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दोस्तो, आपकी कोमल हाज़िर है अपनी कहानी के अगले भाग के साथ! अभी तक आपने पढ़ा कि कैसे मैं अपनी बहन को अपने बॉस के साथ चुदाई के लिए उनके फार्म हाऊस तक ले गई और हम चारों ने क्या क्या किया. अब हम दोनों की चुदाई शुरु होने वाली थी.
यहाँ से आगे आप सोनम के द्वारा बतायी गई एक एक बात उसके अनुसार पढ़ेंगे.
तो चलते हैं कहानी की तरफ सोनम की जुबानी:
दीदी के बॉस मुझे अपनी गोद में उठा कर एक रूम में ले गए. वो नशे में थे तो मैं डर रही थी कि कहीं वे मुझे गिरा न दें. पर किसी तरह मुझे रूम में ले गए. मैं केवल चड्डी में ही उनकी गोद में थी.
उन्होंने रूम में ले जाकर मुझे पलंग के पास खड़ा कर दिया और अपने कपड़े उतारने लगे. कुछ ही पल में वो केवल चड्डी में मेरे सामने थे. उनके पूरे शरीर पर बाल ही बाल थे. उनकी चड्डी से उनका लंड एकदम बाहर आने को हो रहा था.
वो अपने सीने को हाथ से मसलते हुए बोले- जान क्या देख रही हो? मेरा शरीर अच्छा नहीं लगा क्या? तुम्हारी बहन को तो बहुत पसंद है. चलो आज तुमको भी इस शरीर का नशा लगा देता हूँ. ऐसा कहते हुए अपना एक हाथ मेरी कमर में डालते हुए मुझे अपनी तरफ खींच लिया.
फिर मुझे अपने सीने से लगा लिया और कहा- कसम से कहता हूँ, तुम्हारी जवानी देख कर ही तुमको चोदने का मन बना लिया था. तेरे ये गदराये बदन को मेरे जैसे ही आदमी की जरूरत है; कोई कमजोर आदमी तुझे खुश नहीं कर सकता!
इतना कह कर मेरी चड्डी के ऊपर से मेरे गांड को सहलाते हुए बोले- आज तक कितनों से चुदी हो? मैं बोली- बस एक से ही! वो बोले- लगता है किसी गलत के हाथ में लग गई थी, तुमको जो मजा चाहिए वो दे ही नहीं पाया. चुदाई क्या होती है आज तुमको पता लगेगा. बोलो मेरा साथ दोगी ना? मैं बोली- हाँ क्यों नहीं!
“क्या क्या करोगी?” “जो आप बोलेंगे.” “सच?” “हां सच!”
“कभी लंड चूसा हो?” “नहीं!” “क्यों?” “गन्दा लगता है.” “अरे गन्दा क्या … चुदाई मजा लेने और देने की चीज़ है.” ऐसा कहते हुए उन्होंने अपनी चड्डी उतार दी. अपना विशालकाय लंड पकड़ के बोले- देखो!
उनका लंड देख मेरे तो होश उड़ गए. ऐसा काला मोटा लंड कैसे मेरी फुद्दी में जायेगा, बस यही सोचने लगी. वो बोले- कैसा है? “उई माँ … ये इतना मोटा कैसे जायेगा मेरी फुद्दी में?”
“सब चला जायेगा; और एक बार के बाद तुमको यही पसंद भी आएगा; तेरी इस जवानी के लिए ऐसा लंड ही चाहिए! इतना मस्त गदराया हुआ बदन है तेरा … छोटे लंड से तो तेरी प्यास नहीं बुझेगी. चिंता मत कर मेरी जान, तुझे एक भी तकलीफ नहीं होने दूँगा. तेरी बहन कोमल तो इस लंड की दीवानी है, गप गप अंदर लेती है.”
“सोनम सही बताऊँ तो तेरा पूरा जिस्म किसी को भी पागल बना सकता है. तेरे जैसा जिस्म किस्मत वालों को ही मिलता है. तेरी बहन को चोदता हूँ तो उसकी आअह्ह्ह निकल जाती है. पर तू मस्त चुदेगी.” इतना कहते हुए उन्होंने मेरे निप्पल को मुँह में भर लिया और चूसने लगे.
मेरे मुँह से आआ आअह्ह ह्ह ओओओह्ह्ह ह्ह बसस्स आआअह्ह ऊऊउई ईईईई माआआ! निकल रहा था और वो बस दूध को चूसते जा रहे थे. कुछ देर बाद वो जाकर बिस्तर पे लेट गए और मुझे अपने ऊपर लेटने को कहा.
