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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को विशू तिवारी का प्यार भरा नमस्कार मेरी पहली सच्ची कहानी मिस्त्री की लाजवाब स्त्री
में आपने पढ़ा मैंने कैसे मिस्त्री की सेक्सी और सुंदर औरत को पटा कर उसकी चूत की चुदाई की. आज मैं आपको कुछ महीने पहले की सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ. यह बहुत ही रोमांटिक और प्यार भरी सच्ची कहानी है.
दोस्तो, मेरा परिचय तो आप पिछली कहानी में जान ही चुके हैं और जो अन्तर्वासना के नए पाठक हैं वो मेरी पिछली कहानी जरूर पढ़ें.
अब मैं अपनी अगली सच्ची कहानी पर आता हूँ.
मैं मुम्बई में जॉब करता हूँ कुछ महीने पहले छुट्टी में घर गया था. मेरे एक बहुत ही घनिष्ठ मित्र हैं, वो भी मुम्बई में रहते हैं.
उनका एक दिन मेरे पास फोन आया, वो बोले- आप मुम्बई आओ तो जीजा जी को भी साथ में ले आना. उनकी नौकरी की बात हमने कर ली है, आप सिर्फ उनको साथ में लेकर आ जाना और हमारे पास छोड़ देना!
हालांकि मैं भी उनके जीजा और दीदी को अच्छी तरह से जानता हूँ, कई बार उनसे मिल भी चुका था.
खैर मैंने अपना और जीजा जी का रिज़र्वेशन करवाया और हम दोनों मुम्बई के लिए रवाना हो गए. संयोग ऐसा हुआ कि कुछ दिनों के लिए मुझे उनके साथ ही रुकना पड़ा तो कई बार हाल-चाल पूछने के लिए दीदी का कॉल मेरे पास भी आ जाता था. वो मेरे दोस्त की बहन थी तो मैं भी बहन ही मानता था.
धीरे-धीरे हम लोगों की बात ज्यादा होने लगी. वो भी मेरे से खुल कर बात करने लगी. वो अपने शादी के बाद की अच्छी बुरी सारी बातें भी बताने लगी. मैं भी एक दोस्त की तरह उनको समझाता था. अभी तक मेरे मन में उनके लिए कोई भी गलत विचार नहीं थे.
फिर एक दिन उनका कॉल आया, बहुत ही उदास थी, बोली- अभी तक मैं घुट-घुट कर जी रही थी. अब मुझे लग रहा है कि कोई तो है जो मेरा दुःख-दर्द सुन सकता है, मुझे समझ सकता है. अभी तक मुझे लग रहा था मेरे कोई नहीं है जो मुझे समझ सके. न मेरे माँ-बाप, न भाई बहन … मेरा दुःख दर्द कोई नहीं सुनता था. मैं अपने आपको अकेला महसूस करती थी. कई बार मेरा आत्महत्या करने का मन करता था. पर जब से आपसे बात करने लगी, मुझे एक नई उम्मीद जगी है कि कोई तो है जो मुझे अपना समझता है.
मैंने उनको काफी समझाया और कहा- कोई बात नहीं, चिंता न करो, सब ठीक हो जाएगा. कभी भी कोई भी परेशानी या तकलीफ हो बेझिझक मुझे बताना, जितना भी मेरे से हो सकेगा, मैं हमेशा मदद के लिये तैयार मिलूँगा. अब वो काफी खुश लग रही थी.
खैर थोड़ी देर इधर-उधर की बात करके फोन रख दिया।
अब रात को 11:00 बजे व्हाट्सएप में चैटिंग होने लगी. कुछ देर इधर-उधर की बातें हुई, कुछ पर्सनल बातें हुई. फिर अचानक उन्होंने लिखा- अब आप मुझे दीदी मत कहा करो, अब आप मुझे मेरा नाम लेकर बात किया करो. अब हम दोनों दोस्त हैं. इतना लिखकर एक धड़कते दिल का gif भेज दिया.
