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हाय
मैं अली २३ साल जयपुर से हूँ.
बात तब की है जब मैं माउंट अबू में रहता था मेरी फॅमिली के साथ. वहां मेरे पापा ने एक शोरूम खोला था उस समय मैं भी कुछ दिनों के लिए गया था वहां.
तो वहां हमारे शोरूम के आस पास बहुत से होटल हैं और उन होटल में से एक होटल का मेनेजर मेरा अच्छा दोस्त बन गया था। क्यूंकि मुझे चिकेन मटन ज्यादा खाने की आदत है, तो मैं एक दो दिन मैं होटल में खाना खाता था और मेनेजर और मेरी अच्छी दोस्ती हो गयी थी। हम अक्सर शाम को साथ में रहते थे.
बात उस रोज की है जब बोम्बे के एक गर्ल्स कॉलेज का टूर माउंट आबू घूमने के लिए आया था। उनमे से मुझे एक लड़की बहुत सुंदर लगी उसकी उमर होगी करीब १९ साल. गोरी चिट्टी, लम्बी पोरी, मस्त एक दम सेक्स बम्ब लग रही थी, दिल कर रहा था अभी के अभी खा जाऊं मगर इतनी सारी लड़कियां थी उसके साथ.
मैंने मन मार लिया और उसको देखता रहा। वोह हमारे शोरूम में चली गई. मैं जल्दी से उसके पीछे हो लिया और एक काउंटर पर जा कर खड़ा हो गया। जब वोह मेरे पास आई तो उसने कुछ दिखाने को कहा। मैंने उसको वोह चीज दिखाई, इस तरह उसने कुछ शौपिंग की। फिर उसने कहा कि इन सब का बिल बना दो।
मैंने एक दूसरे सेलमैन को बुला कर कहा कि मैडम का बिल बना दो, तो उस लड़की ने कहा आप ही बना दें. मैंने कहा मैं यहाँ का सेलमैन नहीं हूँ तो उसने पूछा फिर आप कौन हैं मैंने कहा मैं यहाँ का मालिक हूँ, मगर मैं यहाँ नहीं रहता, मैं जयपुर रहता हूँ, आजकल यहाँ घूमने आया हुआ हूँ। वोह तो मैं आप जैसी खुबसूरत लड़की को देख के यहाँ आकर खड़ा हो गया ताकि आपको ठीक से देख सकूँ.
वोह बोली तुमने मुझ में ऐसा क्या देखा?
मैंने कहा बाहर मिलो फिर बताता हूँ और तुम्हे अच्छी तरह से माउंट आबू की सैर करता हूँ. वैसे तुम कौन से होटल में रुकी हो.
वोह लड़की पहले तो मेरी तरफ देखती रह गयी कि मैंने एक साथ कितने सवाल किए. फिर थोड़ी देर बाद वोह बोली कि मैं पास के ही होटल में रूम नम्बर २१३ में रुकी हूँ, मगर आप वहां नहीं आ सकते हमारी वार्डेन ने पूरा होटल सिर्फ़ हम लड़कियों के लिए बुक किया हुआ है. मैंने कहा ठीक है मैं तुम्हे होटल के रिसेप्शन पर मिलूंगा तुम टाइम बताओ कब मिलोगी.
उसने कहा कि अभी तो हम सब बाज़ार घूम के होटल जायेंगे उसके बाद लंच के बाद फिर साईट सीइंग के लिए जायेंगे.
मैंने कहा ठीक है मैं तुमसे मिलने होटल में ६ बजे आऊंगा जब तक सारी लड़कियां और तुम्हारी वार्डेन भी थकी हुई होंगी दिनभर की सैर के बाद.
उसने कहा ठीक है. इतने में सेलमैन बिल लेकर आ गया मैंने बिल देखा और कहा यार कम से कम इतनी सुंदर लड़की को तो छूट दिया करो. और मैंने उसको ५० % छूट देकर कहा कि अब ठीक है. फिर वोह मेरी तरफ़ मुस्कुरा कर चली गयी.
अब मैंने होटल मेनेजर से कहा कि यार तुमने बताया नहीं कि तुम्हारी होटल में बहार आई हुई है.
उसने कहा यार तुझे कैसे पता तू तो दो दिन से होटल आया भी नहीं.
मैंने कहा कि यार एक लड़की आई थी मेरे शोरूम पर मिलने को बोली थी. पता तुम्हारे होटल का दिया था शाम को ६ बजे मिलना है.
उसने कहा ए यार तूने भी अजीब सी फिकर लगायी है, तू शाम को आजा, मै तेरे लिए सॉलिड इन्तेजाम करवा दूंगा तू चाहे जो करना उसके साथ।
मैंने कहा ए इतनी जल्दी नहीं है यार अभी तो उसको माउंट आबू घुमाना है।
उसने कहा ठीक है जब भी मेरी जरुरत हो बोल देना क्या करना है.