मैं उनके ऊपर लेट गई, मेरी पीठ उनके मुँह की तरफ थी. उनका गर्म गर्म लंड मेरी चड्डी के ऊपर से ही गांड के दरार को सहला रहा था. वो अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों दूध को मसलने लगे और बोले- आज पहले तेरी जवानी के मजे लूटना है, बाद में चुदाई करनी है. और दूध को मसलते हुए बोले- गजब के दूध पाये हैं तुमने! मुझे तो दीवाना बना दिया. इतनी कम उम्र में इतने बड़े दूध कम लड़की के ही होते हैं.
बहुत देर तक वो तरह तरह से मेरे दूधों को दबाते रहे.
उसके बाद उन्होंने अपना एक हाथ मेरी चड्डी के अंदर डाल दिया और मेरी गर्म फुद्दी को सहलाने लगे. मुझे तो जैसे बिजली का करंट लग रहा था, मेरे मुँह से नशीली सिसकारी निकलने लगी- आआअह आओअह्ह अह्ह्ह ऊईईई!
“क्या मस्त फुद्दी है तेरी जान!” और वो मेरी फुद्दी को उंगली से फैला के उसके दाने को हल्के हल्के सहलाने लगे. मेरी तो गांड अपने आप ऊपर नीचे होने लगी.
फिर मुझे उन्होंने लेटा दिया और मेरी चड्डी को उतार दी. अब मेरी नंगी गुलाबी चूत उनके बिल्कुल सामने थी. उनके मुँह से निकला- ओह माय गॉड! सोनम तुम तो लगता है अभी तक चुदी नहीं जान! इतनी मस्त फुद्दी है!
उन्होंने मेरे दोनों पैरों को फैला दिया और अपनी जीभ से फुद्दी को चाटने लगे. मुझे तो इतना मजा आ रहा था कि पूछो मत! मुझे लग रहा था कि दीदी के बॉस बस ऐसे ही मेरी फुदी को चाटते रहें. काफी देर तक वो ऐसे ही चाटते रहे.
मुझे बहुत तेज़ पेशाब लग रही थी, मैं उनको बोली- पेशाब लगी है! तो उन्होंने मुझे बिस्तर से नीचे किया और पास रखे टेबल पर बैठा दिया और मेरे दोनों पैरों को फैला कर मेरी नाजुक फुद्दी चाटने लगे और कहा- अब यहीं करो पेशाब … मैं देखना चाहता हूँ.
मैं बोली- नहीं नहीं … मुझे शर्म आ रही है, ऐसा मत बोलो … मैं ऐसा नहीं कर सकती. “शर्म कैसी जान … बस तुम शुरु हो जाओ.”
मुझे सहन नहीं हो पा रहा था तो मेरे पेशाब की एक मोटी धार मेरी फुद्दी से निकल गई. शर्र शरर शर्र … रुक रुक कर मेरा पेशाब निकलता रहा और वो बहुत गौर से देखते रहे.
जब मुझे आराम मिला तो मैंने पूछा- आपने ऐसा क्यों किया मेरे साथ? तो बोले- इतनी सुन्दर लड़की की फुद्दी से पेशाब निकलता हुआ देखना था … इसलिए!
उन्होंने मुझे फिर से बिस्तर में लेटा दिया और मेरे ऊपर आ कर अपने लंड को मेरे दोनों दूध के बीच में रख दिया और अपने दोनों हाथ से दूध को दबा के लंड आगे पीछे करने लगे.
उनका लंड बार बार मेरे होंठ तक आता था, उनका इतना मोटा सुपारा देख कर सच में मेरी फट रही थी. उनके लंड से अज़ीब गंध आ रही थी मगर बहुत मदहोश कर रही थी मुझे! मैं बहुत बुरी तरह गर्म हो गई थी, मेरी फुद्दी से पानी निकलने लगा, मैं बहुत तेज़ी से मचलने लगी.
मेरी हालत देख दीदी के बॉस समझ गए और फिर उन्होंने अपने लंड को हटा लिया, वे मेरे ऊपर लेट गए और होंठों को किस करते हुए बोले- बोल जान, चोद दू तुझे? “हां!” “पक्का?” “ह्हा हाँ पक्का।” “अगर तुम चिल्लाई तो?” “नहीं चिल्लाऊँगी।” “पेल दूँ तो फिर?” “हां पेल दो!”
