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हाए AV के दोसतो और पयरि सहेलिओ मेरा नाम विक्की मित्तल है और मैंने IIT Roorkee से एनगिनीरिनग करनेय केय बद ईम, अहमेदबद सेय मबा किया है और देलहि मेन अपनेय परिवार कि हि एक एक्सपोरत इमपोरत सोमपनी मेन बहुत अस्सह्हि पोसत पर करया करता हून और 7-8 लसस वरशिक सलरी लेय रहा हून। मेरि उमरा 29 वरश है और मैं देखनेय मेन कफ़ि समरत और हनदसोमे हून बुस बोदी थोदि सि बुलकी है परनतु मेरि हेघत 5फ़त 10 इनच होनेय के करन मैं मोता नहि लगता हून। मैंने अभि तक शदि नहि कि है इस लिये मे पुरे थत केय सथ सौथ एक्स मेन रेहता हून।वैसे भि मैं उ।प। कि एक बहुत हि बदि ज़मिनदार परिवर सेय समबनध रखता हून और मैंने सौथ एक्स मेन हि अपना 4 बेद रूम फ़लत खरिद लिया है और मैं पूरि मौज मसति मैं रेहता हून। मैं भि इस्स का रेगुलर पथक हून और सरि कहनिया बरेय धयन सेय पधता हून। मुझे ये लगभग सरि कहनिया ( बुस कुछ एक 10% कहनिया छोद कर) बिलकुल कलपनिक लगति है। मैंने कुछ पोइनतस निकलेय हैन अगर उन पर गौर किया जये तो आप भि मनगेय कि वोह कहनिया बिलकुल कलपनिक हैन। उन पोइनतस का जिकरा मैं अगलि दफ़ा करूनगा। मैं भि बरा हि रसिक मिजज का हून 15-16 वरश कि अयु से हि चुदै का मजा लेय रहा हून।अब तक मैं 50 सेय जयदा लरकिया चोद चुका हून जिनकि कहनि मैं अप सब को अवशय सुनौनगा और अज मैं अपको अपनि पहलि वलि सुदयि कि कहनि सुना रहा हून।
बत उन दिनो कि है जब मैं एलेवेनथ सलस्स मेन पधता था। हमरेय पदोस मेन एक पुनजबि फ़मिली रहति थी जिसमेय सिरफ़ तीन हे मेमबेरस थे। एक 70 वरशिया बुजुरग, एक लदका और एक लदकि। लदकेय कि उमरा लगभग 24-25 साल कि रहि होगि और लदकि कि उमरा 20-21 साल कि होगि।बुजुरग वयकति उन दोनो के पिता थे और अकसर बिमर सेय हि रहतेय थे जबकि उन दोनो कि मोथेर कि देअथ हो चुकि थि। वैसेय तो उस परिवार मेन 5-6 लदकिया और भि थी लेकिन वो सब कफ़ि उमरा कि थी और सब कि शदि हो चुकि थी और अपनेय पति के सथ अपनि ससुरल मेन हि रहति थी जो कि कभि-2 अपनेय पितजि को देखनेय परिवर केय सथ 2-3 दिन केय लिये अति रेहति थि। हमरा भि उस पुनजबि फ़मिली मेन कफ़ि अना जना था।
लदकेय का नाम रजेश और लदकि का नम दीपाली था। दीपाली बहुत हि खुबसूरत थि। मैं रजेश को भै सहेब और दीपाली को जिजि कहता था। दीपाली का बदन मनो भगवन नेय सनचेय मेन धल कर बनया हो। गोरा चित्ता रनग हलका गुलबिपन लिये जैसेय कि दूध मेन चुतकि भर केसर दल दि हो। शरिर 36-24-38 सिज़े। चूचि एक दुम सखत और उभरि हुयि और उसकेय चुतद भरि थेय लगता था कि उसकेय चुतद कि जगह दो गोल बदि-2 बल्लस हो। वोह अदिकतर सलवर कुरता पहनति थी और जब चलति थी तो ऐसा मलूम होता था कि दो गेनद अपस मेन रगद खा रहि हो।जब वोह हसति थी तो गलो मेन बदेय पयरेय दिमपले पदतेय थे जिस सेय वोह और भि खूबसूरत लगनेय लगति थि।वोह बोलति बहुत थी और एक मिनुत भि चुप नहि बैथ सकति थि।