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कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि मैं अपने यार आशीष के साथ फोन पर बात कर रही थी. उसने मुझसे सेक्स की बातें कीं और कहा कि मेरी पड़ोस वाली शिल्पा दीदी की शादी में वो मेरे साथ सुहागरात मनायेगा. मैं उसके और उसके बॉस के साथ मजे लेने की बात कर रही थी कि तभी पीछे से बिक्कू आ गया. उसने मेरी बातें सुन लीं और उसको मेरे सारे प्लान के बारे में पता लग गया.
वो बोला- तू साली चुदक्कड़ हो गई है. तू तो फुल आइटम वाला काम कर रही है. मैं तेरे भाई को अभी बुलाता हूं और तेरे हाथ पैर तुड़वाता हूं. यह बोल कर उसने अपना फोन निकाला और मुझे दिखाते हुए मेरे भाई का नम्बर लगाने लगा.
मैं घबरा गई. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं. मैं उसके सामने रोनी सी सूरत बना कर उसे मना करने लगी. उससे कहने लगी कि वो मेरे भाई से मेरी शिकायत न करे और जैसा वो कहेगा वैसा ही मैं करने के लिए के तैयार हूं लेकिन मेरे भाई को मेरे यार और उसके प्लान के बारे में न बताये.
बिक्कू बोला- मैं एक शर्त पर तुझे छोड़ सकता हूं. तेरे भाई को तेरे बारे में कुछ भी नहीं बताऊंगा. मैंने कहा- तुम्हारी जो भी शर्त है, मैं मानने के लिए तैयार हूं लेकिन मेरे भाई को मत बताना वरना वो मेरे हाथ पैर तोड़ देगा. वो बोला- तो फिर जरा साइड में दीवार की तरफ आ. वहां पर बताऊंगा कि क्या शर्त है मेरी. उसके कहने पर मैं दीवार की आड़ में चली गई.
जैसे ही मैं उसके पास पहुंची उसने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया. वो कहने लगा कि जैसे अपने यार से फोन पर बात करते हुए उसको चुम्मी दे रही थी. वैसे ही मेरे साथ भी करना होगा तुझे. मैंने नहीं सोचा था कि बिक्कू मेरे बारे में ऐसा सोचता है. उसे मैंने हमेशा की भाई की नजर से ही देखा था.
लेकिन आज मेरे सामने ऐसी स्थिति थी कि मैं उसको मना नहीं कर सकती थी. उसने अपनी बांहों में मुझे लपेटा हुआ था. मेरी चूचियां उसकी छाती से लगी हुई थीं और वो मुझे चूमने की कोशिश कर रहा था. एक बार तो मुझे अच्छा नहीं लगा लेकिन फिर जब उसने मुझे चूमना शुरू किया तो मैं मन ही मन उसके मजे लेने लगी.
मैं उसके सामने ऐसे ही नाटक करने लगी. मैं बोली- देखो बिक्कू ये सब गलत है. तुम मेरे भाई जैसे हो. वो बोला- मैं कोई भाई नहीं हू तेरा साली. मैं तो बहुत दिनों से तुझे चोदने की फिराक में था. ज्यादा नौटंकी मत कर. अगर तूने ज्यादा नाटक करने की कोशिश की तो अभी मैं तेरे भाई को फोन लगा कर सब कुछ बता दूंगा कि कैसे तू अपने यार और उसके बॉस के साथ चुदाई का प्लान बना रही है. वो अपनी जेब से फोन निकाल कर फिर से मेरे भाई का नम्बर मिलाने लगा तो मैंने उसका फोन छीन लिया और उसी की जेब में डाल दिया.
उसकी पैंट की जेब में फोन रखते हुए मेरा हाथ उसके तने हुए लंड पर जा लगा. मैं बोली- ठीक है. जो करना है कर लो. लेकिन किसी को इसके बारे में पता नहीं लगना चाहिए.
जैसे ही उसने मेरे मुंह से ये बात सुनी उसने मेरे चूचों को पकड़ लिया. वो मेरे चूचों को पकड़ कर जोर से दबाने लगा. मैं भी उसके हाथों में चूचों को दबवाने का मजा लेने लगी.
