This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000
नमस्कार दोस्तो, मैं प्रकाश सिंह एक बार फिर आपके सामने अपनी सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ. मेरी पिछली चुदाई की कहानी बहन की चुत चोद कर सेक्स का पहला अनुभव को लेकर आपके द्वारा दिए गए प्यार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. आप सभी के बहुत सारे मेल्स आए, आप सभी का धन्यवाद.
इस कहानी की शुरूआत मेरे स्कूल की जिंदगी से उस वक्त हुई थी, जब मैं उन्नीस साल का था और 12वीं क्लास में था. हमारा स्कूल आस पास के इलाके में सबसे ज्यादा पॉपुलर था. इसीलिए वहां हर साल नए नए लड़के लड़कियों का एडमिशन होता रहता है.
हर वर्ष की भांति उस साल भी कई नई लड़कियां हमारी क्लास में आईं और हम सभी हरामी किस्म के लौंडों को लंड हिलाने के लिए मसाला मिल गया.
हमारे स्कूल में स्पोर्ट और अन्य कार्यक्रम भी होते हैं. तो ऐसे ही सितंबर के महीने में हमारे स्कूल को अन्य दूसरे स्कूलों के साथ वाद विवाद में प्रतियोगिता में हिस्सा लेना था. इसका मतलब ये था कि सभी छात्र छात्राओं के लिए स्कूल के लिए एक अवसर उपलब्ध हुआ था. ये प्रतियोगिता छात्र छात्राओं के लिए काफी दूर तक की उपलब्धि साबित होने वाली थी.
इस प्रतियोगिता में पहले तहसील स्तर, फिर जिला, फिर प्रदेश स्तर और आगे देश विदेश तक की सम्भावनाएं थीं.
जब इस बारे में हम सभी को बढ़ा चढ़ा कर बताया गया तो हमारी क्लास की लड़कियां इसमें पार्टिसिपेट करने लगीं. हम लड़के बैठे रहे, तो लड़कियां हँसने लगीं. उन्होंने लड़कों पर कमेंट्स करना चालू कर दिए थे. अब ये बात जरा इज्जत की बन गई थी. मुद्दा लौंडों के ईगो पर आ गया था.
आखिरकार मैं खड़ा हुआ और मैंने सर से कहा कि मेरा भी नाम लिख दीजिये. इतने में मेरा दोस्त भी खड़ा हुआ और उसने भी कहा- सर, मेरा नाम भी लिख लो. अब नाम तो लिखवा लिया, पर हमारी फट रही थी क्योंकि स्कूल को रिप्रेजेंट करना था. साथ में स्कूल के स्टेज से शुरूआत करना था.
वहां से हमारा सिलेक्शन हुआ और हम तहसील के लिए गए, जिसमें हम चार लड़के और चार लड़कियां थीं. ख़ास बात ये थी कि सारे प्रतियोगी मेरे स्कूल से ही चयनित हुए थे.
वहां से हमारा चयन जिला के लिए हुआ और फिर वहां हार गए लेकिन हमें इस स्तर तक आने के लिए उपहार भी मिला, जो कि नगद के रूप में था.
अब हम आठों ने तय किया कि इस पैसे का उपयोग हम स्कूल के सभी छात्रों के साथ पिकनिक करने में करेंगे.
दिन तय हुआ, उसमें हम सभी पिकनिक पर गए साथ में हमारे टीचर भी थे. हम सभी ने रास्ते में जाते समय खूब एंजॉय किया. लेकिन हुआ ये कि मैं और ऋतु (मेरे क्लास की एक लड़की) गाड़ी में पीछे बैठे थे और साथ में दो और लोग थे. ये एक 8 सीट वाली कार थी, जिसमें पीछे 4 लोगों के बैठने के लिए सीट होती है.
पीछे हम दोनों बैठे थे, वो मेरे बगल में चिपक कर बैठी थी. रास्ते में मुझे नींद आ गयी, तो मैं सो गया. सोते सोते मैं उसके कंधे पर सर रख कर सो गया था और नींद में फिसलते हुए मेरा सिर उसके मम्मों पर टिक गया था.
मैं ऐसा ही सोया था, तभी हमारी गाड़ी रुकी और सब लोग चाय पीने के लिए गए. वो मुझे उठा नहीं पा रही थी, लेकिन गाड़ी रुकने की वजह से मैं उठ गया.