उसमेय एक खसबत थी कि वोह किसि कि भि चिज मेन कोइ नुकस नहि निकलति थी चहे उसको पसनद हो या ना हो वोह हमेशा यहि कहति थी कि बहुत हि पयरि है। यदि उसको कुच खनेय के लिये दो और वोह उसको पसनद नहि अयि हो पर वोह तब भि उस कि तारिफ़ हि करति कि बहुत हि तसती बनि हैन। इस बत कि हुम सुब हमेशा हि दीपाली कि तरिफ़ किया करतेय थे। हमरि सोलोनेय के सभि उसकेय दीवनेय थे और एक बर बुस उसको चोदना चहतेय थे। मैं भि अकसर सोचता था कि कश मैं दीपाली को चोद सकु और एक दिन ऐसा मोका अ हि गया। सेपतेमबेर का महिना चल रहा था । उस दिन सुनदय कि छुत्ति थी और समय रहा होगा लगभग 11 बजेय सुबहा का। मैं किसि कम सेय अपनि छत पर गया था। हमरि दोनो कि छत अपस मेय मिलि हुयि हैन और छत सेय उनकेय कमरेय और बथरूम बिलकुल सफ़ दिखयि देतेय है। तो उस रोज जब मैं छत पर गया तो दीपाली केय गनेय कि अवज अ रहि थी सो मैं वैसेय हि उनकेय घर कि तरफ़ देखनेय लगा तो मैं चौनक गया कयोनकि दीपाली बिलकुल नुनगि बथरूम मेन पत्रेय पर बैथि थी और तनगेय चौरि कर रखि थि।
सच दोसतो मैं तो देखता हि रहा गया। दीपाली कि चूचियन एकदम गोरि और तनि हुयि थी और जैसा कि मैं खयलो मेन सोचता था उस सेय भि अधिक सुनदेर थि। उसकि गोरि चूचियोन केय बिच मेन हलकेय गुलबि रनग केय दो छोतेय-2 सिरसले थे और उनमे बिलकुल गुलबि रनग केय निप्पले थे जो कि बहर को निकलेय थे। उसका सरा शरिर बहुत हि चिकना और गोरा था और तनगो केय बिच मेन तो पुछो हि मत। वहा उसकि चूत पर कलेय रेशमि बल नज़र अ रहेय थे और उनकेय बिच हलकि सि गुलबि रनग कि ददर नज़र अ रहि थि। दरर मेन उपेर कि तरफ़ एक छोता सा चनेय जैसा दना चमक रहा था। वोह उस वकत कपदेय धो रहि थी और उसका सरा धयन उस तरफ़ हि था।दीपाली को इस हलत मेन देख कर मेरा लंड एक दुम सेय तन कर खदा हो गया मनो वोह इस हसीन चूत को सलमि देय रहा हो। मन कर रहा था कि मैं फ़ोरुन हि वहा पहुच जौ और दीपाली को कस अकर चोद दु पर मैं ऐसा नहि कर सका। मैं कफ़ि देर तक वहा खदा रहा और दीपाली को ऐसे हि देखता रहा और उपेर सेय हि अपनेय लंड को पकर कर सहलता रहा। मेरि हलत बहुत खरब हो रहि थि। मेरा गला एक दुम सेय खुशक हो गया था कि मैं थूक भि थिक सेय नहि निगल पा रहा था। मेरि तनगेय कनप रहि थी और ऐसा लग रहा था कि मेरि तनगो मेन बिलकुल दुम नहि रहा और मैं गिर जौनगा। मैं इस हलत मेन उसको करिब -2 15-20 मिनुत तक देखता रहा। वोह बर -2 सर झुका कर तनगो मेन अपनि चूत कि तरफ़ देख रहि थी और एक कपरेय सेय चूत केय बलो को रगद रहि थी जिस सेय उसकि चूत केय कुछ बल उतर जतेय थेय। मैं समझ गया कि अज दीपाली अपनि चूत केय बल हैर रेमोवेर सेय सफ़ कर रहि है। मैं उसेय बरेय हि गौर सेय देख रहा था कि अचनक उसकि नज़र मेरेय पर पद गयि और उसनेय एक दुम सेय बथरूम का दरवजा बनद कर लिया।
