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दोस्तो, मैं दीप मलिक, आज आपके पास अपने जीवन की सत्य घटना, जिसमें मैंने एक शादीशुदा चुदासी भाभी को चोदा, पर आधारित एक सेक्स कहानी को बताने आया हूं.
अन्तर्वासना जैसे विश्वविख्यात पटल पर हिंदी में सेक्स कहानी लिखने का ये मेरा पहला अनुभव है. मुझसे लिखने कुछ गलती हो जाए, तो प्लीज आप नजरअंदाज कर दीजिएगा.
दोस्तो, मैं अपने इस रंगीन अनुभव को शब्दों में पिरो कर आपको रोमांचित करने का प्रयास करूंगा.
मैं आपको बता देना चाहता हूँ कि मैं हरियाणा का रहने वाला हूं और यह सेक्स कहानी मेरे जीवन की मस्त कहानी है.
यह बात करीब 3 साल पहले की है, जब मैं डिप्लोमा कर रहा था. मैं फेसबुक तो नियमित यूज करता ही था, तो एक दिन मेरे पास एक भाभी की रिक्वेस्ट आई. उनका नाम कोमल (बदला हुआ नाम) था.
फेसबुक पर भाभी जी से दोस्ती हुई तो ऐसे ही हमारे बीच बातें भी होने लगीं. समय के साथ साथ हम दोनों एक दूसरे से अन्तरंग होते चले गए. हम एक दूसरे से अपनी बातों को शेयर करने लगे. धीरे-धीरे कोमल भाभी मुझे अपना सबसे बेस्ट फ्रेंड माननी लगी. कोमल मेरे शहर के पास के ही दूसरे उपनगर की रहने वाली थी.
उसकी बातों से ही मुझे जानकारी लगी थी कि उसका पति कुछ ज्यादा ही शराब पीता था. वो शराब पीकर गाली गलौज करता था, कोमल भाभी के साथ मारपीट भी करता था. भाभी अपनी कड़वाहट भरी इन सब बातों को मुझसे शेयर कर देती थी.
उसकी इन बातों से मुझे उसके साथ काफी हमदर्दी हो गई थी. एक तरह से आप कह सकते हैं कि मुझे उसके प्रति सहानुभूति तो हो ही गई थी … साथ में प्यार भी हो गया था.
मैं कोमल को अपना समझ कर बहुत प्यार से दिलासा देने का प्रयास करता था, वो भी मेरी सहानुभूति भरी बातों से खुद को काफी संतुलित महसूस करती थी. हमारा इस तरह का प्यार दिल ही दिल में परवान चढ़ने लगा था.
एक दिन उसने अपनी फोटो सेंड की. पहले तो उसने अपनी सिंपल फोटो सेंड की. उस फोटो को देख कर ही मुझे अहसास हो गया था कि कोमल एक माल दिखने वाली आइटम है. सच में उस साधारण सी फोटो में भी कोमल भाभी क्या मस्त माल लग रही थी यारों … मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया था.
भाभी का 34-32-36 का कंटीला फिगर साइज वास्तव में गजब था. मैंने उसके फिगर की खुल कर तारीफ़ की. उसको मेरा तारीफ़ करना अच्छा लगा, तो उसने पूछा कि इस साधारण से फोटो में तुमने मेरे फिगर को इतने अच्छे से कैसे समझ लिया? मैंने कहा- मैंने तो सिर्फ अंदाज लगाया है. बाकी तो कोई ऐसी फोटो हो, जिससे मुझे फिगर सही समझ आए, तो मैं और भी ज्यादा बता सकता हूँ.
इस पर उसने हंसते हुए अपनी एक दूसरी फोटो भेज दी. इस फोटो में उसने मुझे चौंकाते हुए अपनी नंगी तस्वीर भेज दी थी. जिसमें वो नहा रही थी.
आह … नंगी फोटो देख कर मेरा तो कलेजा हलक से बाहर आने को हो गया. कोई भाभी मुझे ऐसी तस्वीर कैसे भेज सकती थी. मगर मैंने उसकी भावना को समझ लिया था कि वो वाकयी मुझे अपना बहुत कुछ समझने लगी थी.
मैंने फोटो को निहारा … इस नंगी फोटो में भाभी क्या कहर ढा रही थी यार … उसकी एकदम कसी हुई जवानी, गोल गोल उठे हुए चूचे … आह देख कर ही ऐसा लग रहा था कि इसका पति भोसड़ी का चूतिया है.
भाभी का संगमरमर सा चमकता हुआ बदन ऐसे लग रहा था, जैसे किसी ने बहुत ही फुर्सत से बनाया हो. एकदम तराशा हुआ बदन था. भाबी के नहाने के समय की फोटो के कारण उसके बदन पर चिपकी हुई पानी की बूंदें किसी मोती की नक्काशी सी लग रही थीं.
