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मेरा नाम रिया है और मैं अपनी एक नयी कहानी आपके लिए लेकर आई हूं. मुझे यह देख कर बहुत खुशी मिलती है कि आप लोग मुझे इतना सपोर्ट करते हैं. आपके इस प्यार के लिए सभी का बहुत धन्यवाद. मैं इसी तरह आपके लिए गर्म कहानियां लेकर आती रहूंगी.
अपनी पिछली कहानी पड़ोसी भैया ने प्यार से मुझे चोदा के माध्यम से भी मैंने अपने जिस्म के बारे में बताया था. मेरी चूची और गांड काफी आकर्षक हैं. मेरे सारे पड़ोसी मेरी गांड और बूब्स को घूर कर देखते हैं.
मेरी सहेलियों में सबसे बड़ी चूचियां मेरी ही हैं. आज की कहानी भी मेरे सेक्सी बदन की बदौलत ही घटित हुई थी. मगर कहानी पर आने से पहले मैं आपको परिवार के बारे में बता देती हूं.
परिवार में सब लोग हैं. मेरी एक दीदी है जिनकी शादी हो चुकी है. अक्सर घर में मैं अकेली ही रहती हूं. हमारे घर के सारे मर्द सुबह काम पर निकल जाते हैं. औरतें भी अपना काम करके पड़ोसियों के घर में गप्पें मारने के लिए चली जाती हैं.
दोपहर के टाइम में मैं अक्सर अकेली ही रहती हूं. वैसे तो मैं जॉब भी करती हूं लेकिन कई बार मैं छुट्टी कर लेती हूं. अपनी जॉब को मैं ज्यादा सीरियसली नहीं लेती हूं. इसका कारण यह है कि मेरे घर में सब सुविधाएं हैं.
मुझे किसी भी चीज की जरूरत होती है तो मेरे घर वाले मुझे लाकर देते हैं. जिस दिन मैं घर में होती हूं उस दिन घर का सारा काम किया करती हूं. मेरी बड़ी दीदी भी कई बार हमारे घर पर आ जाती है. उनके साथ जीजू भी आ जाते हैं.
पहले जीजू से मेरी बात ज्यादा नहीं होती थी, मगर धीरे-धीरे अब मैं जीजू के साथ घुल-मिल रही थी. हम दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई थी. जब भी वो घर आते थे तो उनके और मेरे बीच में बहुत सारी बातें होती थीं. हम जीजा-साली में खूब हंसी मजाक चलता था.
एक बार ऐसे ही दीदी का फोन आया कि वो लोग घर पर आ रहे हैं. मैं भी खुश हो गई. मैंने अपनी कार निकाली और उन दोनों को स्टेशन पर रिसीव करने के लिए चल पड़ी.
जब मैं पहुंची तो उसके कुछ देर के बाद वो लोग भी पहुंच गये. वो मुझे देख कर काफी खुश हो गये. फिर हम तीनों कार में बैठ गये. जीजू मेरे बगल वाली सीट पर आगे बैठे थे और दीदी पीछे वाली सीट पर थी. हम चल पड़े. जीजा और मेरे बीच में बातें शुरू हो गईं.
उनसे बात करते हुए मैंने नोटिस किया कि वो मेरी चूचियों की तरफ देख रहे थे. उस वक्त गर्मियों का मौसम था. उन दिनों में मैं खुली कमीज पहनती हूं. मेरे बड़े बूब्स में पसीना आने से बचने के लिए मैं खुले कपड़े डालती हूं. कई बार तो मैं नंगी चूचियां ही रखती हूं, बिना ब्रा पहने. मेरी चूचियों को जीजा ध्यान से देख रहे थे. मुझे जीजा की नजरों में हवस दिखाई दे रही थी. मुझे भी अच्छा लग रहा था कि वो मेरे जिस्म के दीवाने हैं.
फिर थोड़ी ही देर में हम लोग घर पहुंच गये. जीजा और दीदी को देख कर घर के सभी लोग खुश हो गये. घर पहुंचने के बाद मैं आराम करने के लिए अपने बेडरूम में चली गयी. कुछ देर के बाद मां, चाची और बड़ी दीदी बाजार में चले गये. वो लोग मुझे भी चलने के लिए बोले लेकिन मैंने मना कर दिया.
मैं थकी हुई थी, अपने बेडरूम में लेटी हुई मैं आराम कर रही थी. दरवाजा खुला ही हुआ था. जीजा दूसरे रूम में थे. मेरी कमीज खुली होने के कारण मेरी एक चूची लगभग नंगी ही मालूम पड़ रही थी क्योंकि मैंने नीचे से ब्रा नहीं पहनी थी.
