखा मत देना. मैं सारी जिंदगी तुमसे चुदवाना चाहती हूँ. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो मैं जहर खा लूंगी. मैंने उसे विश्वास दिलाया कि ऐसा कभी नहीं होगा, तुम सारी जिंदगी इस लंड की मालकिन रहोगी. मेरा लंड सिर्फ तुम्हारी चुत का गुलामी करेगा. तुम इसे जैसे चाहो चूमो, चाटो, चूसो … ये सिर्फ तुम्हारा है.
फिर हम लोगों ने मिलने के लिए प्लान बनाया. दस दिन में प्यार और चुदाई का खुमार इतना चढ़ गया कि हम दोनों सारी हदें पार करने लगे थे. लंड बुर आपस में मिलने के लिए बेचैन हो गए थे.
मेरे लंड की बेचैनी और रानी की बुर की आग शांत करने के लिए हमने प्लान बनाया कि कहां और कब मिलना है. हमने कामिनी के घर ही मिलने का तय किया.
उन दिनों फसल कटाई का काम चल रहा था तो सब लोग दिन भर खेतों में रहते थे. हमने तय किया कि कामिनी पेट दर्द का बहाना बना कर घर में ही रुक जायेगी. और मैं उसके घर पहुँच जाऊँगा.
मैंने काम से छुट्टी ले ली और अगली सुबह मैं घर फ्रेश हुआ और नाश्ता करके कामिनी के बुलावे का इन्तजार करने लगा. मेरा लंड कामिनी की बुर चोदने के लिए बेचैन था.
तभी सुबह साढ़े नौ के करीब कामिनी का फोन आया- घर पर अब कोई नहीं है, आ जाओ.
दिन में किसी के घर जाना, वो भी अपने माल से मिलने, तो खतरा पूरा रहता है. मेरे मन में डर लगने लगा लेकिन फिर भी हिम्मत करके मैं बाइक से उसके घर के लिए निकल पड़ा. रास्ते में दारू का पैग लगा लिया ताकि डर नहीं लगे.
मैंने उसका घर भी नहीं देखा था. उसी से फोन पर पूछ कर उसके घर के सामने पहुंच गया.
उसने हाथ हिलाकर इशारा किया. तो मैंने उसे देखते ही अंदाजा लगा लिया कि मेरी परी यही है. उसने भी मुझे पहचान लिया था क्योंकि मैंने पहले ही बता दिया था कि मैंने किस रंग के कपड़े पहने हैं. उसने भी बता दिया था, जिससे पहचानने में परेशानी नहीं हुई..
मैं इधर उधर देखता हुआ बड़ी सावधानी से उसके घर में चला गया. उसे ध्यान से देखने लगा कि एक 5 फिट का सांवला, गदराया सा जिस्म, कटीली आंखें, बड़ी बड़ी चूचियां देखते ही मेरा लंड फुंफकार मारने लगा.
उसके घर में कोई नहीं था. वो मुझे अन्दर ले गयी. उसने मुझे पति मानकर मेरे पैर छुए. मैंने उसे गले से लगा लिया. वो भी मुझसे चिपक गई.
गले लगते ही उसके कोमल जिस्म से आती खुशबू ने मुझे ऐसा मदहोश किया कि मेरा लंड खड़ा हो गया.
उसने मुझे अलग किया मेरे लिए पानी बिस्किट ले आयी. मैं बिस्किट मुँह में लेकर आधी उसे खिलाई, अपने मुँह में पानी भर कर उसे पिलाया. हम साथ में एक चारपाई पर बैठ गए. कुछ प्यार भरी बातें की.
फिर धीरे से मैंने अपना एक हाथ उसकी जांघों पर रखकर उसे सहलाने लगा. जिससे वो मचलने लगी.
कभी मैं उसकी चूचियों को सहलाता, तो वो और मचलने लगती और मुझे कस कर पकड़ लेती. मैं धीरे धीरे उसके पूरे शरीर पर हाथ चलाने लगा, जिससे वो और बेताब होने लगी. उसकी चुत से पानी रिसने लगा.
उसने भी जोश में आकर मेरे बालों को सहलाया, मेरी छाती पर अपना मुँह लगाकर मेरे छोटे छोटे दानों को जोर जोर से चाटने और काटने लगी. इससे मैं बहुत उत्तेजित हो गया और उसे वहीं पटक कर उसके ऊपर चढ़ गया. उसकी चूचियों को जोर जोर से चूसने लगा. एक हाथ से बुर को मसलने लगा.
उसके मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं- आह राजा और जोर से दबाओ … आह बहुत मजा आ रहा … सारा रस चूस लो … आज पेल कर बुर का भोसड़ा बना दो … राजा मुझे अपनी रखैल बना कर जीवन भर चोदो … आज से मैं तुम्हारी रंडी हूँ.
