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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अमित शर्मा (परिवर्तित नाम) है. मैं ग्वालियर शहर (म.प्र.) का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 26 साल है. मैं एक छोटी सी सरकारी नौकरी में भोपाल शहर में कार्यरत हूँ, इसलिए अपना वास्तविक नाम यहां नहीं बता सकता.
मैं आपको एक सच्ची घटना की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें 100% सच्चाई है. यह अंतर्वासना पर मेरी दूसरी कहानी है, अगर आपने पहली कहानी ट्रेन में मिले गाण्डू अंकल नहीं पढ़ी है तो वो जरूर पढ़ें. उस कहानी की लिंक मैंने आपको दे दिया है.
आपको यह नयी कहानी पसंद आई या नहीं, मुझे मेल करके जरूर बताएं कि आपको कहानी कैसी लगी. कहानी के अंत में आपको मेरी मेल आईडी मिल जाएगी.
दोस्तो, पहले मैं अपने बारे में आपको बता देता हूँ, मेरी हाइट 5 फिट 6 इंच है. मेरा रंग एकदम गोरा है, शरीर पर हल्के बाल हैं और मेरा वजन 60 किलो है. मेरे लंड की लंबाई लगभग 8 इंच और मोटाई 2.5 इंच होगी.
मुझ पर लड़कियां मरती हैं. लेकिन वो नहीं जानती कि मैं अंकलों को पसंद करता हूँ और उनकी गांड मारता हूँ.
यह बात आज से दो महीने पहले यानि 28-01-2019 की है. जनवरी के महीने में भारी ठंड का मौसम था, मैं अपने ऑफिस से शाम के समय अपनी बाइक से वापस घर लौट रहा था. मेरे घर और ऑफिस की दूरी 10 किलोमीटर है और रास्ते में एक बहुत बड़ा पार्क पड़ता है, जहां शाम को बहुत से लोग घूमने आते हैं.
मैंने सोचा कि थोड़े देर पार्क में आराम करता हूँ, फिर घर निकलूंगा. मैंने अपनी गाड़ी पार्किंग में पार्क की और पार्क के अन्दर घूमने चला गया. चूंकि शाम का समय था, तो पाक में थोड़ा अंधेरा सा हो गया था. वहां काफी लोग घूम रहे थे.
मैं आपको यहां एक बात बताना चाहता हूँ कि इस पार्क में ज्यादातर ‘गे’ लोग शाम के समय घूमने आते हैं. जिनके चक्कर में मुझे इस पार्क में जाना अच्छा लगता है. मेरी तलाश भी ऐसे ही किसी आदमी को लेकर रहती थी कि कोई मिल जाए जो मुझसे गांड मरवा ले.
इस जुगत में मैं घूमते घूमते पार्क के बहुत अन्दर जाकर एक कुर्सी पर बैठ गया और अपना मोबाइल निकाल कर फेसबुक के पोस्ट पढ़ने लगा.
कुछ देर बाद मैंने देखा कि वहां पर 4 अंकल साथ में घूम रहे थे, सभी बहुत खूबसूरत थे और सभी अमीर घर के लग रहे थे. सभी की उम्र 50 से ऊपर लग रही थी.
उनमें से एक अंकल तो इतने खूबसूरत लग रहे थे कि उन्हें देखकर मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा था. उनकी हाइट लगभग 6 फिट होगी, रंग एकदम गोरा, मांसल बॉडी और बेहद हस्ट-पुष्ट थे. उनका चेहरा बहुत चमक रहा था. उनके चेहरे पर बड़ी काली मूछें बहुत प्यारी लग रही थीं.
मैं मन ही मन सोच रहा था कि काश ये अंकल मुझे मिल जाएं, तो मुझे जन्नत का सुख मिल जाएगा. मैं बार बार उनकी तरफ देखकर मुस्करा रहा था, उन्होंने भी 1-2 बार मेरी तरफ देखकर मुस्कराया.
पहले तो मुझे लगा कि अंकल से लाइन नहीं मिलेगी, लेकिन वह मेरे दिल में बस गए थे और मैंने सोच लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए … आज मैं इनको पटाकर ही रहूँगा.
थोड़ी देर यही सिलसिला चलता रहा, फिर वो चारों अंकल घूमते घूमते पार्क के और अन्दर जाने लगे. मैं भी वहां से उठा और उनके पीछे-पीछे जाने लगा.
चारों अंकल आगे गए और वहां पेशाब करने लगे. मैं भी पीछे से गया और उन खूबसूरत अंकल के साइड में जाकर खड़ा हो गया. मैं पेशाब करने का बहाना बनाकर खड़ा हो गया और उनको देखने लगा.
अंकल मुझे देखकर मुस्कराये और उन्होंने आंख मारकर बाहर मिलने का इशारा कर दिया. मेरे मन में लड्डू फूटने लगे, मुझे लगने लगा कि अब मेरा काम बन गया. आज मुझे जन्नत का सुख मिल ही जाएगा.