यह देख कर मैं बहुत दर गया और छत से निचेय उतर अया। मैं सरेय दिन इसि उधेदबुन मेन लगा रहा कि अगर जिजि इस बरेय मेन पुछेनगि तो मैं कया जवब दूनगा लेकिन कुछ सुझ हि नहि रहा था। मैंने सोचा कि मैं 2-3 दिन उसको दिखयी हि नहि पदुनगा और उसकेय बद ममला कुछ शनत हो जयेगा और तभि देखा जयेगा कि कया जवब देना है। मैं एक दिन तो दीपाली सेय बचा हि रहा और उसकि नज़रोन केय समनेय हि नहि अया। अगलेय दिन पपा और मुम्मी को किसि के यहन सुबहा सेय शम तक केय लिये जना था और दरिवेर अया नहि था तो पपा नेय मुझको कहा कि मैं उनको सर सेय छोद अयु और शम को वपस लेय अयु। सो मैं उनको सर सेय छोदनेय जा रहा था कि मैंने दीपाली को अपनि सर कि तरफ़ तेजि के सथ अतेय हुये देखा तो दर के मरेय मेरा हलक खुशक हो गया। मुम्मी पपा सर मैं बैथ हि चुकेय थे सो मैंने झुत सेय सर सतरत कि और बधा दि। हलन कि मुम्मी नेय कहा भि के दीपाली हमरि तरफ़ हि अ रहि है कहि कोइ ज़रूरि काम ना हो पर मैंने सुना उनसुना कर दिया और गदि को तेजि केय सथ ले गया। मैंने मन हि मन सौचा कि जान बचि तो लखो पये और लौत कर बुद्दहु घर को अये। जब मैं पपा मुम्मी को छोद कर वपिस घर अया तो देखा कि वोह हमरेय गते पर हि खदि है जैसेय हि मैंने सर रोकि वोह भग कर सर के पस अ गयि और मेरेय से बोलि कि सर को भगा कर लेय जनेय कि कोशिश ना करना वरना बहुत हि बूरा होगा और मैं बहुत बुरि तरहा सेय दर गया और हकलतेय हुये कहा कि जिजि मैं खा भगा जा रहा हून और मेरि इतनि हिम्मत हि कहन हैन कि जो मैं अप सेय भग सकु? इस पर दीपाली नेय कहा अभि जब तुनेय मुझेय देखा था तब तो जलदि सेय भग गया था और अब बत बना रहा है। मैंने कहा कि जिजि मुझ को सर को एक तरफ़ तो लगनेय दो और फिर अनदर बैथ कर बात करतेय हैन।
वोह बोलि थिक हैन और मैंने सर को एक तरफ़ लगा दिया और दीपाली केय सथ अनदेर अपनेय घर मैं चला गया। मैंने अपनेय कमरेय मैं जतेय हि अ।स। ओन कर दिया कयोनकि घबरहत केय मरेय मुझे पसिना अ रहा था। फिर मैं अपनेय होनथो पर जबरदसति हलकि सि मुसकन ला कर बोला कि अ ओ जिजि बैथ जओ और बोलो कि कया कहना है और ऐसा कहतेय -2 मैं रौअन सा हो गया तो वोह बोलि दर मत मैं तुझ को मरुनगि या दनतुगि नहि बौ मैं तो यह कहनेय अयि हून कि तु उस दिन छत सेय कया देख रहा था तो मैं अनजन सा बननेय लगा और कहा कि जिजि अप कब कि बत कर रहि है मुझेय तो कुछ धयन नहि है तो उनहोनेय हलका सा मुसकरा कर कहा कि सलेय बनता है और अभि सुनदय को सुबहा छत सेय मुझेय नुनगा नहि देख रहा था? मनिएय कोइ जवब नहि दिया तो वोह बोलि कि कया किसि जवन लदकि को इस तरहा नुनगा देखना अछा लगता है शरम नहि अति तो मैंने कहा कि जिजि अप हि इतनि खुबसूरत कि अपको उस रोज अपको नुनगा देखा तो मैं अनखेय हि नहि फेर सका और मैं अपको देखता हि रहा। वैसेय मैं बदा हि शरिफ़ लदका हून और अप को हि पहलि बर मैंने नुनगा देखा हैन। तो वोह हनस कर बोलि कि हन-हन वोह तो देखयि हि देय रहा है कि तु कितना शरिफ़ लदका है जो जवन लदकियोन को नुनगा देखता फिरता है।