मैं अपनी पोजीशन देख कर शर्मिंदा हुआ और मैंने उससे सॉरी बोला. तो उसने कहा- सॉरी किस लिए? मैं- मैं तेरे कंधे पर सो गया था न इसलिए. तो वो हंस दी.
अब लौंडिया हंसी तो फंसी, यह लगभग सत्य बात है. मैंने कुछ नहीं कहा और मैं भी मुस्कुरा दिया. चाय के बाद गाड़ी फिर से चल पड़ी.
गाड़ी में बैठने के बाद मुझे फिर से नींद आ गयी, इस बार भी वही हुआ लेकिन इस बार मैं उसकी गोदी में सो गया. वो मेरे सर को सहलाने लगी और ऐसे ही एन्जॉय हुआ.
अब तक वो मुझसे प्यार करने लगी थी. प्यार दिलों के अन्दर ही पनपता रहा. उसकी अभिव्यक्ति न मैंने की, न उसने कुछ कहा. हम दोनों एक साथ बैठते, बात करते. मैं उसके साथ टिफिन का खाना खाता, वो मेरे खाने को अपने साथ साझा करती.
कई बार मैंने चैक करने के लिए कोई चीज अपने मुँह से आधी खा कर रख दी, तो उसने मेरे मुँह की झूठी उस चीज को बड़े प्यार से खा लिया. हम दोनों एक दूसरे की आंखों में प्यार से देखते मगर कुछ कह न पाते.
ऐसे ही मेरे 12वीं क्लास के एग्जाम हो गए लेकिन उसने कभी मुझसे कुछ नहीं कहा. मैं भी उसे कहीं न कहीं बहुत अधिक चाहने लगा था.
ऐसे ही हमारा स्कूल बीत गया फिर कॉलेज का समय आया. तब पता चला कि वो और मैं दोनों एक ही सिटी के कॉलेज में पढ़ते हैं.
मैंने उसका नंबर जुगाड़ा और उसे कॉल किया. वो मेरी आवाज सुनकर एकदम से खुश हो गई और कहने लगी कि न जाने कितने दिनों बाद तुम्हारी आवाज को सुन पा रही हूँ. फोन पर ही बातचीत से मालूम हुआ कि हम दोनों एक ही शहर के अलग अलग कॉलेज में अपनी आगे की पढ़ाई कर रहे हैं.
ऐसे हमारी बातें बढ़ने लगीं. एक दिन मैंने उससे पूछा- तेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड बना है या नहीं? उसने शर्माते हुए कहा- नहीं. फिर मैंने कहा कि किसी को चाहती हो … या चाहती थीं?
उसने मेरी इस बात पर कुछ नहीं कहा, बस चुप हो गई. मैं कसमसा कर रह गया. मुझे ये जानने की बेचैनी थी कि उसके मन में मेरे लिए क्या है. मगर न तो उसने बताया और न ही मुझसे ये सवाल पूछा कि क्या मैं किसी को चाहता हूँ. अगर वो मुझसे ही ये पूछ लेती, तो शायद मैं उसे अपने प्यार के लिए कुछ कह देता.
खैर … ऐसे ही हम रोज बात करने लगे और मैं उससे रोज यही पूछता था.
एक दिन उसने बोल ही दिया ‘आई लव यू. ..’ क्योंकि मन तो मेरा भी तड़फ रहा था कि उसको आई लव यू बोलूं, तो मैंने झट से ‘आई लव यू टू …’ कह दिया.
फिर क्या था, हम दोनों की रोज बातें चलने लगीं. हम दोनों मिलने और घूमने भी जाने लगे.
ऐसे ही एक दिन एक पार्क में हम दोनों घूमने गए थे और वहां बैठे थे. मैंने हाथ पीछे किया तो उसकी कमर पर टच हो गया. मैंने सॉरी कहा, तो उसने कहा- कोई बात नहीं, तू हाथ रख सकता है.
मैंने फिर सॉरी बोला, तो उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी कमर पर रख दिया. मैंने उसकी आंखों में झांका, तो उसकी शरारत भरी मुस्कान ने मुझे अन्दर तक गर्म कर दिया.
