मस्त कामुक छोरियों की टोली

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000

दोस्तो, मेरा नाम ए है, यानि कि आकांक्षा। आज मैं आपको अपनी एक कहानी बताने जा रही हूँ। अपनी और अपनी कुछ सहेलियों की।

वैसे तो ये कहानी मैंने इंगलिश में लिखी थी, मगर बाद में मैंने सोचा कि इंगलिश में बहुत कम लोगों को ये कहानी पढ़ने को मिलेगी, तो मैंने ये कहानी किसी से हिन्दी में लिखवाई है। किस से लिखवाई है, अगर आप उनकी लिखी कहानियाँ पहले भी पढ़ते रहते हैं, तो उनकी लेखन शैली से ही पहचान जाएंगे के मैंने ये कहानी किसको लिखने को कहा था।

खैर मैं अपनी कहानी शुरू करती हूँ।

मेरा असली नाम तो आकांक्षा है, मगर मेरी क्लास में सब मुझे आएशा कहते हैं। क्योंकि मेरी उम्र से मेरे मम्मे ज़्यादा बड़े हैं।

दरअसल क्लास में हम 6 सहेलियों की दोस्ती हुई। दोस्ती ऐसे हुई कि हम सब के नाम अंगरेजी की अल्फ़ाबेट के हिसाब से थे। जैसे आकांक्षा, बिंदिया, चाँदनी, दिव्य, एशा और फिज़ा, यानि के ए, बी, सी, डी, ई, एफ।

वैसे तो एक दो और लड़कियों ने हमारे ग्रुप में घुसने की कोशिश करी थी मगर हमने उन्हें बाहर ही रखा क्योंकि वो हमारी अल्फ़ाबेट में फिट नहीं बैठती थी। और वैसे भी हम एक दूसरी को उनके नाम के पहले वर्ड से बुलाते थे- अरे सी सुन! ओए एफ किधर जा रही है? चलो डी के घर चलते हैं।

स्कूल में, घर में हर जगह हमारा गैंग एक साथ ही रहता था।

एक दिन मैं और डी उसके घर बैठी उसके बड़े भाई के कंप्यूटर पर अपने नोट्स वगैरा बना रही थी और इंटरनेट भी यूज़ कर रही थी। तभी वहाँ पर न जाने कहाँ से एक सेक्सी साइट की ऐड आई। हम दोनों पहले तो डर गई कि ये क्या खुल गया।

मगर फिर मैंने कहा- सुन डी, कहीं ऐसा तो नहीं कि तेरे भैया ये सब देखते हों? वो बोली- पता नहीं ए, हो सकता है। मैंने कहा- तो खोल कर देखें इस लिंक को? वो बोली- पहले दरवाजा बंद करके आ।

मैंने उठ कर दरवाजा बंद किया और फिर हमने डरते डरते उस लिंक पर क्लिक किया। अगले ही पल हमारे सामने एक वैबसाइट खुल गई, हम उसमें आगे आगे और क्लिक करते रहे और हमारे आगे और भी लिंक्स खुलते गए।

हमने बहुत सी वीडियोज़ देखी। लड़का लड़की की, आदमी औरत की, बूढ़े की जवान लड़की के साथ। काले की गोरी के साथ। कुछ इंडियन वीडियोज़ भी देखी। सच में पॉर्न देख कर हम तो शर्म से पानी पानी हो गई. मगर इतना भी ज़रूर है कि हम दोनों की फुद्दियाँ भी पानी पानी हो रही थी।

डी ने मुझसे पूछा भी- ए क्या तुम्हारी पेंटी गीली हो गई है? मैंने कहा- हाँ यार, बहुत गीली हो गई है। डी बोली- क्या दिल कर रहा है तुम्हारा? मैंने कहा- दिल तो कर रहा है कि ऐसा ही एक लड़का हो, जिसके साथ मैं ये सब कुछ कर सकूँ।

डी बोली- पागल है क्या? उसका देखा कितना बड़ा है, तेरे अंदर घुसा तो तेरी तो जान ही निकाल देगा। मैंने कहा- अगर इतना मज़ा मुझे मिले, जितना इस लड़की को मिल रहा है, तो मैं तो मर भी जाऊँ।

डी ने फिर किसी और लिंक पर क्लिक किया, यहाँ पर हमने देखा कि दो लड़कियां आपस में एक दूसरे को प्यार कर रही थी। पहले वो एक दूसरी के होंठ चूसती रही, फिर कपड़े उतार कर नंगी हो गई.

