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प्रेषक – आकाश भट्ट
हैलो दोस्तों,
मेरा नाम आकाश है, मैं देहरादून का रहनेवाला हूँ, ये बात तब की है जब मैं १२वीं में पढ़ता था। सेक्स के बारे में मेरी जानकारी बहुत थोड़ी थी, और मैं ख्वाबों की दुनिया में ज़्यादा रहता था। मैं पढ़ने में तेज़ था इस वज़ह से काफी लड़कियाँ मुझे पसन्द करती थीं, लेकिन मैं अपने आप में ही मग्न था। फिर एक दिन एक घटना ने मेरी ज़िन्दगी बदल दी।
मैं जहाँ ट्यूशन पढ़ता था, वहीं पर एक लड़की जो मेरी सीनियर थी, वो भी पढ़ने आती थी। धीरे-धीरे हम दोनों आपस में बातें करने लगे, फिर एक दिन उसने मुझे बहाने से अपने कमरे में बुला लिया जो कि पास में ही था, वहाँ पर थोड़ी देर बैठने के बाद उसने मुझे कहा कि वो मुझे बहुत पसन्द करती है। मैं डर गया क्योंकि वो अपनी बाँहें फैला कर मेरी ओर देख रही थी। मैंने कहा कि प्लीज़ ऐसा मत करो।
उसने कहा, “बेवक़ूफ, केवल गले मिलने को ही कह रही हूँ और उसने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया, थोड़ी देर में मुझे अच्छा लगने लगा, फिर वो मुझे किस करने लगी और मुझमें अजीब सी हलचल होने लगी, मेरा बदन तपने लगा और मेरा लंड खड़ा होकर फनफनाने लगा। उसने ये देखा और मुस्कुराने लगी। मैं शरमा गया, क्योंकि किसी लड़की के साथ यह मेरा पहला अनुभव था।
उसने मुझसे पूछा कि क्या यह पहली बार है? मैंने हाँ में सिर हिला दिया, यह सुनकर वह बहुत खुश हो गई और मुझे ज़ोर से किस करने लग गई। अब मैं भी थोड़ा सामान्य हो गया था और उसके चु्म्बन का उत्तर देने लगा था, मेरी उसपर पकड़ भी कसी होने लगी और मैं उसकी चूचियों, जो कि नाशपातियों की तरह तनी हुईं और सुडौल थीं, को मसलने लगा। अब मुझे भी मज़ा आ रहा था और उसकी सिसकारियाँ तेज़ होने लगी थीं। फिर उसने अपने हाथ से मेरे लंड को मसला और मेरा हाल और भी बुरा हो गया। अब उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए।
थोड़ी देर मैं उसके सामने नंगा खड़ा था, मेरे कसरती बदन और मोटे ८ इंच के लंड को देखकर वो पागल होने लगी और वो भी जल्दी से कपड़े उतार कर नंगी होने लगी। मैं जीवन में पहली बार किसी लड़की के इतना समीप था और उसका बदन तो क़यामत था। शानदार उभरी हुई गोल चूचियाँ, पतली कमर और क्लास गांड। मेरा लंड तो फनफनाने लगा था
उससे पहले कि मैं कुछ करता, उसने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। मैं पागल हो उठा, नियंत्रण करना मुश्किल हो गया, कई सारी नये अनुभवों को एक साथ सँभाल नहीं पाया और मैंने सारा रस उसके मुँह में उड़ेल दिया। वो सारा-का-सारा पी गई और बोली, “क्या स्वाद है, मज़ा आ गया।”
मेरा लंड अब भी डंडे की तरह कठोर था और उसकी चूत से रस टपक रहा था, अब वो बोली, कम ऑन जान, चाटो मुझे। मैंने अपनी गरम जीभ झट से उसकी चूत में घुसेड़ दी, वह सिपटपिटा सी गई और सिसकारी के साथ बोली- चाट और ज़ोर से।
अंधा क्या चाहे, दो आँखें। मैं उसे चाटने लगा और वह पागल हो रही थी, अपनी गांड को उठा-उठा कर मेरे मुँह में दबा रही थी। इसी बीच वह ज़ोर से चिल्लाते हुए झड़ गई।
अब उसने कहा कि आ, तुझे पहली चुदाई सिखाती हूँ और यह कहते हुए वह लेटकर अपनी दोनों टाँगें खोलकर मुझे बुलाने लगी। मैं भी तैयार था और ज़ल्दी से अपने मोटे लंड को उसकी चूत के मुहाने पर टेक दिया और इससे पहले कि वो कुछ समझ पाती, मैंने एक ज़ोरदार झटके में लंड को चूत में पूरा जड़ तक गाड़ दिया।
वो चिल्ला पड़ी और बोली- धीरे अक्की धीरे, एक ही बार में फाड़ना है क्या? सँभल के ये बहुत काम आने वाली है ! पर मैं तो पागल था, उसके मुँह पर हाथ रखा और पेलने लगा अपने लंड को उसकी चिकनी चूत में। अब मैंने रफ़्तार बढ़ाई और उसकी चीत्कार भी बढ़ी।
धचक-धचक और फचक-फचक की आवाज़ से कमरा गूँज रहा था, वो अपनी गांड उठा-उठा कर मरवा रही थी और मैं पूरे जोश में उसे पेल रहा था, उसकी लाल चूत में मेरा काला लौड़ा रेल की तरह चल रहा था। अब रफ़्तार और बढ़ी और हम दोनों में एक ज़ोरदार धक्के के साथ छूट पड़े और खतम हो गए। मैंने अपना सारा लावा उसकी लाल चूत में उड़ेल दिया, फिर हमने फटाफट कपड़े पहने और मैं घर आ गया।
आगे फिर अगली कहानी में
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