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अन्तर्वासना पर सभी को मेरा नमस्कार; समस्त भाभियों व कमसिन कन्याओं को मेरा प्यार भरा नमस्कार! दोस्तो, कैसे हो आप सब? मैं नवनीत अजमेर से आप सभी पाठक पाठिकाओ का स्वागत करता हूं। मेरी उम्र 20 साल है लन्ड 6 इंच लम्बा व 2.5 इंच मोटा है।
इस साइट पर यह मेरी पहली कहानी है आशा करता हूं कि आप सबको पसंद आएगी. लड़के मुठ मारने से व लड़कियाँ व भाभियाँ चूत में उंगली करने से अपने आपको नहीं रोक पाएंगी।
उम्मीद करता हूं आपको मेरी कहानी पसंद आएगी। आप लोगों का प्यार काफी मिलेगा व आपके मेल मुझे प्राप्त होंगे. यह मेरा सौभाग्य होगा।
मैंने एक कोचिंग करने के लिए अजमेर में एक सेंटर पर ज्वॉइन किया। मेरा यहां पहला दिन था और मुझे पता नही था कि कहां पर मुझे बैठना है। मैं सबसे आगे वाली लाइन में जाकर बैठ गया तब तक क्लास में कोई आया नहीं था।
तो मैं अपना मोबाईल चेक कर रहा था, इतने में ही इस कहानी को नायिका क्लास में दाखिल हुई. करीब 5 फीट 5 इंच, रंग गोरा, पतली सी 30-26-32 का फिगर! वो- ओ हेल्लो मिस्टर, क्या तुम्हें पता नहीं कि ये लड़कियों की सीट हैं। तुम पीछे जाकर बैठ जाओ। मैं- ठीक है कोई बात नहीं, आप यहां बैठ जाइए।
मैं वहां से उठकर पीछे जाकर बैठ गया।
क्लास शुरू होने से पहले सर ने उन्हें खड़ा किया जिनका नया एडमिशन था। सर ने लास्ट में मेरा इंट्रो दिया कि यह लड़का अजमेर के काफी नामी स्कूल से है और पढ़ाई में भी काफी अच्छा है।
वो लड़की जिसने मुझे डांटा था वो भी पीछे मुड़कर मुझे देख रही थी। मैंने भी उसकी तरफ़ देख कर स्माइल पास कर दी, उसने भी स्माइल दी।
बाद में मुझे उसका नाम पता चला उसका नाम क्रिया था। शक्ल सूरत से एकदम काम की देवी रति सी लगती है वो!
कुछ दिनों तक सब कुछ सामान्य ही चलता रहा जो बेसिक चलता है, वही सब चल रहा था।
जब कोचिंग क्लास की छुट्टी होती है तब वहां गाड़ियों का काफी रश हो जाता है। मैं कोचिंग पैदल ही जाता था.
उस दिन भी पैदल ही था तो मैंने देखा कि एक लड़का जो कहीं बाहर का था, उसने एकदम से क्रिया को क्रॉस किया और टक्कर मार दी.