और फिर दोनों ने एक दूसरी के मम्मे चूसे, एक दूसरी फुद्दी चाटी, सिर्फ इतना ही नहीं, एक दूसरी की फुद्दी में उंगली भी डाली। दोनों लड़कियां बहुत तड़पी, बहुत उछली और उन दोनों की फुद्दी से बहुत सारा पानी निकला।

डी बोली- ए, क्या तू ये भी कर सकती है? मैंने कहा- तू करेगी मेरे साथ? हमने एक दूसरी की तरफ देखा और फिर दोनों के होंठ एक दूसरी से जुड़ गए।

मैं डी के होंठ चूसने लगी और वो मेरे होंठों को चूसने लगी। हमने एक दूसरी के मम्मे भी दबाये, बेशक छोटे छोटे थे, मगर थे तो।

फिर मैंने डी की जीन्स के अंदर हाथ डाल दिया और उसकी पेंटी के अंदर हाथ डाल कर उसकी फुद्दी को सहलाया। उसकी मज़ा आया, तो उसने भी मेरी स्कर्ट उठा कर मेरी पेंटी में हाथ डाल कर मेरी फुद्दी को मसला।

कुछ देर हम दोनों एक दूसरी के गुप्तांग को सहलाती रही। हम दोनों को इसमें बहुत मज़ा रहा था और दिल कर रहा था कि ये मज़ा कभी ख़त्म न हो।

मगर इतने में डी की मम्मी की आवाज़ आ गई कि चाय बन गई है। हम दोनों ने एकदम से अपने अपने हाथ निकाले, कंप्यूटर बंद किया और कपड़े सेट करके नीचे चाय पीने चली गई।

अगले दिन हमने क्लास में ये सारी बात डिस्कस की तो हम सभी 6 का प्रोग्राम बना कि किसी दिन सभी सहेलियाँ डी के घर जाएंगी और उसके कंप्यूटर पर फिर से वो सब देखेंगी।

फिर एक दिन मौका देख कर हम उस के घर इकट्ठी भी हुई मगर उस दिन पता नहीं क्या बात हुई, डी के कंप्यूटर पर कुछ भी न चला और हम सब बड़ी मायूस हो गई।

मगर करीब एक हफ्ते बाद हमें फिर मौका मिला, उस दिन डी के भाई का लैपटाप खुला मिल गया, और हम सभी 6 सहेलियों ने एक साथ बहुत सारी ब्लू फिल्में देखी। अब हम सब को पता था कि हमारे मम्मी पापा आपस में क्या करते हैं, हम कहाँ से और कैसे पैदा हुई और आगे जाकर हम भी जब बच्चे जनेंगी तो कैसे वो बच्चा हमारे पेट में आएगा।

कुछ दिन बाद ई ने मोबाइल फोन लिया. हालांकि वो फोन उसे सिर्फ घर के लिए ही मिला था मगर वो कभी कभी उसे स्कूल भी ले आती थी. और हम सभी फ्रेंड्स एक झुंड बना कर उस पर पॉर्न फिल्में देखती थी।

मगर अभी तक ऐसा कोई मौका नहीं आया था कि हम सब लेस्बीयन बन जाती। क्योंकि हमें अभी भी एक दूसरी से थोड़ी शर्म आती थी। हमारी शर्म उतरी अगली क्लास में जब हम सभी ने स्विमिंग क्लब जॉइन किया।

