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अन्तरवासना के सभी रीडर्स को प्यार भरा प्रणाम. मेरी एडल्ट स्टोरी के पिछले भाग दिल्ली की वरजिन गर्ल की चुदाई-1 में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने दिल्ली की एक वर्जिन लड़की को चुत चुदाई के लिए मनाया और एक होटल रूम में ले गया. अब आगे:
तभी मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया और उसकी सलवार पैरों से आज़ाद कर दी. उसने सफ़ेद रंग की चड्डी पहनी थी. वो शरमा के दूसरे तरफ देख रही थी. मैंने अपना शर्ट उतारा बनियान निकाली और पैंट उतारी अब मैं उसके सामने सिर्फ़ अंडरवीयर में था और वो मेरे सामने सिर्फ़ एक छोटी सी चड्डी में.
मेरा लंड तो एकदम खड़ा हुआ था, मैं बेड पे उसके ऊपर लेट गया और उसके बूब्स दबाने लगा। मैंने उसे कहा- मेरा लंड टेस्ट करोगी? उसने न कहा, वो बोली- मुझे मुंह में नहीं लेना! मैं बोला- ठीक है, तुम्हारी मर्ज़ी! और फिर एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत सहलाने लगा।
उसकी चड्डी गीली हो चुकी थी, मैंने हाथ फिर उसके चड्डी में डाल दिया तो वो सिहर गयी। मेरे हाथ को उसकी झांट के बाल लग गये, मैंने उसे पूछा- कभी इसे साफ नहीं करती? उसने गर्दन हिला के न कहा। मैं एक उंगली उसकी चूत के छेद पे फेरने लगा, वो आअहह ऊउफ़्फ़ आआह्हह स्सीईई आआह्हह करती रही, मैं फिर वही उंगली उसके चूत में घुसेड़ने लगा, वो फिर से चिल्लाने लगी, मेरी पूरी उंगली उसकी चूत में चली गयी. उसकी चूत काफी टाइट थी। फिर मैं उंगली को अन्दर ही गोल गोल घुमाने लगा, वो सिर्फ़ आहह् उफ़्फ़ ऊओर सीए कर रही थी।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसके चड्डी से निकाला, उसकी चड्डी निकालने लगा वो शर्मा रही थी। मैंने उसकी चड्डी उसके पैरों से अलग कर दी और उसकी चूत देखने लगा। तभी उसने अपने दोनों पैर एक के ऊपर एक रख दिये और चूत छुपाने की कोशिश करने लगी. मैंने उसके दोनों पैर अलग कर के उसे पकड़ लिये और मुझे उसकी चूत दिखने लगी. क्या चूत थी वो… एक दम कोरी चूत, चूत पूरी तरह से सील पैक थी।
मैंने फिर अपनी एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी और उसके गुलाबी लिप्स पर अपने लिप्स रख कर किस करने लगा, साथ ही साथ उंगली अन्दर बाहर करने लगा। वो एकदम पागल हो गई और मेरा हाथ पकड़ के ज़ोर ज़ोर से उंगली अन्दर बाहर करने लगी। थोड़ी देर में उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मेरा हाथ गीला कर दिया।
मैंने सोच लिया कि यही सही टाइम उसे चोदने का क्योंकि उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो गयी थी। मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया मेरा खड़ा हुआ लम्बा लंड देख कर वो हैरान हो गयी और बोली- मैं तो झूठ समझी थी पर तुम्हारा तो सचमुच बहुत लम्बा है. मैं बोला- डरो नहीं, मेरा वादा है कि कुछ टाइम बाद तुम ही बोलोगी कि पूरा डालो, जोर जोर से!