जब मैंने ये सब देखा तो मैं भाग कर उसके पास गया. उसे वहां से उठाया, गाड़ी सही करी उसके कपड़ों की धूल साफ करी। मैं- क्रिया तुम ठीक तो हो? ज्यादा चोट तो नहीं लगी? क्रिया- हाँ मैं ठीक हूं, कुछ नहीं हुआ।
मैंने उसके हाथ में चोट देख ली, उसके हाथ से खून निकल रहा था. जब मैंने उसे बताया तो वो एकदम घबरा गई और रोने लगी।
मैंने उसे चुप करवाया, मेरे पास पानी की बोतल थी, उसको पानी पिलाया। मैं- तुम कहो तो तुम्हें घर तक छोड़ दूं। तुम्हारी हालत सही नहीं है और तुम ड्राइव भी नहीं कर पाओगी। उसने हां कह दिया। हम उसके घर पहुंच गए।
क्रिया- आज तो तुम्हें परेशानी हो गई होगी काफी मेरी वजह से। मैं- अरे! नहीं ऐसा कुछ नहीं है, मेरा घर यही बस 2 गली आगे है। क्रिया- तुम तो मेरे घर के काफी पास रहते हो. कभी देखा नहीं तुम्हें यहां? वो छोड़ो अंदर चलो मेरे साथ।
गेट उसकी मम्मी ने खोला। उसकी मम्मी भी उसी की तरह माल थी एकदम गोरी। मैं- नमस्ते आंटी। आंटी- नमस्ते बेटा, तुम कौन हो मैंने पहचाना नहीं तुम्हें? मैं- आंटी क्रिया के साथ ही कोचिंग में पढ़ता हूं। आज इसको किसी ने टक्कर मार दी थी तो मैंने सोचा घर तक छोड़ देता हूं।
आंटी- क्रिया बेटा, क्या हुआ कही ज्यादा चोट तो नहीं लगी ना। क्रिया- नहीं मम्मी, बस हाथ पर थोड़ी लगी है और कुछ नहीं। इतने में क्रिया डीटोल लगा कर आ गई।
आंटी- बेटा कहां रहते हो तुम? मैं- आंटी बस यही 2 गली आगे घर है मेरा। आंटी- अच्छा हुआ बेटा जो तुम इसे यहां तक ले आए. वर्ना कौन करता है इतनी हेल्प आजकल! बेटा तुम अब जब भी कोचिंग जाओ तब यहीं से चले जाया करो. दोनों का साथ हो जाएगा। मैं- जी आंटी, ठीक है।
बस वहां पर पानी पीकर मैं वापस आ गया. क्रिया मुझे गेट तक छोड़ने आयी थी. तब मैंने उससे उसका नंबर ले लिया कि कल जब आऊंगा तब पहले फोन कर दूंगा तैयार रहना तुम! क्रिया- ठीक है।
उसके बाद अगले दिन जब मैं उसे लेने गया तब वह पीले रंग के सूट में क्या गजब लग रही थी क्या बताऊं आपको।
बस उस दिन के बाद से ही हम दोनों की कहानी चल पड़ी। हम लोग काफी देर तक एक दूसरे से बातें करते साथ कोचिंग आते जाते. ना जाने कब प्यार हो गया मुझे पता ही नहीं चला।
ऐसे करते करते एक दिन बातें सेक्स की तरफ़ चली गई। क्रिया- तुम तो बातें भी काफी अच्छी करते हो. आज तक सच बताना कितनी लड़कियों के साथ सेक्स किया है?
उस टाइम तक में बिल्कुल वर्जिन था मेरे लन्ड का टांका भी नही टूटा था, मैंने सोचा आज इसने ये सब क्या पूछ लिया, मैं काफी शर्मीला हूं शुरू से। मैं- मैंने आज तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया। क्रिया- झूठ मत बोलो। मैं- तुम्हारी कसम क्रिया! क्रिया- अच्छा चलो मान लिया बस।
मैं- तुमसे आज कुछ कहना चाहता हूं मैं। क्रिया- हां बोलो ना? मैं- क्रिया, मैं तुम्हें प्यार करता हूं। क्रिया- अच्छा जी बताओ कब से करते हो तुम मुझसे प्यार? में- उस दिन से जब तुमने क्लास में मुझे पीछे मुड़कर देखा था। क्रिया- काफी देर हो चुकी है। मैं- मतलब? क्रिया- काफी टाइम लगा दिया तुमने मुझे ये कहने में! मैं तो तुमको उसी दिन से पसंद करती हूं जब तुमने मेरी मदद की थी। मैं- तुमने मुझे भी तो कभी नहीं बताया था।
उसके बाद अगले दिन हम गार्डन में मिले। वहां पर दिन के समय में कोई नहीं था तो मैंने मौका देख कर उसके गाल पर किस कर दिया। उसने भी एकदम पलट कर जवाब दिया वह भी मुझे पागलों की तरह होठों पर किस करने लगी।
मैंने भी मौका देख कर उसके मम्में दबाना शुरू कर दिए। वो मेरा खड़ा हुआ लौड़ा पैन्ट के ऊपर से सहलाने लगी. उसके बाद उसने मुझे रोका- प्लीज, यहां नहीं … कोई देख लेगा। मैंने उसकी बात मान ली.