जब हम स्विमिंग करने के बाद सादे पानी से नहाने जाती, तो अक्सर एक साथ ही जाती और एक साथ ही नहाती। Lesbian Girls Sex एक साथ और एक दूसरी के सामने नहाने की वजह से हम सभी ने एक दूसरी को बिल्कुल नंगी देखा, और जब नंगी देखा तो एक दूसरी नंगी लड़की के जिस्म को छू कर भी देखा, कभी मज़ाक में तो कभी जान बूझ कर। सब के मम्मे बड़े हो चले थे, सबकी झांट उग चुकी थी। जांघें मोटी, गोल, चिकनी हो गई थी।

जब शावर के नीचे हम सभी नंगी होकर नहाती, तो बेवजह एक दूसरी पर प्यार आता और अक्सर कोई न कोई एक दूसरी से किसिंग कर लेती या बांहों में भर के एक दूसरी को प्यार करती। हमें इस सब में भी बहुत मज़ा आता।

बड़ी क्लास में आने के बाद एक एक करके सब के हाथ में मोबाइल फोन आ गया। अब सबके पास अपना पर्सनल मोबाइल फोन था। और मोबाइल फोन पर होता क्या था, एक दूसरी से ढेर सारी बातें और व्हाट्सऐप पर यहाँ वहाँ से ली हुई पॉर्न फिल्मों की अदला बदली। उसने मुझे भेजी, मैंने उसको, उसने उसको।

हर आने वाली नई वीडियो हमें तड़पा जाती, हम सब का दिल करता कि हमारा भी कोई बॉयफ्रेंड हो, जो हमारे नए नए जवान हो रहे जिस्म से खेले, हम भी उसका लंड चूसे, वो हमें चोदे, और हम भी ब्लू फिल्मों की हिरोइनों की तरह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ़्फ़, फक मी बेबी, फक मी … ” बोलते हुये शोर मचाएँ।

बेशक हमारे दोस्त तो बहुत थे मगर कोई भी हमारा बॉयफ्रेंड अभी तक नहीं बना था। जब भी हम सभी सहेलियाँ किसी वजह से एक दूसरी के घर इकट्ठी होती तो सब का एक ही अजेंडा होता- यार, बॉय फ्रेंड कैसे पटाएँ?

मगर एक दिन जब हम सब बी के घर उसके बर्थडे पर गई, तो सारे फंक्शन के बाद हम सब बैठी गप्पें लड़ा रही थी तो एफ ने हम सब से एक वीडियो शेअर की और बोली- अरे ओ, सुनो एक वीडियो भेज रही हूँ, देख कर बताओ, कैसी लगी, और इसके बारे में क्या विचार है?

जैसे ही वीडियो हम सब के व्हाट्सऐप पर आई, सबने डाउनलोड की और देखने लगी। ये एक लेसबियन वीडियो थी, मगर इस में खास बात ये थी कि इसमें 4 लड़कियां अंग्रेज़ और दो हब्शी थी। मतलब वो छः थी, और हम भी छह! तो आइडिया ये था कि क्या हम सब को मिल कर ग्रुप सेक्स करना चाहिए।

सबने एक दूसरी की ओर देखा, अब किसिंग और हगिंग तो हम सब करती ही थी। एक दूसरी को अक्सर नंगी देखा था। देखने में भी हम सब गोरी चिट्टी, खूबसूरत, हॉट एंड सेक्सी थी। तो फिर एक दूसरी की चूत चाटने में क्या दिक्कत थी! बस ज़रूरत थी, तो एक शुरुआत की।

और वो शुरुआत भी हमें एफ ने ही दी। उसने कहा- हम ऐसा करते हैं कि एक पार्टी प्लान करते हैं, अगला जिसका भी जन्मदिन आता है तो। फिर हम जाएंगी यहाँ से बाहर कहीं, बर्थडे सेलिब्रेट करने। और वहाँ पर हम एक न्यूड बर्थडे पार्टी करेंगी। सिर्फ हम 6 होंगी, और कोई नहीं, और सब आपस में नंगी होकर बर्थडे मनयेंगी।

पार्टी का आइडिया तो अच्छा था, मगर घर वालों से पूछना पड़ेगा.

