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हाय दोस्तो, हम दोनों, निशा और विराट फिर से आप लोगों के लिए एक कहानी लेकर तैयार हैं.
विराट की जुबानी:
आप सब मेरी मॉम निशा को तो जानते ही हैं, क्या माल हैं. उनकी उम्र 42 साल है और फिगर 36-34-36 का है. उनका एकदम सफेद और गुदगुदा शरीर इतना मस्त है कि आप भी देखोगे तो मुठ मार लोगे.
इस बार हमारी इस सेक्स कहानी में एक और लेडी जुड़ गई है. ये मेरी नेट फ्रेंड है और इसका नाम पायल है. पायल की उम्र 36 साल है. वो एक शादीशुदा लेडी है. वो शहर में रहती है. मैं उसे दीदी भी बोलता हूं और उसे चोदता भी हूँ. पायल एक बहुत ही हॉट और सेक्सी माल है. उसका फिगर 34-30-36 का है. वो दिखने में थोड़ी सांवली जरूर है … पर बड़ी कातिल आइटम है.
मैं हमेशा से अपनी माँ के नाम की मुठ मारता आया हूँ और मुझे हमेशा से उसे चोदने की लालसा रही है. अपनी मॉम को अपने सपनों में सोच कर मैं हमेशा इंटरनेट में माँ को चोदने वाली कहानी ही पढ़ना पसंद करता था और उनको चोदने का प्लान बनाता रहता था.
ऐसे ही एक दिन मैं अपनी मॉम को याद करता हुआ लंड हिला रहा था और नेट सर्फ कर रहा था. नेट की सर्फिंग के दौरान ही मुझे एक लेडी मिली और मैंने उसे अपने मॉम को चोदने के सपने के बारे में बताया. उसे मेरा ख्याल बहुत पसंद आया.
उसने मुझसे बोला- अपनी माँ को दिखाओ.
मैंने मॉम की फोटो उसको दिखाई. उसके साथ मेरी इस कामना को लेकर काफी कुछ बातचीत हुई. फिर हम दोनों ने प्लान बनाया. मैं माँ को लेकर उसके शहर गया जोकि बहुत दूर था.
मेरी मॉम निशा घूमने की शौकीन हैं, तो में और वो कुछ देर तक बातचीत करने के बाद जाने को राजी हो गए. हम दोनों ने अपनी सब तैयारी की और चल दिए. मैंने उन्हें फ्लाइट में ले गया, इससे वो खुश हो गईं.
एयरोड्रम से हम दोनों मेरी इसी फ्रेंड पायल के यहां आ पहुंचे. मैंने मॉम को बताया कि पायल मेरे दोस्त की बहन है और मॉम के सामने मैंने पायल को दीदी कह कर ही सम्बोधित किया. मेरी मॉम ने उसे मेरी बहन ही समझ लिया.
पायल के घर में हमने पानी पिया, जो कि प्लान का हिस्सा था. पायल ने उसमें पहले से सेक्स बढ़ाने वाली दवा मिला दी थी, जिससे तुरंत ही चुत में खुजली होने लगती थी.
मेरी मॉम ने पानी पी लिया था और कुछ ही देर उस पानी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था.
इसके बाद मैं और पायल अपने प्लान को लेकर आगे बढ़े.
मैं वहाँ से अपनी मॉम निशा को बोलकर निकल गया कि मैं अपने काम से शहर में जा रहा हूँ और शाम तक आऊंगा. आने के बाद हम सब थोड़ा घूमने जाएंगे. तब तक आप दीदी के साथ होटल चली जाना और मैं सीधे वहीं आ जाऊंगा.
होटल में रुकने की बात मेरी मॉम और पायल को मालूम थी और उस होटल की बुकिंग वगैरह पहले से ही हो चुकी थी.
मेरे निकलने के बाद ही वो दोनों भी एक टैक्सी में होटल के लिए निकल गए. ये होटल पायल दीदी के घर से ज्यादा दूर नहीं था. मैं भी वहाँ पहुंच चुका था, लेकिन ये बात सिर्फ पायल दीदी को मालूम थी, मेरी मॉम को नहीं मालूम था.
