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दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं गुजरात का रहने वाला हूँ. जब मैंने अन्तर्वासना की सेक्स कहानियों को पढ़ा, तो मुझे बड़ा अच्छा लगा. मुझे लगा कि अपनी बात को कहने का इससे अच्छा पटल और कोई नहीं हो सकता है. इसीलिए मुझे भी लगा कि मैं भी आज मेरी रियल सेक्स स्टोरी को आप लोगों को बताऊं.
मैं और मेरे परिवार में दो बहनें हैं. मैं सबसे छोटा हूँ, मेरी बड़ी बहन अल्पा 35 साल की हैं और उनकी शादी गुजरात मैं ही हो गयी है. वो हमारे गाँव के पास के गांव में ही रहती हैं. दूसरी बहन सेजल है, जो 32 साल की है. उनकी भी शादी हो गयी थी, लेकिन एक दुर्घटना में मेरे जीजाजी की मौत हो गयी थी. मैं गुजरात के बाहर जॉब की वजह से चला गया था.
मेरे जीजाजी की मौत हो जाने के बाद मैं हमेशा मेरी विधवा बहन, जो मुझसे बड़ी है, उनका ख्याल रखता था. मेरी बहन, उनकी पांच साल की बेटी और उनके ससुर एक साथ रहते हैं.
पिछली बार जब मैं गुजरात गया था, तो मैंने सोचा था कि दो दिन अपनी इसी बहन के घर भी रहकर आऊं तो उनको भी अच्छा लगेगा.
जब मैं उनके घर गया, तो वो रसोई में खाना पका रही थीं. मैंने देखा कि मेरी बहन बड़ी ही गजब लग रही थीं. उन्होंने उस वक्त लेग्गिंस और स्किन टाइट कुर्ता पहना हुआ था, जिसमें से उनके छत्तीस साइज़ के बड़े बड़े मम्मों की गोलाईयां साफ़ नज़र आ रही थी और चूचों के बीच पतली सी गली भी दिख रही थी, जो सीधा नाभि तक जा रही थी. नीचे उनकी लेग्गिंस से उनकी चिकनी टांगें ऐसे नुमायां हो रही थीं जिससे किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
किसी के आने की आहट पाकर वो मुड़ीं … और मुझको देख कर खुश होकर बोलीं- अरे राहुल भैया, आप कब आए … और कैसे हो? मैंने उनको बताया कि मैं बस अभी आया हूँ … और एकदम ठीक हूँ.
फिर थोड़ी देर हमारी बातें हुईं. उनके ससुर घर के पास ही पड़ोसी के पास बैठे थे. कुछ देर बाद वो भी आ गए थे और फिर रात को डिनर हम लोगों ने साथ में लिया. उनके घर में रसोई, एक बेडरूम और एक सामान रखने के लिए एक छोटा सा कमरा था. एक बड़ा कमरा था, जिसमें वो लोग सोते थे.
उनके घर में डबल बेड नहीं था. चूंकि घर में मेरी बहन, उनकी बेटी और ससुर रहते थे, तो उनको ये अच्छा नहीं लगता था कि वे सब एक ही बिस्तर पर सोएं.
खाना खाने के बाद हम लोगों ने थोड़ी बातें की. अब तक रात के ग्यारह बज गए थे. मेरी बहन ने कहा- काफी रात हो गई है … हमको सो जाना चाहिए. मैं बिस्तर लगा देती हूँ.
मेरी बहन ने एक साइड में मेरा बिस्तर डाला और बीच में अपने ससुर का और एक साइड में अपना और अपनी बेटी का एक साथ बिस्तर लगा दिया.
रात के करीब एक बजे मैंने कुछ आवाज़ सी सुनी, जिससे मेरी नींद खुल गयी. मैंने जो पतली सी चादर ओढ़ रखी थी उसमें से मैंने देखा तो मेरी बहन नाइट गाउन में अपने ससुर के बिस्तर पर सोई थीं.
पहले तो ये सब देख कर मैं चौंक गया कि मेरी बहन का ससुर उनको अपने साथ सुलाता है. फिर मैंने सोचा कि हो सकता है कि ये सब शारीरिक भूख मिटाने के लिए बहन की तरफ से ही समझौता हो. तब भी आज वो दोनों मेरी नींद खुलने के डर से चुपचाप ऐसे ही एक साथ लेटे थे.
