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मेरा नाम शुमैला है और मेरा ताल्लुक पाकिस्तान के खूबसूरत शहर लाहौर से है। ये वाक्या जो मैं आप लोगों को सुनाने जा रही हूं मेरी ज़िंदगी का सब से हसीन और एहम वाक्या है जो आज से तकरीबन एक साल पहले पेश आया।
पहले मैं आप को अपनी और अपनी फ़ैमिली के बारे में बता देती हूं। हम तीन बहन भाई हैं बड़े भाई की उमर २४ है और छोटे की उमर २२ है दोनो एक छोटी सी वर्क शॉप चलाते हैं और हमारे अब्बु दुबई में रहते हैं किसी शेख के घर ड्राइवर हैं.
और हमारी अम्मी हमारे साथ रहती हैं। मेरी उमर १९ साल है रंग सांवला और फ़ीगर ३६ डी २८ ३७ है मेरा जिस्म काफ़ी भरा भरा है और मैने ऍफ़.ए किया है
मुझको घर के काम काज करने और हर वक्त बन संवेर कर रहने का बहुत शौक है मैं टाइट शलवार कमीज़ जो जिस्म से चिपकी होती है पहनती हूं और हाथों में चूड़ियां पांव में पायल और नाक में हमेशा एक लोंग पहनती हूं जो मेरे सांवले तीखे चेहरे पर बहुत सजता है ये।
मेरी ज़िंदगी के ये हसीन वाक्या तब हुआ जब हमारी अम्मी की तरफ़ के एक दूर के रिलेटिव की डेथ हो गई और अम्मी को मुल्तान जाना पड़ा. हम बहन भाई नहीं गये क्यों कि भाई अपने बिजिनेस में मसरूफ़ थे. और मैं गरमी की वजह से घर से बाहर जाना पसंद नहीं करती। तो अम्मी ने कहा के भाईयों के आराम और खाने का ख्याल रखना और चली गई।
उस दिन बहुत गरमी थी मैने घर की सफ़ाई की खाना तैयार किया और फिर अपना रेड कलर का सूती सूट निकाला और नहा कर पहन लिया. शलवार कमीज़ से मेरा भरा भरा सांवल बदन बाहर निकला जा रहा था और कमीज़ का गला खुला था जिस में से मेरे मम्मो की लाइन नज़र आ रही थी और मैं ने नीचे ब्रा और पैंटी नही पहनी थी.
मैं घर में हूं तू ब्रा पैंटी पहनती और न ही दुपट्टा औढ़ती हूं. हालांकि अम्मा कहती हैं के जवान भाई हैं घर में उनके सामने एस तरह न जाया करो. लेकिन मै नही मानती. लेकिन फिर भी अम्मी की वजह से कभी कभी दुपट्टा ले लेती हूं.
लेकिन आज तो अम्मी नहीं थीं मैंने हल्का सा मेक अप किया नाक में लोंग डाला और हाथों में चूड़ियां पहनी और पांव में पायल और बैठ कर टी वी देखने लगी
शाम को दोनो भाई घर आये तो मैं ने दरवाज़ा खोला तो महसूस किया के उन दोनो की नज़र मेरी मम्मो पर थी जो कमीज़ से बाहर हुये जा रहे थे और निप्पल खड़े हो गये थे।
दोनो अंदर आ गये छोटा भाई अंदर आते समय अपना कंधा मेरे बूब्स के साथ रगड़ दिया तो मेरे जिस्म में एक करंट दौड़ गयी लेकिन मैं ने इजी ज़ाहिर किया जैसे मैने महसूस नहीं किया।
फिर वो दोनो नहा कर खाने के लिये आये उन दोनो ने गरमी की वजह से सिर्फ़ बनियान और धोती पहनी हुई थी.
मैने खाना उनके आगे रखा तो मेरे मम्मो की क्लीवेज साफ़ नज़र आ रही थी मैने देखा के उन दोनो का लंड खड़े हो गये हैं मैं भी उनके साथ खाना खाने बैठ गयी वो खाना कम खा रहे थे और मुझ को ज़्यादा देख रहे थे और बातें भी कर रहे थे इधर उधर की।
फिर खाने के बाद मैने बरतन समेटे और उनको धोने के लिये किचन में ले आयी.
में बरतन धो रही थी कि बड़े भाई किचन में आये और मेरे पीछे आकर खड़े हो गये और अपने लंड को मेरी गांड पर लगा कर बोले- बरतन धो कर आओ मूवी देखेंगे.
मैं उनके लंड को अपनी गांड पर महसूस कर रही थी और मुझको मज़ा आ रहा था मैने गांड को ज़रा पीछे किया ताकि उनका लंड और मेरी गांड से दब जाये और कहा के आप जायें मैं चाय लेकर आती हूं.
अब उनके लंड का सिर मेरी गांड में था और मेरी चूत गीली हो रही थी और पसीना बहने लगा था।
भाई मेरी रज़ामंदी समझ गये थे उन्होने ने मुझ को पीछे से मुझ को अपनी बाहों में ले लिया और मेरे दोनो मम्मो पकड़ लिये और मेरी गांड में लंड को ज़ोर से घुसा दिया.
मैं लज़्ज़त और शरम से बेहाल हो रही थी. मैने भाई की तरफ़ देख कर मुसकराते हुए गुस्से से कहा- जो ये कर रहे हैं छोटे भाई ने देख लिया तो?
उन्होने मेरे मम्मे दबाते हुए कहा कि वो भी तेरा देवाना है मेरी शुम्मी। फिर उन्होने मुझको अपनी गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले गये.