मैंने भि झत सेय कहा कि जिजि उस रोज अप तनगो केय बिच बलो को बार बार कयोन रगद रहि थी तो इस पर वोह शरमा गयि और बोलि धुत कहि जवन लदकियोन सेय ऐसि बत पुछि जति है तो मैंने पूचा कि फिर किस सेय पूछि जति है तो उसनेय इतना हि कहा कि मुझेय नहि मलूम। अब मैं समझ गया था कि वोह उस रोज देखनेय सेय जयदा नरज़ नहि थि। उस समया तक मेरा दुर कफ़ि हुद तुक कुम होगया था और मेरा लंड खदा होना शुरु हो गया था।मुझेय फिर मुसति सुझि और मैंने फिर सेय दीपाली सेय पूछा कि जिजि बतयो ना कि तुम उस रोज कया कर रहि थि? यह सून कर वोह पहलेय तो मुसकरति रहि और फिर एक दुम सेय बोलि कि कया तु मुझेय फिर सेय नुनगा देखना चहेगा? मेरा दिल बहुत जोरो सेय धदकनेय लगा और हलकेय सेय कहा कि हा जिजि मैं फिर सेय अपको नुनगा देखना चता हून। तो वोह बोलि कि कया कभि तुनेय पहलेय भि यह कम किया है तो मैंने कहा कि नहि तो उसनेय कहा कि अ मेरेय पस अज मैं तुझको सुबकुछ सिखौनगि और यह कहा कर उसनेय मुझेय अपनि बहो मैं जकर लिया और मेरे होनथ चुमनेय लगि। मैंने भि उस को कस कर पकद लिया और उसकेय होनथ चुमनेय लगा। उसकि जिभ मेरेय मुनह मेन घुसनेय कि कोशिश कसर रशि थी तो मैंने अपना मोनह खोल कर उसकि जिभ चूसनि शुरु कर दि। इधर मेरा लंड भि चोत हकये कलेय नग कि तरहा फ़ुनफ़ुना रहा था और पेनत मेन सेय बहर अनेय के लिये मचल रहा था।मैंने एक हथ बधा कर दीपाली कि तनि हुयि चूचि पर रख दिया और बदि बैतबि के सथ उसको मसलनेय लगा। दीपाली का सरा शरिर एक भत्ति कि तरहा तुप रहा था और हमरि गरम सनसेय एक दुसरेय कि सनस सेय तकरा रहि थि। ऐसा लुग रहा था कि मैं बदलो मैं उदा जा रहा हून।अब मेरे सेय सबरा नहि हो रहा था। मैंने उसकि चूचि मसलतेय हुये अपना दुसरा हथ उसकेय चूतदो पर रख दिया और उनको बहुत बुरि तरहा मसलनेय लगा।
दीपाली केय मूनह सेय हलकि सि करहनेय कि अवज निकलि ओह्हह … अयीईई … और बोलि जरा अरम सेय मसलो मैं कोइ भगि नहि जा रहि हून। तेजि केय सथ मसलने पर दरद होता हैन लेकिन मैं अपनि धुन मेन हि उसकेय चूतद मसलता रहा और वोह ओह्हह्ह… अययययीए… करति रहि। यह अवजेय सुन कर मेरा लंड बेतब होरहा था और पेनत के अनदेर से हि उसकि नभि के अस पस तक्कर मर रहा था। मैंने उसकेय कन मेन फ़ुसफ़सतेय हुये कहा कि अपनि सवर कमिज़ उतर दो तो पहलेय तो वोह मना करनेय लगि लेकिन जब मैंने उसकि कमिज़ उपेर को उथनि शुरु कि तो उसनेय कहा रुको बबा तुम तो मेरे बुत्तोन हि तोद दोगेय मैं हि उतर देति हून और यह कहा कर उसनेय अपनि कमिज़ केय बुत्तोन खोल कर अपनि कमिज़ उतर दि अब वोह सिरफ़ वहिते बरा और सलवर मेन कदि थि। मैं उसको देखता हे रहा गया।