ये होटल बहुत महंगा और बढ़िया था. जब वे दोनों उधर पहुंचीं, तो मैं उन्हें दूर से देख रहा था.
दीदी ने होटल के रिशेप्शन पर जाकर बुकिंग की बात बताई. कुछ देर बाद मैंने देखा कि वे दोनों रूम में जाने लगी थीं.
इसके बाद पायल ने मुझे जो बताया उसको लिख रहा हूँ.
रूम में पहुंच कर, पायल दीदी ने माँ को कहा- आप चेंज कर लो. माँ ने कहा- हां … पायल … प्लीज़ तुम मेरी थोड़ी हेल्प करो. मेरा ब्लाउज जरा टाइट है और ब्रा भी एकदम कस सी रही है.
दीदी ने उनके ब्लाउज को खींच कर उतार दिया. अब मॉम सिर्फ पैंटी में रह गई थीं.
मेरी मॉम ने ध्यान दिया कि उनका सामान रिसेप्शन से ऊपर नहीं आया है. उन्होंने ये बात पायल से कही. पर मॉम के सामान को मैंने ही रुकवा दिया था. ये बात दीदी को मालूम थी.
दीदी बोलीं- ओके आप रुको, मैं देख कर आती हूँ. आप जब तक यहीं रेस्ट करो.
ये कह कर पायल दीदी कमरे से निकल गईं. इसके 5 मिनट बाद हमने एक विदेशी कॉलबॉय को इशारा किया. वो एक वेटर की ड्रेस पहन कर पहले से ही तैयार था. ये विदेशी लड़के इधर कॉलबॉय का काम करते हैं. तो मैंने उसे सामान लेकर कमरे में भेज दिया. रूम की चाबी तो पायल के पास थी.
वो कमरे में घुसने लगा. उसके दरवाजा खोलते ही हम दोनों जल्दी से अन्दर जाकर परदे के पीछे छिप गए.
हम दोनों ने देखा कि माँ बेड पर आंखें मूंदे अपने एक हाथ से निप्पल को सहला रही थीं और अपने एक हाथ से चुत में उंगली डाल रही थीं.
इस समय उनकी धीमी धीमी सिस्कारियां निकल रही थीं- ऊफ़्फ़ … अअहहह …
मॉम की मादक आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं. उन्हें इस वक्त कोई होश ही नहीं था कि कमरे के अन्दर वेटर आ गया है और उससे अपनी ये सब हरकतें छुपाना हैं.
दो मिनट बाद उनको होश आया. वो विदेशी लड़का उनकी मस्त जवानी को एकटक घूर रहा था. वो दोनों कुछ पल तक एक दूसरे को देखते रहे. इसके बाद मॉम को होश आया, पर चुदास बढ़ाने वाली दवा का असर और सेक्स की भूख अब तक बहुत बढ़ चुकी थी.
मैं जानता था कि मेरी माँ को किसी फॉरेनर से चुदने की इच्छा है और अब इस मौके पर मेरी मॉम किसी भी हालत में नहीं रुक सकती थीं.
तभी मॉम ने उसकी तरफ मुस्कुरा कर नशीली निगाहों से देखा. वेटर ने बिना टाइम गंवाए अपने कपड़े उतार दिए और सीधे माँ के शरीर को खाने के लिए उनके ऊपर चढ़ गया. वो मेरी माँ के भूरे भूरे कड़क निप्पलों को अपने मुँह में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. मेरी मॉम ने उसके सर को अपने मम्मों पर दबा लिया.
अब मेरी मॉम की मादक सिसकारियों की आवाज़ और तेज़ होने लगी थी ‘अअह … ऊम्म्म … अअहह..’
फिर उस लड़के ने मेरी माँ की गर्दन को चूमना शुरू कर दिया. मेरी माँ ने भी उसे कसकर पकड़ लिया और उसके शरीर का पूरा भार अपने ऊपर ले लिया.
उस विदेशी कॉल ब्वॉय ने अपने होंठों को मॉम के होंठों से चिपका दिया. उन दोनों की जीभें आपस में खेलने लगीं. वो लड़का एक हाथ से मॉम के मम्मों को मसलने लगा और दूसरे हाथ से उनकी चूत को मसलने लगा. इससे मेरी मॉम और भी ज्यादा हॉट हो उठी थीं.