कामिनी मेरी जान, पूरे जोश में मेरे लंड को मसल रही थी, पूरे शरीर को नौंच खसोट रही थी. मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था. लंड फूलकर लोहे का रॉड हो गया था.
अब कामिनी खुद बोली- राजा चलो अन्दर कमरे में चलो … मेरी चूत में अपना लंड डालकर अपनी जीवन भर के लिए रखैल बना लो.
अपने लंड बुर की हवस में मैं हम ये भी भूल गए थे कि घर का कोई सदस्य आ गया, तो क्या होगा. हम दोनों अपनी वासना के तृप्ति के लिए कमरे के अन्दर चले गए और अन्दर से कुंडी लगा दी.
अन्दर जाते ही मैंने कामिनी को पूरे जोश में पीछे से पकड़ लिया. मैंने उसका कमीज ऊँचा किया तो उसका पेट नंगा हो गया. कामिनी मेरी बांहों में कसमसा कर रह गयी. मैं उसके पेट, पीठ को चाटने लगा.
जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो कामिनी मुझसे अलग हो गई और झट से मेरी पैंट को खोलकर मेरी जांघों को चूमने चाटने लगी. उसने मेरे लंड की मुठ मारना शुरू कर दिया.
मैंने कहा- मेरे लंड और आंड चूसो. उसने कहा- जो आदेश मेरे मालिक.
ऐसा बोलकर उसने मेरे लंड को ऐसा चूसा कि मेरा पानी निकाल दिया. झड़े हुए लंड पर लगा मेरा सारा पानी चाट कर साफ कर दिया.
फिर मैंने उसे खड़ा कर दिया. उसका कमीज निकाल कर उसे नीचे लिटा दिया. मैंने उसके होंठ गाल को चाट चाट कर लाल कर दिया. जैसे ही मैंने उसके गले पर चाटना शुरू किया, वो पागल होने लगी चिल्लाने लगी- आह जल्दी से पेलो राजा … अब घुसा दो अपना लंड मेरी चूत में.
मैं उसे आराम से तड़पा कर चोदना चाहता था … क्योंकि वो 19 साल की नई कली और पूरी तरह से सीलपैक माल थी.
मैं उसकी बातों को अनसुनी करके उसकी रसीली चुचियों पर आ गया. मैंने उसकी ब्रा को फाड़ कर निकाल दिया और चूचियों को नौंचने लगा … धीरे धीरे सहला कर रस पीने लगा. उसके चूचे इतने मुलायम थे कि जैसे मक्खन हों. मैं खूब दबा दबा के चूची पीने लगा.
साथ ही मैं एक हाथ से उसकी चिकनी बुर को सहलाने लगा, इससे वो और भी पागल हो गई और चिल्लाने लगी … हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगी- अब चोद दो राज … पेल कर गांड भी फाड़ दो राज … अब मत तड़पाओ प्लीज़ आह मां मार डाला … आह … आह जल्दी पेलो!
पर मैं उसे तड़पाता रहा. फिर मैंने उसकी सलवार और पैंटी उतार दी. अब वो पूरी नंगी मेरे सामने चुदने के लिए मचल रही थी. उसकी नंगी चुत को देख कर मैं पागल सा हो गया. एकदम चिकनी चुत मुझे वासना के भंवर में खींच रही थी.
मैंने उससे चुत की चिकने होने का पूछा, तो उसने बताया कि कल तुम्हारे लिए तैयार की है.
जिंदगी में पहली बार मैंने किसी की चूत देखी थी, वो भी 19 साल की गदराई हुई कली जैसे चुत मेरे लंड के मरी जा रही थी.
मैंने उसकी चुत को जैसे ही हाथ से सहलाया, कामिनी पूरी तरह गनगना गई. मेरा हाथ उसकी चुतरस से पूरा भीग गया. मैंने उसे सूंघ कर देखा तो बहुत अच्छी महक आ रही थी.
मैंने चुत को चाटा, तो बहुत टेस्टी लगा.
इसके बाद मैंने कामिनी के पैर को ऊपर उठा दिए, जिससे उसकी चुत खुलकर सामने आ गई. चुत की मांग में एक छोटा सा चना बराबर मांग टीका अपनी छटा बिखेर रहा था. कमसिन फांकों के बीच एक हल्का सा छेद दिख रहा था. जो केवल मूतने के लिए मुश्किल से ही खुलता था.
मैंने जैसे ही उसकी चुत पर मुँह लगाया. वो जोर से ‘आह..’ के साथ उछल पड़ी. मैं उसकी चुत को जोर से चाटने लगा. कामिनी की बुर खूब पानी छोड़ रही थी. मैं सारा मधु पीता गया.