उसकि बगल मैं एक भि बल नहि था शयद सुनदय को हि बगल केय भि बल सफ़किये थे। मैंने अपना दहिना हथ उथा कर उसकि बयि वलि चूचि पर रख दिया और बरा के उपेर सेय दबनेय लगा और दुसरेय हथ को मैं उसकि गनद पर फिरा रहा था। दीपाली का चेहरा लल सुरख हो गया था और उसकेय मूनह सेय सिसकियन निकल रहि थि। वोह अह्हह्ह … अह्हह्ह … ओह्हह्ह … । कर रहि थि। इस समय मेरेय दोनो हथ उसकि चूचि और गनद मसलनेय मेन वयसत थेय और होनथ उसकेय होनथो को चूस रहे थे। मैंने उसको पलनग पर लिता दिया और मैं उसकेय उपैर चध गया और उसकि कमर के निचेय हथ लेजा कर सर को उपेर उथया और उसकेय होनथ चूसनेय लगा। मैं इतना जोश मेन था कि कयि बर उसनेय कहा कि जरा अहिसतेय चूसो मेरा दुम घुता हैन। कै बर तो एक दुसरेय के होनथ चूसतेय-2 हमरे दोनो के मूनह सेय गूऊ… न… गू कि अवज निकल जति। अब मैंने पिचेय सेय उसकि बरा का हूक खोलनेय लगा था और थोदि सि मेहनत केय बद उसेय भि खोल दिया और हूक खुलतेय हि उसकि चूचियन एक दुम सेय उपेर को उछलि मनो उनको जबरदुसति दबा कर कैद किया गया था और अब उनको अज़दि मिल गयि हो। उसकि चूवहियन बहुत हि गोरिचित्ती और एक दुम सखत और तनि हुयि थि।
निप्पले बहर को उथेय हुये और एक दुम तनेय हुये थे। जैसेय हि मैंने एक हथ सेय उसकि चूचि मसलनि शुरु कि और दुसरि को अपनेय मूनह सेय चूसनेय लगा तो दीपली हलत खरब हो गयि और वोह जोर सेय कसमसनेय लगि। अब उसकेय मूनह सेय स्ससीईई … अह्हह्हह… ओह्हह्ह मीएर्रर्रर्रि माआआआअ मर्रर्रर्र गयीईई रीईई जैसि अवज निकलनेय लगि। इधर मेरा लंड अभि तक पेनत मेन हि कैद था और उछलकूद कर रहा था और उसकि सलवर केय उपेर सेय हि उसकि चूत पर तक्कर मर रहा था। अब मैंने मूनह सेय उसकि चूचि चूसतेय हुये
और एक हथ सेय चूचि मसलतेय हुये दुसरेय हथ सेय उसकि सलवर का नदा खोल दिया और उसनेय भि कोइ देर नहि कि तथा अपनि गनद उपेर कर केय मुझेय अपनि सलवर उतरनेय मेन मदद कर दि। अब वोह सिरफ़ पनती मेन हि थी और उसनेय वहिते रनग कि हि पनती पहेन रखि थी जो कि चूत केय उपेर सेय कुच गिलि हो रहि थि। लगता था कि उसकि चूत नेय उत्तेजना केय करन छोदना शुरु कर दिया था। जैसेय हि मैंने उसकि चूत को पनती के उपेर सेय सहलना शुरु किया तो वोह कनपनेय सेय लगि और मसति मेन अकर बोलि कि मुझको तो नुनगि कर दिया है और मेरा सुब कुछ देख लिया है लेकिन तुम अपना लंड अभि तक पेनत मेन छुपये हुये हो और यह कहा केर पेनत कि ज़िप खोल दि और चूनकि मैं पेनत के निचेय या वैसेय उनदेरवेअर नहि पेहेनता हून मेरा लंड एक दुम फ़ुन फ़नता हुया बहर निकल अया। मेरा लंड देखतेय हि दीपाली एक दुम मुसत होगयि और बोलि है रम तुमहरा लंड तो कफ़ि लुमबा और मोता है लग भग 8 इनच लुमबा होगा और 3।5 इनच मोता होगा। वह तुमहरेय सथ तो बहुत हि मज़ा अयेगा। मैं तो तुमहेय अभितक बछा हि समझति थी मगर तुम तो एक दुम जवन हो , एक खूबसुरत लंड केय मलिक हो और बहुत अछि तरहा सेय चोदनेय कि तकत रखतेय हो।