आंखें बंद करके मैं लेटी हुई थी. एकदम से किसी का हाथ मेरी चूची पर लगा तो मैं घबरा कर उठ गई. मैंने देखा तो जीजा बेड पर मेरे करीब बैठ हुए थे. वो चुपके से मेरे रूम में आ गये थे और मुझे पता भी नहीं चला.
मैंने कहा- क्या हुआ जीजू? आपको कुछ काम था क्या? वो बोले- नहीं, मैं तो अपने रूम में बोर हो रहा था इसलिए सोचा कि अपनी साली से जाकर बात कर लूं ताकि थोड़ा मन बहल जाये. जीजू मेरी चूचियों की घाटी को घूर रहे थे.
उनका मेरे रूम में आने मकसद मैं जान गयी थी. फिर हम दोनों में बातें होने लगीं. धीरे-धीरे बात मेरी शादी तक पहुंच गई. जीजा बोले- तुम्हारा तो जरूर कोई बॉयफ्रेंड होगा. मैंने कहा- आप इतने विश्वास के साथ कैसे कह सकते हो?
वो बोले- तुम जैसी लड़की को देख कर भला किसका मन वो करने को नहीं करता होगा! मैंने अन्जान बनते हुए पूछा- क्या करने का मन जीजू? वो बेबाक तरीके से बोले- चुदाई!
जीजा के मुंह से चुदाई शब्द सुन कर मैं शरमा गई. मैं बोली- आप भी कैसी बातें कर रहे हो. दीदी के साथ आपका मन नहीं लगता है क्या? वो बोले- तुम्हारी दीदी में अब वो रस नहीं रहा रिया.
मैंने पूछा- कैसा रस चाहिए आपको? वो बोले- मुझे तुम जैसी लड़की के बदन का रस पीना है. इतने में ही वो मेरी चूचियों को दबाने लगे. मैंने कहा- कोई आ जायेगा जीजू, ये सब अभी करना ठीक नहीं है.
जीजू बोले- कोई नहीं आयेगा. तुम्हारी दीदी मुझसे बोल कर गई है कि वो बाजार से दो घंटे के बाद लौटेगी. जीजू ने मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया. मैं उनको रोकना तो चाहती थी मगर न जाने उनके हाथ जब मेरी चूचियों पर लगे तो मुझे अच्छा लगने लगा. मैं भी उनका साथ देने लगी.
दो मिनट में ही मुझे चूची दबवाने में बहुत मजा आने लगा. मैंने देखा कि जीजा का लंड तनाव में आ गया था. वो मेरे करीब बैठ हुए थे. मैंने उनके लंड को पैंट के ऊपर से ही पकड़ लिया.
जीजा का लंड काफी मोटा था. मेरी चूत में चुदास उठने लगी. अब हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे. जीजू मेरे कपड़ों के ऊपर से ही मेरी चूचियों को मसल रहे थे और मैं जीजू के लंड को सहला रही थी.
जब उनसे नहीं रहा गया तो उन्होंने मेरी कमीज को निकलवा दिया. मैं ऊपर से नंगी हो गई. साली की मोटी चूची देख कर जीजा उन पर टूट पड़े. वो मेरी चूचियों को अपने मुंह में भर कर पीने लगे. मुझे भी मदहोशी सी आने लगी.
उसके बाद जीजा ने मेरी जीन्स को भी निकलवा दिया. अब मेरे बदन पर केवल मेरी पैन्टी रह गयी थी. वो अपनी साली की चूत को अपने हाथों से सहलाने लगे. मैंने भी जीजा के लंड को पकड़ कर खींच लिया. उन्होंने अपनी पैंट की चेन को खोल दिया.
जीजा अपने लंड को बाहर निकालने वाले थे लेकिन मैंने उनका हाथ पकड़ लिया. मैं अपने जीजा को अपने हाथों से नंगा करना चाह रही थी. फिर मैं उठ कर उनकी शर्ट को उतारने लगी. उनकी गर्दन को किस करने लगी. मेरी चूचियां जीजा की छाती से सट गईं.
अब जीजा से भी रहा न गया और वो मेरी मोटी गांड को अपने हाथ से दबाने लगे. मैंने उनकी पैंट को खोल दिया और उसको नीचे कर दिया. जीजा ने पैंट को बिल्कुल निकाल दिया. वो केवल अंडरवियर में हो गये.
मैंने देखा कि जीजा का लंड उनके अंडरवियर में पूरा जोश में आ चुका था. उनके लंड को मैंने हाथ में पकड़ लिया तो वो मेरी चूचियों को दबाते हुए पीने लगे. मैं मादक सिसकारियां लेने लगी.
अब मैंने जीजू के अंडरवियर में हाथ डाल कर उनके लंड को हाथ में भर लिया. जीजू के मुंह से सिसकारी निकल गयी. वो मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को मसलने लगे. मेरी चूत गीली होने लगी थी.
