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बाबा बात उन दिनों की है जब मैं पढ़ता था। मैं हमेशा लड़कों से ज्यादा लड़कियों में रहता था ! मैं पढ़ने में भी तेज था ! मुझे गाँव में दोस्तों से सेक्स के बारे में पता चला तो मैंने बहुत बार स्कूल में लड़कियो से छेड़खानी करनी शुरू की।
एक लड़की थी जिसके बूब्स बहुत बड़े थे। मैं उसको कई बार मजाक में दबा चुका था। मेरे अन्दर सेक्स जगने लगा।
मेरे परिवार में मैं, मेरा भाई और दो बहनें हैं !
मेरे पड़ोस में मेरे अंकल रहते हैं, मेरी आंटी गोरी, चिकनी और बहुत ही मस्त थी। मेरा मन उन्हें चोदने को हुआ। बहुत बार मैं उनके पास जाता था, छेड़ता था पर वो मुझसे दूर हो जाती थी ! मेरी आंटी बहुत बदमाश भी थी। मेरे और उनके परिवार में बनती नहीं थी।
आंटी का गांव के एक आदमी से चक्कर चल रहा था इसीलिए मैं उन पर ट्राई मारना चाह रहा था पर वो हाथ ही नहीं रखने देती थी। एक दिन उनकी दाढ़ में दर्द हुआ और वो शहर गई तो वापस नहीं आई। उनके मरने की ख़बर आई।
कुछ दिनों बाद मेरे अंकल ने दूसरी शादी कर ली। मेरे अंकल के दो बेटे और दो बेटियाँ थी।
नई आंटी दिखने में सुंदर थी पर रँग थोड़ा साँवला था ! उसके बूब्स बड़े बड़े थे !
कहानी की शुरुआत शादी से ही हो गई। शादी के बाद मेरा उनसे बोलना-मिलना बढ़ गया।
एक दिन उनके यहाँ कोई नहीं था, आंटी सफाई कर रही थी। मैंने भी उनकी मदद की। ऊपर से कुछ निकालना था तो मैं मेज पर चढ़कर निकालने लगा। आंटी ने मुझे पकड़ कर रखा था, उनके स्तन मुझे पीछे से टकराने लगे जिससे मुझे मजा आने लगा। फिर अलमारी हटाते हुए उनके बूब्स को छुआ, मुझे बहुत मजा आ रहा था।
बहुत देर तक ऐसा चलता रहा। फिर कील ठोकते हुए मैं उनके बूब को छू रहा था। अचानक मेरी कमीज कील में अटक गई। आंटी निकालने लगी तो मैं सीधे खड़ा था, आंटी मेरे सामने से मुझसे चिपककर पीछे हाथ डालकर कमीज निकल रही थी।
उनके स्तन मेरे सीने से चिपक गए, मुझे ऐसा लग रहा था मानो मैं स्वर्ग में हूँ। मैं आगे की तरफ़ दबाव डाल रहा था, कमीज निकल नहीं रही थी।
आंटी ने जोर से निकालने की कोशिश की तो मुझसे और चिपक गई। अचानक मेरा हाथ उनके चूतड़ पर चला गय। मेरा लंड भी खड़ा हो गया। मैं वासना की आग में जल रहा था। मैंने हिम्मत करके आंटी के चूतड़ों को दोनों हाथों से दबाया और अपनी तरफ़ खींचा, मेरा लंड उनकी चूत से टकरा रहा था। इतने में आंटी ने झटका मारा तो कमीज फट गई।
आंटी हटी और कहा कि तुम कमीज निकाल दो, मैं सिल देती हूँ !
मैंने कहा- रहने दो !
तो आंटी ने जबरदस्ती मेरी कमीज़ निकाल दी। मैंने कमीज के अन्दर कुछ नहीं पहना था। मैंने कहा- मुझे शर्म आ रही है !
तो आंटी बोली- मुझसे क्या शरमाना ! मैं तो तुम्हारी माँ जैसी हूँ !मैंने कहा- ठीक है !
मेरा लंड अभी भी खड़ा ही था तो पूछने लगी कि तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेन्ड है?
मैंने कहा- नहीं है।
तो कहने लगी कि तुम्हारा लंड क्यों खड़ा हो गया?
मैंने हिम्मत कर के कहा- आप के पकड़ने से हुआ है !
कहने लगी- मैं तुम्हें बच्चा समझ रही थी, तुम तो बड़े हो गए हो ! और आंटी ने मेरा लंड पकड़ लिया।
फिर क्या था ! मैंने भी आंटी के बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगा तो कहने लगी कि कोई देख लेगा।
मेरा लंड दर्द कर रहा था। मैंने आँटी को बताया कि मेरा लण्ड दर्द कर रहा है। आँटी ने मुझे पकड़ा और मेरा लंड पैंट से बाहर निकाला और हिलाने लगी।
मैंने कहा- मजा आ रहा है ! करो ! करती रहो !