बिक्कू मेरे टॉप के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाता हुआ कहने लगा- आह्ह बंध्या, तू बहुत गर्म माल है. मैं तो जब भी तेरे भाई के पास आता था तो तुझ पर लाइन मारता था. तुझे सब पता था लेकिन तूने मुझे कभी घास नहीं डाली. आज इतने दिनों के बाद तू फंसी है. आज तो मैं तेरी चूत को फाड़ कर रख दूंगा. साली तू सबसे इध-उधर चूत को चुदवाती रहती है लेकिन मुझसे भाव खाती है. मैं तेरे भाई का दोस्त था इसलिए रुक जाता था वरना मैंने तुझे कई बार ऐसी हालत में देखा था कि तेरी चूत को चोदने के लिए तड़प उठता था मैं.
मैंने पूछा- तुमने कब देखा मुझे? वो बोला- एक बार तो मैंने तुझे सोते हुए देखा था. तेरा स्कर्ट ऊपर था और पैंटी दिख रही थी. तब तो मुझे कंट्रोल करना मुश्किल हो गया था. उस दिन मैंने बड़ी मुश्किल से खुद को रोका था. आज मैं तेरी गर्मी अच्छी तरह से निकालूंगा साली रंडी.
ऐसा कहते हुए बिक्कू ने मेरी स्कर्ट को पकड़ कर नीचे मेरे घुटनों तक खींच दिया. अब मेरी पैंटी उसको दिखने लगी थी. वो बोला- ये वही पैंटी है क्या जिसमें तू तीन-चार महीने पहले ही एक लड़के के साथ पकड़ी गई थी? मैं बोली- हां वही है. उसने कहा- आह्ह … तू तो एकदम चिकनी मस्त माल है बंध्या.
उसने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. वो मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को सहलाने लगा. फिर होंठों को हटा कर बोला- देख, तू चिंता मत कर. शिल्पा की शादी में जो भी तेरा प्लान है उसमें मैं तेरी मदद करूंगा. तेरे घर वालों को तेरे प्लान के बारे में कुछ पता नहीं लगने दूंगा. तेरे भाई को भी कुछ पता नहीं चलेगा. कहां मिलना है और कब मिलना है मैं सब फिक्स कर दूंगा. तू बिल्कुल टेंशन मत ले, बस आज मेरा साथ दे दे.
मैं बोली- सच बिक्कू? क्या तुम सच में मेरे लिए ऐसा करोगे? वो बोला- हां मेरी जान … मेरा भरोसा कर. मैं तुझे बहुत पसंद करता हूं. बहुत पहले से ही तुझे लाइक करता था लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई कभी कहने की. मैं डरता था कि अगर तेरे भाई को पता लग गया तो हमारी दोस्ती में कहीं दरार न आ जाये. इस बात से भी हिचकता था कि अगर तूने कुछ बता दिया तो फिर मेरा क्या होगा. इसीलिए मैं मौके की तलाश में था.
उसकी बात सुन कर मैं बोली- देख बिक्कू, मैं प्यार तो आशीष से ही करती हूं. वो मेरा सच्चा प्यार है. उससे मिलाने में मेरी हेल्प कर दे. अगर तूने मेरी हेल्प कर दी तो मैं कभी भी तेरी बात को नहीं टालूंगी. तू जैसा बोलेगा मैं वैसा ही कर दिया करूंगी.
वो बोला- तू आशीष से मिल कर खुश हो जायेगी? मैं बोली- हां, मैं उससे मिलने के लिए कुछ भी कर सकती हूं. वो बोला- तो फिर पहले मुझे खुश कर दे मेरी जान. मैंने कहा- तो तू मेरी बात मानेगा? उसने कहा- तेरी बात नहीं मानूंगा तो किसकी बात मानूंगा?
इतना कह कर उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और मेरे बूब्स को जोर से दबाते हुए मेरे गालों को किस करने लगा. फिर वो मेरे होंठों को चूसने लगा. वो मेरे होंठों को भूखे कुत्ते की तरह काट रहा था. उसने दो मिनट तक मेरे होंठों को चूसा और फिर नीचे बैठ गया. मैं अभी खड़ी ही थी. नीचे बैठ कर वो बोला- मैं देखना चाहता हूं कि आशीष ने जो माल पटाया है वो कितना करारा है.
उसने मेरी टांगों को हल्का सा अलग कर दिया. फिर उसने मेरी टांगों के बीच में हाथ ले जाते हुए मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को मुट्ठी में भरने की कोशिश करते हुए उसको दबा कर देखा. पैंटी के नीचे मेरी चूत दबी हुई थी जो फूल कर ऊपर आ गई थी. उसने चूत के उभरे हुए भाग को अपने हाथ में भर लिया और उसको दबाने लगा.