हम दोनों का धीरे धीरे ये सब करना अब रोज का काम हो गया था. अब तो स्थिति ये हो गई थी कि जब तक हम दोनों एक दूसरे को टच नहीं कर लेते थे, जी ही नहीं भरता था. गलबहियां करके बैठ जाते थे, मैं उसकी गोद में सर रख कर लेट जाता था, हम दोनों बातें करते रहते थे. मगर इससे आगे कुछ नहीं हो रहा था.
पर मैंने उससे सेक्स की बातें करना शुरू कीं, तो धीरे धीरे हम दोनों फोन सेक्स करने लगे.
अब मन तो उसका भी करने लग गया था पर वो अपनी तरफ से कुछ नहीं बोलती थी. मैं उसकी चुदास को समझ गया था. मैंने उससे कहा- अब जब मिलेंगे, तो यही सब करेंगे. तो उसने नखरे दिखाते हुए कहा- कैसे करेगा … मैं भी देखती हूं.
आखिर वो दिन आया, जब मेरे रूम में कोई नहीं था. आज वो मेरे संग रात भर चुदने वाली थी. मैंने उसे बुलाया वो भी खुश हो गयी लेकिन उसने ऐसे जताया कि नहीं आना चाहती है. मैंने भी कह दिया- ठीक है … देख ले … तेरा मन न हो … तो मत आना.
कुछ देर बाद उसने खुद काल करके कहा कि मर मत … मैं आ रही हूं! मैं खुश हो गया.
जल्दी से मैं मेडिकल स्टोर गया, वहां से कंडोम का एक दस पीस वाला पैकेट खरीद लिया. दस पीस का इसलिए कि नए नए चोदू थे, भोसड़ी का कंडोम किस तरह लगता है, ये जानते ही न था. मैं अपने रूम में आ गया. वहां देखा कि वो पहुंच चुकी थी.
मैंने कहा- बहुत जल्दी है … क्या बात है मेरी जान. उसने कहा- अच्छा … मुझे बुला कर तू खुद किधर भी चला जाए और जब मैं आई हुई दिखूं तो बोले कि मुझे जल्दी है. सुन ले … मुझे कुछ नहीं करना है. बस तेरे साथ रहने आयी हूँ. लेकिन अगर तू कर सकता है, तो कर ले.
उसकी आखिरी लाइन मेरे लिए तो ग्रीन सिग्नल थी. मैं उस पर कूद पड़ा. मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और उसे चूसने लगा.
यार क्या मस्त माल थी वो … मैं आपको बताना भूल गया उसकी 36 साइज की चूचियां बड़ी ग़दर हैं.
होंठों को चूसते चूसते मैंने उसकी टी-शर्ट को हटा दिया, अब वो मेरे सामने ब्रा में थी. मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबा रहा था … और मम्मों की चुसाई के मैंने नीचे हाथ करके उसकी जीन्स का बटन खोल दिया. उसने खुद से जींस को निकाल दिया.
अब वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में थी और मैं पूरे कपड़े में था.
फिर उसने मेरे कपड़े उतारे और फिर क्या था … शुरूआत हो गयी.
हमारी चुदाई का कार्यक्रम अपनी रफ्तार पर आने को तैयार था. हम दोनों एक दूसरे को बेहद गर्मजोशी से लड़ा रहे थे. मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और धीरे धीरे निप्पल चूसने के साथ साथ उसे किस करते करते उसके पेट पर पहुंच गया. वहां से मैं उसकी पैंटी के पास आ पहुंचा और दांत से पेंटी को खींचते हुए उसके शरीर से अलग कर दिया.
अब वो भी नंगी थी और मैं भी … मैं उसके मम्मों को लगातार मसलता रहा, चूसता रहा.
फिर धीरे से अपनी उंगली को नीचे ले गया और उसकी जांघ पर फिराने लगा. इस वक़्त मैं उसके होंठों पर किस कर रहा था, अपने एक हाथ से उसके मम्मों को दबा रहा था और दूसरे हाथ को उसकी चूत पर फेर रहा था.
फिर मैंने धीरे से उसके चूत में उंगली डाल दी, वो सिहर उठी. मगर मैं कहाँ रुकने वाला था. यूं ही उसे किस करते करते चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर रहा. कुछ ही देर में उसकी टाँगें खुल गई थीं. अब मेरी उंगली और उसकी चूत फिंगर फक का मजा ले रही थी. वो मदभरी सिसकारियां लेती रही.
कुछ देर बाद मैंने उसको जमीन पर बैठने बोला. उससे मेरा लंड चूसने को बोला, तो वो मना करने लगी. लेकिन मैं कहां मानने वाला था.