फिर मैं शाम को होटल गया तो वोह भी रिसेप्शन पर मेरा इंतज़ार कर रही थी. मुझे देख कर बोली यार तुम तो ६ बजे आने वाले थे अभी ६ :१० हो रहे हैं, मैंने तो सोचा कि तुम आओगे ही नहीं.
मैंने कहा आता कैसे नहीं इतनी खूबसूरत लड़की से मिलने.
और हम दोनों वहां से चल दिए मैंने उसे अपनी बाईक पे पीछे बिठाया और हम सनसेट पॉइंट की तरफ़ चले गये वहां हमने सनसेट होते हुए देखा मुझे पता था कि सनसेट के बाद वहां बहुत अँधेरा हो जाता है और मुझे ये ही चाहिए था जैसे ही सनसेट हुआ और अँधेरा फैलता गया मैं उसको अपनी बाँहों मैं ले लिया और उसके होटों की किस करने लगा। जब उसने कोई विरोध नहीं किया तो मैं समझ गया कि लड़की खेली खाई है। तो फिर सिर्फ़ किस से काम नहीं चलेगा। मैंने उससे कहा कि रात को मैं तुम्हारे होटल में ही एक कमरा ले लेता हूँ फिर मैं तुम्हे बताता हूँ क्या करना है. और हमने वहां से जाना ठीक समझा.
१० बजे मैंने मेनेजर से कहा कि यार मुझे उसके कमरे के पास वाला कमरा चाहिए तो मेनेजर ने कहा यार उस कमरे में तो साली वोह बुड्ढी वार्डेन है.
मैंने कहा यार तो मेरे लिए इतना भी नहीं कर सकता है?
तो उसने कहा यार तेरे लिए तो मैं जरूर उस कमरे को खाली करता हूँ उसने उस कमरे कि लाइट ऑफ़ कर दी थोडी देर में वार्डेन के कमरे से फ़ोन आया कि यहाँ कि लाइट बंद कैसे हो गयी। तो मेनेजर उस कमरे में गया और कुछ देखने के बाद कहा कि मैडम लगता है कि कमरे में कहीं शोर्ट सर्केट हो गया है मैं ऐसा करता हूँ आपका कमरा बदल देता हूँ और उसने रूम बॉय को बुला कर कहा कि मैडम का सामान दूसरे कमरे में शिफ्ट कर दो.
और मेरा काम बन गया। मैंने उस लड़की के कमरे में फ़ोन कर के कहा कि मैं तुम्हारे पास वाले कमरे मैं हूँ, तुम रात को ११ बजे मेरे कमरे मैं आ जाना.
उसने कहा कि पास वाला कमरा तो वार्डेन का है। मैंने कहा कि मैंने खाली करवा लिया है. अब इस कमरे में मैं हूँ.
फिर जैसे ही रात को ११ बजे उसने मेरे कमरे का दरवाज़ा खटखटाया, मैंने दरवाज़ा खोल कर उसको अन्दर लिया और दरवाज़ा लोक कर दिया। मैंने उसको वहीं से किस करना शुरू किया और बेड पर ले गया। फ़िर मैं रुका और कहा- यार ! मैंने तुम्हारा नाम तो पूछा ही नहीं ! क्या नाम है तुम्हारा?
उसने बताया- मेरा नाम दिशा है और तुम्हारा?
मैंने कहा- अली। मैंने उसे फ़िर से किस करना शुरू कर दिया। फ़िर मैंने उसके कपड़े उतारना शुरू किए और उसने मेरे कपड़े उतारे। अब हम दोनो ही नंगे हो गए और बेड पर एक दूसरे के पास लेट गए। मैंने उसके बूब्स को दबाया तो वो भी मेरे लण्ड को सहलाने लगी।
मैंने उसको कहा कि लगता है कि बड़ा ऐक्स्पीरियंस है तुम्हें इस काम में।
तो उसने कहा- हां ! मगर अभी तक किसी लड़के के साथ नहीं किया है, अभी सिर्फ़ मैं और मेरी होस्टल वाली फ़्रेन्ड एक दूसरे को शान्त करते हैं।
मैंने कहा – फ़िर यह सील कैसे टूटी?
तो उसने कहा कि मेरी फ़्रेन्ड ने एक बार लम्बे बैंगन से मेरी चुदाई की थी तो उस दिन मेरी सील टूट गई थी और बहुत सारा खून भी निकला था।
मैंने कहा- ठीक है, आज मैं तुम्हें सिखाता हूं कि लड़के के साथ सेक्स कैसे करते हैं। मैं उसके ऊपर चढ गया और उसके दोनो बूब्स को बारी बारी चूसा। कभी उसकी चूची को काटता, कभी मसलता तो वो तड़प जाती। मैंने उसको अपना लण्ड हाथ में दे रखा था और वो उससे खेल रही थी। वो बोली कि मैं तुम्हारा लण्ड अपने मुंह में लेना चाहती हूं। तो मैं उसके सीने पर आ गया और उसके मुंह में अपना लण्ड डाल दिया। वो उसे लोलीपोप की तरह चूस रही थी।
4-5 मिनट बाद उसने कहा कि अब तो रहा नहीं जा रहा, बस कर दो।
मैंने कहा- क्या करूं?