फिर उसने मेरी माँ को पेट के बल लेटा दिया और माँ के पूरे शरीर को सहलाने और चाटने लगा. कुछ ही देर में वो मेरी माँ के चूतड़ों तक पहुंच गया था.
ऊफ़्फ़फ़ … वाह क्या चूतड़ थे … एकदम सफेद गुदगुदे मलाईदार …
फिर उसने अपना मुँह और नाक मॉम के चूतड़ों के बीच में घुसेड़ दी और उनकी गांड के छेद को चाटने लगा. इससे मेरी मॉम चिल्ला उठीं- फ़क मी … फ़क मी.
वो लड़का अपने हाथ से मॉम के मम्मों को बड़ी बेदर्दी से मसल रहा था. … और दूसरे हाथ से मॉम की चूत की फांकों को सहला रहा था.
कुछ देर बाद वो लड़का वापस खड़ा हुआ और वो मॉम के चूतड़ों में थप्पड़ मारने लगा … जिससे मेरी मॉम के चूतड़ लाल गुलाबी हो गए.
मुझे उम्मीद है कि आप इस सेक्स कहानी को मेरी मॉम निशा के मुँह से सुनना ज्यादा पसंद करेंगे. क्योंकि दर्द और प्यार का अहसास खुद बताया जाए तो ठीक मजा देता है. इसलिए अब मेरी मॉम आपसे मुखातिब हैं.
निशा की जुबानी:
मैं निशा आप सबके लंड को एक प्यारा सा चुम्बन देकर और लंड को मुँह में लेकर मजा सुनाती हूँ.
‘अअ..हहह … ऊउफ़्फ़ … ऊईई … माँआआ मरर गयी … आह मेरी जान आराम से कर..’
वो मस्त लौंडा मेरे शरीर को पूरी तरह चाट कर और स्वाद चखने के बाद बेड से सटकर खड़ा हो गया. जब मैंने उसे देखा, तो मैं देखती ही रह गयी. उसकी पूरी सफेद बॉडी, कसे हुए मसल्स … और उसके शरीर में बिल्कुल भी बाल नहीं … लंड में भी बाल नहीं. उसका लंड भी एकदम गोरा और तना हुआ बिल्कुल टाइट 8 इंच का.
मेरे तो मुँह से एक ही चीख निकल गई- अअह..ह जन्नत..
मैं ‘फक मी..’ बोलने लगी और जैसे ही मैंने अपना मुँह खोला, उसने झट से अपना लंड मेरे मुँह में पेल दिया. मैं भी मजे से लंड चूसने लगी.
‘ऊऊम्म … ऊऊम्म … अअहह … बेबी आह बेबी अम्म्म..’
वो मेरे सर को पकड़ कर जोर से हिला रहा था और मेरे मुँह में धक्के मार रहा था.
कोई दस मिनट तक मेरे मुँह चोदन के बाद उसने अपना लंड निकाला. उसके लंड को अन्दर लेने के लिए मेरी चूत पूरी तरह गीली चिकनी हो गयी थी.
मैंने तुरंत अपनी टांगें फैला दीं कि ले लंड डाल दे. पर उसने कहा- बी डॉगी …
मैं झट से घोड़ी बन गयी और वो मेरे ऊपर सवार हो गया.
उसने मुझसे अपना लंड मेरी चूत में सैट करवाया और मेरे बालों को पकड़ कर लंड पेल दिया. मेरी आह निकलती, तब तक तो उसने तेज तेज धक्के मारना शुरू कर दिए थे.
मैं ‘ऊउफ़्फ़ अअअहह..’ की आवाज़ से मजे लेने और देने लगी.
इस वक्त मैं पूरी तरह जन्नत की सैर कर रही थी. उसकी जांघें मेरे चूतड़ों में पट पट की आवाज कर रही थीं. उसका लंड मेरी चुत में जड़ तक धक्के मार रहा था. पूरा कमरा फच्च … फच्च … की आवाजों से और मेरी मादक सिसकारियों से गूंज रहा था.