उसके बाद ये चुम्मा चाटी का काम रोज का हो गया।
अब मुझे इसके आगे बढ़ना था तो मैंने उसे बताया- मुझे मेरा पहला सेक्स तुम्हारे साथ करना है. कुछ करो ना! उसने कहा- ठीक है, कुछ दिन रुको, फिर देखते हैं.
यही सब बातें करते करते नींद आ गई।
2 दिन बाद क्रिया का मैसेज रात को आया कि मेरी नानी की तबीयत खराब है तो मम्मी पापा के साथ जा रही हैं और मैंने कोचिंग का बहाना बना लिया है. अब हमारे पास पूरा दिन है सेक्स करने के लिए. और यह मेरा भी पहला सेक्स है, मैं भी इसे एन्जॉय करना चाहती हूं. कल तुम कोचिंग की जगह मेरे घर पर ही आ जाना।
रात भर बस यही सोचता रहा पहले सेक्स के बारे में … तो काफी देर से नींद आयी।
अगले दिन सुबह जल्दी तैयार होकर 10 बजे क्रिया के घर पहुंच गया। उसने मुझे जल्दी से अंदर बुला लिया और गेट बंद कर दिया.
हम दोनों वहीं गेट पर खड़े होकर चुम्मा चाटी करने लग गए.
मैंने जंगली बनते हुए एकदम से उसकी पिंक सेक्सी सी नाइटी फाड़ दी।
उसने मुझे रोका और सोफे पर बैठने को बोला और पानी पिलाया और कहा- जब बुलाऊं, तब बेडरूम में आ जाना। मैं वहीं बैठकर उसका इन्तजार करने लगा।
15 मिनट बाद उसने आवाज दी। मैंने देखा कि वो लाल साड़ी में खड़ी है और एकदम दुल्हन की तरह सजी हुई है। उसके हाथ में दूध का ग्लास था.
क्रिया- इसमें मैंने वियाग्रा की गोली मिलाई हैं ताकि सेक्स ज्यादा देर तक हो। उसने दूध भरा गिलास मेरी तरफ़ बढ़ाया.
मैंने उसके हाथ से ग्लास लेकर आधा उसे पिलाया और आधा मैंने पीया।
इसके बाद मैंने उसे बेड पर बिठाया. उसने कमरा थोड़ा सुहागरात की तरह सजाया हुआ था।
मैंने उसकी मांग में सिंदूर भरा और उसे बेड पर लिटा दिया। मैं भी उसके पास जाकर लेट गया और उसे किस करने लगा. उसने जो गहने पहने थे, मैं उन्हें उतारने लगा।
मैंने उसका पल्लू सरकाया तो उसकी दूध की घाटी दिखने लगी मैंने वहां पर चाट लिया। और धीरे धीरे नीचे की और बढ़ने लगा उसकी नाभि में जीभ डाल कर चूसने लगा।
क्रिया- उम्म आह् आज उम्मम मत करो … प्लीज ऐसा में मर जाऊंगी। मैं- किस करने से कोई नहीं मरता जान ए मन।
मेरी काफी इच्छा थी कि किसी लड़की को नाभि चाटूं … आज मेरी वो तमन्ना पूरी हो रही थी।
मैंने ऊपर आकर उसका ब्लाउज निकाल दिया। लाल ब्रा में उसके मम्मे मुझे काफी उत्तेजित कर रहे थे. मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और उसके चूचे पीने लगा। उसके बाद नीचे आकर मैंने उसकी साड़ी पूरी निकाल दी. अब वो सिर्फ पेटीकोट में थी और दोनों हाथों से मम्मे छुपाने की कोशिश कर रही थी।