ये सब विचार बड़ी तेजी से मेरे दिमाग को क्रोध से भर रहे थे … और उन दोनों को एक साथ लेटे देख कर मेरी झांटें सुलग गई थीं. मेरे दिमाग़ में ख्याल आ गया कि मैं दीदी के ससुर को अभी के अभी चांटा मार दूं.
कुछ पल अपनी बहन को देखने के बाद मेरे दिमाग में सेक्स चढ़ने लगा और फिर से ये ख्याल आ गया कि हो सकता है कि मेरी बहन को ही अपने ससुर का साथ पसंद हो … आख़िर उनके पति की मौत के बाद उनको भी मर्द के साथ की ज़रूरत हो.
ये सब सोच कर मैं भी ऐसे ही पड़ा रहा और अपनी बहन के मदमस्त शरीर का जायजा लेता रहा.
फिर कुछ बीस मिनट के बाद मेरी बहन बैठ गई और उन्होंने अपने ससुर की नाइट ड्रेस को उतार दिया. फिर वो अपने ससुर के बिल्कुल मुर्दा पड़े हुए लंड को चूसने लगीं.
हालांकि तभी उनके ससुर ने धीमे से कहा भी- सेजल आज रहने दे, तेरा भाई जाग गया, तो प्राब्लम हो जाएगी. लेकिन मेरी बहन ने कहा- नहीं, मुझे आज चाहिए ही है. वो उनके लंड को बड़ी तन्मयता से चूसने लगी थीं. मेरी बहन के ससुर भी गर्म होने लगे और वे उनके मम्मों को दबाने लगे.
थोड़ी देर में ही उनके ससुर का लंड टाइट हो गया. तभी मेरी बहन ने तकिए के नीचे से कंडोम निकाला और अपने ससुर के लंड पर चढ़ा कर लंड पर एक किस करके बगल में पैर खोल कर लेट गईं. फिर उनके ससुर उनके ऊपर चढ़ गए और उन्होंने मेरी बहन को अपने पैर ऊपर उठाने को कहा.
मेरी बहन ने अपने दोनों पैरों को ऊपर उठा दिया. मेरी बहन के पैर उठने से उनकी चुत का मुँह खुल गया और उनके ससुर से एक ही शॉट में अपना पूरा लंड मेरी बहन की चुत के अन्दर पेल दिया. मेरी बहन के मुँह से एक हल्की सी उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकली और उन्होंने अपने ससुर का लंड खा लिया.
उसके ससुर ने भी लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया. वे अपने पूरे लंड को चूत के अन्दर बाहर करने लगे. मेरी बड़ी बहन ‘आआ आहह ओह …’ कर रही थीं.
थोड़ी देर के बाद उनके ससुर ऐसे ही चुत में लंड डाले हुए रुक गए. मुझे लगा कि उनका रस आने वाला है, इसलिए वो रुक गए. लेकिन वे अभी झड़े नहीं थे. एक अनुभवी मर्द के द्वारा चुदाई के बीच में ऐसा इसलिए भी किया जाता है कि जब रस आने को होता है, तो अक्सर मर्द रुक जाता है. इससे उसका जूस भी निकलने से रुक जाता है.
अब ससुर मेरी बहन के जिस्म को एंजाय करने लगे. वो मेरी बहन के मम्मों को दबाने लगे और आम की तरह चूसने लगे.
एक मिनट बाद वो वापस से चुत में धक्के देने लगे. फिर कुछ मिनट में मेरी बहन झड़ने लगीं. वो अपने चरम पर आते ही ज़ोर ज़ोर से पूरा लंड अपनी चुत में गांड उछाल उछाल कर लेने लगीं. वो शायद झड़ने लगी थीं. तभी ससुर का लंड भी मेरी बहन की चुत में झड़ने लगा. एक मिनट बाद वो दोनों शांत हो गए.