फिर मैं जल्दी से वहां से निकलकर पार्क के मेन गेट पर आकर खड़ा हो गया. थोड़ी देर बाद वो चारों अंकल बाहर आए और अपनी-अपनी बाइक उठाकर चले गए.
मैं परेशान हो गया कि ये क्या हो गया … ये तो चले गए. मैंने अपना मोबाइल निकाला और वहीं अपनी बाइक पर बैठकर मोबाइल चलाने लगा.
एक मिनट बाद मैंने देखा कि वही खूबसूरत अंकल वहां वापस आकर अपनी बाइक पार्क कर रहे हैं. मैं बहुत खुश हुआ और दौड़कर उनके पास गया.
मैं बोला- अंकल आप कहां चले गए थे? मैं बहुत परेशान हो गया था कि अब आपसे कैसे मिलूंगा. अंकल बोले- अरे अरे … परेशान मत हो … मैं आ गया न. चलो चलकर अन्दर बैठते हैं.
हम दोनों पार्क के अन्दर चले गए और वहां लगी हुई कुर्सी पर बैठ गए. वहां बहुत कम रोशनी आ रही थी, तो हम दूर से किसी को नजर नहीं आ रहे थे.
अंकल ने मेरी जांघों पर हाथ फेरकर कहा- मैंने तुम्हें बहुत इंतजार कराया न! मैं बोला- नहीं अंकल … कोई बात नहीं, आप आ गए, मुझे बहुत खुशी है.
फिर वो मुझसे पूछने लगे- आप कहां रहते हो? क्या करते हो? उनके इन सब सवालों का मैंने जबाब दिया.
फिर मैंने उनसे कहा- अंकल आप बहुत सुंदर हो और मैंने आज तक आपसे सुंदर कोई नहीं देखा. मैं आपको किस करना चाहता हूँ. अंकल बोले- आप भी बहुत सुंदर हो बेटा, आपको मेरे साथ जो करना है, सब कर सकते हो.
मैंने अंकल के गोरे-गोरे गालों पर जोरदार किस किया. जबाव में अंकल ने भी मुझे जबरदस्त किस किया और मेरे होंठ चूसने लगे. मैं मानो सातवें आसमान पर था, इतना मजा मुझे पहले कभी नहीं आया था.
हम दोनों किस करने में इतने डूब गए कि पता ही नहीं चला, कब 10 बज गए और पार्क बन्द होने की सीटी बज गई.
अंकल ने मुझसे कहा- बेटा चलो, अब हमें चलना चाहिए … क्योंकि पार्क बन्द होने वाला है, बाहर चलकर बात करते हैं.
अंकल और मैं पार्क से बाहर आ गए. अंकल बोले- मैं यहीं पास में ही रहता हूँ और मेरे घर के सभी लोग अभी बाहर गए हुए हैं, तुम्हें एतराज न हो तो मेरे घर चलो.
मैंने तुरंत हां कर दी. हम दोनों उनके घर आ गए. उनका घर बहुत ही आलीशान बना हुआ था और वह बहुत ही अमीर थे. वो मुझे अपने घर के दूसरे फ्लोर पर ले गए.
बहुत ठंड थी तो अंकल ने कहा- पहले चाय पी लेते हैं, फिर मजे करेंगे. मैंने कहा- ठीक है अंकल.
अंकल चाय बना लाए और हमने आराम से बैठकर चाय पी.
फिर अंकल बोले- अब रात ज्यादा हो गई है, आज तुम यहीं रुक जाओ. मैंने कहा- ठीक है.
उन्होंने ऑनलाइन खाना ऑर्डर किया, कोई 15 मिनट में गरमा-गरम खाना आ गया और फिर हम दोनों ने पेट भर खाना खाया.
खाना के बाद हम एक ही रजाई ओढ़कर बैठ गए.
मैंने अंकल से पूछा- अंकल आपकी उम्र क्या है? वह बोले- अभी 57 वां साल चल रहा है.
फिर उन्होंने यही सवाल मुझसे पूछा, तो मैंने बताया- मैं 26 साल का हूँ. अंकल ने मुझे किस करते हुए कहा- अभी तक कितने लोगों की मार चुके हो? मैंने कहा कि अंकल अभी तक मैं 8 लोगों की गांड मार चुका हूँ. वो बोले- अच्छा, मेरा 9वां नंबर होगा? मैंने मुस्कराते हुए कहा- हां.
फिर बातें करते करते अंकल ने रजाई के अन्दर मेरा लंड पकड़ लिया और बोले- तुम्हारा तो बहुत बड़ा है यार, इससे तो मेरी फट जाएगी. मैंने कहा- घबराइये मत अंकल जी, मैं प्यार से करूंगा. अंकल बोले- चलो अब तुम मेरे कपड़े उतार दो और मैं तुम्हारे कपड़े उतारता हूँ.
मैंने झट से अंकल के सारे कपड़े उतार दिए और अंकल ने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए. हम दोनों एकदम नंगे थे, ठंड और भी तेज लगने लगी.
