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प्रेषक : सावन शर्मा
हेल्लो दोस्तो ! आज आपका दोस्त फ़िर से हाजिर है चुदाई के एक नए कारनामे के साथ। मैं अब तक आपको अपने दो सेक्सी घटनाओं के बारे में बता चुका हूँ। दोस्तों आज एक ऐसी कहानी आपके सामने लेकर आ रहा हूँ जिस कहानी का हर एक मोड़ सारी लड़कियों की चूतों को मजबूर कर देगा उनकी पैंटी को गीला कर देने के लिए और हर लड़के के लंड को भड़कने के लिए।
दोस्तों गरेजुएशन कर लेने के बाद मैंने इक कंपनी में मार्केटिंग मेनेजर की जॉब जों कर ली मेरा काम होता था अपने प्रोडक्ट की प्रमोशन के लिए लोगों से मिलने का। एक बार मुझे अपने एक प्रोडक्ट प्रमोशन के लिए नैनीताल जाना पड़ा। मुझे वहां पर एक डिरेक्टर को मिलना था। मैं थोड़ा सा परेशां भी था की पता नहीं कोन होगा किस मिजाज़ का बन्दा होगा। मैं तब तक मीटिंग रूम में इंतज़ार कर रहा था मेरे सामने काफी का कप रखा था।
तभी अचानक दरवाजा खुला और एक बीस बाईस साल की छत्तीस-छब्बीस-अडतीस फिगर की सेक्स बम उस रूम में आई। फुल कटिंग हाफ स्लीव शर्ट। उसके उपर ब्लैक फैशनेबल जैकेट और ब्लैक जींस में मानो कोई क़यामत मेरे सामने आके खड़ी हो गई। रंग रूप में किसी अप्सरा को भी मात दे दे। होंट बिल्कुल गुलाब की पंखुडियों के जैसे। गालों पर जैसे किसी ने गुलाबी रंग लगा दिया हो। हेयर कट तो चेहरे पर बिजली गिरा रहा था। गर्दन में व्हाइट प्लेटिनम का बना एक डायमंड नैकलेस पहना हुआ था जो झुक कर चुचियों के बीच में बने गैप स्पॉट में फंस रहा था। मानो वो मदहोश होकर उसकी चुचियों को चूम रहा था। सच मुच उसकी चूचियां उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रही थी। लग रहा था जैसे उसने अपनी शर्ट के भीतर दो सेक्स बम्ब छुपा रखे हों और उन बोम्ब्स के बाहर आते ही चारों तरफ़ सेक्स ही सेक्स फ़ैल जाएगा।
अभी मै उसकी खूबसूरती की नदी में गोते लगा ही रहा था। तभी उसने कहा- येस मिस्टर सावन ! वेयर अरे यू। कहाँ खो गए? हाजिर जवाबी में हम भी किसी से कम न थे, सो बिना कुछ सोचे समझे बोल दिया कि जब अचानक धूप आँखों पर पड़े तो आँखों को खुलने में थोड़ा वक्त लगता है। मेरा जवाब सुन कर वो बोली ओह्ह इट्स ग्रेट। उसने अपना नाम सोफिया बताया। कुछ देर बाद हमारी मीटिंग स्टार्ट हो गई। जब मैं उसे प्रोडक्ट बता रहा था तो मेरी नज़र अचानक उसकी चुचियों पर जा अटकी शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले हुए थे जिनमे से काले रंग की चोली से चूचियां बाहर आने की पूरी कोशिश कर रही थी। मगर वो काली चोली उन्हें अपनी गिरफ्त से आजाद नहीं होने दे रही थी। मेरी इस हरकत को वो पहचान चुकी थी।
आख़िर मैंने पूरा प्रोडक्ट ख़तम किया और मीटिंग ओवर कर दी।
सोफिया ने कहा- योउर प्रोडक्ट इस वैरी गुड। बट आइ ऍम रेअली इमप्रेसेड बाय योउर प्रेजेंटेशन।
सोफिया वहाँ से चली गई। मुझे अभी वहां बैठना था। सोफिया वापस आई और बोली सावन मैं घर जा रही हूँ, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे तुम्हारे होटल तक लिफ्ट दे सकती हूँ मैंने उसे बताया कि अभी मेरे पास मेरे होटल के बारे कोई मैसेज नहीं है। सोफिया ने कहा जब तक तुम्हारा होटल कन्फर्म नहीं होता तुम मेरे घर पर रह सकते हो मैं घर में अकेली रहती हूँ.