ससुर ने मेरी बहन की चुत से अपना लंड बाहर निकाला और मेरी बहन की चिकनी चुत पर किस करके बोले- ले अब इसकी छतरी को बाहर निकाल कर साफ़ दे. मेरी बहन ने उनके लंड पर लगे कंडोम को निकाला और फिर लंड को कपड़े से साफ़ कर दिया.
कुछ देर बाद वे दोनों अपनी अपनी जगह पर सो गए.
दूसरे दिन जब दीदी के ससुर सब्जी लेने बाजार गए, तो मैंने ऐसे ही बातों बातों में अपनी बहन से बात करना चाहा. उनसे कुछ इधर उधर की बात करने के बाद मैंने उनसे पूछा- एक बात पूछूँ? उन्होंने कहा- हां पूछो ना!
मैंने एकदम से साफ़ कहा- जीजाजी का देहांत हुए चार साल हो चुके हैं, तो इसके बाद आपको सेक्स की ज़रूरत नहीं होती? मेरे सवाल पर दीदी ने शरमाते हुए कहा- धत्त … ऐसी बात नहीं करते. मैंने कहा- दीदी, मैं भी एक शादीशुदा आदमी हूँ, तो मैं आपको समझ सकता हूँ. मेरी बात पर वो कुछ नहीं बोलीं.
मैंने कहा- दीदी तुम मेरी बात को अन्यथा मत लेना, पिछली रात को जो हुआ था, वो सब मैंने अपनी आंखों से देखा है. मेरी बात सुनकर वो हैरान हो गईं और पूछने लगीं- क्या देखा था? मैंने कहा- बनिए मत … अब आप मुझको ये बताओ कि वो सब तुम अपनी मर्ज़ी से उनके साथ करती हो या वो फोर्स करते हैं?
वो गहरी सांस लेकर बोलीं कि बस एक त्योहार के दिन उन्होंने मुझे हग कर दिया था, लेकिन काफ़ी सालों बाद एक मर्द की बॉडी टच हुई थी, तो मैंने भी उनको हग किया. फिर हम दोनों गर्म हो गए थे और फिर यह हो गया. मुझे भी यह सब चाहिए था. इसे पाने के लिए या तो मैं बाहर जाती … और कोई देख लेता तो बड़ा खराब लगता. इसलिए मैंने सोचा कि इससे अच्छा है कि घर की बात घर में ही रहे. बस हम दोनों की आपसी सहमति से ही ये सब होता है. तुम प्लीज़ ये बात किसी को नहीं बताना.
मैंने कहा- मैं अभी बात कर रहा हूँ … तो मैं समझ सकता हूँ, लेकिन आप बुरा नहीं मानो, तो मैं यह सब देख कर और सुन कर … इतना गर्म हो गया हूँ कि अब मुझसे रहा नहीं जाता है.
मेरी बहन ने मेरी वासना को समझ लिया और उसने हंस कर कहा- ठीक है तुम मुझसे वादा करो कि मेरे और मेरे ससुर के बारे में किसी को कुछ नहीं बताओगे, तो भैया मैं आपको भी चान्स दूँगी. मैंने हंसते हुए कहा- क्या नहीं बताऊं किसी को? वो कहने लगीं कि रात वाली बात! मैंने उन्हें छेड़ते हुए कहा- कौन सी बात … ज़रा खुल कर बताओ न? उन्होंने दबे हुए स्वर में बोला- ससुर जी के साथ सेक्स वाली बात!
मैंने कहा- देसी हिन्दी में बोलो ना? अब उन्होंने रंडियों की तरह सीना फुलाया और बोला- मेरे ससुर से चुत चुदाने वाली बात. मैंने भी बोल दिया- अगर मुझे भी वो चुत चोदने के लिए मिल जाए, तो मैं किसी को नहीं बोलूँगा. दीदी ने कहा- ओके … लेकिन जब मेरे ससुर घर पर नहीं हों तब तुम कर सकते हो. मैंने कहा- नहीं … आज रात को साथ में सेक्स करेंगे और तुम्हारे ससुर के सामने करेंगे. मेरी बहन ने कहा- ऐसा नहीं हो सकता.
