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फिर वो उठे और बैग से कुछ निकाला और कहा, “जान तुम्हारे लिए साड़ी लाया हूँ प्लीज़ ! इसे पहन लो न !” मैं फिर उठी और बाथरूम चली गई और तैयार हो कर आई तो भैया मुझे ऐसे देखने लगे जैसे कोई शोषणकारी देख रहा हो और वो तुंरत आ कर मुझसे चिपक गए और मुझे फिर बिस्तर पर पटक दिया और अपने कपड़े उतार दिए और बिस्तर पर आ कर मेरे ऊपर चढ़ गए और कहा “अब नहीं रहा जाता जान , अब तो मैं पूरा फाड़ दूंगा तुझे , आज वैसे भी जा रहा हूँ दिल्ली अब अगले महीने ही आऊंगा !” कहते हुए भैया ने मेरी साड़ी उतार दी।
भैया मेरी चूत पर बैठे हुए थे और मेरी चूचियों को मसल रहे थे . मैंने कहा “रौंद डालो आज मुझे जान, मत छोड़ना आज मुझे, जम कर चोदो आज मुझे ” ये सुनते ही भैया ने दोनों हाथों से कस कर मेरे दोनों चूचुक नौच लिए जिससे मैं चीख उठी और मेरी एक टांग अपने कंधे पर रख कर अपने लण्ड को मेरी चूत पर रख कर जोर का झटका मारा तो…
“आऽऽ अऽऽ ! आऽ आहऽऽ ह …”
“रानी अभी तो आधा ही गया है , अभी तो पूरा जाना है .. ओह ह ह !”
“भाई जान प्लीज़ऽऽऽऽ …! दर्द हो रहा है ! अऽआऽऽआऽऽआह ह !”
“और ले रानी … अब तो तेरी बहन नीतू मेरी साली हो गई है और अब उसे भी करना है ” कहते हुए पूरा लण्ड मेरी चूत में ठेल दिया।
“आ अ आया आह ह हह न ना आ आ !… नीतू तो भोली है …! प्लीज़ उसे तो छोड़ देना !”
“नहीं जानेमन …! साली आधी घरवाली ही तो होती है …!”
“ठीक है जान …! आ आ अ आह हह … कर लेना उसके साथ …! उसे यहीं ले आओ ना मिल लूंगी !”
“ठीक है फिर उसे यहीं चोदूंगा उस कमसिन जवानी को !”
फिर भैया ने मुझे १५ मिनट तक जम कर चोदा। फिर वो ऑफिस की कार से चल दिए एअरपोर्ट के लिए, साथ में मैं भी थी। कार में वे मेरी चूचियाँ दबाते हुए और किस करते हुए गए थे। उन्होंने ड्राईवर को कह दिया की मुझे कॉलेज छोड़ देगा। फिर मैं उनको छोड़ कर कार से आने लगी थी कॉलेज को. मैं कार में आगे ही बैठी थी।
ड्राईवर का नाम मोहन था। मोहन ने कहा “और मैडम लगता है आप अपने भाई से काफी सेक्स किया है !”
मैं यह सुनते ही सन्न रह गई।
मैंने कहा, “प्लीज़ ! ये बात मत किसी को बताना आप !” कहते हुए मेरे हाथ अपने आप उसके कंधे पर चले गए। उसने सुनसान जगह देख कर कार अचानक साइड में अँधेरे में रोक दी। उसने कहा,“आप तो घबराने लगी ! क्या हो गया?” उसने कहते हुए मुझे किस कर लिया और मेरे बूब्स मसलने लगा।
मैंने घबराकर कहा, “ये क्या कर रहे हैं आप?”
“क्यों मैडम अपने भाई से करवा सकती हो और मैं …! मैं क्या मर गया हूँ?”
उसने मेरी सीट पीछे की तरफ कर दी थी जिससे मैं लगभग लेटी हुई थी। उसने एक हाथ मेरी शर्ट के अन्दर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाने लगा, मेरी जींस की जिप भी खोल दी और चूत में ऊँगली करने लगा।
“आया आ अह ह … प्लीज़ मत करो !”