तो उसने चूत की तरफ़ इशारा कर के कहा कि यहां खुजली हो रही है, शान्त कर दो।
मैंने कहा- बस इतनी सी बात है, अभी करता हूं जानेमन !
और मैंने अपनी पैन्ट की जेब से कन्डोम का पैक निकाला, लण्ड पे चढा के उसकी चूत के गेट पे रख कर धीरे से अन्दर डाला तो वो बोली- निकालो ! यह तो बहुत मोटा है, दर्द हो रहा है।
मैंने कहा- जान ! थोड़ा सा दर्द तो होगा, बाद में मज़ा भी आयेगा। तुम बस देखो। मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में डाल दिया। अब उसे मज़ा आने लगा।
फ़िर मैंने जोर से दो तीन झटके मार कर पूर लण्ड उसकी जड़ तक पहुंचा दिया। वो फ़िर से चीखने लग गई। अब मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और झटके जारी रखे तेज़ तेज़, धीरे धीरे वो शान्त हो कर चुदवाने लगी। बल्कि अपनी गाण्ड हिला कर साथ भी देने लगी। फ़िर मैंने अपनी स्पीड फ़ुल कर दी और झटके पे झटके मारता रहा।
अब तक वो दो बार झड़ चुकी थी लेकिन अब बारी मेरे झड़ने की थी और मेरे झटके कम होते गए और मैं उसकी चूत में झड़ गया।
फ़िर जब हम दोनो शान्त हो गए और बेड पर एक दूसरे के पास पास लेट गए तो मैंने अपने लण्ड की तरफ़ देखा तो कन्डोम फ़ट चुका था। मैंने उसकी चूत की तरफ़ देखा तो मेरा वीर्य निकल रहा था उसकी चूत में से। मैंने उससे कहा- भाग ! बाथरूम में और मूत के आ, वरना परेशानी हो जाएगी।
वो जल्दी से लड़खड़ाते हुए बाथरूम की तरफ़ भागी, दो तीन मिनट बाद आई, थक कर बेड पर पड़ गई और कहने लगी आज तो मर जाती अगर तुम नहीं देखते तो।
मैंने कहा- जान ! हम तो सिर्फ़ मज़े करना चाहते हैं सज़ा नहीं भुगतना चाहते।
फ़िर हम थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे और उसके बाद तीन चार बार अलग अलग स्टाईल में सेक्स किया और सो गए।
सुबह पांच बजे उठ कर मैंने उसे जगा कर कहा- अब तुम अपने कमरे में जाओ और मैं भी जाता हूं, फ़िर रात को मिलेंगे इसी कमरे में, और हम दोनो चले गए।
यह सिलसिला तीन दिन चला। फ़िर वो मुम्बई चली गई। जाते समय अपना पता और मोबाईल नम्बर दे कर कहा कि कभी मुम्बई आओ तो जरूर मिलना।मैं एक बार मुम्बई गया तो उससे सम्पर्क किया तो वो बोली कि वैसे तो मैं अब मुम्बई में नहीं रहती, मेरी शादी हो चुकी है, पर हम मिल सकते हैं क्योंकि मैं आजकल मुम्बई में अपने मायके आई हुई हूं।
फ़िर वो मुझे जूहू बीच पर मिलने आई और आते ही टैक्सी में बिठा कर पूछने लगी कि तुम कौन से होटल में रुके हो। मैंने कहा कि मैं तो वीटी के पास एक होटल में रुका हूं।
तो उसने टैक्सी वाले को वीटी चलने को कहा और हम होटल के कमरे में पहुंच गए। उसने मुझे अपनी बाहों में लपेट लिया और कहने लगी कि मैं आज तक तुम्हारी वो चुदाई नहीं भूली हूं जो तुमने माऊंट आबू में की थी।
और कहने लगी कि मेरा पति तो बिल्कुल निक्कमा है, साले से चुदाई तो होती नहीं, बस गाण्ड मारता है, वो भी दो तीन मिनट में हिल हिला क हट जाता है हरामी।
काश ! तुम मेरे पति होते !
ठीक है! अब तुम जितने दिन मुम्बई में हो, मैं तुमसे रोज़ चुदवाऊंगी।
और हमने चुदाई की तीन बार।
अगले दिन आने का बोल कर वो चली गई और जाते समय अपना पुणे का पता भी मुझे दिया।
मेरा मुम्बई में तीन चार दिन का काम था। हम दोनो ने रोज़ खूब मज़े किए, मूवी देखने गए, होटल में ज्यादा से ज्यादा वक्त रहते और खूब जी भर कर चुदाई करते।
फ़िर मैं वापिस आ गया। उसके बाद मैं दोबारा उससे नहीं मिल पाया।
मेरी कहानी कैसी लगी?
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