मैंने कहा- आप बस ये बताओ कि आपकी इच्छा है उनके सामने चुदने की? इस बात पर उन्होंने बिल्कुल रंडियों वाली हंसी के साथ हां में गर्दन हिला दी और कहा- जवान लंड तो हर चुत वाली को पसंद होता है, तुम अगर कोई जुगाड़ कर सको … तो मैं तुम दोनों के लंड से चुदने को भी तैयार हूँ. मुझे बड़ी इच्छा भी है कि मैं एक साथ दो के साथ चुदाई का मजा लूं.
बहन की गर्मगर्म बातें सुनकर मैं बयान नहीं कर सकता कि उस वक़्त मेरे पेंट में मेरे लंड की हालत क्या हो रही थी.
मैंने कहा- आप एक काम करो, पिछली रात की तरह तुम लोग आज भी चुदाई करना. उसी समय मैं अचानक जाग जाउँगा और फिर तुम दोनों को रंगे हाथों पकड़ कर चिलाने लगूंगा कि ये सब क्या हो रहा है? इससे आपके ससुर शर्मिंदा हो जाएंगे और फिर जो मैं बोलूँगा वो आपके ससुर को करना पड़ेगा.
दीदी को सारी कहानी समझ आ गई और वो मेरे सीने से लग कर मुझे चूमने लगीं. मैंने दीदी के दूध मसलते हुए कहा- बस फिर हम तीनों साथ मिल के मज़े करेंगे. दीदी ने मुझसे अलग होते हुए हामी भर दी.
मैंने कहा- आज हम सब खुलासा के समय पहले पार्टी करेंगे. इसके बाद चुदाई का मजा लेंगे. दीदी ने मेरे लंड को पकड़ कर हिला कर ओके कह दिया और मुझे धक्का देकर जाने के लिए कह दिया.
मैं लंड सहलाता हुआ बाहर चला गया और एक सिगरेट सुलगा कर अपनी विधवा बहन की चुदाई चुत के लिए सोचने लगा. फिर मैं थोड़ी देर के लिए मार्केट की तरफ निकल गया और अपने लंड को सहलाते हुए घूमने लगा.
बाजार से वापस आते वक़्त मैंने दो सेक्स पावर की गोलियां और एक व्हिस्की की बोतल ले ली और घर आ गया.
हमारे प्लान के मुताबिक रात के वक़्त खाना खाने के बाद लाइट बंद करके हम सब सो गए. कमरे में सिर्फ़ एक ज़ीरो वॉट का बल्ब जल रहा था, जिससे बहुत ज़्यादा तो नहीं … लेकिन हम एक दूसरे को देख ज़रूर सकते थे.
कुछ देर बाद हम सब सो गए और फिर कोई चालीस मिनट के बाद जैसे ही मेरी रंडी बहन के ससुर को लगा कि अब कोई प्राब्लम नहीं है, तो वो नंगा हो कर अपना लंड हिलाते हुए मेरी बहन को दिखाने लगा.
मेरी बहन भी उठ कर उनके बिस्तर पर जाकर बैठ गयी. वो उनका लंड हाथ में पकड़ कर सहलाने लगीं. फिर वो ससुर के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. इस सबसे उनके ससुर का लंड बिल्कुल टनटना गया और आसमान की ओर खड़ा हो कर सलामी देने लगा. मेरी रंडी बहन मज़े से अपने ससुर के लंड को पूरा मुँह में ले कर चूसने लगीं.
उनके ससुर ने धीरे धीरे दीदी के भी कपड़े निकालने शुरू कर दिए और उन्हें सिर्फ़ पेंटी और ब्रा में ला दिया.
यह सब देख कर ही मेरा हाल खराब हुआ जा रहा था. तभी दीदी के ससुर ने उनकी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी और बहन के मम्मों को चूमते दबाते हुए चूसने लगे. धीरे धीरे पेट से होते हुए वो मेरी बहन की चुत को अपनी जीभ से चाटने और चूसने लगे.
इस सबसे मेरी बहन की सिसकारियां निकलने लगीं. तभी मैंने नींद में से उठने का नाटक करते हुए ज़ोर से चिल्ला दिया- सेजल दीदी आप यह क्या कर रही हो?
