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दोस्तो, मैं विचित्र सिंह. मैं अन्तर्वासना पर विचित्र गुप्त के नाम से कहानी लिखता हूं. परंतु मेरा असली नाम रॉकी राज़ है और मैं अब अपनी नाम से ही कहानी लिखूंगा. मेरी पिछली कहानी दोस्त की भाई की शादी में सुहागरात तो आपने पढ़ी ही होगी. आज मैं आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहा हूं. जिसमें चुदाई उस बात पर निर्भर करती है. अगर सब कुछ सही रहा, तो मस्त चुदाई होगी.
इस कहानी में मैं अपने बारे में ज्यादा जानकारी दे देना चाहता हूँ क्योंकि पिछली कहानी में मैं अपने बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पाया था. उस कहानी में मैं कामुकता के भंवर में बहता चला गया था. इसलिए जल्दी से कहानी पर आ गया था.
आज मैं अपने बारे में बता देता हूं. मेरा नाम रॉकी राज है. मेरी उम्र 20 साल है. लंबाई 5 फीट 6 इंच है. मेरे परिवार में मैं, माता-पिता और दादा-दादी सभी लखनऊ में रहते है. मैं लखनऊ में ही एक निजी आईटीआई कॉलेज में हॉस्टल में रह कर पढ़ता हूं.
सबसे पहले आप सबको त्यौहार की शुभकामना. न सभी सेक्सी भाभियों और आंटियों को भी, जो सेक्सी साड़ी में मस्त माल लगती हैं.
मैं इस बार की होली में अपने घर पर काफी खुशी हुआ था. क्योंकि एक तो इस होली में मैंने स्वीटी आंटी के साथ मस्त होली खेली और होली खेलने के दौरान हीं हम दोनों ने संभोग किया. दूसरी ख़ुशी ये थी कि मुझे वो जानकारी मिली थी, जिसकी तैयारी में मैं अभी से लग गया था.
होली के कुछ दिन पहले ही मुझे पता चल गया था कि हमारे दूर के छोटे मामा की शादी होने वाली है. हमें कानपुर जाना है.
मैं अपने इन दूर के मामा के घर पहली बार चार साल पहले गया था, जब बड़े मामा की शादी थी. उसके एक बाद मैं और मेरे पिता जी कानपुर उनके बेटे के एक साल होने पर उसके जन्म दिन पर पर गए थे.
उस वक्त शिखा मामी से मिल कर मुझे इस बात का इशारा मिल गया था कि यदि वो मुझसे चुदने के लिए राजी थीं.
उसका जरा सा हवाला दे रहा हूँ कि उस वक्त क्या हुआ था.
उस समय मैं तो उनके यहाँ होने वाली पार्टी में अच्छा खाना खाने के लिए गया था. पर कानपुर जब पहुंचा, तब बड़ी मामी शिखा हमारे लिए कोल्डड्रिंक लेकर आईं. उस समय मैंने उनको पहली बार देखा था. उसके बाद वह मुझसे काफी खुल कर बात कर रही थीं … और हंसी मजाक कर रही थीं.
मुझे उनका बात करना अच्छा लगा. पर रात में पार्टी में जब मैंने उनको सेक्सी बैकलैस साड़ी में देखा, तो मैं मन में ही बोल पड़ा कि वाह क्या मस्त माल है. अब मैंने उनको और भी अच्छे से निहारना शुरू किया. ध्यान से देखा कि उनकी मालदार कमर, सुडौल और उभार लिए भारी चूचे और मटकती गांड. मैं उन्हें देख कर एकदम मदमस्त हो गया.
उस समय उनकी उम्र लगभग 23 साल की रही होगी. उनकी फिगर लगभग 32-28-34 की रही होगी.
उस वक्त मेरे मन में आया कि अब खाना क्या खाऊं … सामने इतना लाजबाव बदन है, अब तो मेरा मन मामी के लाजवाब बदन का ही भोग लगाने को करने लगा.