तो प्लान यह बना कि बर्थडे पार्टी के लिए सब मिल कर पैसा इकट्ठा करेंगी, शहर के ही एक होटल में एक रूम बुक करेंगी। पार्टी का टाइम होगा 6 बजे से लेकर 9 बजे तक. और इसी तीन घंटे के दौरान हम अपने जीवन को रंगीन बनाएँगी।

अब अगला बर्थडे आया मेरा! सितंबर का महीना था। हम सबने जाकर एक रेस्तरां से बात करी कि हम यहाँ पर अपना बर्थडे सेलिब्रेट करना चाहती हैं, पर करेंगी हम एक रूम में। उन्होंने 2000 रुपये में हमें रूम दे दिया।

हम सभी ने 700-700 रुपये अपने अपने घर से लिए, 2000 दिये होटल वालों को और बाकी का समान लिया और तय तारीख को होटल में 6 बजे से पहले ही पहुँच गई। खाने पीने के सामान तो हम अपने साथ ले ही गई थी। होटल के रूम में पहुँच कर हमने सबसे पहले वेटर को 100 रुपये टिप दिया सिर्फ इसलिए कि कोई हमें डिस्टर्ब न करे, हमें कुछ नहीं चाहिए, हम सिर्फ मस्ती करने आयी हैं।

तो जब हमने अपना कमरा अंदर से अच्छी तरह से लॉक कर लिया, और यह भी इत्मीनान कर लिया कि कहीं कोई कैमरा नहीं लगा है। फिर हमने अपने साथ लाये सामान को खोला। एक केक, चिप्स, बिस्किट, नमकीन, कोल्ड ड्रिंक्स, और भी बहुत कुछ था। मगर सबसे अलग था, एक अद्धा रॉयल सटैग व्हिस्की और दो पैकेट सिगरेट।

अब वैसे तो शादी बयाह में हम सब छुप-छुपा के एक आध बीयर या वाइन ले लेती थी, मगर सबसे सुना था कि व्हिस्की का नशा ही अलग है. तो अपना मूड बनाने के लिए और सिर्फ मज़े के लिए हम एक अद्धा ले आई थी। सिगरेट तो हम सबने कई बार पी थी तो सिगरेट तो बेचलर पार्टी में होनी ज़रूरी थी।

सब सामान निकाल कर हमने टेबल पर सजा लिया और उसके बाद सबसे पहले हमने व्हिस्की के छोटे छोटे पेग बनाए. क्योंकि पहली बार थी तो हम सब बड़ी एहतियात बरत रही थी।

6 गिलासों में शराब डाली, बर्फ डाली, पानी और सोडा मिक्स किया, और फिर सबने एक दूसरी की और शरारती निगाहों से देखते हुये, अपना अपना गिलास उठाया। हमने जाम टकराए और बड़ा सारा ‘चीयर्ज …’ कह कर एक एक घूंट पी।

बीयर तो फिर भी ठीक होती है, मगर ये तो जहर जैसे कड़वी थी। सबके मुंह बड़े बड़े अजीब अजीब से बने। मगर सबको मस्ती करनी थी, तो सबने घूंट भर ली, और फिर अपने अपने कडवे मुंह का स्वाद ठीक करने के लिए कोई कुछ खाने लगी, कोई कुछ खाने लगी मगर इंकार किसी ने नहीं किया और कड़वे मुंह से बचने के लिए सबने जल्दी जल्दी अपना अपना गिलास खाली कर दिया।

उसके बाद हम सब अपनी अपनी बातें करने लगी। यहाँ इस कमरे में हमारा ही राज़ था, कोई हमें तंग करने, पूछने, रोकने टोकने वाला नहीं था.