वो दोनों अचानक से अलग हुए … तभी मैंने उठ कर लाइट ऑन करके दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया. मैं उनको हैरान होकर देखने लगा. वो दोनों सहमे हुए से मुझे देखने लगे और कुछ बोल पाने के काबिल भी नहीं रहे. मैंने गुस्से में आकर एक ज़ोर का थप्पड़ मेरी बहन के ससुर को जड़ दिया और उनसे बोला- अपनी उम्र का तो ख्याल करते … अपनी बेटी जैसे उम्र की बहू के साथ ऐसा करते आपको शर्म नहीं आई?
इससे घबरा कर दीदी के ससुर ने मेरे पैर पकड़ लिए और कहने लगे- मुझे माफ़ कर दो, मैं तुम्हारी बहन की जवानी देख कर बहक गया था और मुझसे ग़लती हो गयी. मैंने अपनी बहन को भी एक थप्पड़ जड़ते हुए उनसे बोला- साली रंडी तुमको भी शर्म नहीं आई अपने बाप जैसे ससुर के साथ चुदवाते हुए.
वो दोनों कुछ बोलने के काबिल तो थे नहीं … बस दोनों मेरे पैरों में गिर कर माफी माँगने लगे और कहने लगे कि तुम जो सज़ा देना चाहो, हमें दे दो, पर यह बात किसी को मत बताना.
इस बीच मेरी बहन ने मुझे आंख मारते हुए इशारा दे दिया था. मैं थोड़ा नरम होते हुए उनके ससुर से बोला- माफ़ तो मैं तुम्हें कर दूँगा … लेकिन इसकी सज़ा देने के बाद. मेरी दीदी बोलीं- तुम जो चाहो वो सज़ा दे दो … पर भैया हमारी लाज आपके हाथ में है.
उसके ससुर भी थोड़े नॉर्मल हुए और आशा भरी निगाहों से मुझे देखने लगे.
इस बीच मेरी बहन ने चादर उठा कर अपने शरीर पर डाल ली थी और वो अपने यौवन को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थीं.
मैंने उनके ससुर की तरफ देखा और उनसे पूछा- यह सब कब से चल रहा है? उन्होंने डरते हुए बताया- दो सालों से.
मैंने एक सिगरेट सुलगाते हुए कहा कि मैं सब विस्तार से सुनना चाहता हूँ. वो मुझे सिगरेट पीते हुए देख कर कुछ नहीं बोले.
मैंने अपनी बहन को बोला कि आप भी सामने बैठ जाओ. लेकिन पहले तीन गिलास, ठंडा पानी और थोड़ा नमकीन ला कर दो … हम सब बैठ कर पीते हुए आपस में बात करेंगे.
ससुर और मेरी बहन चुपचाप मेरी तरफ देख रहे थे. ससुर को तो कुछ सूझ ही नहीं रहा था कि वो क्या करे और क्या न करे.
इस बीच मैंने अपनी बहन की चादर खींच ली और उनको ऐसे ही नंगी जाने को कहा. मेरी बहन जैसे ही अन्दर गईं … मैंने उनके ससुर से मुस्कुराते हुए कहा कि आप चिंता मत करो … आज अपनी इस रंडी बहन को मैं भी चोदना चाहता हूँ. मेरी बात सुनकर वो भी हंसने लगे और बोले- मुझे क्या फ़र्क पड़ता है. तुम भी इसकी बहती जवानी की नदी में डुबकी लगा लो.
अब तक मेरी बहन भी सामान ले कर आ गयी थी. मैंने शराब की बॉटल खोल कर पैग बनाए और हम तीनों ने पैग लगाने शुरू कर दिए.
मेरी रंडी बहन की चुदाई का पूरा इंतजाम कुछ तरह से कर दिया था, जिसमें उसके ससुर को ये लगे कि वो ही कसूरवार था जिस वजह से उसकी बहू यानि मेरी बहन को चुदना पड़ रहा था.
आगे के भाग में मदमस्त चुदाई की कहानी का मजा लेना न भूलिएगा. आपके मेल की प्रतीक्षा रहेगी. [email protected]
कहानी का अगला भाग: रंडी बहन की चुत में डबल लंड-2
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