सभी पार्टी में मशगूल थे, तभी मामी मेरे पास आ गईं और मुस्कुराते हुए बोलीं- क्या हुआ जनाब ध्यान कहां है आपका? तभी मेरा ध्यान टूटा और पाया कि ये क्या … मामी तो कब की मेरे काफी पास आ गई हैं. मैं- नहीं नहीं … कहीं भी तो नहीं. मामी- पर मुझे तो लगा कि तो कब से मुझे ही देख रहे हो. मैं लजाते हुए बोला- नहीं नहीं ऐसा नहीं है.
ऐसा कहते हुए मैं वहां से दूर हो गया और मामी हंसने लगीं.
मैंने प्लेट उठा कर खाना खाया. फिर दो घंटे बाद पार्टी खत्म हो गई. सब महमान जाने लगे. हम लोग भी जाने लगे क्योंकि हमारी उसी रात ट्रेन की टिकट भी थी.
नाना और मामा ने हमें रोकने की कोशिश की … पर मेरे पापा ने कहा कि अगर हम आज रुक गए, तो फिर मुझे अपने छात्रों को एक दिन छुट्टी देनी पड़ेगी … इसलिए रुकना मुश्किल है. मेरे पापा प्राइवेट कोचिंग करते हैं.
तभी शिखा मामी मेरी ओर स्माइलिंग चेहरा देते हुए एकदम से बोल पड़ी- अरे रात को क्यों जा रहे हैं, कल सुबह चले जाइएगा. आज रात रुक जाइए और आज अच्छे से बात भी कर लेंगे. फिर कहां बात करने का मौका मिलेगा, क्यों रॉकी? पापा मेरी और देखते हुए बोले- नहीं हमें आज ही जाना पड़ेगा … क्यों है न? मैं क्या बोलता, मैंने दुःखी मन से ही मुस्कुराते हुए बोला- हां चलते हैं.
मैं ज्यादा और क्या बोलता, बस लंड सिकोड़ कर रह गया.
हम दोनों लखनऊ से वापस चले आए. लेकिन मुझे लगता था कि अगर मैं उस दिन रुक जाता, तो वो मुझसे जरूर चुदवा लेतीं … और वो मेरे जिंदगी की एक मस्त चुदाई होती.
मुझे ऐसा लगता था कि वो उस दिन मुझसे चुदने के लिए ही मुझे रोक रहीं थीं. अब भगवान जाने क्या बात थी, पर मुझे ऐसा लगता था कि मामी की चुत में मुझे लंड लगाने का अवसर था.
अब की कहानी:
अब जब मुझे अप्रैल के महीने फिर से मामा के घर जाना था, तो यह सुन कर मेरी बांछें खिल गई थीं. मैंने सोचा कि अब जो भी बात थी, वो पता चल जाएगी कि वो मुझसे चुदना चाहती थीं कि नहीं.
मैंने अभी से ये सोच कर मामी की चुदाई की प्लानिंग कर ली थी.
उनकी चुदाई की कल्पना मैंने किस तरह से बुनी थी, ये भी काफी रसीली घटना है.
मैं सोच रहा था कि जब हम सब परिवार के सदस्य, सिर्फ दादा और दादी को छोड़ कर कानपुर जाएंगे … तो सबसे पहले मैं सभी से अच्छे से मिलूंगा और प्रणाम करूंगा. उसके बाद फिर सब आपस मेल मिलाप और हाल-चाल पूछने का सिलसिला चलेगा. चूंकि अप्रैल महीने में तो और भी गर्मी होगी, तो वो लोग जरूर हमारे लिए ठंडा लाएंगे और अगर वो ठंडा शिखा मामी ट्रे में लेकर आएंगी, तो मैं गर्म हो जाऊंगा. क्योंकि ठंडा देते वक्त वो झुंकेंगी, तो मुझे उनके मस्त रसीले मम्मे देखने को मिल जाएंगे. उससे मेरे दिल में हलचल मच जाएगी. मेरा लंड ठनक जाएगा. उसके बाद मेरी नजरें सिर्फ और सिर्फ उन्हीं को देखती रहेंगी.