मोहन करीब २६-२७ साल का था और ५”११” कद का होगा और काफी तगड़ा भी था। फिर उसने मेरी जींस खोल के घुटने तक सरका दी, मेरी शर्ट फाड़ दी और फिर उसने अपनी शर्ट उतार दी और अपनी पैंट भी अपने घुटने तक सरका दी। मोहन फिर मेरी टांगों के बीच में मेरे ऊपर आ गया। अब हम ऐसी पोसिशन में थे कि हम दोनों आराम से अलग भी नहीं हो सकते थे। उसने मेरी ब्रा भी मुझसे अलग कर दी और मेरी चूचियों को चूसने लगा।
उसका लण्ड करीब १०” लम्बा और ३” मोटा था जो कि भैया से भी तगड़ा था। मैं घबरा गई थी पर कुछ कर भी नहीं सकती थी।
“प्लीज़ मत करो ना … बहुत तकलीफ होगी मैं मर जाऊंगी !”
“अब होने दो मैडम जो हो रहा है, अब नहीं रहा जाता ! वैसे भी आप बहुत खूबसूरत हैं।” ये कहते हुए उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया।
“प्लीज़ मुझे छोड़ दो ….!” पर धीरे धीरे मुझे भी कुछ होने लगा था।
“अब बस मैडम इसके बाद आप को मैं छोड़ दूंगा !” कहते हुए उसने जोर लगा दिया। पर इतना मोटा लण्ड कहाँ जाने वाला था अन्दर। मैंने भी सोच लिया था कि अब तो चुदना ही है उसके बाद फ्री तब मैंने उसका लण्ड पकडा तो घबरा गई कि इतना मोटा। फिर भी मैंने उसको अपनी चूत में थोड़ा फंसाया और कहा “अब करो पर आराम से !”
ये सुनते ही उसने जोर का झटका मारा …..
“आ आ अ आ अ आह ह ह ….. मर गई ई इ ई इ ” मेरे दोनों हाथ उसकी पीठ में गड़ गए।
“ऊऊओह सेक्सी बेबी …. अभी तो १/३ ही गया है २/३ तो बचा है !” उसका लण्ड मेरी चूत में बहुत कसा कसा जा रहा था पर लण्ड पूरा नहीं जा पाया और उसने मुझे १० मिनट तक चोदा जिसमे मैं २ बार झड़ गई थी। फिर हम दोनों किसी तरह उठे और उसने तुंरत गाड़ी दौड़ा दी और १० मिनट में अपने घर ले गया। उस वक़्त रात के ९ बज रहे थे।
मैंने कहा,“ये कहाँ आ गए हम, आप तो मुझे कॉलेज ले कर जाने वाले थे?”
“पहले फ्रेश तो हो जाएँ, फिर छोड़ दूंगा।”
“ठीक है पर जल्दी करिए न, अब तो आप मेरे साथ कर ही चुके हैं !”
हम दोनों जैसे ही घर में घुसे, उसने तुंरत दरवाजा बंद कर लिया और मुझसे चिपक गया।
“ये क्या कर रहे हो आप …..! प्लीज़ छोड़ दो !….. अब नहीं !”
“अभी कहाँ हुआ है पूरा जानेमन ! अब तो घर पर ही जम कर करूंगा जानेमन !”
“आप तो आ आ अ आह ह ह …. मत मसलो मुझे प्लीज़ … मुझे कॉलेज छोड़ दो !”
“कॉलेज की तो परसों तक छुट्टी है इसीलिए आज प्लीज़ घर पर ही …!” कहते हुए उसने मेरी दूसरी शर्ट भी फाड़ दी और मेरी जींस उतारने लगा और अपने दाँतों से मेरे निप्प्ल चबाने लगा।
मुझे भी कुछ होने लगा था। तब मैंने भी सोच लिया कि अब कोई चारा नहीं है।
मैं भी फिर उसको किस करने लगी, उसकी शर्ट उतार दी और उसकी पैंट खोल दी। २ मिनट में हम दोनों नंगे एक दूसरे से चिपके हुए किस कर रहे थे। वो मेरे नंगे बदन को देख कर पागल हो गया, मुझे अपने बिस्तर पर ले जा कर पटक दिया और बेतहाशा चूमने लगा। मैं भी उसे चूमने लगी।
“अब नहीं छोड़ूंगा तुम्हें …! आज जी भर कर खाऊँगा … तुम्हें !”
“खा के तो दिखाइए मुझे … ! देखें कितना दम है !”
“जानेमन कार में तो झेल नहीं पाई और दम की बात करती हो?” यह कहते हुए वो मेरी टांगों के बीच में आ गया और अपना लण्ड मेरी चूत पर रख दिया और जोर का झटका मारा।
“आ आ अ आ अ आह ह ह … प्लीज़ निकाल लो …!”