वो बोला- बंध्या, तेरी चूत तो एकदम फूली हुई है. गदगदी सी लग रही है. लगता है तेरी चूत को कईयों ने चोदा है. सच बता कितने लौड़ों को ले चुकी है अब तक बंध्या? अगर तूने मुझे सच बताया तो मैं किसी से नहीं कहूंगा. मैं जानता हूं कि तू पहले भी चुद चुकी है. इसलिए मुझे बता दे कि कितने लंड खाये हैं तूने?
मैंने उसको सब सच बता दिया. उसके बाद उसने मेरी पैंटी को नीचे खींच दिया. मेरी फूली हुई चूत नंगी हो गई. मेरी नंगी चूत को देख कर बिक्कू पागल सा हो गया.
मेरी चूत को देखते हुए वो बोला- आह्ह, आज तो मेरी किस्मत खुल गई है. जिसको देखने के लिए मैं तीन चार साल से तड़प रहा था आज उसको अपनी आंखों के सामने नंगी देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है. बहुत किस्मत वाले होंगे वो लौड़े जो इस गर्म चूत के अंदर तक घुसे होंगे.
ऐसे ही कामुक होते हुए बिक्कू ने मेरी चूत को हथेली से रगड़ना शुरू कर दिया. उसकी हथेली मेरी चूत पर लगी तो मैं एकदम से उछल सी गई. उसने खड़े खड़े ही मेरी टांगों को फैलाया और मेरी चूत को ध्यान से देखने लगा. जब वो मेरी नंगी चूत को देख रहा था तो मुझे शर्म सी आ रही थी. मैंने उसको हमेशा भाई की नजर से ही देखा था और आज वो इस तरह से बेशर्म होकर मेरी चूत में झांक रहा था. मैं थोड़ी नर्वस हो रही थी.
एक दो मिनट तक मेरी चूत को देखने के बाद उसने मेरी चूत को ऐसे ही देखने के बाद उसने अपनी लंबी सी जीभ निकाली और मेरी चूत में घुसा दी. वो मेरी चूत को अंदर तक घुसा कर उसे चाटने लगा. मुझे गुदगुदी होने लगी. मैं मचलने लगी. उसने अपनी पूरी जीभ घुसाते हुए मेरी चूत को कुरेदना शुरू कर दिया. मैं तड़पने लगी.
कुछ पल तक उसने मेरी चूत को इसी तरह से चाटा तो मेरे मुंह से अपने आप ही कामुक आवाजें निकलने लगीं- आह्ह … बिक्कू आराम से करो. आह्ह … मजा आ रहा है … ऊईई … मां!
वो पूरी जीभ को मेरी चूत में घुसा कर उसे जीभ से ही चोदने लगा था. फिर उसने जीभ को निकाला और मेरी चूत को ऊपर से लेकर नीचे तक चाटने लगा. मुझसे उसका ऐसा करना बर्दाश्त नहीं हो रहा था और मेरा खड़े रहना मुश्किल होने लगा था.
मैंने उछल कर उसके बालों को पकड़ लिया और उसका सर जोर से अपनी चूत में दबा दिया.
बिक्कू बोला- बंध्या तू तो बहुत गर्म हो गई है. अब तो तेरी चूत में अपना लंड घुसाना ही पड़ेगा. तेरे बारे में जो गांव के लड़के और बुड्ढे बात करते हैं सब बिल्कुल सही है कि तू हमारे गांव की ही नहीं पूरे एरिया की सबसे सेक्सी और सबसे चुदासी लड़की है. यह बात मैंने आज जान ली है. मगर बंध्या तेरे घर का दरवाजा खुला है. हम दरवाजा बंद कर देते हैं. उसके बाद मैं तेरी चुदाई करूंगा. अगर कोई आ गया तो तुझे और मुझे दोनों को ही दिक्कत हो जायेगी.
जब बिक्कू ने मेरा ध्यान दरवाजे की तरफ दिलाया तो मैं कहने लगी- अभी रहने दे बिक्कू, थोड़ी ही देर में मेरा भाई और मेरी मां आने वाले हैं. अगर तू कुछ करना ही चाहता है तो हम किसी और दिन कर लेंगे या फिर 24 तारीख को शिल्पा दीदी के शादी के दिन ही तू भी कर लेना.