फिर मैं उनके पास जाने का बार बार बहाना ढूँढता रहूंगा और उनके पास बार जाऊंगा भी. साथ ही में मैं औरतों को आकर्षित करने वाला सेंट भी लगा कर जाऊंगा. फ्रेश होने के बाद हल्के फुल्के कपड़े पहनकर सेंट लगा कर बार बार मामी के पास जाकर मैं उनसे बात करने की कोशिश करूंगा. इस दौरान मैं उन्हें छूने की भी कोशिश करूंगा. उनसे हंसी मजाक भी करता रहूंगा. जब वो किचन में जाएंगी, तो मैं उनके पीछे जाकर इधर उधर की बात कर उनकी गांड पर पीछे से हल्के से हाथ फेरने की कोशिश करूंगा. उनके चूतड़ों को सहलाऊँगा. उसके बाद जब देखूंगा कि उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, तो बात करते हुऐ ही थोड़ा दबाना शुरू कर दूंगा.
अगर सच में उस दिन शिखा मामी मुझसे चुदवाना चाहती थीं, तो मुझे बिल्कुल भी नहीं रोकेंगी. मैं उनके चहरे के हाव भाव से ही समझता रहूंगा. मुझे लगता है कि मामी जरूर इसका मज़ा लेंगी और मैं मामी के करीब और सटता जाऊंगा. मामी जरूर थोड़ा नखरे दिखाते हुए मुझसे थोड़ा दूर जाने की कोशिश करेंगी. लेकिन मैं और उनके करीब चिपकता जाऊंगा. अगर किसी की आने की आहट सुनाई देगी, तो मैं फिर वहां से चला जाऊंगा.
इसके बाद मैं देखूंगा कि सब लोग किस किस काम में लगे हैं. फिर मैं मामी के किचन से निकलने के बाद उन्हीं के पीछे पीछे लगा रहूंगा. अगर वो सबके साथ में भी रहेंगी, तो भी मैं किसी तरह से उनकी गांड रगड़ने की कोशिश करूंगा.
अगर मामी मेरे से चुदवाना चाहती हैं, तो जरूर अपने कमरे के पास आएंगी और मैं भी उनके पीछे पीछे लग जाऊंगा.
कमरे के पास गेट पर आकर वो जरूर मुझसे कहेंगी- ये क्या रॉकी तुम कब से मेरे साथ ये क्या कर रहे हो. सबको बताऊं क्या कि तुम मेरे साथ रसोई में क्या कर रहे थे? मैं- नहीं मामी, मैं तो बस आप पर आकर्षित हो गया हूं. क्या आप मुझे थोड़ा अपने आपको छूने देंगी, प्लीज़. देखिए न मामी मेरा हाथ बार बार आपके मालदार जिस्म की ओर लपकता है. आपके मदमस्त जिस्म को छूकर मैं महसूस करना चाहता हूँ.
शिखा मामी मुस्कुराते हुए कहेंगी- कोई बात नहीं … तुम्हारी उम्र में ऐसा होता ही है. मैं तो उसी दिन ये सब चाहती थी, मगर तुम ही चले गए थे. तुम उस दिन रुके ही नहीं. तब मैं झट से उन्हें अपने बांहों में कस लूंगा और बोलूंगा- तब अभी कर लेते हैं. मामी हड़बड़ाते और मुस्कुराते हुए बोलेंगी- अरे अरे … ये क्या कर रहे हो. थोड़ा धीरज रखो.
मैं मामी को चूमाचाटी करते हुए बोलूंगा- नहीं मामी अब क्यों रुकूं, उस टाइम मैं छोटा था, ज्यादा आपके इशारे नहीं समझ पाया था. पर आज मुझे मत रोकिए … प्लीज़ आह … हाय क्या मालदार बदन है आपका … और ये मदमस्त मम्मे मेरी जाने ही लिए ले रहे हैं.