ऐसा ही हाल जीजा के लंड का भी था. उनके लंड ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. फिर उन्होंने अपने अंडरवियर को निकाल दिया और मेरे बदन के साथ चिपक गये. उनका लंड मेरे पेट पर आकर लगने लगा. मैंने उनको बांहों में भर लिया. दोनों एक दूसरे को जोर से किस करने लगे.
फिर उन्होंने मुझे बेड पर लिटा दिया. मेरी पैन्टी को निकाल दिया. मेरी चूत को नंगी कर दिया. मेरी चूत की सफाई मैं अक्सर करती रहती हूं. अभी दो दिन पहले ही मैंने अपनी चूत की सफाई की थी.
जब जीजा को मेरी चिकनी चूत दिखी तो वो हवस भरी नजरों से मेरी चूत को देखने लगे. वो एकदम से मेरी चूत में मुंह लगा कर उसको चाटने लगे. मैं तड़प उठी. चूत चुसाई करवाने में मुझे बहुत मजा आता था.
जीजा मेरी चूत की चुसाई बहुत अच्छे तरीके से कर रहे थे. मेरा मन भी लंड चूसने के लिए करने लगा. मैंने उनको उठा कर अपने साथ लिटा लिया. अपनी चूत को उनके सिर की ओर कर दिया. खुद मैंने अपना मुंह जीजा के लंड की तरफ कर लिया.
हम दोनों अब 69 की पोजीशन में आ गये.
मैंने जीजा के लंड को मुंह में ले लिया. वो मेरी चूत में जीभ देकर उसको चोदने लगे. मैंने जीजा के लंड को चूसना शुरू कर दिया. वो एकदम से मेरी चूत में उंगली करने लगे.
अब मैं लंड लेने के लिए तड़पने लगी. मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. जीजा के लंड से भी पानी निकल रहा था. वो तेजी के साथ मेरी चूत में जीभ चलाने लगे और मैं दो मिनट के बाद झड़ गयी.
मेरी चूत का पानी जीजा ने पी लिया. मैं अभी भी जीजू के लंड को चूस रही थी. कुछ ही देर में जीजू के लंड का भी पानी निकल गया. हम दोनों जीजा साली की सांसें बहुत तेजी से चल रही थीं.
अभी हम दोनों नंगे ही थे. हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहे. मैं जीजू के लंड को पकड़ कर सहला रही थी. वो मेरी चूचियों के साथ खेल रहे थे. धीरे-धीरे जीजू का लंड फिर से खड़ा हो रहा था. देखते ही देखते उनका लंड पूरे तनाव में आ गया.
अब उन्होंने मेरी चूत पर अपने लंड को रगड़ना शुरू कर दिया. अब मैं भी दोबारा से गर्म होने लगी. उनका लंड मेरी चूत को छू रहा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
जीजा का मोटा लंड लेने के लिए अब मेरी चूत तैयार हो चुकी थी. उन्होंने एकदम से अपने लंड को मेरी चूत में अंदर धकेल दिया और मेरी चूत की चुदाई करने लगे. उनका लंड बहुत बड़ा था और मेरी चूत में दर्द हो रहा था.
वो मेरी चूत को तेजी के साथ चोदने लगे. मैं जीजा के जिस्म से चिपक गयी. वो भी मेरे जिस्म से लिपट गये. हम दोनों के बदन बहुत गर्म हो गये थे. ऐ.सी. वाले कमरे में भी मुझे पसीना आने लगा. जीजू का हाल भी कुछ ऐसा ही था.
जीजा-साली की चुदाई अब पूरे जोश के साथ आगे बढ़ रही थी. हम दोनों के मुंह से कामुक आवाजें निकल रही थीं. वो हाँफते हुए कह रहे थे- मैं बहुत दिनों से तुम्हारी चूत को चोदने की फिराक में था रिया. आज जाकर मुझे वो मौका मिला है कि मैं अपनी सेक्सी साली की चुदाई कर सकूं. तुम सच में बहुत हॉट हो. तुम्हारी दीदी तो तुम्हारे सामने बहुत ठंडी है.
हमें चुदाई करते हुए काफी वक्त हो गया था. अब मां, चाची और दीदी शायद वापस लौटने ही वाले थे. जीजा ने बताया था कि उन्होंने घर को अन्दर से लॉक कर दिया है. मगर मुझे ध्यान नहीं रहा कि मां के पास भी एक चाबी रहती है.
जीजा-साली हम चुदाई में मग्न थे. तभी आंगन में कुछ आवाज हुई. शायद मां और चाची आ गयी थी. जीजा जी अभी भी मेरी टांगों को पकड़ कर मेरी चूत को जोर से चोद रहे थे.