तो मैंने उनसे पूछा- ये क्या है? तो वो बोली- तुम्हें नहीं पता कि ये क्या है? मैंने कहा- मुझे नहीं पता! तो वो वोली- जब पता हो जाये तब बता देना, मैं इन्तजार करूँगी. इतना लिख कर ऑफलाइन हो गयी.
मैं आप लोगों को उसका परिचय देना तो भूल ही गया. उसका नाम बेबी(बदला हुआ) है क्योंकि मैं उसको प्यार से बेबी बोलता हूँ. उम्र अभी 30 साल है. फिगर एकदम आलिया भट्ट के जैसा है. आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हो.
अगले दिन सुबह 8:00 बजे बेबी का फोन आ गया. पहले सबके हाल-चाल लिया, फिर बोली- मैंने जो रात में भेजा था उसका मतलब आपको नहीं पता है? मैंने कहा- मुझे पता है उसका मतलब! मगर आप तो जानती हो कि आपके भाई मेरे पक्के मित्र हैं. और हमारे आपके पारिवारिक सम्बन्ध भी अच्छे हैं तो मैं नहीं चाहता कि हमारी दोस्ती टूटे या पारिवारिक सम्बन्धों में कोई दरार पड़े. इसलिए ऐसा नहीं हो सकता.
तो वो बोली- मैं आपको ये नहीं कह रही कि उनसे दोस्ती तोड़ दो या पारिवारिक सम्बन्ध बिगाड़ लो. उनसे उनका रिश्ता (दोस्ती का) निभाओ मुझसे मेरा रिश्ता (प्यार का) निभाओ. मैंने कहा- मैं अपने दोस्त को धोखा नहीं दे सकता. तो वो बोली- मैं कब कह रही हूँ कि आप अपने दोस्त को धोखा दो. मैंने कहा- अच्छा हमारे आपके रिश्ते के बारे उन्हें पता चलेगा, तब उन्हें दुःख नहीं होगा क्या? तब तो हमारी दोस्ती टूट जाएगी.
वो रोने लगी और बोली- आप नहीं चाहते कि मैं खुश रहूँ? जब से आपके सम्पर्क में आई हूँ, तब से खुल कर जीने लगी हूँ, खुल कर खाने पीने लगी हूँ, मेरे दिमाग में आत्महत्या जैसे ख्याल नहीं आते. मैं आज 2 महीने से एक नई ज़िन्दगी जीने लगी हूँ. प्लीज मुझसे मेरी ज़िन्दगी मत छीनो!
मैंने उन्हें काफी समझाने का प्रयास किया. मैंने कहा- ये सब गलत है. यहाँ तक कि मैंने अपनी पिछली कहानी के बारे में भी बताया कि मेरे एक औरत के पिछले साथ 8 साल तक सम्बन्ध थे. सारी घटना विस्तार पूर्वक बताया.
वो बोली- आप झूठ बोल रहे हो! मैंने यकीन दिलाने के लिए अपनी और पिछली कहानी के नायिका के साथ जो चुदाई हुई थी, उसकी 15-20 चुदाई की वीडियो पड़ी थी, वो भेजी और कहा- झूठ है या सच … खुद ही देख लो!
वो फिर भी नहीं मानी, बोली- वो तुम्हारा अतीत था. मुझे तुम्हारे अतीत से कोई मतलब नहीं है. तुमने पहले क्या किया, क्या नहीं किया, वैसे भी मैंने तुम्हें दिल से प्यार किया है. तुम दिल के बहुत अच्छे हो.
जब दिल की बात आई तो मुझे अपने पहले प्यार की याद आयी जिसमें मैं एक बार धोखा खा चुका था, मेरा दिल टूट गया था. काफी समय लग गया था अपने आपको संभालने में! (वो कहानी फिर कभी लिखूँगा.) वो भी बताया और बताते हुए भावुक भी हो गया क्योंकि पुराने जख्म हरे होने लगे थे. अभी लिखते हुए भी आँखें भर आयी है जिन्होंने सच्चा प्यार किया है वो इस वक़्त मेरे दिल की हालत समझ सकते होंगे खैर कोई बात नहीं.