मैंने मामी के मम्मे दबाता हुआ- उफ़ कितना माल भरा हैं इनमें … मार डाला आपने तो … आह … उह … मामी.
फिर मैं उनके गदराए हुए यौवन पर ऐसे ही हाथ लगाता जाऊंगा और एक हाथ से उनके मम्मे मसल लूंगा. दूसरे हाथ से पीछे उनके सेक्सी गांड रगड़ दूँगा. साथ ही मैं अपने मुँह को उनके मुँह से सटा कर चूमता, चूसता और रगड़ता रहूंगा.
मेरे इस अचानक हमले से मामी खुद को संभाल नहीं पाएंगी और सिर्फ धीरे से ऊह … ह आह … आहा … हा … करने के सिवाए कुछ नहीं कर पाएंगी. वो धीरे से इसलिए सिसयाएंगी, ताकि कोई सुन न ले. शादी वाले माहौल में घर महमानों से भरा रहता है … इसका मामी जी को ख्याल रहेगा.
फिर भी उनकी धीमी और सेक्सी आवाजों से मैं शिखा मामी के यौवन में डूबता चला जाऊंगा और उनके मालदार मम्मों को कपड़े के ऊपर से ही, खासतौर पर अपने हाथ से दबा दबा कर खूब मज़े लूंगा.
इसके बाद मैं अपने मुँह को उनके मुँह रगड़ते हुए, उनके रसीले होंठों को चूमने का मजा लूंगा. फिर होंठ चूसते हुए ही नीचे उनके सूट के ऊपर से ही उनके मम्मों पर आकर अपने गालों को रगड़ रगड़ कर मजा लूंगा. मैं उनके मालदार मम्मों के खूब मज़े लूंगा.
फिर उनके मम्मों पर कपड़े के ऊपर से ही मुँह मारना शुरू कर दूंगा. उनके मम्मों को अपने होंठों से दबा दबा कर पीने की कोशिश करूंगा. इस तरह से उनके सूट पर मेरा थूक लग जाएगा.
फिर मैं अपने एक हाथ के अंगूठे से उनकी सलवार के ऊपर से ही उनकी चूत रगड़ने भी लगूंगा. फिर तो मामी और भी मेरे बांहों में मदमस्त होती चली जाएंगी और हम दोनों कामुकता के सागर में डूबते चले जाएंगे.
फिर जब मेरी मामी को आखिर में होश आएगा … तो वो मुझे अपने से दूर धकेल देंगी और बोलेंगी कि अभी नहीं रॉकी … कोई भी देख लेगा. लेकिन मुझे कंट्रोल कहां होगा … मैं फिर उनके पास को हो जाऊंगा और उन्हें अपनी बांहों में कसते हुए बोलूंगा- अभी नहीं तो कब? यह कहते हुए मैं उनके होंठों पर किस भी कर लूंगा. तब वो मुझे गेट से अपने रूम में खींचते हुए शायद ये बोलेंगी कि रात में जब सब सो जाएंगे, तो तुम हॉल में आ जाना.
शिखा मामी की कमर दबाते हुए मैं कहूंगा कि हॉल में तो कोई भी देख सकता है. मामी एक काम करते हैं … किचन में कैसा रहेगा. वहां किसी को हम पर शक भी नहीं होगा … और ऐसे भी मैं किचन में आपको चोदना चाहता हूं.
मामी मेरा लंड दबाते हुए बोलेंगी- तो ठीक है, किचन में मेरी चूचियों को और ज्यादा चूसने आ जाना. अब जाओ नहीं तो कोई देख लेगा. फिर मामी मुझे अपने कमरे से धकेलते हुए भेजेंगी और मैं जाते जाते उनके चूतड़ों, चुचियों और चूत रगड़ते हुए वहां से चला जाऊंगा.
