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हेलो फ्रेंड्स, मैं समीर लखनऊ से
मेरी कहानी कुछ इस तरह है. 6 महीने पहले हमारे बाजु मे एक जोड़ा रहने आया. उनकी शादी हुए 7-8 साल हुए थे पार उनका कोई बच्चा नहीं था. और वो करीबन 32 साल के ही होंगे. उनके हसबंड का कुछ इंपोर्ट एक्सपोर्ट का बिज़नस था.
थोड़े दिन रहने के बाद उनकी हमारी जान पहचान हो गई और हमारा उनका आना जाना हो गया. थोड़े दिनों बाद उस भाभी और मेरी दोस्ती हो गयी. वोह बहुत सेक्सी थी, वेसे भाभी का फिगेर होगा 34 -28 -34 उसके बूब्स बड़े थे और सेक्सी थे जब वो चलती थी तो उसके बूब्स हिलते थे यह देख कर कोई भी मचल जाए.
उसका हब्बी अक्सर महीने मे 15 20 दिन बाहर रहता था और मैं जब भी उसके घर पर जाता तो उसको देखता ही रहता और उसको चोदने की सोचा करता और घर आ कर मुठ मारता था. मैं उसके बूब और गांड के बारे मे सोच सोच कर मुठ मारा करता था. मैं जब भी उसके घर जाता तो, उसे देख के मुझे लगता था की वो उदास उदास रहती है.
एक दिन जब मैं उसके घर गया तो उसका घर का दरवाज़ा खुला हुआ था और मैं बेल बजाये बगैर ही उसके घर मे चला गया तो मैंने देखा कि घर में कोई नहीं है वो बाथरूम मे थी तो मैं सोफा पर जाकर बैठ गया तो मैंने देखा कि वहाँ एक xxx बुक पड़ी है. मैंने उसको उठा कर देखा तो उसमें xxx तस्वीरें थी सारी तस्वीरें बड़े लंड वाले मर्दों की थी. मैं यह देख कर एक दम गर्म हो गया और फिर मैंने वहीं पर बुक को रख दी, और भाभी बाथरूम मे थी उसकी और चल पड़ा और बाथरूम मे कहा से देखा जाए यह देखने लगा.
जब मैंने बाथरूम मे देखा तो भाभी पूरी न्यूड नहा रही थी और अपने सारे बदन पर साबुन लगा कर अपने बूब्स और चूत को रगड़ रही थी, यह देख कर मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया भाभी अपनी चूत मे 2 ऊँगली अन्दर बाहर कर रही थी और हलकी हलकी सिसकार रही थी.
फिर उसकी ऊँगली जोर से चलने लगी, मैं समझ गया की यह अब झड़ने वाली है. तब मैं वहाँ से हट गया, यह देख कर मैं फ़ौरन अपने घर पर आ गया और अपने रूम मे आकर अपनी पेंट उतार कर अपना पूरा लंड बाहर निकाला और मुठ मारने लगा. अब मुझे लगा की भाभी को क्या चाहिए यह मैं जान गया.
और यह सोच ने लगा कि कैसे भाभी को चोद सकूँ, क्यूंकि इस बीच उसका हब्बी भी 7 दिन के टूर पर बाहर जाने वाला था ,तब मुझे लगा कि यह कर सही मोका है भाभी को चोदने का. टूर पे जाते समय उसके हब्बी ने कहा कि 1 वीक के लिए तुम इसका ख्याल रखना, तो भाभी ने कहा कि कोई बात नहीं यह मेरा और मैं इस का ख्याल रखूंगी.
पहली रात को भाभी के घर पे खाना खाने के बाद मैंने भाभी को अपने फ्लैट की चाबी दे दी और कहा कि अगर मोर्निंग में मुझे उठने मे देरी हो गई तो प्लीज़ आप मुझे उठा देना. तो भाभी ने कहा कि कोई बात नहीं मैं तुमको उठा दूंगी और मैं चाबी देकर अपने फ्लैट पर आ गया.