अब उसनेय मेरे सरेय कपदेय एक एक कर के उतै दिये और मेरे तुनेय हुये लंड को सहलनेय लगि। मेरेय लंड का सुपदा एक दुम सेय लल हो रहा था और कफ़ि गरम था। अब मैंने भि उसकि चूत पर सेय उसकि पनती उतर दि और देखा कि अज उसकि चूत पर एक भि बल नहि है और एक दुम सफ़ा चुत है। मैंने कहा कि जिजि उस रोज तो तुमहरि चूत पर बहुत झनतेय थी और अज एक दुम सफ़ है और किसि हिरेय (दिअमोनद) कि तरहा चमक रहि है तो वोह हुनस पदि और बोलि कि मैं तुमहरि तरहा नहि हून जो अपनि झनत और बगल का जुनगले सफ़ ना करेय यह मुझको अछा नहि लगता और तुम भि यह सब सफ़ करा करो नहि तो ज़ून हो जयेनगि। मैंने कहा जिजि मैंने तो अज तक अपनि झनत और बगल केय बल सफ़ हि नहि किये है और मुझेय दुर लगता है कि कहि बलदे सेय कुत ना जये तो वोह खिलखिला पदि और फिर बोलि अगर ऐसि बत है तो बगल केय बल और लंड सेय झनत मैं शवे कर दुनगि और हन एक बत और है कि अब तु मुझेय बर बर जिजि ना कहा कर। अब मैं तेरि जिजि नहि रहि हून, तेरि मशूका हो गयि हून इस लिये अब तु मुझको परिया कहा कर। मैंने कहा अछा यह कहा कर मैंने एक उनगली उसकि चूत के छेद मेन दल दि, छेद कफ़ि गिला था और एक दुम चिकना हो रहा था। उसकि चूत एक दुम गुलबि थी पनि निकलनेय केय करन कफ़ि चिकनहत थि। मैंने उसकि चूत मैं उनगलि अनदर बहर करनि शुरु कर दि और कभि कभि मैं उनगलियोन केय बिच उसकेय दनेय ( सलितोरिएस) को भि मसल देता था। उसकेय मूनह से सिसकरियन निकल रहि थी वोह आह्हह्ह … आह्हह्ह … हैईईई हैईईईइ उफ़्फ़फ़ उफ़्फ़ कर रहि थी और कहा रहि थी कि जरा जोर सेय उनगलि को अनदेर बहर करेय और मैं और तेजि केय सथ करनेय लगा। उसकेय मूनह सेय सिसकरियोन कि अवज बधति हि जा रहि थी और वोह लगतर उफ़्फ़फ़ … उफ़्फ़फ़ … ओह्हह्हह … ओह्हह्ह है मर गयि कर रहि थी तभि वोह अपनि कमर तेजि केय सथ हिलनेय लगि और अतक अतक कर बोलि हाआआआआ … और्रर्रर्रर्रर्र तेज्जज सेय अनदर बहर करो हैईईई मेर्रर्रर्ररा निकलाआआआ निकलाआआआअ कहा कर शनत सि हो गयि और मैंने देखा किउसकि चूत मैं सेय पनि निकल रहा था जिस सेय चदर गिलि हो गयि थि।
मैंने कहा जिजि अपका तो निकल गया तो हन मैं झर गयि हून और फिर थोदा दिखवति गुस्सेय सेय बोलि कि मैंने अभि कया कहा था भूल गया? कि तु मुझ को अब जिजि नहि बलकि परिया कहा कर बुलया कर और तु फि भि जिजि हि किये जा रहा है। मैंने कहा सोर्री जिजि … उफ़ नहि परिया। कुच देर हुम ऐसेय हि मज़ा लूत तेय रहे और इस बिच वोह एक बर और झर चुकि थि। वोह अभि तक मेरा लौदा सहला रहि थी अब मेरि बरदशत सेय बहर हो रहा था वोह भि कहनेय लगि कि विक्की और मत तदपओ और अपना लौदा मेरि चूत मेन दल भि दो। यह सून कर मैं उसकि तनगो केय बिच मेन अ गया और उसकि गनद के निचेय एक तकिया रख दिया जिस सेय उसकि चूत उपेर को उथ गयि अब मैंने उसकि तनगो को चौदा कर केय घुतनो सेय मोद कर उपेर को उथया और अपनेय लंड का सुपदा उसकि चूत के छेद पर रखा तो मुझेय लगा कि मैंने लंड किसि भत्ति पर रख दिया उसकि चूत इतनि गरम थी और भत्ति कि तरहा तुप रहि थि। मैंने अपनि कमर को उथा कर एक धक्का मरा और मेरेय लंड का सुपदा उसकि चूत मेन घुस गया और इसकेय बद मैंने एक बहुत जोर दर धक्का लगया जिस सेय 5-6 इनच तक मेरा लंड उसकि चूत मेन घुस गया और उसकेय मूनह सेय एक सिसकी निकलि और बोलि कि तो तो बदा बे दरदि है जो एक हि धक्केय मेन अपनेय लंड को मेरि चूत मेन गुसना चहता है। अरेय मेरि चूत फदनेय का इरदा हैओ कया ज़रा अरम सेय कर तेरा लंड बदा हैन ना इस लिये दरद होता है। लेकिन मैंने उसकि एक भि नहि सुनि और एक और धक्का तेजि के सथ लगा दिया और अब सरा का सरा लंड उसकि चूत मेन घुस गया था।