और उन्होंने मेरे दोनों पैरों को फैला दिया और अपना गर्म मोटा लंड मेरी फुद्दी में टिका के लंड के सुपारे को मेरी चूत के छेद में मसलने लगे. मैं उनके सीने से चिपक गई और उनको कस के अपनी बांहों में जकड़ लिया.
ऐसे करते करते वो रुके और बोले- तैयार हो? “हां।” “तो लो।” ऐसा कह के एक जोरदार धक्का लगाया. “आआआ आअई ईईई ईईई माम्आ अम्आ अम्अम् … निकालो निकालो … बस बस … नहीं नहीं … निकालो!” उनका आधा लंड मेरी फुद्दी को चीरता हुआ अंदर घुस गया था. इतने में ही मेरी हालत ख़राब हो गई.
उन्होंने मुझसे कहा- क्या हुआ? “प्लीज निकाल लो … मैं नहीं झेल पाऊँगी.” पर उन्होंने मुझे कसते हुए दूसरा धक्का भी दे दिया.
मैं कराह उठी. ऐसा लग रहा था कि मेरी सांस बंद हो गई. मेरे मुँह से तो आवाज तक नहीं निकल रही थी.
उन्होंने मेरे दूध को अपने सीने से दबाया और लंड आधा बाहर निकाल के तुरंत एक और धक्का लगा दिया. उनका लंड पूरा मेरी फुद्दी में सेट हो चुका था. मुझे तो पहली चुदाई में भी इतना दर्द नहीं हुआ था. इतना मोटा लंड लेने लायक मेरी फुद्दी नहीं थी.
उन्होंने अपने हाथ से मेरे दोनों पैरों को फंसा के उठा दिया और एक के बाद एक जोरदार धक्के मारने लगे. मैं तो बस चिल्लाये जा रही थी- ऊऊईई ईई आआअह्ह आआअह्ह्ह बस आअह्ह हो गया … निकालो! नहीं करो … मर जाऊँगी. पर उनको कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, मेरी हर चीख के साथ उनकी रफ़्तार तेज़ हो रही थी. वे मेरे पूरे बदन को अपने बदन से दबा के मसल रहे थे.
मेरा गोरा बदन लाल हो गया, मेरी आँखों से आंसू निकलने लगे. मैं जोर जोर से चिल्लाये जा रही थी, पूरा पलंग जोरदार तरीके से हिल रहा था. पूरा कमरा फट फट फट फट की आवाज से गूंज उठा.
फिर उन्होंने एक बार पूरा लंड बाहर निकाला और एक बार में पेल दिया. “ऊऊईई ईईई ममममा मामामामा बस करो!” पर वो नहीं रुके.
मैंने अपने नाख़ून उनकी पीठ पर गड़ा दिए थे. उन्होंने भी मुझे अपने से चिपका लिया था और पूरी ताकत से मेरी चुदाई किये जा रहे थे.
करीब 20 मिनट बाद उनका गर्म गर्म पानी मेरी फुद्दी में भर गया और उनकी रफ्तार कम होते होते रुक गई मगर लंड अभी भी अन्दर ही था. उनके लंड से फुद्दी कसी हुई थी; आज वो बुरी तरह फट चुकी थी.
हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे. कुछ देर में मेरा दर्द भी कम हुआ और उनका लंड ढीला होकर अपने आप बाहर निकल गया. वो अपने जीभ से मेरे होंठों को किसी कुत्ते की तरह चाटने लगे और मेरी आँखों में देखते हुए बोले- सोनम कैसा लगा? मैं कुछ भी नहीं बोल रही थी, एकदम शान्त लेटी हुई थी.
वो बोले- देखा … इसको कहते हैं चुदाई. बात करते करते वो मेरे निप्पल को दबाते जा रहे थे.
कुछ देर में ही उनका लंड दुबारा खड़ा हो गया तो वो मुझे बोले- देखो, ये फिर तैयार हो गया. तुम तैयार हो न? मैं बोली- अब हो गया न … अब कितना करोगे? “अभी तुमको मजा कहाँ मिला मेरी जान … अभी तो तुमको मजा देना बाकी है. और अभी तो पूरी रात है. मैं जानता हूँ कि तुम आज के बाद शायद ही मुझे मिलो और तुम्हारी जैसी माल मुझे दुबारा कहाँ मिलेगी. आज तो मैं अपनी हर इच्छा पूरी करूँगा.
ऐसा कहते हुए उसने मेरा निप्पल अपने मुँह में ले लिया.
कहानी जारी रहेगी. [email protected]
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