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हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम जीत है, मैं दिल्ली से हूँ. मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक हूं. यहां पर मैंने कॉलेज के समय से ही काफी कहानियां पढी हैं. आज मैं अपने कॉलेज के समय की कहानी सुनाता हूँ।
पहले अपने बारे में बता देता हूं. मैं एक फौजी हूं और देश से बहुत प्यार करता हूं. मुझे अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ना बहुत पसंद है. ये सिलसिला काफी समय से चल रहा है. आज भी मैं अन्तर्वासना की कहानियों का आनंद लेता रहता हूं और कई बार लंड भी हिला लेता हूं.
कहानी को शुरू करने से पहले मैं अपने बारे में कुछ परिचय दे देता हूं. मैं एक 30 वर्षीय जवान हूं. मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है. देखने में एक अच्छी बॉडी का धनी हूं. काम भी फौज का है इसलिए फिटनेस अभी भी बरकरार है.
जहां तक मेरे लंड के साइज की बात है तो मैं बाकी लेखकों की तरह ज्यादा बढ़ा चढ़ाकर नहीं कहूंगा. हां साइज इतना जरूर है जितना कि एक सामान्य मर्द का होना चाहिए.
मेरे कॉलेज टाईम में एक दोस्त था बलदेव। उसकी एक गर्लफ्रेंड थी आमिना (बदला हुआ नाम)। बलदेव को हम प्यार से बल्लू भी कहते थे। उसका और उसकी गर्लफ्रेंड का चक्कर काफी दिनों से चल रहा था. उनके बीच में प्यार से लेकर सेक्स तक सब कुछ हो चुका था.
बल्लू के लिए आमिना एक टाइमपास की चीज से ज्यादा कुछ नहीं थी. जबकि आमिना बल्लू को लेकर काफी सीरियस लगती थी. आमिना के होते हुए भी बल्लू ने कई और लड़कियों को फांस रखा था. आमिना को मेरे बारे में नहीं पता था लेकिन मैंने आमिना को देखा हुआ था. बल्लू ने मुझे उसकी पिक्स भी दिखाई थीं.
इधर आमिना था कि बल्लू से बहुत उम्मीद लगाये बैठी थी. वो उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी. बल्लू बेचारा परेशान रहने लगा था. आमिना हर वक्त बल्लू की जासूसी करने पर उतारू हो जाती थी.
परेशान होकर बल्लू ने एक दिन मुझसे ये बात बताई. वो कहने लगा- जीतू यार, किसी भी तरह इस लड़की से मेरा पीछा छुड़वा दे. मैंने उसको भरोसा दिया कि उसका काम जल्दी ही हो जायेगा.
मैं तरकीब लगाने लगा कि आमिना को बल्लू से दूर कैसे किया जाये. उन दिनों हम लोग अपनी जवानी के चरम पर थे इसलिए इन सब चीजों में ज्यादा दिमाग चलता था. हम अक्सर फिल्म देखने भी जाया करते थे.
एक दिन मेरे मन में एक ख्याल आया कि आमिना का लगाव कम करने के लिए अगर उसकी लाइफ में कोई और आ जाये तो बात बन सकती है. मैंने सोचा कि आमिना का ध्यान बंटाने के लिए उसका ध्यान किसी और की तरफ खींचना पड़ेगा.
मुझे अपने ऊपर हमेशा से ही भरोसा रहा है और मैं कॉलेज के समय से ही लड़की पटाने में माहिर था. भगवान की कृपा से मुझे अच्छी कद काठी और रंग-ढंग मिला हुआ था. बांका जवान था तो लड़कियां जल्दी ही सेट हो जाती थीं.
अपनी शारीरिक विशेषताओं के बलबूते मैं कई सेक्सी लड़कियों को पटा कर चोदा था. मुझे इतना भी पता था कि आमिना की जिन्दगी में अगर मैं कदम रखूंगा तो उसका ध्यान बल्लू से हट जायेगा. उसके लिए मुझसे ज्यादा बेहतर विकल्प आमिना के पास और कोई हो ही नहीं सकता था.
अब सवाल ये था कि उससे मेरी बात हो तो कैसे हो. फिर बल्लू ने मुझे उसका नम्बर दे दिया. मैंने उसकी गर्लफ्रेंड आमिना को फोन किया और बोल दिया कि गलती से नम्बर लग गया.
एक दो बार ऐसे ही किया मैंने और इस दौरान उससे दो चार बातें हुईं. उसको मेरे बात करने का तरीका पसंद आया और इस तरह से हमारी बातचीत शुरू हो गयी.