फ़िर मैंने पैंट से कन्डोम का पैकेट निकाला। मैंने उसे कहा- ये कन्डोम है। कभी देखा है? उसने गर्दन हिला के न कहा।
मैंने उसमें से एक कन्डोम बाहर निकाला और उसे कहा- देख लो इसे लंड पे कैसे चढ़ाते हैं, अगली बार तुम्हें ऐसा वाला दूसरा कन्डोम मेरे लंड पे चढ़ाना होगा। वो गौर से देखने लगी। मैंने कन्डोम अपने लंड पे चढ़ा दिया. मैंने कल ही अपनी झांट के बाल साफ किये थे।
फिर मैंने उसकी दोनों टांगें घुटनों से मोड़ दी और जितनी हो सके उतनी फैला दी। अब उसकी चूत खुल चुकी थी और उसकी दोनों टांगों के बीच उसके ऊपर आ गया। मैंने अपना लंड एक हाथ से उसकी चूत पे रख दिया और उसकी चूत पे रगड़ने लगा। वो बुरी तरह पागल हो गयी और मुझसे कहने लगी- प्लीज़ जल्दी डाल दो वरना मैं मर जाऊँगी। प्लीज़ जल्दी करो। फाड़ दो मेरी चूत इस लंड से प्लीज़।
मैंने एक जोर से धक्का मारा, वो तड़प उठी और चिल्लाने लगी -उईइ म्ममाआअ म्माआरग्गग्गा आआ अययीई आआअहह मेरी चूत फट ग्गययीइ न्नीकआअलओ ईस्ससे आआअहह। फिर थोड़ी देर मेरा लंड ऐसे ही रख के एक और जोर से धक्का मारा, वैसे उसकी सील टूट गयी और वो रोने लगी, वो चिल्ला उठी- आआहह प्लीज़ निकालो इससे मैं मर जाऊँगी प्लीज़। वो तो शुक्र है कि मैंने टीवी पहले ही तेज आवाज़ में ओन किया हुआ था वरना होटल वाले आ जाते!
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, ऐसे ही पड़ी रहो, दर्द कम हो जायेगा. हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे, उस वक्त मैं उसके बूब्स प्रेस कर रहा था और दूसरा चूस रहा था.
पांच मिनट बाद वो अपनी गांड हिलाने लगी तो मैं समझ गया कि अब चूत चुदवाने को लंड के धक्कों का इन्तजार कर रही है. मैं अपना लंड उसके चूत से अन्दर बाहर करने लगा। उसे भी अब मज़ा आ रहा था, वो भी अपनी गांड ऊपर नीचे कर के रिस्पोंस देने लगी। मैं फिर स्पीड बढ़ाते हुए जोर जोर से धक्के मारने लगा, वो चिल्ला रही थी जिससे मुझे और भी मज़ा आ रहा था।
थोड़ी ही देर में वो मुझसे लिपट गयी और उसने अपनी चूत से ढेर सारा पानी छोड़ दिया। लेकिन मेरा लंड अभी भी जोश में था, मैंने उसको बोला- अब मैं तुम्हें डोगी स्टाइल में चोदूँगा.
वो झट से डोगी बन गयी, वाह पीछे से क्या शेप थी उसकी… बिना टाइम वेस्ट किये मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और जोरदार धक्का मारा, एक ही धक्के में पूरा का पूरा लम्बा लंड उसकी चूत फाड़ता हुआ जड़ तक पहुंच गया वो चीखते हुई बोली- ऊओईई माआआअ, स्पर्श प्लीज़ आराम से!
फिर मैं धीरे धीरे उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा. कुछ देर बाद वो खुद पीछे की तरफ़ धक्के मारने लगी और बोलने लगी- स्पर्श, आज अपनी पूरी ताकत से मेरी चूत चोदो, जो होगा देखा जायेगा.
फिर क्या था, मैं पूरे जोश के साथ उसकी चूत चोदने लगा और वो ऊओहह, आआअम म्मम्म यीईस्स… ययीईस्स स्पर्श ययीईस्स… करने लगी. करीब दस मिनट के बाद मैंने भी कंडोम में पानी छोड़ दिया और वो भी झड़ गयी.