अभी तक मां और चाची शायद अंदर नहीं आयी थी. मैंने जीजा से कहा कि बाहर कोई आया हुआ है. वो हांफते हुए बोले- कोई बात नहीं जान, मैंने दरवाजे को अंदर से लॉक किया हुआ है. इस कमरे में कोई नहीं आयेगा.
उसके बाद वो मेरी चूत में जोर से धक्के लगाने लगे. मेरी चूत जैसे फटने लगी. जीजू अभी भी अपने मोटे लंड को मेरी चूत में घुसेड़ने में लगे हुए थे. मैं दूसरी बार झड़ चुकी थी.
मैंने कहा- जीजू, बस करो, किसी को शक हो जायेगा. मगर वो नहीं रुक रहे थे. शायद अब वो मेरी चूत में पानी निकालने के बाद ही रुकने वाले थे. फिर उन्होंने मेरी टांगों को चौड़ी कर दिया और मेरी चूत में से लंड को पूरा बाहर निकाल कर फिर से पूरा अंदर घुसाने लगे.
तीन-चार बार जीजा ने मेरी चूत को ऐसे ही खोला और फिर दोबारा से दोगुनी रफ्तार के साथ मेरी चुदाई करने लगे. तभी मेरे कमरे वाले दरवाजे पर खटखटाने की आवाज हुई. मैं घबरा गई. जीजा भी रुक गये. हम दोनों ने कोई आवाज नहीं की. जीजा का लंड मेरी चूत में ही था लेकिन तभी उनके लंड से वीर्य निकलने लगा. वो झटके देते हुए मेरे ऊपर लेट गये.
वो मेरे ऊपर लेट कर हांफने लगे. उनका सारा वीर्य मेरी चूत में चला गया. दो मिनट तक वो मेरे पास ही लेटे रहे. फिर हमने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिये. उसके बाद मैंने जीजू को अपने बाथरूम में छिपा दिया.
मैं उठ कर बाहर गई और जानने की कोशिश करने लगी कि दरवाजे पर कौन आया था. मुझे पता चला कि मेरी दीदी जीजू को ढूंढ रही थी. ढूंढते हुए वो मेरे कमरे में देखने आयी थी. मैंने दीदी को मना कर दिया कि वो मेरे रूम में नहीं आये थे.
बात को टालते हुए मैंने कह दिया कि वो कहीं बाहर टहलने के लिए निकल गये होंगे. फिर दीदा मां के साथ रसोई में काम करवाने लगी. चाची अपने रूम में थी.
मैंने जीजू से कहा कि वो चुपके से रूम से निकल जायें. मेरे कहने पर जीजू धीरे से निकल कर अपने वाले गेस्ट रूम में चले गये. हम दोनों ने मुश्किल से दीदी से हम जीजा साली सेक्स की बात को छिपाया.
दीदी को अब भी हमारे बारे में नहीं पता है. जीजा जी जब भी घर पर आते हैं तो वो मेरी चूत को जरूर चोदते हैं. अब हम दोनों ने चुदाई करना कम कर दिया है.
मैंने जीजा को कह दिया कि अगर मैंने ज्यादा चुदाई करवा ली तो फिर मुझे मेरे पति से चुदाई करते वक्त सब कुछ झूठ कहना पड़ेगा. अगर मेरे होने वाले पति को पता लग गया कि उसकी बीवी की चुदाई पहले से हो चुकी है तो शादी में दिक्कत हो सकती है.
जीजा भी मेरी बात को समझ गये. मेरी बात पर वो कहने लगे कि तुम्हारी दीदी की चूत भी सील पैक नहीं थी. मैंने जीजा को इस बारे में कुछ नहीं कहा. मैं जानती थी कि मेरी दीदी भी शादी से पहले चुदाई करवा कर सेक्स के मजे ले चुकी थी.
दीदी और उनका बॉयफ्रेंड शादी से पहले बहुत बार चुदाई कर चुके थे. मगर मैं अपने मुंह से जीजा को ये बात नहीं बताना चाहती थी. मगर सील पैक चूत की चुदाई और चुदी हुई चूत की चुदाई के बारे में मर्द को पता लग जाता है. जीजा ने ये बात मुझे खुद ही बताई. उन्होंने दीदी को इस बारे में कुछ नहीं कहा.
दोस्तो, मैंने अपने जीजा से अपनी चूत चुदवा ली. यह मेरी रियल स्टोरी थी. आपको मेरी कहानियों में मजा आता है? मुझे अपना रेस्पोन्स दें. मैं आपके लिए आगे भी इसी तरह चुदाई की गर्म कहानियां लेकर आती रहूंगी.
मुझे मैसेज करने के लिए नीचे दी गई मेल आईडी का प्रयोग करें और मेरी जीजा साली सेक्स स्टोरी पर अपने कमेंट्स के जरिये अपनी प्रतिक्रिया भी दें. [email protected]
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