और मोर्निंग में जब उठा तो मेरा लंड हार्ड था तो मैं भाभी के बारे में सोचने लगा और मेरे लंड और हार्ड हो गया तो मैंने अपना शोर्ट उतारा और भाभी को याद करके मुठ मारना शुरू कर दी।
मैं मुठ मारने में मशगूल था और अचानक मेरे बेडरूम मे भाभी मुझे उठाने आ गई मैं मुठ मारने में इतना मशगुल था कि मुझे पता कर नहीं चला कि भाभी कब आ गई उसने मुझे देखा और कहा कि क्या कर रहे हो मैं एकदम घबरा गया और अपना शोर्ट पहने लगा तो भाभी मुस्कुराई और कहा कि तुम्हारा तो बहुत बड़ा है इतने बड़े लंड को हिला हिला कर क्यूँ तंग कर रहे हो.
तो मैंने भाभी को कहा कि यह मुझे बहुत तंग करता है इस लिए हिला रहा हूँ तो उसने कहा कि मैं इस का आज तंग करना बंद करवा दूंगी. भाभी के सामने अपना 8′ का लौड़ा दिखा दिखा कर अपने हाथ से हिलाने लगा. मेरा आठ इंच का लंड फनफना कर खड़ा हो गया था.
भाभी मेरे खड़े लंड को देखते हुई बोली- सचमुच तुम्हारा लंड बहुत लम्बा और मोटा है. उस लड़की को बहुत मज़ा आएगा जो तुमसे चुदवायेगी. इस पर मैं अपना लंड उनकी तरफ़ कमर हिला कर बढ़ाते हुए बोला- आप ही चुदवा कर देख लो कि कितना मज़ा आता है. मेरी बात सुन कर भाभी बोली- हाय! अगर मेरे पति को पता चल गया तो बहुत ही बुरा होगा! मैंने कहा- जब हम किसी को नहीं बताएँगे तो किसी को कैसे पता चलेगा?
यह सुन कर भाभी मेरी तरफ़ देखते हुए मुस्कुराने लगी और अपने होटों पर अपनी जीभ फेरने लगी. मुझे मालूम हो चुका था कि भाभी मुझसे अपनी चूत चुदवाना चाहती हैं, लेकिन पहल मेरी तरफ़ से चाहती है. मैंने तब आगे बढ़ कर उनकी चुन्चीयों पर अपना हाथ रख दिया और उन्हें धीरे धीरे सहलाने लगा. भाभी कुछ नहीं बोली बस मुस्कुराती रही.
तब मैंने उनकी नाईटी उतार दी और मेरे सामने भाभी सिर्फ़ ब्लैक ब्रा और गुलाबी पैंटी अपनी जवानी का जलवा दिखाते हुए अधनंगी खड़ी थी. फिर मैंने उसकी ब्रा को निकाल फेंका मैं उनकी गोल गोल चुन्ची देख कर हैरान हो गया. उनकी चुन्ची कुछ लम्बे आकार की थी, लेकिन बिल्कुल तनी हुई थी. उनके एरोला करीब 1′ का था और निप्पल देखने में फूला हुआ मुनक्का लग रहे थे.
मैंने फिर धीरे से उनको अपनी बाँहों में ले लिया और उनके चुन्चीयों पर अपना पकड़ मजबूत करके उनको अपने दोनों हाथों में लेकर मसलने लगा. मैंने भाभी को अपनी बाँहों में भर कर कस कर जकड लिया. भाभी भी मुझको अपने दोनों हाथों से पकडे हुए थी मैंने उनके दोनों होंठ अपने होंठों के बीच ले कर चूसने लगा. भाभी भी हमारे बाँहों में अधनंगी खड़ी खड़ी मुझे दोनों हाथों से पकड़ कर अपने होंठ चुसवा रही थी और अपनी चुन्ची मसलवा रही थी.
अब धीरे धीरे भाभी ने मेरे हाथों से निकल कर मेरा बनियान उतार दिया, फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में डाल के उस की चूत को हाथ में लेके उस को रगडा, फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उस की चूत में डाल दी, और उस को ऊँगली से चोदने लगा. मेरे ऐसा करने से कुछ देर में उस की चूत गीली हो गयी. फिर मुझे लगा अब यह रंडी चुदने को एक दम तैयार है, तब मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत से बाहर निकाली, और उसकी पैंटी को उस के बदन से अलग कर दी. अब हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल मादरजात नंगे खड़े थे और दोनों एक दूसरे को देख रहे थे.
भाभी बोली- हाय रजा तुम नंगे बहुत सुंदर दीखते हो, तुम्हारा खड़ा हुआ लम्बा लंड देखने में बहुत ही सुंदर लगता है और कोई भी लड़की या औरत इसको अपनी चूत में लेकर चुदवाना चाहेगी.