अब जब मैं उसका पेटिकोट उतारने लगा तो उसको शर्म आ रही थी. तो मैं रुक गया और मैं उसके ऊपर लेट कर उसे किस करने लगा और हाथ नीचे ले जाकर उसका नाड़ा खोल दिया। उठकर उसका पेटीकोट निकाल दिया अब वो सिर्फ लाल पैंटी में थी।
अब मैं उसकी नाभि में किस करने लगा और धीरे धीरे पैंटी पर किस करने लगा। उसकी पैंटी काफी गीली हो चुकी थी। अब मैंने अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसकी पैंटी भी खोल दी। अब वो पूरी नंगी हो चुकी थी; उसकी गोरी चूत मेरे सामने थी. लगता था जैसे आज ही बाल साफ किए थे।
क्रिया- ये तो चीटिंग है. मेरे तो सारे कपड़े उतार दिए और खुद कपड़े पहने हुए हो? मैंने कहा- मेरे कपड़े तुम उतार दो, हिसाब बराबर हो जाएगा।
वो उठकर मेरे कपड़े निकालने लगी. लास्ट में जब अंडरवियर उतारा तो वो मेरे 6 इंच लंबे व 2.5 इंच मोटे लन्ड को देख कर हैरान रह गई। क्रिया- ये तो इतना बड़ा है मेरी चूत में कैसे जाएगा? मैं- मैं काफी आराम से करूंगा, तुम टेंशन मत लो।
यह कहकर मैंने उसे वापस लेटा दिया फिर उसे किस करने लगा और एक हाथ से उसकी चूत में उंगली करने लगा. जोर लगा कर मैंने एक ऊंगली उसकी चूत में डाल ही दी।
वो एक दम से चिहुंक पड़ी- आआआह … धीरे करो ना … दर्द होता है! और उसके साथ ही एक हाथ से उंगली धीरे से उसकी गान्ड में डाल दी। तो क्रिया एकदम सिसकार कर बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… प्लीज़ गान्ड में मत करो. वहां पर ज्यादा दर्द होता है।
क्रिया की सीत्कार बढ़ने लगी, मैं अब उसकी चूत की तरफ़ आया और उसकी चूत चाटने लगा. क्या बताऊं दोस्तो … मेरी गर्लफ्रेंड की कुंवारी चूत से एकदम मीठा रस निकालने लगा। उसकी चूत काफी मीठी थी।
वापस ऊपर आकर मैंने उसके होंठ चूसे उसे भी उसकी चूत का रस टेस्ट करवाया। मैं- क्रिया, क्या तुम भी लन्ड चूसना पसंद करोगी? क्रिया- नहीं, मुझे घिन आती है. मैं- कोई बात नहीं क्रिया। हर लड़की की अपनी मर्जी होती है उसका सम्मान करना चाहिए।
इतना कहकर मैं उसकी चूत पर लन्ड घिसने लगा और क्रिया ने अपने हाथ से मेरा लन्ड पकड़ कर चूत पर रख दिया। मैंने उसकी चूत पर धक्का लगाया लेकिन लन्ड फिसल गया।
क्रिया- आह क्या कर रहे हो? दर्द होता है ना … प्लीज़ धीरे करो ना। मैंने एक बार फिर उसकी चूत पर लन्ड घिसा और क्रिया के लाल लाल होंठ जकड़ लिए.