हम गाड़ी में बैठ गए सोफिया ड्राइव कर रही थी। बातों बातों में हम ओफिशिअल से पर्सनल हो गए और एकाएक सोफिया का हाथ फिसल कर गियर लीवर से हट कर मेरे लंड पर आ गया। मुझे झटका सा लगा पर मैंने नज़र अंदाज़ कर दिया। सोफिया ने सॉरी कह कर हाथ हटा लिया। हम घर पहुँच गए। घर जाकर सोफिया ने नौकरानी को चाय लाने के लिए कहा। हमने चाय ली। सोफिया नौकरानी से बोली तुम घर जा सकती हो क्योंकि हम खाना बाहर खायेंगे।
अब हम दोनों अकेले थे सोफिया नहाने चली गई। तभी सोफिया बोली- सावन इफ यू डोंट माईंड, तुम मेरी ब्रा पैंटी मुझे बाहर से ला दोगे?
मैंने कहा- क्यों नहीं।
और ब्रा पैंटी उसे दे दी कुछ ही पलों में सोफिया ने कहा- सावन ! मुझसे ब्रा का हुक नहीं लग रहा तुम लगा दोगे?
मैं बाथरूम में गया और सोचा कि सावन तुझे इतने ग्रीन सिग्नल मिल रहे हैं अब तो गाड़ी को आगे बढ़ा ले।
मैंने हुक लगाने के बहाने सोफिया की गोरी और चिकनी कमर पर हाथ फेरना शुरू कर दिया।
सोफिया ने कहा- सावन, यह तुम क्या कर रहे हो?
और बाथरूम से निकल कर बाहर आ गई। मैंने उसे पकड़ कर उसकी गर्दन पर अपनी गरम साँसे छोड़ी और होंटों को अपने होंटो में लेकर चूसना शुरू किया। अब वो चाह कर भी मेरी कैद से ख़ुद को आजाद नहीं कर पा रही थी। हम दोनों अब बिल्कुल नग्न थे और दोनों एक ही टब में नहा रहे थे। मैंने सोफिया की मस्त चुचियों को अपने हाथों में ले लिया। जैसे मै चुचियों को दबाता तो उसके मुंह से स ससी ईई….आ आ आह ह्ह्ह हह… ऊ ओ ऊओऊ ऊऊ ऊफ्फ फ्फ्फ्फ्फ्फ़… की सिसकियाँ निकलने लगती।
मैंने टब के अंदर ही सोफिया की गुलाबी चूत में ऊँगली डाल दी। सोफिया पानी में होते हुए भी गरम लग रही थी। हम पानी से बाहर आ गए बाहर आते ही सोफिया मुझ से लिपट गई और कहने लगी सावन अब और नहीं सहा जाता अपना ये मस्त लंड मेरी चूत में डालो और मुझे आज जन्नत की सैर करा दो। अब हम दोनों एक दम मजबूर हो चुके थे क्योंकि किसी में भी ख़ुद को रोक पाने की ताकत नहीं थी। मैं सोफिया को अपनी बांहों में उठा कर बेडरूम में ले गया। ले जाकर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया। ऐसा लग रहा था जैसे बेड पर सजी रेशमी चादर बड़ी बेसब्री से हमारा इंतज़ार कर रही थी। मैंने उसके बदन के हर एक मदमाते और महकते अंग को अपनी नज़र से चूमा और फ़िर सीधे ही अपने होंट उसके नरम नाज़ुक होंटो पर रख दिए।