मैं रात होने के ही बस इंतजार करूंगा और साथ ही में मेरी नजरें सिर्फ और सिर्फ शिखा मामी पर ही होंगी. सब लोगों के बीच भी मैं कभी उन्हें लाइन मारूंगा, तो कभी फ़्लाइंग किस दूंगा. कभी सबकी नजर बचा कर उनकी गांड को सहलाऊंगा और हल्का सा दबाऊंगा.
जब वो मुझे अकेले दिख जाएंगी, तो मैं सबकी नजर बचा कर उन्हें पीछे से पकड़ लूंगा. उसके बाद उनके बोबे दबाऊंगा.
इसी तरह से शिखा मामी के साथ छेड़छाड़ करते हुऐ रात हो जाएगी और फिर सबकी नजर बचा कर, सबके सोने के बाद हम दोनों किचन में आ जाएंगे.
किचन में आते ही सबसे पहले तो मैं मामी को अपनी बांहों में भर लूंगा और अपने दोनों हाथों से उनकी पीठ और गांड को रगड़ूंगा. अपने शरीर से चिपका कर उन्हें अपने आप में समा लूंगा. उसके बाद हम चूसना चाटना शुरू करेंगे. उसके बाद कपड़े उतारने का दौर शुरू होगा. मैं उनके, तो वो मेरे कपड़े उतारेंगी. इस तरह से फिर उनके पूरे यौवन भरे नंगे जिस्म के दीदार होंगे और फिर चुदाई शुरू हो जाएगी.
मैं मामी को खूब चोदूंगा और चोद चोद कर उन्हें निहाल कर दूंगा. मामा जो कसर छोड़ देते हैं, उसे मैं पूरा करूंगा. इस तरह से जब तक मैं कानपुर में रहूंगा, मैं उन्हें मौका देख कर बार बार चोदूंगा और उनके मुँह से चुदासी औरत के मुँह से निकलने वाली कामुक आवाजें कुछ इस तरह की होंगी- आह … ह ह … उह. … ह उंह … आउच … सी … सी … और जोर से रॉकी … उह रॉकी … उफ रॉकी … चोदो अपनी मामी की चोदो और से रॉकी … आंह मज़ा आ गया रॉकी.
ऐसा करते हुए हम दोनों झड़ जाएंगे. मैं मामी की चुत में ही झड़ जाऊंगा. हम दोनों के ही चेहरे पर संतोष ही संतोष होगा.
दोस्तो, कैसी रही मेरी चुदाई की कल्पना … अच्छी है न … इसी प्लानिंग और इरादे के साथ मैं अप्रैल के महीने में अपने नाना के भाई के छोटे बेटे यानि की दूर के मामा के घर कानपुर शादी में जा रहा हूं.
दोस्तो, अगर सब कुछ प्लान के हिसाब से चला, तो जरूर मेरे और यौवन से भरपूर शरीर की मालकिन शिखा मामी के बीच चुदाई हो जाएगी और मैं इसकी सजीव सेक्सी कहानी अवश्य लिखूंगा कि मेरे कानपुर जाने पर क्या क्या हुआ.
जैसा मैंने बताया कि ये बस मेरी प्लानिंग है कि मैं ऐसा करूंगा, वैसा करूंगा. अभी तक मेरे और शिखा मामी के बीच चुदाई हुई नहीं है. दोस्तों मेरे लिए भगवान से प्रार्थना कीजिएगा कि मेरा यह चुदाई का मिशन सफल हो जाए और मैं शिखा मामी को चोद सकूँ.
अगर नहीं भी चोद पाऊंगा तो भी, जो कुछ भी मेरे और उनके बीच होगा, वो मैं जरूर लिखूंगा. ये जरूरी नहीं है कि चुदाई हो ही. चुदाई के अलावा कुछ भी हो सकता है. साथ ही मैं होली वाली भी कहानी जल्द ही लाऊंगा … तो मिलते हैं इस कहानी के अगले भाग में. तब तक आप मुझे अपने मेल जरूर भेजिएगा. धन्यवाद. [email protected]
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