वोह हलकि सि अवज मेन चिल्लयि कि हययययी अर्रर्ररेय मर गयि ऊऊऊ मेर्रर्रर्रर्ररि म्मम्ममाआआ आआअ मेर्रर्र र्रर्ररीईईई चूऊऊओत फाआआ आआआद दीईईई और मेन एक दुम दुर गया कि कुछ गदबद ना हो गयि हो और पुछा कि जयदा दरद हो रहा हो तो मैं निकल लू वोह बोलि अरे नहि जयदा तो नहि मगर तुनेय एक दुम अनदेर कर दिया है इस लिये थोदा सा दरद हो रहा हैन तेरा लंड कफ़ि लुमबा और मोता हैन ना इस लिये।
अब तो मेरे उपेर लेत जा और चूचि चूस और मैंने ऐसेय हि किया और उसकि चूचि चूसनेय और मसलनेय लगा । कुच देर मैं हि उसे मज़ा अनेय लगा और अपनि गनद हिला हिला कर उपेर को उथनेय लगि और बोलि अब धक्केय लगा और मैंने अपनि कमर और चूतद उथा उथा कर जोर शोर से धक्केय मरनेय शुरु कर दिये। थोदि हि देर मेन उसकेय मूनह सेय अनत शनत अवजेय निकलनेय लगि। वोह बोल रहि थी अयययीईए र्रर्रेय स्सछह्हह्द मूऊउझेय जूऊओर जूऊर सेय चोद फाआअद्द देय मेरी छह्हह्हूऊऊत कूओ उफ़्फ़फ़ मेर्रर्रर्रा फह्हह्हर्रर्रर सेय निकलनेय वलाआआआअ है हाअ और जूऊऊओर्रर्र सेय और यह कर कर तेजि सेय कमर हिलनेय लगि और स्सस्सीईईइस्स करति हुयि झरगयि मेरा लंड एक दुम गिला होगया था और कफ़ि चिकना हो गया था जिस सेय वोह 2-3 बर बहर भि निकल गया। अब मैंने धक्केय लगनेय कि सपीद तेज कर दि थि। मुझ को थोदि मसति सुझि और मैंने धक्केय लगतेय-2 एक उनगलि पर उसका पनि लगया और अचनक उसकि गनद के सुरख पर फेर तेय हुये मैंने उनगलि को उसकि गनद केय अनदेर कर दिया और वोह एक दुम दुरद सेय चीख उथि और बोलि कि कया शैतनि कर रहा है अरेय मेरे को दरद होता है मेरि गनद सेय उनगलि को फ़ौरन बहर निकलो। मैंने पूछा कि कया कभि किसि सेय गनद मरयि है? मैं तुमहरि गनद मरना चहता हून। इस पर दीपाली नेय कहा कि नहि उसनेय अपनि गनद कभि नहि मरवयि है और ना हि मेरेय सेय मरवयेगि कयोन कि वोह गनद मरनेय को सहि नहि मनति हैन।
फिर उसनेय पलत कर पूछा कि कया तुमनेय किसि सेय अपनि गनद मरयि है या किसि कि गनद मरि हैन तो मैंने नहि मेन जवब दिया। इस ओएर उसनेय कहा कि विक्की तु तो बहुत हि सुनदेर और समरत है तुझेय कैसेय छोद दिया कयो कि लदकेय अपस मेन एक दुसरेय कि गनद हि मर कर कम चला तेय हैन। मैंने कहा कि मैं मैं सेक्सी ज़रूर हून लेकिन मैं ना तो किसि लदकेय कि गनद मरता हून और ना हि मरवता हून मैं तो बुस चूत हि चोदना चहता हून। हा अज तुमहरि गनद पर दिल अ गया है इस लिये मरना चहता हून। दीपाली बोलि कि अभि तक तो उसनेय गनद कभि नहि मरवयि है यदि कभि मरवनेय कि इछा