तो जैसे ही एक एक पेग अंदर गया, सबके अंदर का असली रूप बाहर आ गया। अब तो हर कोई ‘मादरचोद, बहनचोद‘ बोल कर ही बात कर रही थी। सबके एक हाथ में जाम, दूसरे में सिगरेट, ज़ुबान पर गंदी गालियाँ। सबकी सब रंडियाँ बनी बैठी थी।

फिर बी बोली- अरे यार, मुझे मूत आया है, और किसी को आया है जो चलेगी मेरे साथ? तो डी और ई भी उठ खड़ी हुई।

वो जाने लगी तो एफ बोली- अरे क्या बैठ कर मूतोगी, मज़ा तो तब है जब लड़कों की तरह खड़ी हो कर मूत कर दिखाओ। बी बोली- तो खड़े होकर मूतने में क्या बड़ी बात है, मैंने तो कई बार खड़े हो कर मूता है। आ जा दिखा देती हूँ।

वो क्या उठी हम सभी उठ गई, सब बाथरूम में गई। मगर दिक्कत ये थी कि थी तो हम लड़कियां, हमारे कौन सा लंड लगा था, जो 6 इंच आगे धार मारता। अगर खड़े हो कर मूतती तो हम सबके कपड़े खराब होने थे और सारी टाँगें मूत से भीग जाती वो अलग।

तो मैंने तो सबसे पहले अपनी जीन्स और पेंटी उतार कर साइड रखी।

मुझे देख बाकी सबने भी अपनी अपनी जीन्स उतार दी। उसके बाद हम सब दीवार के सामने जा कर खड़ी हो गई, और अपनी अपनी फुद्दी खोल कर दीवार की तरफ मुंह करके मूतने लगी।

सभी की फुद्दी की धार दीवार पर पड़ी, मगर इसके बावजूद दीवार से पड़ने वाले छींटें और कुछ सहीं एंगल न बनने की वजह से हम सब की टाँगें मूत से गंदी हो गई। तो अब टाँगें धोने की नौबत आ गई।

मगर जब मैंने टोंटी की जगह फव्वारा चला दिया तो सबने कहा कि क्यों न एक साथ नहा लिया जाए।

बस फिर तो सबने कपड़े उतारे और सब की सब नंगी हो कर फव्वारे के नीचे आ गई। सब एक साथ एक दूसरे के साथ मस्ती करती हुई नहाने लगी। स्विमिंग के बाद भी हम एक साथ नहा लेती थी, मगर तब हम सब होश में होती थी, मगर यहाँ तो दारू का नशा चढ़ा हुआ था.

तो जैसे हमारे नंगे बदन एक दूसरे से टकराए, सबकी आँखों में हवस के डोरे तैर गए। पहले सिर्फ गले लगाने की बात थी, मगर देखते ही देखते कोई किसी को तो कोई किसी को चूमने लगी और चूम भी होंठों पर रही थी।

सबकी सब 6 लड़कियों के 3 जोड़े बन गए और एक दूसरे की बाहों में कैद, एक दूसरी के होंठों से होंठ जोड़ आँखें बंद कर सारी दीन-दुनिया से बेखबर हम वासना की उफनती हुई नदी में डूब गई। उसके बाद तो किसी को पता नहीं चला कि कौन क्या कर रही है।

एक नहीं दो नहीं, हम सब छह की छह लड़कियों ने एक दूसरे के होंठ चूसे, एक दूसरी की जीभ भी चूस डाली। सब पर सेक्स का भूत सवार हो रखा था। होंठों से नीचे उतरे तो एक दूसरी के मम्मे चूसे, मम्मों से पेट और फिर जांघों को चूमते चूमते कब कौन किसकी फुद्दी से मुंह लगा बैठी, कोई होश नहीं।