मैं अब भाभी के पास गया और अपने बाँहों में ले कर उससे पूछा- हमें कोई और लड़की या औरत से मतलब नहीं है, क्या आप मेरे लंड को अपनी चूत के अन्दर लेना चाहती हैं? तब भाभी बोली- अरे तुम अभी नहीं समझे, मैं तो तभी से तुम्हारे लंड से अपनी चूत की चुदाई करना चाहती हूँ. अब जल्दी से तुम हमको चोदो. मेरी चूत में आग लगी है.’
भाभी मेरे पास आई और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर प्यार करने लगी. अब मैं भाभी का एक चुन्ची अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और दूसरी चुन्ची अपने एक हाथ में लेकर मसलने लगा.
भाभी भी अब तक गर्मा गयी थी. उन्होंने मेरा लंड अपने हाथों में पकड़ कर मुझ को बेड पर पटक दिया और मेरा लंड अपने हाथों में लेकर उसको बड़े ध्यान से देखने लगी. थोडी देर के बाद वो बोली, वैसे तुम्हारा लंड बहुत ही सेक्सी है. आज मेरी चूत खूब मज़े ले ले कर इस लंड से चुदेगी. अब तुम चुपचाप पड़े रहो. मुझको तुम्हारा लंड का पानी चखना है.
मैं तब बोला- ठीक है भाभी जब तक आप मेरे लंड का स्वाद चखोगी, मैं भी आपकी चूत के स्वाद का आनंद उठाऊँगा. आइये हम दोनों 69 पोसिशन पर पलंग पर लेटते हैं.
फिर हम दोनों पलंग पर एक दूसरे के पैर की तरफ़ मुंह करके लेट गए. मैंने भाभी को अपने ऊपर कर लिया. भाभी ने मेरे लंड के सुपारे को अपने होठों से लगा कर एक जोरदार चुम्मा दिया और फिर अपने मुंह में ले कर चूसने लगी और कभी कभी उसको अपनी जीभ से चाटने लगी.
मुझको अपने लंड चुसाई से रहा नहीं गया और अपना लंड भाभी के मुंह में पेल दिया. भाभी लंड को अपने मुंह से निकलते हुए एक रंडी की तरह बोली- वाह मेरे राजा अभी और पेलो अपने लंड को मेरे मुंह में, बाद में इसको मेरी चूत में पेलना.’
अब मैंने भाभी को जो कि मेरे ऊपर लेटी हुई थी उसके दोनों पैरों को फैला दिया. अब मेरी आँखों के सामने उनकी झांटों वाली चूत पूरी तरह से खुली हुई थी और मेरा लंड खाने के लिए तैयार थी. मैं अपनी ऊँगली उनकी चूत में पेल कर अन्दर -बाहर करने लगा.
भाभी तब जोर से बोली- हाय! क्यों टाइम बर्बाद कर रहे हो, मेरी चूत को ऊँगली नहीं चाहिए.. अभी तुम इसको अपनी जीभ से चोदो. बाद में उसको अपना लंड खिलाना, वो तुम्हारा लंड खाने के लिए तरस रही है,’ मैं बोला- क्यों चिंता कर रही हो भाभी, अभी आपकी चूत और अपने लंड का मिलन करवा देता हूँ. पहले मैं आपकी चूत का रस चख तो लूँ. देखूं तो भाभी की चूत का टेस्ट कैसा है. .सुना है कि सुंदर और सेक्सी औरत की चूत का रस बहुत मीठा होता है.’
तब भाभी बोली- ठीक है, जो मर्जी में आए करो, यह चूत अब तुम्हारी है. इससे जैसे चाहे मज़े ले लो. हाँ एक बात और, जब हम एक दूसरे को चोदने के लिए तैयार हैं और एक दूसरे का चूत और लंड चाट रहे हैं, चूस रहे हैं तब यह आप आप का क्या रट लगा रखी है. तुम मुझको नाम लेकर पुकारो और आप आप की रट छोडो.
अब मैंने देखा कि उनकी चूत लंड खाने के लिए खुल बंद हो रही है और अपनी लार बहा रही है और उस की चूत बाहर और अन्दर से रस से भीगी हुई थी. मैंने जैसे ही अपनी जीभ भाभी की चूत में घुसेड़ी, वो चिल्लाने लगी- हाय, क्या चीज बनाई है भगवान ने, चूसो चूसो, और जोर से चूसो मेरी चूत को. और अन्दर तक अपनी जीभ घुसेडो, हई मेरी चूत की घुंडी को भी चाटो, बहुत मज़ा आ रहा है. हाय मैं अब छूटने वाली हूँ.