उसने हाथ के इशारे के लन्ड चूत पर लगाया और इशारा किया। मैंने जोर का धक्का लगाया और सुपारा अंदर डाल दिया उसकी घुटी सी चीख निकली. वो तो अच्छा था कि उसके होंठ मेरे होंठों से बंद थे। उसने चादर पकड़ ली।
असली काम तो अब होना बाकी था मैंने जोर का धक्का लगाया तो पूरा लन्ड एक बार में उसकी चूत में चला गया।
मेरे लन्ड का टांका टूट गया और उसकी सील टूट गई. हम दोनों को बहुत तेज दर्द हो रहा था तो इस वजह से होंठ छूट गए, हम दोनों की चीख निकल गई।
मैंने नीचे देखा तो उसकी चूत से गर्म गर्म कुछ निकल रहा था. नीचे देखा तो वो उसका खून था।
मैंने उसके दर्द को देखते हुए धक्के लगाने बंद कर दिए। मैं ऊपर आकर उसके लाल होंठ चूसने लगा व उसके मम्मों को जोर जोर से चूसने लगा। फिर दोबारा से मैंने अब धक्के लगाने शुरू कर दिए।
क्रिया- आह मम्मी, काफी दर्द हो रहा है प्लीज इसे बाहर निकालो। उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे और वो दर्द से कराह रही थी।
फिर मैं कुछ देर रुक गया। वो मेरा भी पहला अहसास था। उसकी चूत एकदम गर्म थी जैसे भट्टी होती है। एकदम मखमली अहसास हो रहा था और मेरा लन्ड उसकी चूत में टाइट फंसा हुआ था। जैसे अभी का अभी अपना लावा उसकी चूत में छोड़ देगा।
उसके बाद उसने नीचे से धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए।
यह हमारा पहला सेक्स था जो पूरे 25 मिनट तक चला. इसमें क्रिया 3 बार झड़ी और मैंने वियाग्रा खाई थी तो 25 मिनट झड़ने में लगे मुझे।
क्रिया- आह ह्म्म … ऐसे ही करते रहो. हाँ बस यूं ही धीरे धीरे … आह उम्म मजा आ रहा है। उसकी चूत काफी पानी छोड़ने लगी थी जिससे अब लन्ड आराम से अन्दर बाहर हो रहा था.
इसके बाद वो झड़ गई. मैंने भी अब धक्के तेज कर दिए थे. 15-20 धक्कों के बाद मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने क्रिया से पूछा- कहाँ निकालूं? क्रिया- अन्दर ही डाल दो. परसों ही मेरे पीरियड ख़त्म हुए है, मैं भी अहसास लेना चाहती हूं इसका।
और मैं अंतिम तेज तेज 5 धक्के मार कर उसकी चूत में झड़ गया। मेरा पूरा लन्ड मैंने उसकी बच्चेदानी तक पहुंचा दिया था तो वो एकदम से ऊपर उचक गई।
तब मैं उसको किस करने लगा। क्रिया- आई लव यू नवनीत, मुझे ये इतना अच्छा एहसास करवाने के लिए। मैं- आई लव यू टू क्रिया।
इतने में क्रिया उठने लगी लेकिन उसे चूत में काफ़ी दर्द हो रहा था तो मैंने उसे सहारा देकर खड़ा किया।
बेड की चादर भी पूरी लाल हो चुकी थी। वो चादर पर इतना खून देखकर घबरा गई लेकिन उसे पता था कि पहली बार में खून निकलता है। क्रिया के चेहरे पर मुस्कान थी- ये चादर में अपनी निशानी के रूप में संभाल कर रखूंगी।
उसके बाद उसे उठाकर बाथरूम में ले गया वहां जाकर उसकी चूत का खून साफ किया. उसने मेरा लन्ड पकड़ कर धोया।
उसके बाद वापस बेड पर आकर हम दोनों लेट गए. कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला।
शाम को जब नींद खुली तब क्रिया बेड पर भी नहीं थी. मैंने बाहर जाकर देखा तो वो किचन में चाय बना रही थी और काफी खूबसूरत लग रही थी।
पीछे जाकर मैंने उसे पकड़ लिया और लन्ड उसके पीछे वाले छेद पर रगड़ने लगा। क्रिया- गांड में काफी दर्द होता है मैंने सुना है. ये कभी किसी और दिन में कर लेना तुम मेरे साथ! मेरे आगे काफी दर्द हो रहा है।
मैं उसे वहीं किस करने लगा गया। उसके बाद चाय पीकर उसने मुझे जाने के लिए कहा. क्योंकि काफी देर हो चुकी थी और उसके मम्मी पापा भी आने वाले थे।
हम अब जब भी मौका मिलता है तब सेक्स कर लेते हैं।
उसकी गान्ड मारने की अनोखी दास्तां आपको जल्द ही सुनाऊंगा। मुझे मेल जरूर कीजिएगा। मेरा ईमेल आईडी है- [email protected] आप मुझसे hangout पर भी जुड़ सकते हैं व instagram- navnitsharma869 है मेरा।
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