कुछ दिनों में ही हमारी दोस्ती हो गयी. बल्लू तो उसको टाइम देता नहीं था इसलिए धीरे धीरे अब उसका ध्यान मेरी तरफ आने लगा. हम दोनों में नजदीकियां बढ़ने लगी थीं. मैं आमिना के बारे में पहले से जानता था लेकिन वो नहीं जानती थी कि यह सब बल्लू और मेरी सोची समझी चाल है.
ऐसे ही करते करते उससे प्यार का इजहार भी हो गया. मेरे मन में ये बात भी थी कि मैं उसको धोखा दे रहा हूं लेकिन जब भी उसको सच बताने के बारे में सोचता तो मैं भी खुद को फंसा हुआ पाता था.
अगर आमिना की तरफ देखता था तो खुद को दोषी मानता था. वहीं दूसरी ओर मैं बल्लू को भी खुश रखना चाह रहा था. इसलिए मेरे पास आमिना के साथ आगे बढ़ने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं था.
मगर एक दिन मैंने सोच लिया कि अगर मैं इसके साथ आगे बढूंगा तो इसको सब कुछ सच बताने के बाद ही. इसी तरह एक दिन हम दोनों ने मिलने का प्लान कर लिया.
आमिना के अम्मी अब्बू दोनों ही नौकरी करते थे. आमिना ने मुझे अपने घर पर ही मिलने के लिए बुलाया था. उसने मुझे इससे पहले कभी देखा नहीं था. वो नहीं जानती थी कि बल्लू और मेरी दोस्ती बहुत पहले से है.
उस वक्त फेसबुक या व्हाट्सएप जैसी चीजें भी नहीं थीं. किंतु फोन चलन में आ गये थे. बल्लू ने मुझे अपने फोन में आमिना की फोटो दिखाई हुई थी. वो 5 फीट 3 इंच की हाइट वाली लड़की थी. रंग से एकदम दूध जैसी सफेद, सुंदर और फिट पंजाबन थी.
बल्लू की सेटिंग को देख कर कोई भी उसको अपने लंड के तले लेने के लिए सपने देखने लग सकता था. उसको चोद कर उसकी जवानी का रस पीने के लिए मचल सकता था.
तो दोस्तो, उस दिन आमिना के बताये हुए समय पर मैं उसके घर पहुंच गया. जब उसने गेट खोला तो मैंने देखा कि उसने एक लहंगा पहना हुआ था. मैं तो उसको देखता ही रह गया. क्या मस्त माल लग रही थी वो उन कपड़ों में. गजब की खूबसूरत लग रही थी वो.
मैं उसको प्यार से मन्नू बुलाता था. अंदर जाने के बाद उसने गेट बंद कर लिया और मुझे हाथ पकड़ कर अंदर ले गयी. फिर उसने मुझे ऊपर चलने के लिए कहा. वहां पर उनका लिविंग रूम था.
मुझे बिठाने के बाद वो मेरे लिये स्नैक्स वगैरह लेने गयी. फिर हम दोनों बैठ कर यहां-वहां की बातें करने लगे. बात करते हुए ही वो मेरे करीब सरक कर आ गयी थी. अचानक से उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. वो कहने लगी कि वो बहुत ही अकेला फील करती है.
ऐसा बोलते हुए उसने मुझे अपने गले से लगा लिया. मेरा भी मन बहक गया. हम दोनों एक दूसरे को वहीं पर किस करने लगे. कुछ ही पल के बाद हम दोनों ही एक दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे और किस कर रहे थे.
मेरा लौड़ा तन गया था. फिर वो उठ गयी. मेरा लंड पूरा तंबू बना चुका था. उसने उसी हालत में मुझे बेडरूम में चलने के लिए कहा. वो मुझे पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गयी. मेरी पैंट में मेरे लंड ने तंबू बनाया हुआ था जो चलते हुए यहां वहां डोल रहा था. मेरा लंड अलग से ही पैंट को उठाये हुए था.
अंदर जाकर फिर से दोनों के बदन जैसे एक हो गये. वो मेरे होंठों को पीने लगी और मैं उसके होंठों को पीने लगा. फिर हमने एक दूसरे को करीबन 10 मिनट तक स्मूच किया. हम दोनों ही एक दूसरे से अलग होने का नाम नहीं ले रहे थे.
काफी देर तक उसके होंठों का रस पीने के बाद मैंने उसकी टीशर्ट को ऊपर कर दिया. मुझे उसकी ब्रा दिखाई देने लगी. मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाने लगा.
तभी मेरे मन में खयाल आने लगा कि मैं इस सब तक उसके साथ झूठ का सहारा लेकर ही पहुंचा हूं. जब उसको सच पता लगेगा तो उसको धक्का जरूर लगेगा. वो शायद मुझसे दूर हो जाये.