और इतना कहते ही भाभी की चूत ने गर्म गर्म मीठा रस छोड़ दिया जिसको कि मैं अपनी जीभ से चाट कर पूरा का पूरा पी गया.
उधर भाभी अपने मुंह में मेरा लंड लेकर उसको खूब जोर जोर से चूस रही थी और मैं भी भाभी के मुंह में झाड़ गया. मेरे लंड का सारा का सारा माल भाभी के मुंह के अन्दर गिरा और उसको उन्होंने पूरा का पूरा पी लिया.
अब भाभी का चेहरा काम ज्वाला से चमक रहा था और वो मुस्कुराते हुए बोली- चूत चुसाई में बहुत मज़ा आया, अब चूत चुदाई का मज़ा लेना चाहती हूँ. अब तुम जल्दी से अपना लंड चुदाई के लिए तैयार करो और मेरे चूत में पेलो, अब मुझसे रहा नहीं जाता.’
मैंने भाभी को पलंग पर चित्त करके लेटा दिया और उनके दोनों पैरों को ऊपर उठा कर घुटने से मोड़ दिया. फिर मैंने अपने लण्ड का सुपर खोल कर उनकी चूत के ऊपर रख दिया और धीरे धीरे उनकी चूत से रगड़ने लगा.
भाभी मारे चुदास के अपनी कमर नीचे ऊपर कर रही थी और फ़िर थोड़ी देर बाद बोली,’ साले बहनचोद! मुफ़्त में पराई औरत की चूत चोदने को मिल रही है इसीलिए खड़ा लण्ड मेरी चुदासी चूत को दिखा रहा है और लण्ड को चूत के अन्दर पेल नहीं रहा है! साले भोंसड़ी के! गाण्डू! अब जल्दी से अपना मूसल जैसा लण्ड चूत में घुसा, नहीं तो हट जा मेरे ऊपर से, मैं खुद ही अपनी ऊँगली चूत में डाल कर अपनी चूत की गर्मी निकालती हूं।’
तब मैंने उनकी चूचियों को पकड़ कर निप्पल को मसलते हुए उनके होटों को चूमा और बोला,’ अरे मेरी रानी! मितनी भी क्या जल्दी है? पहले मैं ज़रा तुम्हारे सुन्दर नंगे बदन का आनन्द तो उठा लूं! फ़िर तुम्हें जी भर के चोदूंगा। मैंने अब तक अपनी लाईफ़ में कभी इस तरह से नंगी औरत नहीं देखी है। फ़िर इतना चोदूंगा कि तुम्हारी यह सुन्दर डबलरोटी सी चूत लाल पड़ जाएगी और सूज कर पकोड़ा हो जाएगी।
भाभी बोली- साले चोदू! हमारी जवानी का मज़ा तुम बाद में लेना, उसके लिए पूरी रात पड़ी है, अभी हमको घर पे काम है, अभी तो बस तुम मुझको चोदो। मैं मरी जा रही हूं, मेरी चूत में आग लगी है और वो तुम्हारे लौड़े के धक्के से ही बुझेगी, जल्दी से अपना लण्ड मेरी चूत में पेल दो, प्लीज़ मेरे राज़ा! अब जल्दी भी करो!’