“ऊंह ह ह आह बहुत कसा कसा जा रहा है जानेमन ! अभी तो आधा बाकी है !” कहते ही उसने और जोर लगाया पर उसका लण्ड बहुत मोटा था और मैं कमसिन सी लड़की उसको झेल नहीं पा रही थी। जवाब में मैं उसकी पीठ में अपने नाखून गड़ा रही थी।
“आऽऽअ आह्हहहऽऽऽ उई माँ ऽऽऽ मर जाऊंगी मैंऽऽऽ !”
“आज तुझे अपना बना के ही छोड़ूँगा जानेमन !” कहते हुए उसने ३-४ जोरदार झटके मारे तो मैं कराह उठी क्योंकि अब शायद १-२” ही बाकी था पूरा जाने में।
“आ ऽऽऽऽ अ आहऽऽऽऽ ओऽऽह अ आऽअ आऽऽऽअ … आज मेरा पूरा भुर्ता बन जाएगा, मुझे किसी लायक नहीं छोड़ोगे क्या?”
“जानेमन अब तुम सिर्फ़ मेरे लिए ही रहोगी अब तो बस ! …..”
फ़िर उसने मुझे आधे घण्टे तक जम के चोदा और हम थक कर पसर गए। उसके बाद हम दोनों बाहर खाना खाने गए और वापिस उसी के घर आ गए। मैं बहुत थक भी गई थी और हम दोनों सो गए। करीब एक घण्टे बाद मोहन उठा और मुझे चूमने लगा।
मैंने पूछा,“ क्या हुआ और अब यह क्या हो रहा है ! अब तो हो चुका ना !”
“अभी तो बहुत कुछ होगा मैडम ! और वैसे भी आपको मेरा दम देखना था और आप मेरी हो चुकी हैं।” कहते हुए वो मेरे कपडे उतारने लगा।
“अच्छा … तो दिखाओ ना अपना दम !” कहते कहते मैं भी उसके कपडे उतारने लगी और चूमने लगी। फिर उसने मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दिया।
“आ अ आ आया अआया अह ह्ह्ह … फक्क मी ! कम ओन … चोद डालो आज मुझे, बना लो आज मुझे अपना ….. ओ ऊ ओऊ ऊह हह ”
फिर उसने ३-४ मिनट बाद ५ मिनट तक घोड़ी बना कर चोदा फिर उठा और तेल ले कर आया और मेरी गांड के छेद पर मला तो मैंने पूछा “अब क्या करेंगे आप ?”
“अभी तो पीछे से भी लेना है ” कहते हुए उसने मेरी गांड में एक ऊँगली डाल दी और तेल लगाने लगा।
“आ आ आया अ आया आ आह हह …. प्लीज़ नहीं … पीछे से नहीं ! बहुत तकलीफ होगी !”
“तो होने दो ना … अब तो मेरी ही हो … प्रैक्टिस कर लो और वैसे भी आज मैं अपना लण्ड तुम्हारे हर छेद में डालूँगा ”
फिर उसने मेरी एक ना सुनी और मुझे घोड़ी बना दिया, हम दोनों ज़मीन पर थे और मैं बेड पर अपने हाथ टिकाये हुई थी। उसने अपना लण्ड टिका दिया मेरी गांड के छेद पर और जोर का झटका मारा।
“आ आ आ अ औ ऊ ऊ ओऊ ऊऊ ऊओउऊ ऊऊ ऊह्ह ह्ह्छ … बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ निकाल लो …!”
“आया हह अभी तो १” ही अन्दर है अभी तो पूरा … अह ह्ह्ह !” कहते हुए वो कस कर झटके मरने लगा।
“ओऊ ओऊ ऊह्ह ह्ह्ह मेरा दम निकल जायेगा !” पर शायद मैं भी उसका साथ दे रही थी और मेरी चीखें कमरे में गूँज रही थी।
“जान हम दोनों का दम यहीं निकलेगा पर तुम में क्या दम है !…. आह हह !” फिर हम दोनों खड़े हो गए और वो पीछे से मेरे बूब्स मसलने लगा और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे, जबकि उसका ४ ” लण्ड मेरी गांड में था।
फिर हम दोनों बिस्तर पर आ गए वो बैठ गया और मुझे अपनी गोदी में बैठा लिया और बैठने को कहा तो मैंने भी जोर लगाया …..
