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दोस्तो, मेरा नाम इमरान खान है और मैं देश की राजधानी दिल्ली के पास हरियाणा के एक शहर फरीदाबाद का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र अब 25 साल है. दिखने में मैं औसत हूँ और मेरा कद 5 फुट 6 इंच है. मेरा रंग साफ और लंड का साइज सामान्य है।
दोस्तो, अन्तर्वासना साईट में यह मेरी फर्स्ट स्टोरी है, आशा करता हूँ कि आपको मेरी यह कामुक कहानी पसंद आएगी. मैं आपकी तरह ही अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ तथा मैं भी अपनी मामीजान की चुदाई की सेक्स कहानी आपको बताने जा रहा हूँ जो कि एक सच्ची घटना है। तो आइए दोस्तो, कहानी शुरू करते हैं।
मैं अपनी कहानी की तरफ आता हूँ जो कि आज से 5 साल पहले मेरे और मेरी मामी के साथ घटी थी। मैं उस वक़्त मैं सिर्फ 20 साल का था।
उस वक्त मेरे मामाजान की शादी हुए 10 साल हुए थे और उनका एक 7 का बेटा भी था। गर्मी की छुट्टियों में अक्सर मामा मामी और उनका बेटा हमारे यहां छुट्टी बिताने आते हैं।
अब मैं अपनी मामीजान के बारे में बताता हूँ. मेरी मामी का नाम शाहीन है, उस वक्त उनकी 30-31 साल रही होगी, मेरी शाहीन मामी दिखने में बहुत खूबसूरत हैं। मामी का गोरा रंग था, उनका फिगर उस वक्त 36-30-34 था जैसा कि उन्होंने मुझे बाद में बताया।
इससे पहले कभी मेरे मन में मेरी मामी के लिए ऐसे विचार नहीं थे लेकिन उस एक रात के बाद से मेरी जिंदगी और उनके लिए मेरे विचार दोनों बदल गये।
हर बार की तरह इस बार भी मामा मामी और उनका बेटा हमारे यहां गर्मी की छुट्टी बिताने के लिए आए हुए थे. जैसा कि आप सभी जानते हैं कि दिल्ली में गर्मी बहुत होती है. मेरे परिवार में मैं, मम्मी पापा और मेरा एक छोटा भाई है।
हमारे घर में एक कमरे में ही एसी लगा हुआ है तो हम सब उसी में सोते हैं. तो जब मामा मामी आए तो सब उसी कमरे में नीचे बिस्तर बिछा कर सोने लगे. मामी की वजह से पापा दूसरे कमरे में सोते थे।
कमरे में एक सिंगल बेड था जिस पर मामा और उनका बेटा सोते थे और नीचे मैं, मेरा छोटा भाई फिर मम्मी और दूसरे कोने में मामी सोते थे। कुछ दिन तक सब ऐसे ही सामान्य चलता रहा।
एक रात मैं किसी वजह से सोने में लेट हो गया और जब मैं सोने वाले कमरे में पहुंचा तो देखा सब लोग सोए हुए थे. लेकिन आज सोने का क्रम कुछ बदला हुआ था.