फिर वो बोली- तुम चिंता न करो, मैं तुम्हें कभी धोखा नहीं दूँगी. न ही तुम्हें छोड़ कर जाऊँगी और ऐसा भी नहीं है कि हम दोनों अलग-अलग जाति हो जिससे तुमको मुझे अपनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़े। मैंने कहा- ठीक है. अगर ऐसी बात है तो मैं तैयार हूँ मगर एक बार फिर से शान्त मन से दिमाग से सोचना तुम्हारे पास अगले 24 घंटे का समय है. वो बोली- जो मैं अभी कह रही हूँ, 24 घंटे बाद भी यही जवाब मिलेगा.
मैंने कहा- फिर भी मैं तुमको एक और चान्स दे रहा हूँ फैसला बदलने का … इन 24 घंटों में हर एक पहलू से सोचना, आर्थिक दृष्टि से, सामाजिक दृष्टि से, पारिवारिक दृष्टि से और शारिरिक दृष्टि से! हर तरफ से सोच समझ लेना क्योंकि अगर मैंने तुमसे दिल से प्यार कर लिया तो फिर उसके बाद तुम चाह कर भी अपने कदम पीछे नहीं खींच सकती हो. वो बोली- मुझे मन्जूर है!
इसके बाद मैंने कहा- और हाँ, अगले 24 घंटे तक न तुम कोई भी कॉल या मैसेज करोगी. न ही मैं कोई कॉल या मैसेज करूँगा. वो बोली- ठीक है. इतना होने पर फोन काट दिया.
मगर शाम के 4 बजे के बाद उसके लगभग 50 फोन आये मगर मैंने नहीं उठाया. अगले 24 घंटे तक हमारी न तो कोई बात हुई और ही कोई चैटिंग हुई.
अगले फिर सुबह के 8:00 बजे फोन आया. फिर सबके हाल-चाल लिए, उसके बाद बोली- बताओ फिर क्या सोचा है? मैंने कहा- मुझे क्या सोचना है? मैंने तो फैसला तुम्हारे ऊपर छोड़ा था. वो बोली- मैंने तो तुम्हें कल ही अपने दिल का राजा मान लिया था. मैंने कहा- ठीक है. अगर ऊपर वाले की यही इच्छा है तो मुझे भी तुम्हारा प्यार कबूल है.
वो बोली- आई लव यू मेरी जान! अब जल्दी से तुम भी ‘आई लव यू’ बोल दो. मैं बोला- आई लव यू बेबी! फिर तो उसके बाद हम लोग फोन में घंटों बात करते रहते. कभी कभी फ़ोन सेक्स भी कर लेते थे, वीडियो कॉल में एक दूसरे के गुप्तांगों को देखते दिखाते रहते थे.
24 फरवरी को मेरा कानपुर में एग्जाम था तो मैंने गाँव वापस आने का प्लान बनाया. तो जीजा जी भी तैयार हो गए, वो बोले- मेरा भी मन नहीं लग रहा है यहाँ! मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा. मैंने कहा- ठीक है, तैयारी बना लो, इसी हफ्ते चलेंगे .
मैं अन्दर से मायूस हो गया कि अब हमारा मिलन नहीं हो पायेगा. फिर हम दोनों 21 फरवरी को ट्रेन पकड़ कर वापस गाँव आ गए. आते ही सबसे पहले जीजा के ही घर गए. वो मुझे देख कर बहुत खुश हुई और मौका पाकर वो मेरे सीने से लग कर रोने लगी. मैंने पूछा- क्या हुआ? तुम रो क्यों रही हो? मैं ज़िन्दा आया हूँ. मेरी लाश थोड़ी आयी है जो इतना रो रही हो? तो वो बोली- जानू, ये खुशी के आँसू हैं.
उसके बाद हमने एक दूसरे को किस किया फिर अलग हो गए.