अब वो मस्त लड़का मेरी पीठ के ऊपर हाथ रख कर मेरी चूत में धक्के मारने लगा. उसने इस समय अपनी स्पीड एकदम से बढ़ा दी थी. उसकी उत्तेजक मार से अब तक मैं एक बार अपना माल छोड़ चुकी थी. पर वह था कि मानने को तैयार ही न था.
मैंने उसकी तरफ कातर भाव से देखा तो उसने मुझे सीधा लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया. वो मुझे किस करके मेरे होंठों को चूसते हुए मुझे गरम करने लगा. चूमने के साथ ही वो अपने एक हाथ से मेरे मम्मों को मसलते हुए मुझे मजा देने लगा. फिर उसने एक हाथ से मेरी गांड में उंगली डाल दी और मेरी चूत में लंड पेल दिया.
मैं अभी उसके लंड को जज्ब ही कर पाई थी कि उसने ताबड़तोड़ धक्के मारते हुए मुझे चोदना शुरू कर दिया. उसकी लगातार पड़ती चोटों से अब मैं फिर से गरम होकर पूरे मजे से चुद रही थी. मेरे मुँह से ‘अअअहहह … ऊउफ़्फ़फ़..’ निकल रहा था. मेरी आंखें मुंद गई थीं. इस समय उसकी उंगली मेरी गांड में चल रही थी, जिससे मुझे डबल लंड का मजा मिल रहा था. उसकी एक हाथ से मेरी गांड में चलती हुई उंगली मुझे बेहद सनसनी दे रही थी.
मैं अपने इस आनन्द को कह ही नहीं पा रही थी. मेरे पूरे शरीर को उसने अपनी जकड़ में ले लिया था. मैं कुछ भी बोल नहीं पा रही थी.
कोई 15 मिनट की धुआंधार चुदाई के बाद उसकी गरमी अब ढलान पर आने लगी थी. फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए. उसने अपना लंड बाहर खींच कर अपना सारा माल मेरे शरीर पर उड़ा दिया था. मुझे उसके लंड से निकलती वीर्य की बौछारें बड़ी ही मादक लग रही थीं.
फिर मैंने उसका लंड अपने मुँह में लेकर साफ किया और हम दोनों चिपक कर लेट गए.
दस मिनट के बाद मैं बाथरूम में अपने शरीर को साफ करने गयी और शॉवर लेने लगी. तभी वह फिर से पीछे से आकर मुझे किस करने लगा. शॉवर की गिरती बूंदों के बीच मुझे उसका साथ बड़ा ही मस्त अहसास दे रहा था.
कुछ ही पलों में हम दोनों वापस उत्तेजित हो गए. अब उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया. मैं गीली ही उसकी छाती से चिपक कर अपने मम्मों को उसके बदन से रगड़ने लगी.
वो मुझे अपनी गोद में उठाए हुए रूम में ले आया. उसने मुझे बेड पर लाकर गिरा दिया. अब मैं उससे ज्यादा जंगली हो गयी थी क्योंकि मैंने सेक्स पॉवर बढ़ाने की दवा भी ली हुई थी.
वो बिस्तर पर सीधा लेट गया और मैं उसके लंड के ऊपर बैठ कर उछलने लगी.
वो इस वक्त मेरी चूचियों के निप्पलों को अपनी उंगलियों में दबा कर मींज रहा था. कुछ ही पलों में मैं फिर से उसके लंड के मजे लेने लगी थी. मैं इस समय अपने आपे से बाहर हो चुकी थी और जोर जोर से उसके लंड पर उछल कर मजे लूट रही थी. इस वक्त मेरी चुदास का आलम ये था कि उसके साथ मैं खुद अपने मम्मों को मसल रही थी. साथ ही उसके होंठों को अपने होंठों से सहला रही थी. इस चुदाई की गरम मस्ती में हम दोनों की आंखें बंद थीं.