एक कोने में मेरा भाई सोया हुआ था, फिर मम्मी और फिर मामी सोई हुई थी और मामीजान के साइड में थोड़ी जगह बची हुई थी तो मैं वहीं लेट गया. मैं अपनी मामी के पैरों की तरफ सर करके लेटा हुआ था. मैं सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन काफी देर लेटे रहने के बाद भी मुझे नींद नहीं आ रही थी।
कुछ देर बाद मामी ने मेरी तरफ करवट ली और वह थोड़ा मेरे करीब आ गई और मैं उनकी तरफ करवट करके लेटा हुआ था. उस दिन बारिश हुई थी इसलिए मौसम कुछ ठंडा था मामी एक चादर ओढ़ के सोई हुई थी मेरे पास ओढ़ने के लिए कुछ नहीं था इसलिए मैंने भी अपने पैर मामी की चादर में घुसा लिए।
कुछ समय बाद मामी थोड़ी हिली तो मेरे पैर उनके बूब्स से टच होने लगे। इस कारण मुझे उनके नर्म नर्म बूब्स के स्पर्श का सुखदायी अहसास होने लगा। इस कामुक ख्याल से धीरे-धीरे मेरा लंड खड़ा होने लगा।
मेरी मामी के पैर मेरे चेहरे के पास थे तो मैं उन्हें अपने हाथों से टच करने लगा लेकिन मन में एक डर भी था कि कहीं मामी उठ ना जायें. इसलिए मैं बहुत धीरे धीरे और बहुत सावधानी से यह सब कर रहा था. एक तरफ अपने हाथ से उनके पैरों को सहला रहा था और दूसरी तरफ अपने पैर के अंगूठे से उनके बूब्स को टच कर रहा था।
मैंने अपना एक हाथ मामी की टांग पर रख दिया और धीरे-धीरे उनकी टांग को अपने हाथ से सहलाने लगा और अपने हाथ को ऊपर की तरफ ले जाने लगा. इस तरह मामी की टांग को सहलाते हुए मैं अपना हाथ उनकी जांघों तक ले गया और दूसरी तरफ मैं अपने पैर के अंगूठे से उनके बूब्स को टच कर रहा था।
गर्मी की वजह से उन्होंने बहुत हल्का सा सूट पहना हुआ था तो मुझे शर्ट के ऊपर से ही उनकी ब्रा का एहसास हो रहा था। और इसी ख्याल से मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो गया।
मामी के पैर बिल्कुल मेरे चेहरे के पास थे और उनके पैर बहुत ही गोरे थे तो मैं उनके पैरों को अपने होठों से चुम्बन करने लगा।
इसी बीच मामी थोड़ा सा हिली तो मैं डर गया और सोने की एक्टिंग करने लगा. लेकिन मामी करवट लेकर सीधे होकर लेट गई।
कुछ देर मैं ऐसे ही चुपचाप लेटा रहा. जब मुझे लगा कि मामी गहरी नींद में सो रही है तो फिर से मैं अपने पैरों से उनके बूब्स को स्पर्श करने लगा. और मैंने फिर से अपना एक हाथ उनकी टांगों पर रख दिया. इस वक्त तक मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था।
धीरे से मैंने मामी का हाथ उठाकर अपने लंड पर रख दिया और मैं अपने पैर से उनके बूब्स को दबाने लगा. और फिर से मैं अपना हाथ नीचे से उनकी सलवार के अंदर डालकर उनकी पिंडलियों को सहलाते हुए ऊपर की तरफ ले गया और मैंने इस बार उनकी सलवार के अंदर से हाथ उनकी जांघों पर रख दिया।
इस वक्त तक सेक्स मेरे ऊपर इस तरह हावी हो चुका था कि मैं भूल गया कि अगर मामीजान उठ गई तो क्या होगा। यह मेरा इस तरह का पहला अनुभव था इससे पहले मैंने कभी किसी औरत या लड़की को टच तक नहीं किया था।
अब मैं अपने एक हाथ से मामी की जांघ को सहला रहा था और जैसे ही मैंने अपना हाथ थोड़ा और ऊपर किया तो मेरा हाथ उनकी पैंटी से टच होने लगा।
मैंने थोड़ी और हिम्मत करके अपना हाथ उनकी पैंटी के ऊपर से ही मामी की चुत के ऊपर रखा तो मुझे वहां कुछ गीलेपन का अहसास हुआ.