मैं उनके घर में 2 दिन रुका. उसके बाद उनके घर में ही बैग रख कर कानपुर एग्जाम देने चला गया.
एग्जाम देकर जब वापस आ रहा था तो मेरे दिमाग में सरप्राइज देने की बात चल रही थी. मैंने सोचा कि ऐसा सरप्राइज दूँ जिसे वो जिंदगी भर याद रखे! मैंने रास्ते में कैडबरी डेरी मिल्क की चॉकलेट लिया और उनके घर पहुंच गया.
घर पहुँचा तो देखा घर में वो अकेली थी. मैंने जाते ही उन्हें गले से लगा लिया और बोला- तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है. वो बोली- क्या है? मैंने कहा- पहले अपनी आँखें बंद करो. और जब तक मैं ना कहूँ आंखें मत खोलना! बोली- ठीक है!
मैंने बैग से ब्लेड निकाला और अपने दाहिने हाथ के अँगूठे में एक चीरा लगाया और उन्हें अपनी आँखें खोलने को कहा. जब उसने अपनी आँखें खोली तो देखा कि मेरे अँगूठे से खून निकल रहा है. वो बोली- ये क्या किया? मैंने कहा- कुछ मत बोलो … बस देखती जाओ!
इतना कह कर मैंने उसी खून से उनकी माँग भर दी.
और उसके बाद जो चॉकलेट लाया था, आधी उनके मुँह में खिलायी और आधी उन्होंने मेरे मुँह में खिलायी. फिर लिप् किस करते हुए एक दूसरे के मुँह की चॉकलेट बदल लिया. उसके बाद मैं उनके यहाँ से अपने घर वापस आ गया.
फिर मैं अपने घर में व्यस्त हो गया. इस दौरान फोन में खूब सेक्स की बात होती थी. वो बोलती थी- तुमसे चिपकती थी तो पूरे जिस्म में गुदगुदी होने लगती थी! ऐसा लगता था कि बस अब एक दूसरे में समा जायें. मैं बोला- इन्तजार करो, वो दिन भी आयेगा जब हमारे तुम्हारे शरीर का मिलन होगा. क्योंकि आत्मा तो पहले ही मिल चुकी है.
खैर वो दिन भी आया. दिन था सोमवार, 4 मार्च … उस दिन घर में कोई नहीं था. मेला देखने चले गए थे सब लोग लेकिन वो बहाना बना कर घर में रुक गयी.
उधर सब के जाते ही मुझे फोन कर दिया. मैं उन्हीं के गाँव के बाहर बैठा था तो 10 मिनट में उनके घर पहुंच गया. मेरे पहुँचते ही तुरन्त वो मेरे गले से लग गयी.
मैंने भी देर न करते हुए फटाफट कुंडी लगायी और उन्हें गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया. बेड में लिटा कर हमने एक दूसरे कपड़े उतारे और चिपक कर लेट गए, फिर फ़ॉर प्ले करने लगे, एक दूसरे के होंठ चूसने लगे.
फिर धीरे से नीचे हाथ ले जाकर मैं उनकी चूत को सहलाने लगा. वो भी मेरा लण्ड पकड़ कर आगे पीछे करने लगी. मैंने चूत में उंगली डाल दी तो वो चिहुँक उठी. तभी मैंने उनकी चूत में लण्ड घुसेड़ दिया और जम कर चुदाई की.
वो उम्म्ह… अहह… हय… याह… करने लगी. मैं चोदता रहा. इस दौरान उनके चूत से तीन बार पानी निकला.
फिर जब हम लोगों की चुदाई हो गयी तब उन्होंने अपने पति को फोन किया और मेरा नाम लेकर बोली- वो आये हैं आपसे मिलने! जल्दी आओ, वो कल मुम्बई चले जायेंगे. तो इसलिए जाते जाते तुमसे मिलने आये हैं.
10 मिनट बाद उनके पहले वाले पति आ गए. दूसरा पति उनका मैं था.
