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प्रेषक : अमित
हाय दोस्तो !
मेरा नाम विजय है, मैं हिमाचल का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र २९ साल है। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। आज मैं अपनी कहानी आपको बताता हूँ, यह कहानी सच्ची है कोई कोरी कल्पना नहीं है।
बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था। मेरे पड़ोस में एक लड़की अपनी सहेली के साथ रहती थी, उन्होंने एक कमरा किराये पे ले रखा था।
वो लड़की कॉलेज में भी मेरे साथ ही पढ़ती थी, उसका नाम ऋचा था। उसका अक्सर हमारे घर आना जाना था। हम दोनों में कब प्यार हो गया, पता ही नहीं चला।
और एक दिन मैंने उसे “आई लव यू” कह ही दिया।
वो तो जैसे इस इंतज़ार में ही थी- उसने मेरा प्यार स्वीकार कर लिया।
अब जब भी मौका मिलता हम मेरे घर में ही घंटों बैठे प्यार भरी बातें करते रहते !
एक दिन मैंने उस से कहा- मैं तुम्हें चूमना चाहता हूँ !
पहले तो उसने मना कर दिया, फिर कहा- कर लो !
मैंने अपने होंठ उसके होंठों पे रख दिए। अरे ! उसका फिगर बताना तो मैं भूल ही गया ! तब उसकी उम्र होगी कोई २० साल, कद ५”५ इंच, रंग सांवला, गोल गोल चूतड़ बड़े बड़े, ब्रा का साइज़ ३६, मम्मे बड़े बड़े।
मैंने उसे चूमना शुरू किया और अपना हाथ उसके मम्मों पर ले गया। उसने मना किया, फिर भी मैंने धीरे धीरे उसके निप्पलों को चूसना शुरू किया। वो गरम होने लगी और बोली- कुछ करो !
मैंने उसकी कमीज़ उतरवा दी और सलवार भी। फिर उसको चूमना शुरू किया।
वो तो जैसे पागल ही हो गई। शायद यह उसका पहला सेक्स था, उसने मुझे बालों से पकड़ लिया और बोली- लव ! लव !
मैंने उसे कहा- मैं पहले पीछे से करना चाहता हूँ !
क्योंकि मुझे उसकी गांड बहुत ही अच्छी लगती थी।
वो एकदम मान गई, मैंने उसे पेट के बल लिटा दिया और अपने लौड़े पे थूक लगाया। उसकी गांड इतनी चिकनी थी कि लौड़ा कब अन्दर चला गया, पता ही नहीं चला। मैंने अपना वीर्य उसकी गांड में ही छोड़ दिया।
वो बोली- अब आगे से भी करो !
उसने मेरे लण्ड को अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी। मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया। इस बार मैंने उसकी योनि में जैसे ही लण्ड डाला, वो दर्द से चिल्ला उठी और बोली- बाहरऽऽ निकालोऽऽऽ !
मैंने नहीं निकाला और जोर जोर से उसको चोदता रहा। बाद में शायद उसको भी मज़ा आने लगा था, उसने भी खुल कर साथ दिया, मैंने अपना सारा वीर्य उसकी रानों पे गिरा दिया।
उसकी आँखों में भी संतुष्टि के भाव थे, उसने मुझे धन्यवाद कहा।
फिर तो उसके बाद जब भी हमें मौका मिलता मैं उसे चोद देता। मैंने उसे अपने घर में, रसोई में, बेडरूम में, गैलरी में सब जगह चोदा।
फिर तो वो इतनी बेशरम हो गई थी कि जब भी उसका चुदवाने को दिल करता था, वो मुझे सीधा बोल देती थी,”मुझे तुम्हारी जरुरत है !”
उसके साथ मैंने हर तरह से सेक्स का आनंद लिया, उसकी गांड भी मारी, मुख-मैथुन भी किया।
फिर वो वहां से अपनी पढ़ाई समाप्त करके चली गई। मैंने उसे करीब दो साल तक चोदा।
अब मेरी भी शादी हो गई है और उसकी भी।
पर कसम से आज भी मुझे उसकी गांड और मम्मे याद आते हैं तो मैं मुठ मार लेता हूँ।
उसे मैंने कैसे कैसे चोदा यह अगली कहानी में !
मुझे लिखें !
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