पहले तो हम सब आपस में दो दो के कपल बन कर एक दूसरी को चूम चाट रही थी, मगर जब फुद्दी में मुंह लग गए तो एफ बोली- यार ऐसे मत करो, सबको एक जैसा मज़ा आना चाहिए, मादरचोद। तो सब एक गोल घेरे में लेटो और अपना मुंह दूसरी की टाँगों के बीच में रखो और थोड़ी देर बाद एक को छोड़ कर दूसरी ऊपर को सरक जाए, इस से सबको सबकी भोंसड़ी चाटने का मज़ा आएगा।

सब को आइडिया पसंद आया।

पहले मैं सी और एफ लेटी। फिर बी, डी और ई हमारे ऊपर एडजस्ट हो कर लेट गई। गोरी चिट्टी फुद्दियों में गुलाबी जीभें घूमने लगी। लड़कियों के बदन तड़पने लगे, अब सबके मुंह दूसरी की फुद्दी से लगे थे तो सबके मुंह से सिर्फ ‘ऊँह … उम्म …’ ही निकल पा रहा था।

मगर बीच बीच में कोई न कोई फुद्दी से मुंह हटा कर बोल भी पड़ती- ओए चोद दे मुझे साली, उंगली डाल दे अंदर मेरी फुद्दी में … हाय मर गई … कोई लंड दिलवा दो … दाना चबा जा मेरी चूत का साली … ए रांड, ठीक से चूस न … कुतिया हूँ मैं, चोदो मुझे!

पर ज़्यादा आवाज़ें ‘फक मी … फक मी!’ की ही थी। सब मस्त, एक दूसरी के जिस्म से खेलते हुये, मज़े कर रही थी।

फिर आया झड़ने का दौर। एक के बाद एक करके सब झड़ने लगी। जो झड़ जाती वो बाहर बैठ जाती, सबसे पहले बी झड़ी। अगले 3-4 मिनट में ही सब की सब ठंडी हो कर बैठ गई। मगर खुमार अभी तक सब पर था जैसे सब की सब अभी भी प्यासी थी।

सी बोली- यार बेशक हमने अपनी ज़िंदगी का पहला पानी गिरा दिया है, मगर अभी तक सच कहूँ … मेरी संतुष्टि नहीं हुई है। मैं चाहती हूँ कि एक बार हम और ये सब मज़ा लूटें। सब ने उसकी हाँ में हाँ मिलाई।

लेकिन उससे पहले हम सबने म्यूजिक चलाया और उस पर खूब नाची। एक ही कमरे में शराब से धुत्त 6 नंगी लड़कियां बदहवासी में ऊट पटांग जैसे जिस को अच्छा लगा वैसे ही बेढंगा नाची। इतना नाची के थक कर गिर पड़ी।

जब सब एक दूसरी के ऊपर गिरी पड़ी थी, और फिर धीरे धीरे जब सबकी सांस में सांस आई तो फिर से प्यार के बादल उमड़ने लगे. फिर हम एक दूसरी को प्यार से चूमने चाटने लगी।

अगले 20 मिनट तक हम सब ने फिर एक दूसरी की फुद्दियाँ चाट चाट कर झाड़ दी। सब ने एक दूसरी का खट्टा नमकीन पानी पिया।

सब खुश थी क्योंकि सबका ये पहला लेस्बीयन सेक्स का तजुरबा था जो सबको बहुत पसंद आया।

उसके बाद हमने सब एक साथ फिर से नहायी और अपने कपड़े पहन कर चुस्त दरुस्त हो गई. बेशक दारू ने सबके सर घुमा रखे थे मगर हम उसके बाद देर रात को चुपचाप अपने घर चली गई।

अगले दिन छुट्टी थी तो सब देर से उठी और उठते ही सबने एक दूसरी से बात करी।

कल बेशक हमने बेशर्मी की सभी हदें पार कर दी थी मगर आज हमें बड़ी शर्म आ रही थी. मगर शर्म के साथ हमें उस रोमांच की याद ज़्यादा आ रही थी। बेशक ये सुनने पढ़ने में अजीब लगे या सच न भी लगे, मगर जो हमने किया वो किसी ख्वाब से कम भी नहीं था और वो आज तक बदस्तूर जारी है। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000