“आ अ आ आया अ आह हह …. बहुत दर्द हो रहा है !” वो फिर मेरे कंधे को पकड़ कर जोर लगाने लगा तो ६” लण्ड किसी तरह गया और वो दूसरे हाथ की उँगलियों से मेरी चूत चोदने लगा और २ मिनट बाद मुझे बिस्तर पर लिटा कर जम कर मेरी गांड १५ मिनट तक मरी मैं चीखती रही पर हम दोनों फिर भी लगे रहे। फिर हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गए।
सुबह मैं १२ बजे के करीब उठी तो देखा वो कहीं गया हुआ था। वो १५ मिनट में आ गया और खाने को कुछ लाया था। फिर हम दोनों ने खाना खाया और थोड़ी देर बाद हम दोनों नंगे नहाने एक साथ गए और नहाते समय उसने मुझे खूब मसला और मैंने उसे।
फिर नहाने के बाद वो मुझे अपनी बाँहों में उठा के बिस्तर पर ले कर आ गया और हम दोनों बिस्तर पर पसर गए और एक दूसरे को चूमने लगे और एक दूसरे का लण्ड और चूत सहलाने लगे। फिर वो उठा और मेरी टांगें अपने कंधे पर रख ली और मुझ पर झुक कर मेरी चूत पर अपना लण्ड रख कर अन्दर ठेलने लगा और मेरी चिकनी टांगों को चाटने लगा।
लण्ड कसा कसा जा रहा था। फिर वो लेट गया और मुझे अपने ऊपर कर लिया और कहा,“अब आप करो मैडम … ज़रा देखें आपका दम !”
“काहे की मैडम ?… आपने तो अब मुझे अपना बना लिया है !”
“अभी कहाँ बनी आप मेरी … अभी तो बच्चे पैदा करोगी आप और अपनी चूत से हमारे बच्चे निकलोगी और वो भी कम से कम २ !”
“अभी नहीं … अभी तो मैं सिर्फ १८ की ही हूँ … २ -३ साल बाद प्लीज़ !”
“अभी का किसने कहा है जान मेरी रानी … अभी तो तुम्हें इस लायक तो बना दूं और अभी तो हमें काफी मजे करने हैं !”
बातें करते करते मैं उसके लण्ड को धीरे धीरे अपनी चूत में लेने लगी, वो मजे से नीचे लेटा हुआ था और मेरी चूचियों को मसल रहा था। उसका लण्ड बहुत कसा कसा जा रहा था। फिर उसने नीचे से झटके मरने चालू कर दिए और मैं ऊपर से झटके मारने लगी पर २-३ मिनट में ही निढाल हो गई तो उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और खुद ऊपर आ गया और रगड़ कर चोदने लगा मुझे।
“आ आ अ आः हह … जम कर चोदो मुझे जान !”
“ओह्ह … अब तो रोज ही करूंगा
हम दोनों १५ मिनट तक सेक्स करते रहे और फिर थक कर सो गए। दोपहर में खाना खा कर उसने मुझे कॉलेज छोड़ दिया।
फिर २०-२५ दिन बाद भैया फिर आये और मेरी बहन नीतू को ले कर आये तो मैं खुश हो गई। फिर हम तीनों एक ही कमरे में रुके और मैंने उनको सारी बात बता दी तो उन्होंने पूछा “तो तुम क्या चाहती हो … बताओ ?”
“मैं अब आपके लायक नहीं रह गई हूँ और मैं सोचती हूँ कि अब मोहन से ही शादी कर लूं !” मैं रोते हुए बोली।
“और मेरा क्या होगा … तुमने कभी सोचा ?”
“आप नीतू से कर लो न … प्लीज़ … हम दोनों नीतू को मना लेंगे !”
नीतू और मेरी फिगर लगभग एक ही जैसी है बस शकल से अलग हैं बस उसका बदन मेरे से ज्यादा कसा हुआ है।
“ठीक है … अब तुम मेरी साली हो जाओगी हा हा हा !”
फ़िर हम दोनों ने नीतू को सारी बात बता दी और समझाया तो वो मान गई। फिर हम तीनो बिस्तर पर पसर गए। भैया नीतू की चूचियों को सहलाने और मसलने लगे तो वो कसमसाने लगी।
फिर मैं भी भैया की मदद करने लगी, उनकी शर्ट उतार दी और उनकी पैंट खोल दी। फिर मैं नीतू की भी पैंट उतारने लगी तो भैया ने उसकी शर्ट उतार दी। उसका नंगा बदन देख कर भैया पागल हो उठे, उसको किस करने लगे और कस कस कर चूचियां मसलने लगे, जिससे नीतू भी पागल हो उठी और मैं भी। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और नीतू को मैं चूमने लगी।
हम दोनों बहनें पहली बार एक साथ नंगे एक ही बिस्तर पर थी और अब हम तीनों ही नंगे थे।
अब बाकी अगली कहानी में !
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