मगर बिक्कू था कि मेरी बात मानने के लिए तैयार ही नहीं था.
तभी बिक्कू ने मेरे भाई को फोन लगाया और फोन को स्पीकर मोड पर डाल दिया. उधर से भाई की आवाज आई. बिक्कू ने पूछ लिया कि तुम लोग कब तक घर पहुंच रहे हो तो मेरे भाई ने वहां से जवाब दिया कि हम लोगों अभी घर आने में एक या डेढ़ घंटे का टाइम और लगने वाला है.
बिक्कू ने भाई से कहा- जल्दी आ, मैं घर पर तेरा इंतजार कर रहा हूं. भाई ने भी कह दिया- मैं जल्द से जल्द आने की कोशिश करता हूं. यह कह कर भाई ने फोन काट दिया.
बिक्कू ने तुरंत जाकर गेट बंद कर दिया और बोला- देख बंध्या, अब तेरे घर वाले भी काफी देर से पहुंचने वाले हैं. तीन-चार साल से तेरी चूत के बारे में मुठ मार रहा हूं. आज तो मैं तेरी चूत की चुदाई करके ही रहूंगा. यह कहते हुए उसने मुझे अपनी बांहों में उठा लिया.
मेरी स्कर्ट और मेरी पैंटी मेरी जांघों में ही फंसी हुई थी. वो मुझे उठा कर टीवी वाले कमरे में ले गया. वहां पर एक तख्त बिछा रहता था. बिक्कू को मेरे घर का कोना-कोना पता था. उसने मुझे उठा कर तख्त पर उल्टा कर दिया. मैं उसके आगे झुकी हुई थी और मेरी चूत उसके चेहरे सामने उठ आई थी. फिर वो मेरी टांगों में फंसी हुई स्कर्ट और पैंटी को खींचने लगा तो मैं बोली- अभी रहने दे बिक्कू, अगर मां और भाई आ गये तो बहुत दिक्कत हो जायेगी.
लेकिन उसको मेरी चूत के सिवा कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा था. वो कहने लगा- बंध्या, ज्यादा नाटक मत कर, मैं जानता हूं कि तू और तेरी चूत दोनों ही गर्म हैं. मेरे लौड़े को ऐसा मौका फिर नहीं मिलेगा. आज तो मैं तेरी चूत को चोद कर ही दम लूंगा चाहे तू कितनी भी नौटंकी कर ले.
यह कहते हुए उसने मेरी पैंटी और स्कर्ट को एक साथ खींच दिया. वो पीछे से मेरी चूत की तरफ घूरने लगा. वो इस तरह भूखी नजरों से मेरी चूत को देख रहा था जैसे कि उसने चूत कभी देखी ही नहीं हो.
मुझे शर्म आने लगी और मैंने अपनी चूत पर अपनी हथेली रख दी. मेरी हथेली को देख कर बिक्कू ने ऐसे मुझे देखा कि जैसे उसके मुंह से रोटी का निवाला छीन लिया हो मैंने.
उसने गुस्से मेरे हाथ को एक तरफ झटक दिया. वो बोला- बंध्या, मैंने 5-6 लड़कियों की चूत मारी है लेकिन तेरे जैसी सुर्ख लाल चूत मैंने आज तक नहीं देखी. इतनी फूली हुई और इतनी चिकनी चूत है तेरी कसम से. मजा आ जायेगा.
ऐसा कहते हुए उसने झटके के साथ मेरी दोनों टांगों को चौड़ा किया और वहां पर हथेली से चूत को रगड़ने लगा. मैं उसके हाथ लगाने से उछल पड़ी.
तभी बिक्कू ने मेरी टांगों के बीच में लेट कर मेरी चूत पर जीभ रख दी और मेरी चूत को चाटने लगा. जैसे ही उसकी गर्म जीभ मेरी चूत में गई तो मैं उछल पड़ी. मुझे मजा आने लगा. उसकी गर्म जीभ मेरी चूत में अंदर तक जाकर मजा दे रही थी. वो भी ऐसे मेरी चूत को खा रहा था जैसे रस मलाई को चाट रहा हो.
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी. कहानी पर अपनी राय देने के लिए नीचे दी गई मेल आईडी पर मेल करें. [email protected]
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