हुयि तो वह मेरेय सेय हि मरवयेगि। हुम बतेन कर हि रहे थे कि वोह फिर सेय अनतशत बकनेय लगि कि ह्हह्हाआआ और जूऊओर्र सेय माआअर्रर्रर निकल देय म्ममीर्ररा स्सस्स्स् आर्रर्रर्रर्र पनि आअज्जज बनदेय मेरि छह्हह् कि चत्तत्तत्त ईईई उफ़्फ़्फ़् उफ़्फ़फ उफ़्फ़फ़् फ़्फ़फ़ ह्ह्हाआअ वोह ऐसेय हि करति रहि और इधर मेरेय भि धक्को कि रफ़तर बधति हि जा रहि थी और मैं पसिनेय-2 हो रहा था अब मेरे मूहन सेय भि अनतशनत निकल नेय लगा ह्हह्हाआअ कयूऊओ नहीईईइ मैं अज हि तुमहरि चूत को चोद कर भोसदा बना देता हून हैईईई मेरा अनेययययी लगा हैईईई लगता है कि9 निकलनेय वला है उफ़्फ़ और लूऊऊओ और लूऊऊऊ कहतेय हुये फ़ुल्ल सपीद सेय धक्केय मर रहा था कि लगा कि मेरेय लंड सेय कुच बहर अ रहा है और मैंने हनफ़तेय हुये उसे कस कर पकद लिया और जोर जोर सेय उसकि चूचि चूसनेय लगा उधेर दीपाली भि अवजेय निकल रहि थी कि हाआऐईईईइ मैईईई फिर्रर्रर सेययययी झर्रर्रर्रर रहीईईई हून्न ऊऊओ मेरि माआआआ मेरा आआ निकल रहा है और यह कहते -2 उसका सरा शरिर एक बर फिर सेय अकद गया और वोह भि मेरेय सथ सथ झर गयि।
उसनेय झदतेय हुये अपनेय दानत मेरेय कनधेय मेन गदा दिये और मेरेय मूनह सेय एक चीख निकल गयि और वोह जोर सेय हनस पदि। मैं कफ़ि देर तक ऐसेय हि उसकेय उपेर पदा रहा फिर हुम दोनो उथकर बथरूम मेन गये तो उसनेय मुझेय बहर जनेय केय लिये कहा पर मैंने मना कर दिया और कहा कि परिया मैं तो यहिन रहूनगा और तुमको पेशब करतेय हुये देखुनगा पहलेय तो वोह मना करति रहि लेकिन वोह फिर मन गयि और मेरेय समनेय बैथ कर पेशब करनेय लगि। मैं यह तो नहि जन पया कि उसका पेशब चूत मेन से कहा सेय निकल रहा है लेकिन उसको पेशब करतेय हुये देख कर अछा बहुत लगा। उसकेय पेशब कि धर उसकि चूत सेय कफ़ि मोति बहर अ रहि थी और सुरवे मेन होकर उपेर को उथति हुयि कफ़ि दूर पद रहि थी और दीपाली मेरि तरफ़ देख कर शरमिली हनसि हनस रहि थि। फिर मैंने पेशब किया तो उसनेय भि मुझेय बदेय गौर सेय देखा मेरि भि धर कफ़ि मिति थी और कफ़ि दूर तक जा रहि थि। इसि बिच हुम दोबरा उत्तेजित होनेय शुरु हो गये और हुम लोगो नेय एक बर फ़िर सेय चुदै कि । हुम कफ़ि देर तक युहि चिपतेय हुये नुनगेय पदेय रहेय और बत करतेय रहेय। मेरा मन तो उसको एक बर फ़िर सेय चोदनेय को कर रहा था लेकिन दीपाली नेय हि मना कर दिया और कहा कि जयदा चुदयि नहि करनि चहिये नरना कमजोरि अ जयेगि। मैंने भि उसकि बात मन लि और अपनेय कपरेय पहन कर तैययर हो गये और फ़िर दूसरेय मोकेय कि तलश मेन रहनेय लगेय।
तो दोसतो और सखियोन यह था मेरा चुदै कि पहला तज़ुरबा। उम्मिद है कि अप सब नेय बदेय गोर सेय पधा होगा इस लिये अब बरि अप कि हैन यनि कि अपकि रै कि, कि खनि अप को कैसि लगि। करपया अप अपनेय सोम्मेनतस मेरे ए-मैल अद्दरेस्स पर ए-मैल किजिये।
मैं अप औब केय लेत्तेरस कि बेसबरि से परतिक्षा करूनगा।
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