मैंने अपने दिल की आवाज सुनी और वहीं पर रुक गया. मैं उससे अलग होकर बैठ गया. वो भी हैरान सी हो गयी. उसने टीशर्ट नीचे कर ली. फिर मुझसे पूछने लगी कि एकदम से मुझे क्या हो गया. मैंने उसको बल्लू के बारे में बता दिया.
उसको सब बता दिया कि मेरा आमिना की जिन्दगी में आने का मकसद क्या था. सच्चाई जानकर उसको सच में बहुत बुरा लगा. वो चुप हो गयी और सोचने लगी.
फिर वो बोली- चलो कोई बात नहीं, कम से कम तुमने सच कहने की हिम्मत तो दिखाई. मैं अभी भी मुंह लटका कर बैठा था. फिर उसने कुछ ऐसा कहा कि सारी दूरियां एक झटके में खत्म हो गयीं.
वो बोली- बल्लू की अम्मी की चूत! अब तो मुझे तुमसे प्यार हो गया है. बल्लू जाये तेल लेने. मुझे उसकी परवाह नहीं. मैंने उसको देखा और वो मेरे होंठों पर टूट पड़ी.
दोनों फिर से एक दूसरे को चूसने लगे. उसने जो टीशर्ट नीचे कर ली थी जल्दी ही अब वो ब्रा समते उसके बदन से उतर चुकी थी. वो ऊपर से नंगी हो गयी. उसकी चूचियों को मैंने हाथों में भर कर दबा दिया.
मैं उसके बूब्स को किस करने लगा. उनको चूसने लगा और चूसते हुए दबाने लगा. वो भी पागलों की तरह आवाज करती हुई मेरे मुंह को अपने बूब्स पर दबाती रही.
धीरे से मैंने अपना हाथ नीचे ले जाकर उसके लहंगे में डाल दिया. उसकी मुलायम सी चूत को उसकी पैंटी के ऊपर से ही मैंने दबाया. उसने आंखों ही आंखों में जैसे मुझसे चुदने के लिए अपनी सहमति दे दी.
वो बोली- अपने (कपड़े) भी तो उतार लो. मैंने भी पल भर की देर किये बिना ही अपने सारे कपड़े उतार दिये. मैंने अपना अंडरवियर भी उतार फेंका. मैं उसकी पूरी बॉडी पर किस करने लगा.
थोड़ी ही देर के बाद हम दोनों ने 69 की पोजीशन ले ली थी. उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया. बड़े ही मजे से वह मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. मैंने भी उसकी जांघों पर किस किया.
उसकी चूत के चारों तरफ किस किया. उसकी चूत पर एक किस करने के बाद मैंने उसकी चूत को एक उंगली से छेड़ना शुरू कर दिया. सिर्फ अपनी उंगली से ही मैं उसकी चूत को चुदने के लिए उकसाने लगा.
मेरा इरादा समझ कर उसने जल्दी से अपनी टांगें उठा कर फैला लीं. वो मुझसे लंड डालने का इशारा करने लगी. मैं भी कहां रुकने वाला था. मैंने आमिना की चूत पर थूक दिया.
चूत पर थूक लगा कर मैंने लंड को उसकी चूत पर लगा दिया. एक दो बार मैंने उसकी चूत के ऊपर लंड को रगड़ा. वो तड़पने लगी. वो पहले भी बल्लू से कई बार चुद चुकी थी. उसको चुदाई का काफी अनुभव था. इसलिए सब कुछ जल्दी जल्दी रहा था.
मैंने उसकी चूत पर लंड रगड़ा और फिर उसकी चूत में लंड को धकेल दिया. जैसे ही मेरे लंड का टोपा उसकी चूत के अंदर गया तो मुझे मजा आ गया. बहुत ही मजेदार अहसास था वो. दोनों के ही चेहरे पर आनंद की लहर दौड़ गयी.
उसके बाद मैंने उसकी चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिये. अब तो हर धक्के के साथ हम दोनों का आनंद बढ़ने लगा. साथ ही चूत चुदाई की रफ्तार भी तेज होती जा रही थी.
मैं चाहता तो उसकी चूत को फाड़कर भी रख सकता था. लेकिन मेरा मानना है कि पार्टनर को चुदाई में दर्द देना जरूरी नहीं होता है. बल्कि चुदाई इस ढंग से होनी चाहिए ताकि वो आपके साथ बिताये हर पल को इंजॉय करे.
कुछ लोग बोलते हैं कि एक ही झटके में पूरा डाल दिया. मेरे हिसाब से वो सब गलत है. प्यार तरीके से ही किया जाना चाहिए. मैं आमिना को खुश रखते हुए चोदने की पूरी कोशिश कर रहा था.