भाभी मेरे लण्ड से चुदाने के लिए पूरी तरह से तैयार थी। मैंने अपना सुपारा उनकी पहले से ही भीगी चूत के दरवाजे के ऊपर रखा और धीरे से कमर हिला कर सिर्फ़ सुपारे को ही अन्दर किया। भाभी ने मेरे फ़ूले हुए सुपारे को अपनी चूत में घुसते ही अपनी कमर को झटके ऊपर उछाला और मेरा आठ इन्च का लण्ड पूरा का पूरा उनकी चूत में घुस गया।
तब भाभी ने एक आह सी भरी और बोली- आह! क्या शान्ति मिली तुम्हारे लण्ड को अपनी चूत में डलवा कर। यह अच्छा हुआ, मुझे बहुत दिन से इच्छा थी कि किसी लम्बे लण्ड से चुदने की, आज वो पूरी हो गई। नहीं तो मेरी इच्छा पूरी नहीं होती।
अब मैं अपना लण्ड धीरे धीरे उनकी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा। उन्होंने पहले कभी अपनी चूत में इतना मोटा लण्ड कभी नहीं घुसवाया था। शायद उसके पति का लण्ड छोटा होगा, उन्हें कुछ तकलीफ़ हो रही थी। मुझे भी उनकी चूत काफ़ी टाईट लग रही थी। मैं मस्त हो कर उनकी चूत चोदने लगा।
भाभी मेरी चुदाई से मस्त होकर बड़बड़ा रही थी- हाय मेरे राजा! मेरे राजा और पेलो, और पेलो अपनी भाभी की चूत्में अपना मोटा लण्ड, तुम्हारी भाभी की चूत तुम्हारा लण्ड खाकर निहाल हो रही है। हाय! लम्बे और मोटे लण्ड की चुदाई का मज़ा कुछ और ही होता है, बस मज़ा आ गया, हाँ! हाँ! तुम ऐसे ही अपनी कमर उछाल उछाल कर मेरी चूत में अपना लण्ड आने दो। मेरी चूत की चिन्ता मत करो, फ़ट जाने दो इसको आज! इसको भी बहुत दिनों से शौक था मोटा और लम्बा लण्ड खाने का। इसको और जोर से खिलाओ अपना मोटा और लम्बा लण्ड।
मैं भी जोर जोर से उनकी चूत में अपना लण्ड पेलते हुए बराबर कह रहा था,’ हाय! मेरी रानी! ले! ले! और ले, जी भर के खा अपनी चूत में मेरे लण्ड की ठोकर। मेरी किस्मत आज बहुत अच्छी है जिस से कि मैं तुम्हारी जैसी औरत की चूत में अपना लण्ड घुसेड़ कर चोद रहा हूं। क्या मेरी चुदाई तुम्हें पसन्द आ रही है, सही सही बताना भाभी- कौन अच्छा चोदता है तुम्हारी रसीली चूत, मैं या आप का पति?’
भाभी बोलि- हाय राजा, अब मैं तुमको क्या बताऊँ, मैं तुम्हारी चुदाई से बहुत खुश हूं। मेरा पति तो मुझको चोदता है लेकिन तुम्हारी और उनकी चुदाई में बहुत फ़र्क है, वो रोज़ सोने से पहले बिस्तर पर लेट कर झट से मुझे नंगी करके मेरी टांगों को उठाता है और अपना लण्ड मेरी चूत में पेलता है। उसको इस बात का अहसास नहीं होता कि औरत गर्म धीरे धीरे होती है। वो दो मिनट चोदता है और फ़िर झड़ जाता है… और मैं प्यासी रह जाती हूं। लगता है तुम्हारा लण्ड खाने के बाद मेरी चूत उनका लण्ड खाना पसन्द नहीं करेगी क्योंकि तुम्हारे लण्ड से मेरी चूत अब फ़ैल जाएगी और उस में उनका पतला और छोटा लण्ड ढीला ढीला जाएगा जिससे कम से कम मुझको तो मज़ा नहीं आएगा।
‘भाभी सही सही बताना, तुमने शादी से पहले भी किसी लण्ड को अपनी चूत में घुसाया है या नहीं?’
‘हाँ, मेरे बोयफ़्रेन्ड जो आजकल जम्मू में है और उसकी शादी किसी और लड़की से हो गई है, उसने मुझको मेरी शादी से पहले भी चोदा था, लेकिन उनके लण्ड की चुदाई मुझे पसन्द नहीं आई।’
‘क्यों? ‘अरे उनका लण्ड भी बहुत छोटा और पतला है, लेकिन वो मुझे चोदने से पहले और चोदने के बाद खूब चूत चाटता और चूसा करते थे और उनकी चूत चुसाई मुझे अच्छी लगती थी। वो शादी से पहले जब भी दिल्ली आते तो मेरी चूत जरूर चोदते थे पर अब उसकी शादी हो गई है।’
यह सब बातें करते करते हुए हम लोग चुदाई का मज़ा लेते रहे और हमारी चुदाई से भाभी दो बार झड़ गई और फ़िर मैंने अपना लण्ड उनकी चूत के अन्दर तक डाल कर उनके अन्दर झड़ गया। फ़िर मैं उस के ऊपर सो गया। कुछ देर बाद भाभी ने बेड से उठ कर अपने कपड़े पहन लिए, मुझे गाल पे किस दिया और अपने घर चली गई।
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