फिर मैं सबसे मिल कर अगले दिन वापस मुम्बई आ गया.
उसके बाद मेरी उनसे रोज कई कई बार 2 घन्टे तक बात होती थी. घर-परिवार के बारे में बातें उनके भाइयों के बारे में बातें सेक्स की बातें … कई बार तो फोन सेक्स भी हो जाता था. जब तक दिन में 2-4 बार हमारी बात नहीं हो जाती थी, न तो उसे चैन आता था और न ही मुझे चैन आता था.
ऐसे बात करते करते कब 3 महीने बीत गए, पता ही नहीं चला.
उसके बाद आया मुसीबतों का दौर … जब कोई उनके दूर का रिश्तेदार उनके घर आया और उनका मोबाइल हैक कर ले गया. व्हाट्सएप कॉल डिटेल सब रिकार्ड ले गया.
उसके बाद वो अपने जुगाड़ में रहने लगा. मगर उसकी दाल नहीं गली तो वो मारे गुस्से के उसके पति से हमारे बारे में सब बता दिया और बोला- मेरे पास सभी सबूत हैं. अब हमारी दोनों को शामत आ गयी.
हालांकि बहुत समझाने के बाद वो मान गया. मगर उसके दिल में हमारे बारे में एक शंका तो बन ही गयी है. आये दिन उसको ताने मारता रहता है और उसको एकदम मना किया हुआ है किसी से भी बात करने को! और बोलता है अगर कोई बात न होती तो वो इतना सब अपनी तरफ से बना कर नहीं बतायेगा.
पहले कहाँ हम लोगों की बात एक दिन में 10-15 बार हो जाती थी मगर और अब तो 10-15 दिन में एक बार होती है.
मुझे ये समझ नहीं आ रहा है कि सच में इतनी पाबन्दी लगी हुई है या उसका खुद ही मेरे से बात करने का मन नहीं है. क्योंकि जो औरत दिन में जब तक 2-4 बार वीडियो कॉल करके देख नहीं लेती थी, उसको चैन नहीं आता था. और अब 10-10 दिन हो जाते है और वो बात किये बगैर रह लेती है. और यहां मेरा खाना-पीना, सोना सब हराम है सिर्फ उसी के ख्यालों खोया रहता हूँ.
मैं हर 2-3 दिन में कई कई बार कॉल लगता हूँ मगर कोई उठाता ही नहीं है. व्हाट्सएप तो बन्द ही है.
अभी पिछले हफ्ते मैंने सुबह के 10:00 बजे के बाद कई बार कॉल किया, तब जाकर एक बार उठाया. उसने कहा- वो घर में ही रहता है सारा दिन … इसलिए कॉल नहीं लगा पाती हूँ. और दूसरी बात मैं काम में इतना व्यस्त रहती हूँ कि बात करने का समय ही नहीं मिलता. मैंने कहा- 24 घण्टे में एक बार किसी टाइम कॉल लगा लिया करो. तो बोली- ठीक है.
फिर उसके बाद लगातार 2 दिन तक उसका कॉल आया, 10 मिनट तक बात होती थी. बोल रही थी- कुछ दिन इन्तजार करो, मैं नया फोन और नया सिम ले लूँगी. उसके बाद व्हाट्सएप भी चालू कर लूँगी और फिर तुमसे बात भी करूँगी.
उस 2 दिन के बाद से कोई फोन नहीं आया. आज 15 दिन हो गया, मैं उससे बात करने को तरस गया हूँ क्योंकि मुझे उससे सच्चा प्यार हो गया है.
आप सभी पाठकों से अनुरोध है कि कृपया मुझे आगे मार्गदर्शित करें कि मैं अब आगे क्या करूँ? कृपया सभी लोग अपनी राय मेरी मेल आई डी में दें. मुझे आपके सुझाव का इन्तजार रहेगा. कृपया सही सलाह ही देना आपका अपना प्यार के गम में डूबा विशू तिवारी [email protected]
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