मम्मू मेरे लंड तले चुदते हुए मस्त हो चुकी थी. उसके मुंह से अब मादक सिसकारियां निकलने लगी थीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… जीत, लव यू…
मैं भी आमिना की चूत में लंड को अंदर बाहर करता हुआ उससे पूछने लगा-आमिना जान, कैसा लग रहा है? वो बोली- बहुत मजा आ रहा है. इतना मजा मुझे बल्लू के साथ कभी नहीं आया. ये सुनकर मैं और जोश में आ गया. मैं जोर जोर से उसको चोदने लगा.
फिर मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया. इससे आमिना की चूत खुल कर सामने आ गयी. मैंने दोबारा से उसकी चूत पर लंड को सेट कर दिया. मेरा लंड एकदम से उसकी चूत के रस में चिकना हो चुका था. उसकी चूत भी पूरी चिकनी हो चुकी थी.
उसकी चूत पर लंड को सेट करके मैं जोरदार तरीके से झटके मारने लगा. इससे मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर तक घुसने लगा. मैं उसकी चूत को अब जमकर चोदने लगा. बदले में वो भी मजे से गांड उठा उठा कर अपनी चूत को चुदवाने का आनंद ले रही थी.
कुछ देर तक इसी पोज में चोदने के बाद मैंने उसको लंड पर बैठने के लिए कहा. मुझे ये पोज सबसे ज्यादा पसंद थी. मैं सीधा लेट गया. आमिना टांगें खोल कर मेरे लंड पर बैठने लगी. धीरे धीरे बैठते हुए उसने मेरा करीबन 7 इंची लम्बा लंड अपनी चूत में पूरा का पूरा ले लिया.
अब पोजीशन ऐसी थी कि लंड उसके पेट में घुसने को हो गया था इसलिए उसको दर्द हो रहा था. फिर उसने मेरी जांघों पर अपने हाथों से अपना भार संभाला तो उसको थोड़ी राहत मिली.
फिर मैंने नीचे से उसकी चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिये. कुछ पल के बाद वो आराम से मेरे लंड पर कूदने लगी. आमिना एकदम से मस्ती में चुदवाने लगी. मैं भी अपनी स्पीड को तेज करते हुए अपनी गांड उठा उठा कर उसकी चूत को चोदने लगा.
वो मेरे खड़े लंड पर जंप करती रही और मुझे परम सुख की अनुभूति होने लगी. दो मिनट के बाद ही उसने अपना प्रेमरस मेरे लंड पर निकाल दिया. मेरा लंड अब और ज्यादा चिकनाई युक्त हो गया. आमिना की चूत के रस में सराबोर लंड एकदम से चमक उठा था.
अब मैंने तेजी से उसकी चूत में धक्के लगाना शुरू कर दिया. दो मिनट के बाद मैं भी आमिना की चूत में ही झड़ गया. कुछ देर तक हम लेट गये. थोड़ी देर के बाद फिर से चुदाई की चुल्ल मची.
एक राउंड दोबारा से उसी के बेड पर हुआ. फिर हम उठ कर बाथरूम में गये. वहां जाकर एक दूसरे को साफ किया. बाथरूम में भी आधे घंटे तक मस्ती चली. वहां पर एक बार फिर से चुदाई हुई.
उसके बाद साथ में नहाये और फ्री हो गये. मैंने उसे गर्भनिरोधक गोली लाकर दी. उस दिन शाम तक मैं आमिना के पास ही रहा. हमने साथ में खाना पीना भी किया.
जब उसके घर वालों के आने का समय हुआ तो मैं वहां से आ गया. उस दिन के बाद से आमिना मेरे प्यार की कायल हो गयी. उसके बाद जब भी मौका मिलता था मैं उसकी चूत मारने पहुंच जाता था. वो मेरे साथ काफी खुश थी.
आमिना ने जो लाइन बोली थी- बल्लू की अम्मी की चूत! मैंने उसको फोन में रिकॉर्ड कर लिया और फिर बाद में एक दिन बल्लू को वो रिकॉर्डिंग सुनाई. उसके बाद काफी दिनों तक हम दोस्तों ने बल्लू का मजाक बनाया.
इस तरह से दोस्त के माल को अपना बना कर मैंने भी चुदाई के मजे लिये. मेरे प्यारे पाठको, ये सेक्स स्टोरी पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद. अगर कहानी आपको पसंद आई हो तो मुझे मेरी मेल आईडी पर जरूर बतायें.
अगर कुछ गलती हो गयी हो तो माफ करें. मुझे आप सबकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा. [email protected]
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