नीचे की तरफ नजर गई तो आह … एकदम मस्त उठी हुई गांड साफ़ साफ़ क़यामत बरपा रही थी. मेरा मन हुआ कि इसे तस्वीर से बाहर खींच कर एकदम से चोद दूं.
मैंने कोमल की खूबसूरती की खुले दिल से तारीफ़ की और अपने दिल की हालत भी बयान कर दी. उसने भी मेरी तारीफ़ का लुत्फ़ उठाया और अब वो मुझसे और भी ज्यादा बिंदास हो गई थी.
हम दोनों सेक्स की बातें भी करने लगे थे. मैं उसे पाने की अपनी चाहत भी बता चुका था. वो भी मुझसे सैट हो गई थी.
फिर एक दिन हमने मिलने का प्लान बनाया. मैंने होटल में एक रूम बुक करवा लिया … ताकि हमें मिलने में कोई परेशानी ना हो.
जब वो मेरे सामने आई … तो मैं भौंचक्का रह गया. वो क्या कहर ढा रही थी यार … पहली बार देख कर भरोसा ही नहीं हुआ कि वो एक भाभी है.
उस समय वो एक चुस्त सा ब्लैक सलवार सूट पहन कर आई थी. मैंने उसे बस स्टैंड पर से पिक किया और होटल ले आया. हम दोनों होटल के रूम में चले गए.
कमरे के अन्दर जाते ही मैंने कुंडी लगाई और मैं उससे लिपट गया. वो भी लता सी लिपट गई. मैंने उसकी गांड को अपने दोनों हाथों से दबा दिया. उसके मुँह से आहहह निकल गई. हम दोनों पांच मिनट तो एक दूसरे से इतनी जोर से लिपटे रहे कि हमार बीच से हवा ने भी निकलने से मना कर दिया था.
फिर मैं उसके गाल पर हाथ फेरने लगा. वो मेरे प्यार भरे स्पर्श से मदहोश होने लगी. धीरे धीरे मैंने उसे चुम्बन करना आरम्भ किया.
आह क्या रसीले गुलाबी होंठ थे.
कुछ पल बाद मैंने उसका सलवार सूट निकालने का किया. वो भी नंगी होने को आतुर थी. मैंने पहले कुर्ता निकाला तो उसने खुद ही अपने हाथ ऊपर करके मुझे सहयोग किया. अन्दर छोटी सी रक्तिम ब्रा में कसी उसकी चूचियां मुझे ललचा रही थीं. मैंने उसकी चूचियों में अपना मुँह लगाते हुए उसके सलवार का नाड़ा ढीला कर दिया. सलवार ढीली होते ही नीचे गिर गई. उसने अपने पैरों से सलवार निकाल दी.
आह क्या बताऊं दोस्तो … उसने लाल रंग की जाली वाली ब्रा और पैंटी पहनी थी. मैंने उसकी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी और साथ में उसने मेरी पेंट और शर्ट उतार दी.
उसका खूबसूरत शरीर क्या गजब ढा रहा था दोस्तो … वह मेरे सामने एकदम मादरजात नंगी खड़ी थी. उसके उभरे हुए गोल गोल चूतड़ों के बीच क्या मस्त गांड थी. उसके शरीर की बनावट को देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे किसी ने अपने हाथों से तराशा हो.
उसकी उम्र 35 वर्ष थी, लेकिन अभी भी वो 25 वर्ष की लड़की को फेल कर रही थी.
तभी उसने मेरा लंड को स्पर्श किया. मेरे लंड का आकार साढ़े पांच इंच का है, ये सामान्य ही है … लेकिन ये किसी भी चुत को पूरी तरह से संतुष्ट कर सकता है.
मेरे लंड को देखते ही एकदम से बोली- मेरे राजा … मुझसे रहा नहीं जाता. पहले तुम एक बार मेरी प्यास बुझा दो और मुझे अपनी बना लो. इतना कहते ही भाभी एकदम से नीचे बैठ गई और उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया.
भाभी के मुँह में लंड का अहसास पाते ही मुझे तो मानो जन्नत मिल गई थी. उस भाबी ने मेरे लंड को ऐसे चूसा, जैसे लॉलीपॉप चूसते हैं. मैंने भी उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह को जोर जोर से चोदना चालू कर दिया.
मुझे डर्टी सेक्स करना बहुत पसंद है. मैंने लंड बाहर निकाल कर उसके मुँह पर भी मारा और मेरे टट्टों को उसके मुँह पर घिसा. मैंने अपना पूरा लंड उसके मुँह में डाल दिया. उसके गले से गुलप … गुलप … गरर गरर … की आवाज आने लगी. वो अपनी आंखों में प्यार के आंसू लिए मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने उसके मुँह को चोदना जारी रखा और पूरा रस उसके मुँह में निकाल दिया. वह मेरा सारा माल पी गई.
मैंने उसको खड़ा किया बेड पर लेटा दिया. मैं ऊपर से उसके निप्पलों को काटने लगा. जिससे उसके मुँह से ‘शस्स्स आहहहह …’ की आवाज आने लगी.
फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसके चूतड़ों पर मेरी जीभ फेरी, जीभ फिराते टाइम ही मैंने उसके चूतड़ों की कोमल खाल को हल्के से काट दिया.
वह एकदम से चिहुंक कर बोली- उई … माँ … मार ही डालोगे क्या … अब चोद भी दो मेरी जान … अपनी पत्नी को छोड़ दो न … क्यों तरसा रहे हो … आहहह शशउउ..
उसके मुँह से बार बार इसी तरह की आवाजें निकल रही थीं. फिर मैंने उसे बेड पर चित्त लिटा दिया. हम दोनों 69 की पोजीशन में लेट गए थे. मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरे लंड को चूस रही थी. लंड चुत की चुसाई के बाद मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगा दिया ताकि उसकी चूत का द्वार पूरी तरह से खुला रहे.
इसके बाद मैंने उसकी चूत की फांकों में अपने लंड का सुपारा घिसा. भाबी एकदम से गनगना उठी और वो अपने पैरों को पूरा फैला कर मेरे लंड का स्वागत करने लगी.
अभी वो कुछ समझ पाती कि मैंने बिना कुछ बोले … एकदम से पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया.
वो एकदम से कसमसा उठी, उसे दर्द हुआ … क्योंकि उसे अंदाजा ही नहीं था कि मैं एकदम से लंड अन्दर घुसा दूंगा.
भाभी लंड लेते ही जोर से चीखने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… उई माँ मार दिया … आहहह उईई … फट गई … प्लीज धीरे करो … आह जान!
मैं चुत में लंड पेलने के साथ ही उसके होंठों को चूस रहा था. मैंने अपने दोनों हाथों से भाभी के मम्मों को पकड़ रखा था.
मैंने फिर से जोर से झटका लगाया. उसके मुँह से फिर से आवाज निकल गई- उइईईइइ माँ आहहह …
होटल के कमरे में चुदाई की थप थप की आवाज आने लगी. मैं दस मिनट तक बिना रुके उसको चोदता रहा. इस दौरान वो एक बार झड़ चुकी थी. मैं अभी भी चालू था.
मुझे डॉगी पोजीशन में सेक्स करना सबसे ज्यादा पसंद है. उसने मेरी तरफ प्यार से देखा, तो मैंने इशारा किया. वह मेरी बात को समझते हुए झट से डॉगी पोजिशन में आ गई. मैंने उसकी कमर पर हाथ रख कर कमर को नीचे को किया ताकि उसकी गांड ऊपर उठ सके.
इसी दौरान मैंने अपना पूरा लंड उसकी गांड में अन्दर डाल दिया. उसे लगा था कि मैं चुत चुदाई करूंगा. लेकिन गांड में लंड घुसा तो वो रोने लगी.
क्योंकि मैंने भी बिना तेल लगाए भाभी की गांड में लंड पेल दिया था.
भाभी को बहुत दर्द हो रहा था. वो मेरी पकड़ से छूटने की कोशिश कर रही थी. मैंने उसको दोनों के कंधों को पकड़ रखा था. जिस वजह से वो मुझसे छूट ही न सकी. मैं भाभी को यूं ही जकड़े हुए जोर जोर से उसकी गांड में झटके मारने लगा.
दस बीस धक्कों के बाद मेरे लंड ने भाभी की गांड में जगह बना ली थी, जिससे उसको भी दर्द होना कम हो गया था.
अब भाभी भी अपनी गांड उछालने लगी थी. मैंने जोर जोर से उसके गांड पर थप्पड़ मारे. थप्पड़ मारने की वजह से उसके चूतड़ बिल्कुल बंदर की तरह लाल हो गए थे.
वह भी अपनी गांड चुदाई में मेरा साथ पूरी तरह से दे रही थी और मस्ती से चिल्ला रही थी- आह … मजा आ रहा है … जोर से चोदो … मेरे पति ने भी मेरी गांड मारी थी, मगर तब मुझे मजा ही नहीं आया था.
मैं समझ गया कि इसकी गांड ठीक से नहीं खुली थी. मैं उसकी गांड मारता चला गया. अंत में मैंने उसकी गांड में ही अपना लंड रस छोड़ दिया. हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर गिर गए.
कुछ देर बाद हम दोनों सीधे होकर एक दूसरे से लिपट कर लेट गए. मैंने कोमल भाभी को चोदा दो बार तो वो बहुत खुश थी.
बाद में हम दोनों अपने अपने घर चले गए. भाभी अब भी मुझसे चुदवाने के लिए तैयार रहती है. मैं भी समय और मौक़ा मिलते ही उसे चोद देता हूँ.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी थी जिसमें मैंने एक भाभी को चोदा. दोस्तो, आप प्लीज अपने कमेंट और मेल करके मुझे जरूर बताएं, कहानी कैसी लगी. [email protected]
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