मैंने उसके माथे से लेकर उसके कदमो तक हर जगह पर बिंदास किस किए। मेरे किस करने से वो बेबस होती जा रही थी और मैं उस पर हावी हो रहा था। मुझे महसूस हुआ के सोफिया अपनी गरम नरम और गुलाबी चूत को धीरे धीरे मेरे लंड से रगड़ने की कोशिश कर रही थी। मैंने उसकी चूत को हाथ से सहलाया उसकी चूत पर बाल तो क्या बाल के रोएँ भी नहीं थे। उसने अपनी चूत पर बालो के लिए लेजर ट्रीटमेंट कराया हुआ था।
ऊँगली से सहलाते सहलाते मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया लेकिन तभी सोफिया साथ के साथ पलट गई और मुझे नीचे लेकर ख़ुद मेरे ऊपर आ गई और अपनी चूत को मेरे कड़क लंड पर रखा और पूरे ज़ोर से मुझ से लिपट गई मुझे महसूस हो रहा था जब धीरे धीरे मेरा लंड सोफिया के अंदर जा रहा था। सोफिया की गरम सांसे अब सिसकियों आ अह हह… आ आःह्ह्छ….. ओ ऊ ऊह ह्ह्ह हस सावान फक मी फ्रॉम माय डेप्थ … ओ ऊ उष श्श्श्श… आ आया हह में बदलने लगी और उस वक्त हम दोनों एक दूसरे में खो गए। जितनी गहराई से मेरा लंड उसकी चूत को चूमता उतनी ज्यादा वो सेक्सी होती जाती वो मेरे ऊपर से ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने लगी.
थोड़ी देर में ही वो मेरे ऊपर ठहर गई मैने सोचा शायद सोफिया का सेक्स पूरा हो गया। मैंने सोफिया को कहा कि बस इतना ही !
तो वो बड़ी अदा से बोली- नहीं मेरी जान ! लेकिन मैं थक गई।
मैंने भी पलट कर उसे नीचे कर लिया और अपना लंड चूत में डालते हुए बोला- माय सेक्सी डोल ! लड़कियों को सिर्फ़ लड़कियों के ही काम करने चाहिए। उसके बाद मैंने सोफिया को काफी देर तक चोदा। और हम दोनों का सेक्स साथ साथ पूरा हुआ। हम दोनों एक दूजे पर काफी देर तक लेटे रहे।
हम दोनों की जिस्म की प्यास तो फिलहाल ठंडी हो गई लेकिन पेट की आग सताने लगी क्योंकि रात के दस बज चुके थे। सर्वेंट को भी सोफिया ने जल्दी भेज दिया था और हम दोनों थक चुके थे। लेकिन हमने पिजा आर्डर कर दिया थोड़े ही टाइम में पिजा आ गया हम दोनों ने पिजा खाया। और तब तक हमारा दोबारा कपड़े उतारने का दिल हो गया। खैर दोस्तों रात अपनी थी उस वक्त सोफिया अपनी थी लेकिन उस रात कमबख्त आँखों की नींद अपनी नहीं थी।
एक हफ्ते तक में सोफिया के ही घर में रहा और हमारी हर एक रात सुहाग रात रही। लेकिन सोने पे सुहागा की कंपनी ने हमारे हनी-मून का भी अरेंजमेंट कर दिया मतलब कंपनी ने मुझे सोफिया के साथ उनके हेड ऑफिस प्रोडक्ट ट्रायल के लिए भेज दिया। और वहां फाइव स्टार होटल में हनी-मून एक दम मस्त और बिंदास। तो वहां पर भी सोफिया की चूत का मस्त मस्त मज़ा लिया आपके सावन ने। तो दोस्तों ज़रूर लिखना कि आपको मेरा एक्सपेरिएंस कैसा लगा।
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