जैसे ही मैंने मामी की चुत को पैंटी के ऊपर से टच किया, एकदम उन्होंने मेरा लंड अपने हाथ से दबा दिया जो कि बहुत देर से मेरे लंड के ऊपर रखा हुआ था. अब मुझे लगा शायद मामी भी जग रही हैं और वे भी इस सब का आनंद लेना चाहती हैं।
अब मैं पेंटी के ऊपर से मामी की चुत को रगड़ने लगा और वे भी मेरे निकर के ऊपर से मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी।
मुझसे रहा नहीं गया तो मैं सीधा होकर उनकी तरफ मुंह करके लेट गया. वे अभी भी आंखें बंद करके लेटी हुई थी और सोने का नाटक कर रही थी।
मैंने उनका चेहरा थोड़ा सा अपनी तरफ किया और अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए. मैं मामी को किस करने लगा. धीरे धीरे मामी भी मेरा साथ देने लगी और हम एक दूसरे के होठों को अपने होठों में लेकर चूसने लगे।
मैं एक हाथ से उनके मोटे मोटे बूब्स को दबाने लगा और दूसरा हाथ उनकी सलवार के अंदर डालकर उनकी चुत की फांकों को अपने हाथों से रगड़ने लगा. मामी ने भी अपना हाथ मेरे निकर के अंदर डाल दिया और मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ कर ऊपर नीचे करके उसे सहलाने लगी।
मैं उनके कमीज के गले में से हाथ अन्दर डालकर ब्रा के ऊपर से ही उनकी चूचियों को मसलने लगा. उनकी ब्रा मेरे हाथ और उनकी चुचियों के बीच में बाधा बन रही थी तो उन्होंने हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा का हुक खोल दिया. अब उनकी ब्रा थोड़ी ढीली हो गई तो मैं ब्रा के अंदर हाथ घुसा कर उनकी चुचियों को दबाने लगा. साथ ही मैं उनकी निप्प्ल्स को अपनी उंगलियों से मसलने लगा।
अब मैं उनकी एक चूची को उनके कमीज से बाहर निकालकर अपने मुंह में लेकर अपने होठों से चूसने लगा. और नीचे मैं अपना एक हाथ उनकी पैंटी में डालकर अपनी उंगली मामी की चुत में अंदर बाहर कर रहा था।
धीरे-धीरे मामी गर्म होने लगी और उनका शरीर अकड़ने लगा. उन्होंने मेरे होठों से अपने होठों में दबा लिया और मेरे लंड की जोरों से मुठ मारने लगी। मैं भी अपनी उंगली को जोरों से उनकी चुत में अंदर बाहर करने लगा और ममी की चुत के दाने को अपने अंगूठे से रगड़ने लगा।
जल्दी ही उनका शरीर अकड़ गया और मामी की चुत से पानी का झरना सा फूट गया जिससे मेरा पूरा हाथ गीला हो गया. साथ ही साथ मेरे लंड को उनके हाथ मे लेकर मुट्ठ मारने की वजह से मेरे लंड का पानी भी निकल गया।
इससे पहले भी मैंने बहुत बार मुठ मारी थी लेकिन इतना मजा कभी नहीं आया था. इस वक्त ऐसे लग रहा था जैसे कि मैं जन्नत में हूं. मजे से मेरी आंखें बंद हो चुकी थी और जब मैंने आंखें खोलकर मामी को देखा तो वे मुझे ही देख रही थी. मैंने प्यार से उनके होठों पर एक चुम्बन किया।
फिर अपने हाथ को उनकी पैंटी से ही साफ किया और उन्होंने भी अपने हाथ पर लगे मेरे मुठ को मेरे अंडरवियर से साफ किया। फिर हम दोनों एक दूसरे से अलग होकर लेट गए और पता नहीं चला कब नींद आ गई।
इस तरह पहली बार मैंने और मामीजान ने एक दूसरे को हस्तमैथुन से संतुष्ट किया.
उसके बाद से हम दोनों की नजर एक दूसरे के लिए बदल गई।
इसके बाद क्या हुआ कैसे मैंने और मामीजान ने पहली बार संभोग किया वह आपकी प्रतिक्रिया के बाद अगली कहानी में लिखूंगा। आपके कमेंट का इंतजार रहेगा। [email protected]
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