आंटी बोली- मुझसे मुठ मरवा रहा है? चल कोई बात नहीं ! आज तुझे सिखाती हूँ। तूने कभी किसी को चोदा है?
मैंने कहा- नहीं !
आँटी बोली- चल मैं सिखा दूंगी और लंड हिलाने लगी।
मैं बेकाबू हो रहा था और वो हिलाए जा रही थी। फिर आँटी ने मेरा लंड मुँह में ले लिया और पूछा कि इसे रोज धोता है?
मैंने कहा- हाँ !
आँटी दो मिनट तक मेरा लौड़ा मुँह में चूसती रही। अचानक मेरा पानी निकल गया तो बोली- साले ! ये क्या किया? इतनी जल्दी छुट गया?
फ़िर मेरी बारी थी। मैंने उनके स्तनों को पकड़ के दबाया और ब्लाउज निकाल दिया। फ़िर मैं उनके नंगे स्तन जोर जोर से दबाने लगा। आंटी गरम हो गई, उन्होंने खुद ही अपनी साड़ी भी निकाल दी, पेटीकोट भी निकाल दिया, मैं दबाये जा रहा था। वो मुँह से आवाजें निकाल रही थी-आ आआ आअ चूस साले चूस आआअ ऊ ऊऊऊऊऊ ऊवो और जोर से आआया ऊऊऊऊ ऊऊ माँ मर गई !
फ़िर मैंने उनकी भी चड्डी निकाल दी। आंटी की चूत बड़ी ही मजेदार थी, एक दम फूली हुई चूत थी, मैं हाथ फेर रहा था। आंटी को मैंने मेज़ पर ही लिटा दिया। मैंने दो उंगलियाँ आँटी की चूत में डाल दी और जोर से दबा दी। आँटी मेरा हाथ पकड़ के वो ख़ुद ही अन्दर बाहर करने लगी।
मेरा लंड खड़ा था और दर्द कर रहा था। मैंने कहा- मेरा लंड दर्द कर रहा है !
तो बोली- इसमें डाल दे।
मैंने कहा- किस में?
तो बोली- झील में डाल दे, ठंडा हो जाएगा। और मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत में डालने लगी, बोली- तेरा लंड बहुत बड़ा है ! मुझे तकलीफ हो रही है।
फ़िर आँटी तेल लाई और मेरे लंड पे लगाया, चूत पे भी लगाया और लंड चूत के मुँह पर रखा, बोली- झटका मार !
मैंने झटका मारा तो मेरा लंड आधे से ज्यादा अन्दर चला गया। वो चीख पड़ी- ओए ममा ममामा माआआआ आआआ ऊऊऊवो निकाल !
मैं डर गया। मैं फ़िर भी झटके मारता रहा। थोड़ी देर बाद उसे मजा आने लगा और वो अपने चूतड़ जोर जोर से उछालने लगी।
मैं झटके मारता गया, वो कहती रही- चोद चोद बेटा चोद उईईईए ऊऊऊऊवो म्ह्हहह्ह्छ बहुत मजा आ रहा है और जोर से आआ आआआ ऊऊऊ ऊऊऊऊ हीईई ईईईईए कहते हुए बोली- मैं झड़ने वाली हूँ !
मैंने कहा- पर मैं नहीं ! मेरा अभी बाकी है। और मैं मारता गया आंटी झड़ गई।
पर मेरा लंड खड़ा ही था तो आँटी बोली- मैं इसे मुँह में ले लेती हूँ और चूसके झड़ा दूंगी ! और मुँह में लेके चूसने लगी।
मैंने कहा- चूसो ! मजा आ रहा है !उम्म्मम्म्म आऊऊऊ बस थोडी देर और उमम्मम् आऊऊऊवो !
फ़िर मैं भी झड़ गया और सारा पानी उनके स्तनों पर छोड़ दिया। हम दोनों शान्त हो गए।
जब मेरी नज़र उनकी चूत पर पड़ी तो देखा कि चूत में से खून निकल रहा है। मैंने पूछा- यह खून क्यों निकला?
तो बोली- तेरे अंकल ने मुझे अभी तक चोदा ही नहीं है। शादी को पूरे दस दिन हो गए। रात में सिर्फ़ लंड मुँह में लेने को बोलते हैं। मैं चूसती हूँ और वो झड़ जाते है और सो जाते हैं। तुम्हारे साथ यह मेरा पहला सेक्स था मुझे चुदने से डर भी लगता था, मेरी भाभी ने बताया था कि बहुत दर्द होता है, पर आज मजा आ गया। फिर कभी समय मिलेगा तो फ़िर चुदाई करेंगे। ठीक है?
यह कहकर मेरा लंड अपनी चड्डी से साफ किया और हम दोनों कपड़े पहन कर काम में लग गए। काम करते करते मैं उनके बूब दबाता था तो वो लंड पकड़ लेती थी।
आंटी को मैंने तीन बार चोदा। कैसे चोदा?अगली कहानी में बताऊंगा।
यह मेरी हकीकत थी आप को कैसी लगी? बताना !
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