मैंने अंकल की तरफ देखा, तो उनकी बॉडी इतनी मस्त लग रही कि बता पाना मुश्किल है. बड़े-बड़े दूध, चौड़ी छाती, बड़ी-गांड, गोरा बदन बेहद खूबसूरत लग रहा था. उन्हें देखकर मेरा लंड एकदम फनफना गया था.
अंकल मेरे लंड को धीरे-धीरे सहला रहे थे और साथ में मेरे होंठ चूस रहे थे. मैं तो वाकयी जन्नत का सुख अनुभव कर रहा था.
बहुत देर तक होंठ चूसने के बाद अंकल मेरे लंड की तरफ आए और मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया. अंकल बहुत ही चाव से मेरे लंड को चूसने लगे. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैं भी आगे पीछे करके उनके मुँह में लंड पेल रहा था और जिंदगी का असली मजा ले रहा था.
तभी मेरा ध्यान अचानक अंकल के लंड पर गया, जो बहुत छोटा सा था … लेकिन गोरा था. इस समय तन कर लगभग 4 इंच का हो सका था.
बहुत देर तक लंड चूसने के बाद अंकल उठे और पास में से एक तेल की शीशी उठाकर लाए. उन्होंने मेरे लंड पर बहुत सारा तेल लगाया और अपनी गांड के छेद पर भी बहुत सारा तेल लगा लिया.
फिर उन्होंने बोला- अब और मत तड़पाओ बेटा … मेरी गांड का उद्घाटन करो … मैं तुमसे पहली बार ही डलवा रहा हूँ, तो थोड़ा प्यार से करना. मैंने कहा- हां अंकल … आपको बहुत प्यार से करूंगा, आप बहुत प्यारे हो.
मैंने अपने लंड का सुपारा उनकी गांड के छेद पर रखा और धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू किया. मेरा थोड़ा सा लंड अन्दर गया ही था कि अंकल जोर से चिल्लाए- औह्हह … मर गया बेटा … थोड़ा धीरे करो!
मैं थोड़ा रुका और धीरे धीरे अन्दर-बाहर करने लगा. मेरा लंड थोड़ा-थोड़ा अन्दर जाने लगा औऱ शायद अब अंकल को भी मजा आने लगा था. अंकल मस्ती में बोल रहे थे- आह … आज मेरी गांड का उद्घाटन कर ही दो जानू. आज मेरी गांड का भोसड़ा बना डालो.
मैंने भी देर न करते हुए एक जोरदार झटका लगाया और मेरा पूरा लंड अंकल की गांड में घुस गया. अंकल जोर से चिल्लाए- ओह्ह् … मार डाला रे.. … तूने तो मेरी गांड फाड़ दी, जल्दी से बाहर निकाल.
मैं थोड़ी देर रुका, तो अंकल भी नार्मल हो गए. उन्होंने कहा- आंह … अब चैन मिल रहा है … अब तुमको जैसे करना है … करो … अब मेरा दर्द कम हो गया. मैं भी भूखे कुत्ते की तरह अंकल की गांड जोर-जोर से मारने लगा.
अंकल तरह तरह की आवाजें निकाल रहे थे- ‘आह्ह्ह … ऊंह्ह्ह्ह … मजा आ गया आज तो … वाह मेरी जान … फाड़ दो आज मेरी गांड. आज मुझे आजाद कर दो … उन्ह … बहुत दिन से प्यासा हूँ, मेरी प्यास बुझा दो.
मैं भी मस्ती में जोर जोर से अंकल की चुदाई करें जा रहा था और जन्नत के मजे ले रहा था.
अंकल की गांड चोदते-चोदते 15 मिनट हो चुके थे. इतना मजा आ रहा था कि मैं उसका बखान नहीं कर सकता था. फिर मुझे लगा कि अब मेरा निकलने वाला है. मैंने अंकल से कहा- मेरा निकलने वाला है, मैं बाहर निकालूं या अन्दर? वो बोले- अन्दर ही निकाल दो.
मैंने 2-4 धक्के जोर जोर से मारे और मेरा सारा माल अंकल की गांड में ही निकल गया. अब मुझे बहुत सुकून की अनुभूति हो रही थी. मैं अंकल को बार बार धन्यवाद दे रहा था. अंकल भी बहुत खुश थे और मुझे बार बार किस कर रहे थे.
लगभग रात के 2 बज रहे थे. अंकल बोले- अब सो जाओ, सुबह फिर से मजे करेंगे.
हम दोनों सो गए और सुबह उठकर हमने फिर से एक बार जमकर मजे किए. सुबह मैंने एक बार अंकल की गांड मारी.
अब अंकल मेरे लंड के दीवाने हो चुके थे. जब उनके घर कोई नहीं होता, तो वो मुझे बुला लेते हैं और हम रात भर मजे करते हैं.
यदि आगे आपको मेरी और भी कहानियां पढ़नी है … तो मुझे कमेंट करें. मेरी कहानी पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
दोस्तों आपको मेरी गांड मारने की सेक्स कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं और मेरी पिछली कहानी ‘ट्रेन में मिले एक गाण्डू अंकल..’ को जरूर पढ़ें.
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