वहां छोटा भाई फ़िल्म देख रहा था. भाई ने अंदर आते ही उसको कहा के यार आज हम दोनो की तमन्ना पूरी हो गई है.
मैं हैरान रह गई के वो दोनो मुझ पेर पहले से नज़र रखते थे.
उन्होने मुझको बताया को वो मेरे बारे में अकसर बातें करते थे और मेरे नाम की मुठ मारते रहते थे.
भाई ने मुझ को बेड पेर बिठा दिया और वो दोनो मेरे बगल में बैठ गये. बड़े भाई ने एक हाथ मेरे बायें बूब पर रखा और दूसरे हाथ से मेरी गांड में हाथ फेरने लगे जब के छोटा भाई मेरे राइट बूब को दबा रहा था और साथ दूसरे हाथ से मेरी चूत को शलवार के ऊपर से सहला रहा था.
मैं लज़त के सातवें आसमान पर थी फिर बड़े भाई ने मेरी कमीज़ उतार दी और मेरी ३६ डी मम्मे आज़ाद हो गये
वो दोनो भूके बच्चों की तरह मेरे बूब्स को लगे मेरे मुंह से मज़े से ऊओहह्ह ह्हह्ह आह्हह हह्हह की आवज़ निकल रही थी. और मैं उनके सिर अपने मम्मो में दबा रही थी.
फिर उन दोनो ने अपने कपड़े उतार दिये और बिल्कुल नंगे हो गये उनके लंड तकरीबन ९” लम्बे और ३” मोटे थे.
छोटा भाई ने मेरी शलवार उतार दी और मैं बिल्कुल नंगी हो गयी.
उन दोनो ने अपने लंड मेरे हाथों में दिये और मैं उनको प्यार से सहलाने लगी.
फिर बड़े भाई ने लंड मेरे मुंह में दे दिया मुझको थोड़ा अजीब लगा. लेकिन फिर मुझको उसे चूसने में मज़ा आने लगा.
छोटा भाई बेड पर मेरी टांगों के बीच में आकर उल्टा लेट गया और मेरी चूत और क्लिटोरिस पर ज़बान फेरने लगा. मेरी लज़त से जान निकली जा रही थी और मैं ऊऊऊ ऊऊ ऊओह्ह ह्हह आआह्ह हह्ह और ज़ोर से चूसो की आवाज़ निकाल रही थी.
वो एक उंगली मेरी गांड में भी अंदर बाहर कर रहा था. फिर मैं बरदाश्त न कर सकी और छूट गया. मेरी चूत का रस कुछ छोटे भाई के मुंह में गया और कुछ बाहर निकल आया उसी टाइम बड़े भाई भी मेरे मुंह में छूट गया और मैने उस की मन्नी पी ली
फिर छोटा भाई बेड पर लेट गया और बड़े भाई ने मुझको डौगी स्टाइल में खड़ा कर दिया.
मैं छोते भाई का लंड चूस रही थी और बड़ा भाई मेरी गांड के पीछे बैठ कर मेरी गांड के होल को ज़बान से चाटने लगा.
मेरे मुंह से सिसकारी निकल गयी. वो अपनी ज़बान से मेरी अस फक्क कर रहा था.
उसने मुझ को बताया कि वो मेरी गांड के दिवाना है और जब भी मैं टाइट कपड़ों में मटक मटक कर चलती थी वो लंड थाम कर रह जाता था. आज उसका बरसों का ख्वाब पूरा हुआ है.
फिर छोटा भाई छूटने लगा तो उसने मुझ को सीधा लिटा दिया और अपना लंड मेरे मम्मो पर रगड़ने लगा.
और फिर उसने अपनी मुन्नी मेरे मम्मो से हटा दिया.
फिर उसने मेरे मम्मो और पेट की मालिश की फिर वो मेरे मम्मो को चूसने लगा और मैं उसके लंड को सहलाने लगी. बड़ा भाई मेरी गीली चूत पर ज़बान फेर रहा था और मैं अपने चूतड उठा उठा कर उसकि ज़बान को अपनी चूत में लेगा रही थी.
फिर उसने मेरी नाभि को सक्क किया. छोटे भाई का लंड फिर अकड़ गया था. उसने मेरे बूब्स से मुंह हटाया और मुझ को अपने ऊपर लिटा दिया और अपने लंड को मेरी चूत में पुश किया.
मुझको थोड़ा सा दर्द हुआ और मेरे मुंह से आह्हह की आवाज़ निकली. लेकिन उसने अपने लब मेरे लबों से जोर दिये और मेरी आह्हह्ह उसके प्यार में गुम हो गई. फिर वो आहिस्ता आहिस्ता लंड को धक्के मारने लगा और मुझ को मज़ा आ रहा था.
फिर बड़े भाई ने मेरी गांड के सुराख पर थूक लगाई और अपना लंड आहिस्ता से अंदर किया.
मुझको बहुत दर्द हुआ तो वो रुक गया. फिर एक झटका दिया तो उसका लंड पूरा मेरी गांड में घुस गया.
मेरे मुंह से सिसकारी निकल गयी लकिन छोटा भाई मुझको किस्सिंग कर रहा था.
अब बड़ा भाई मेरी गांड मार रहा था और छोटा भाई मेरी चूत में लंड दे रहा था. मैं लज़त की इंतेहाई बुलंदी पर थी.
फिर छोटा भाई मेरी चूत में छूट गया और मुझ को अपनी चूत के अंदर गहराई में गरम लावा सा गिरता महसूस हुआ और लज़त की शिद्दत से मैं भी छूट गई. और दो तीन झटकों के बाद बड़े भाई ने अपना लावा मेरी गांड में छोड़ा जो बहुत ज़्यादा था इसलिये गांड से बाहर बहने लगा।
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