कामिनी अपनी गांड उछाल उछाल कर अपनी चुत को मेरे मुँह पर रगड़ रही थी और चिल्ला रही थी- आंह उंह … आह. … आह … खा जाओ चुत को … मेरे राजा बहुत मजा आ रहा है … अब जल्दी से लंड पेलो … मुझसे रहा नहीं जाता … आई लव यू राज … कहां से सीखा ये सब … आंह मेरी चुत से मूत निकलने वाला है … जल्दी मुँह हटाओ राजा.
मैं समझ गया कि अब चुत झड़ने वाली है. मैंने बोला कि तुम मेरे मुँह में मूतो.
तभी एक कंपकंपी के साथ कामिनी ने मेरे मुँह को अपनी चुत में दबा लिया- आह राजा. … आह … मजा आ गया … आह … यस. … जिन्दगी भर पेलना.. … आह. उसका शरीर निढाल पड़ गया. वो मुझसे चिपक गई.
जिंदगी में किसी नंगी जवान लड़की को चिपका कर सोने में जन्नत के सुख का आनन्द मिल रहा था.
कुछ पल बाद मैंने कामिनी को खड़ा कर दिया और उसके पूरे शरीर को सहलाने लगा. उसके नंगे जिस्म को देख कर मैं उसे यहां वहां चाट रहा था.
अब कामिनी शर्माने लगी थी. फिर भी धीरे धीरे वो लंड को सहलाने लगी. उसे फिर से जोश चढ़ने लगा. मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी गांड को खूब मस्ती में सहला सहला कर चाटा.
इसके बाद मैंने उसे नीचे लिटा दिया और उसकी चुत को चाटने लगा, जिससे वो एकदम से गरमा गई.
उसने मुझे लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गई. मेरे लंड को चाट कर गीला कर दिया और अपनी बुर को लंड पर घिसने लगी. वो इतनी अधिक चुदासी हो गई थी कि खुद गांड को धकेल कर लंड को अन्दर घुसवाने की कोशिश करने लगी.
उसकी चुत टाइट होने के वजह से लंड ने मना कर दिया. वो नाकाम होकर नीचे लेट गई.
मैं कामिनी के ऊपर चढ़ कर लंड को उसकी चुत पर रगड़ने लगा. वो पूरे जोश में आकर चिल्लाने लगी- आंह जल्दी चोदो … फाड़ दो मेरी बुर को.
मैं बोला- रानी पहली बार है, थोड़ा दर्द होगा … बर्दाश्त कर लेना, चिल्लाना मत … नहीं तो कोई सुन लेगा. कामिनी बोली- मैं हर दर्द सह लूंगी, बस अब जल्दी पेलो … मेरी बुर में बहुत खुजली हो रही है.
वो मेरे लंड को पकड़ कर बुर में घुसाने की कोशिश करने लगी. मैं भी कामिनी की चुत में अपना लंड घुसाकर अपनी बेचैनी खत्म करना चाह रहा रहा. क्योंकि अब तक चूमा चाटी से हम दोनों इतना बेचैन हो गए थे कि एक पल बिना चोदे नहीं रह सकते थे.
मैंने कामिनी के दोनों पैर अच्छे से फैला कर लंड को बुर के मुहाने पर सैट कर दिया. उसके जिस्म के ऊपर अच्छे से चढ़ गया और मुँह में मुँह डाल कर चाटने लगा … ताकि दर्द से चीखने की आवाज बाहर न जाए.
मैंने कामिनी से पूछा- तैयार हो मेरी जान? उसने कहा कि मैं तो कब से तैयार हूँ … अब जल्दी पेल दो राजा मेरी चूत की प्यास बुझा दो … तुमने बहुत तड़पा लिया अब जल्दी से लंड पेलो … आह.
जैसे ही मैंने चुत पर लंड का दबाव बनाया, वैसे ही घर का दरवाजा किसी ने खटखटा दिया. खड़े लंड पर धोखा हो गया था. इसे ही असली केएलपीडी कहते हैं.
हम दोनों के अरमानों पर पानी फिर गया. हड़बड़ाहट में हम दोनों ने कपड़े पहने. कामिनी ने जाकर दरवाजा खोला. मैं सीढ़ियों पर छिपने लगा.
हम दोनों का सारा जोश उतर चुका था. मैं सोचने लगा कि आज इज्जत और जान दोनों की मां चुद गई. पर शुक्र रहा कि दरवाजे पर कोई और नहीं, बल्कि उसकी छोटी बहन मधु थी. उसे देख कर मेरी जान में जान आई. उसने हम लोगों को देख लिया था.
उसने मुझसे कुछ नहीं कहा, परन्तु अपने बहन को ‘रंडी’ कह कर दूर हट गई.
मैं कामिनी को किस करके वहां से निकल आया.
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