मैंने उसके लंड का भरपूर मजा ले लिया था और झड़ने को हो गई थी. कुछ ही देर में मैंने अपना माल वहीं उसके ऊपर ही गिरा दिया और उसके ऊपर ही ढेर हो गयी. उसने मुझे सांस लेने का मौका दिया … मगर उसका अभी तक नहीं निकला था. उसने लंड की ठोकर देना शुरू की, तो मैंने उसके ऊपर से हट कर उसकी तरफ प्यार से देखा और उसके लंड को अपने हाथों में ले लिया. वो मुझे जरा निराशा से देखने लगा, शायद वो मुझे चोदना चाहता था. मगर मैंने उसके खड़े लंड को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. इससे उसकी आंखें मुंद गईं और वो मेरे मुँह में लंड चलाने लगा. थोड़ी देर के बाद वह खड़ा हुआ और उसने मुझे बैठा दिया.
फिर उस लड़के से अपने लंड को मेरे मम्मों के बीच में डालकर आगे पीछे करना शुरू कर दिया. यह मेरे लिए एक अलग और नया अंदाज़ था. मुझे उसकी इस तरकीब से बहुत मजा आया. मेरे मम्मों में पूरा लंड आगे पीछे होता हुआ बार बार मेरी ठोड़ी और मेरे मुँह को टच कर रहा था. उसके लंड के रसीले पानी से मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैं कोशिश करने लगी कि उसके लंड का रस मेरे मुँह को मजा दे.
उतने में ही हमारे कमरे की बेल बजी, मैं डर गई कि पायल आ गयी, पर मैं इस वक्त लंड का मजा नहीं छोड़ सकती थी. मैंने उस घंटी को इग्नोर कर दिया और लंड के मजा लेती रही. दरवाजे की डोरबेल बार बार बज रही थी.
तभी उस कॉलब्वॉय बने वेटर ने कहा- में देखता हूँ. वो दरवाजे के करीब गया और थोड़ा सा खोल कर उसने बाहर झांका. उसने देखा और और मुस्कुराते हुए दरवाजा खोल दिया. बाहर एक लेडी वेटर खड़ी थी.
उस लड़के ने उस लड़की को अन्दर खींच लिया. इस वक्त मेरा कॉलब्वॉय सिर्फ टॉवल में था. वो लड़की अन्दर आयी और उसने मेरी और नजर डाली, तो मैं बिल्कुल नंगी अपने निप्पलों को हाथ में लिए बेड पर पड़ी थी.
उधर उस लड़के ने दरवाजा लॉक कर दिया और तौलिया निकाल कर नंगा हो गया. तभी वो लड़की भी नंगी हो गयी और मेरे साथ बिस्तर पर आ गई. वो लड़की मेरे एक निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. तभी उस वेटर ने फिर से मुझे तिरछा कर दिया और अपना लंड मेरी गांड में पेल दिया.
मुझे गांड में हल्का सा दर्द हुआ. मगर वो मेरे दर्द से इतर पूरी स्पीड से गांड में लंड से धक्के मारने लगा. वो फुल स्पीड से मेरी गांड मारने लगा. पीछे मेरी गांड में लंड मजा देने लगा था, इधर आगे वो लौंडिया मेरी चूचियों को मजे से चूस रही थी. वो मेरी चूत भी सहला रही थी और साथ ही साथ मुझे किस भी कर रही थी.
मैं भी उसकी चूत मसलने लगी थी. लौंडे के लौड़े से मेरी गांड में दर्द भी हो रहा था. कुछ देर तक मेरी गांड लाल करने के बाद उसने मेरी चूचियों को दबोच लिया. मैं अब थक गई थी, तो मैं अपनी गांड से उसका लंड निकाल कर बिस्तर से उठ गई.
मेरे हट जाने के बाद उन दोनों ने चुदाई का खेल शुरू कर दिया. मुझे उन दोनों की चुदाई देखने में मजा आने लगा.
ये मेरी चुदाई की कहानी में अब तक का रस था. आप सभी को कैसा लगा, प्लीज़ मैसेज करके जरूर बताएं कि आपको मेरी ये सेक्स कहानी कैसी लग रही है. आपके मेल हम दोनों माँ बेटे बहुत मजे से पढ़ते हैं और सिर्फ आपके लिए ही हम दोनों अपनी चुदाई की घटना को साझा करते हैं.
धन्यवाद दोस्तो, आपकी अपनी निशा और विराट. [email protected]
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