फिर मैं उसके पीछे ही उसके चूत में लंड डाल के लेट गया। कुछ मिनट बाद मैंने उसकी चूत से लंड निकाला और उसके ऊपर से उठ गया और देखा तो उसके चूत से थोड़ा बहुत खून निकला था। खून और उसकी चूत के छोड़े हुए पानी से उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
मैंने अपने लंड से कंडोम उतारा और उसे अपनी बाहों में उठा के टोइलेट ले गया। वहाँ उसे बैठा के ठंडे पानी से उसकी चूत साफ करने लगा। उसकी चूत में उंगली डाल के साफ करने की वजह से मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैंने उसकी चूत साफ करके फिर उसे अपने बाहों में उठाया और बेड पे लाकर रख दिया। अब मेरा लंड मेरा पसंदीदा शोट मारने के लिये बेकरार था।
पैंट से मैंने एक कंडोम निकाला और उसके हाथ में दे दिया और कहा- चढ़ा दो इसे मेरे लंड पे! उसने उसमें से कंडोम बाहर निकाल के मेरे लंड पे रखा और उसे मेरे लंड पे चढ़ा दिया।
मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कंधे पे रखी, नीचे से मैंने मेरा लंड उसकी चूत में पूरी तरह से घुसा दिया और उसकी बाहों में अपने दोनों हाथ डाल के उसे ऊपर उठाया। अब मैं खड़ा था, उसकी दोनों टांगें मेरे कंधे पे थी और मेरे दोनो हाथ उसके पीठ के पीछे थे। वो पूरी तरह से बेंड हो चुकी थी, मेरा लंड उसकी चूत में था।
मैंने अपनी थोड़ी सी पीठ सपोर्ट के लिये दीवर पे टच की और अपनी कमर आगे पीछे करने लगा। इस पोजिशन में मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में चला जा रहा था। जब मैं प्रिया को इस तरह से चोदता तो मुझे दिवार का सपोर्ट लेने की जरूरत न पड़ती क्योंकि वो सिर्फ़ बाईस साल की थी और उसका भार बहुत ही कम था। मेरा लंड उसकी चूत से अंदर बाहर हो रहा था।
मैंने उसे पूछा- मज़ा आ रहा है न? उसने हाँ कहते हुए कहा- ऐसे ही चोदते रहो मेरे स्पर्श। मैं तुम्हारी दीवानी हो गयी हूँ। शादी के बाद भी मैं तुम्हीं से चोदवाऊँगी. और ज़ोर से चोदो फ़ाड़ डालो मेरी चूत को और कस के… आअहह्हह आअहह्ह! कुछ मिनट बाद मैंने उसे बेड पे टिका दिया और कुतिया की तरह होने को कहा। उसने अपने दोनों हाथ जमीन पे रखे और घुटनों के बल वो कुतिया की तरह हो गयी. मैंने उसके पैर थोड़े से फैला दिये और पीछे से मेरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और मैं उसे डोग शोट मारने लगा। दस मिनट बाद मैंने पानी छोड़ दिया। इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी।
मैंने अपने लंड से कंडोम उतारा। दोपहर के साढ़े बारह बज गये थे, मैंने उसे कहा- कपड़े पहन लो, खाना खाने चलते हैं। वो उठ के बाथरूम चली गयी, मैं भी उसके पीछे चला गया. वो कहने लगी- तुम बाहर जाओ, मुझे पेशाब करना है. मैंने कहा- इसमें इतनी शरमाने वाली क्या बात है? और मैं उसके सामने पेशाब करने लगा। वो गौर से देख रही थी.
जैसे ही मेरी पेशाब खत्म हुयी वो बैठ गयी और पेशाब करने लगी। बड़ी जोर से धार मारी थी उसने। फिर वो खड़ी होकर पानी से पैर और चूत पे गिरा हुआ पानी साफ करने लगी। हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गये। मैंने अपने कपड़े पहन लिये, उसने पहले अपनी चड्डी पहनी फिर ब्रा, मैंने उसके ब्रा के हुक लगा दिये। फिर उसने अपनी सलवार पैरों में चढ़ायी और लास्ट में उसने कमीज़ पहनी, फिर उसने अपने बाल और कपड़े ठीक किये और हम खाना खाने के लिये चले गये।
खाना खाने के बाद वो बोली- एक बार और! मैं बोला- नहीं, मुझे ढाई बजे तक कहीं काम से जाना है, अब तुम घर जाओ और यह मेरा नम्बर रखो फिर फोन करना!
हम दोनों ने एक दूसरे को अपने नम्बर दिये, फिर वो मुझे किस करने एक कोने में ले गयी और मुझे किस किया और बोली- प्लीज़ ज़ल्दी मिलना! फिर वो वहाँ से चली गयी.
मैंने होटल का बिल दिया और अपने काम से चला गया।
तो फ़्रेंड्स, कैसी लगी मेरी एडल्ट स्टोरी?
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