मैंने उसको नीचे किया, तो वो हंसने लगी. मैंने उसकी कमर में चिकोटी काटी तो उसका मुँह खुल गया. मैंने उसी पल उसके मुँह में लंड डाल दिया.
उसका मन तो था, इसलिए उसने लंड को धीरे धीरे चूसना शुरू कर दिया. वो कुछ ही देर में लंड को ऐसे चूसने लगी, जैसे कोई लॉलीपॉप चूस रही हो. उसने मुझे गर्म कर दिया था. मैंने भी उसे उंगली कर करके चुदास की आग में जला दिया था.
आग दोनों ओर लगी थी. मैंने कंडोम का पैकेट निकाला और एक कंडोम निकाल कर उसे लंड पर लगाया. अब कंडोम की छतरी लगा कर मेरा लंड तैयार था. लेकिन अभी इससे पहले मुझे उसको थोड़ा और तड़पाना था.
मैंने लंड को इधर उधर घुमाया. उसके मम्मों को मसला, चूत में उंगली की, पेट पर किस किए. उसको एकदम से उत्तेजित कर दिया. फिर उसने जब मेरा लंड पकड़ लिया और बोली- अब इधर उधर मत कर … छेद में डाल दे. मैंने अपने लंड को सैट करके उसे चोदना शुरू किया. उसकी फांकों में लंड का सुपारा लगाया और धक्का दिया, तो लंड फिसल गया.
मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन लंड अन्दर नहीं जा रहा था. मुझे पता नहीं था कि जो पहले कभी चुदी हुई नहीं होती है … उसे चोदने में कुछ समय लगता है.
फिर मैंने उससे लंड को पकड़ कर अन्दर लेने के लिए कहा. उसने लंड को पकड़ा और चूत के छेद में लगाया. मैंने धीरे धीरे दबाव दिया, तो अब लंड अन्दर जाने लगा. उसको दर्द होने लगा. वो तड़फने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मुझसे बाहर निकालने को कहने लगी.
लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना. मैं उसे कस कसके चोदने लगा.
मेरा पूरा रूम चुदाई के इस रंगारंग कार्यक्रम में रम गया. फच फच की आवाज आने लगी. कुछ देर बाद वो भी मस्ती से चुदाई में मजा लेने लगी. उसकी गांड उठ उठ कर मेरे लंड से लोहा लेने लगी. बड़ी दमदार चुदाई होने लगी थी.
बीस मिनट बाद लंड का पानी कंडोम में निकल गया और उसकी चूत की सील भी टूट गई.
आधा घंटे बाद फिर से अभिसार शुरू हो गया. मैंने उसके मम्मों के बीच में भी लंड लगा कर मम्मों को चोदा, मुँह की चुदाई की और फिर गांड भी चोदा. रात भर हम दोनों का चुदाई कार्यक्रम चलता रहा.
सुबह उससे चला नहीं जा रहा था, तो मैंने उससे कहा- अभी यहीं रुक जा. उसने मुझसे कहा- मैं नहीं रुकने वाली … तू पता नहीं क्या क्या चोद देगा. मैंने कहा- अभी कुछ नहीं चोदूंगा, बस मम्मों को चूस लूंगा.
उसने हंस कर मुझे ग्रीन सिंग्नल दे दिया. मैं चुचे चूसने लगा.
मैंने उसे अपने साथ दो दिन तक रखा और वो भी बिल्कुल नंगी करके रखा. उसने मुझे भी कपड़े नहीं पहनने दिए. हम दोनों का जब भी मन करता, लंड उसके मुँह में डाल देता, या चूत में घुसेड़ देता.
हमारी ये मुहब्बत बड़ी लम्बी चली. बाद में कई बार उसे मैंने कई जगह ले जाकर चोदा. लेकिन अब उससे मेरा ब्रेकअप हो गया है.
अभी कुछ दिन पहले ही उसका फोन आया था और उसकी डिमांड पर मैंने उसे फिर से चोद दिया.
अब उससे बात नहीं होती है लेकिन जब भी चुदाई करनी होती, तो सीधे फकिंग की बात कर लेते हैं.
आपको मेरी ये चुदाई की कहानी कैसी लगी. मुझे मेल करके जरूर बताएं. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: storyrytr@gmail.com. Starting price: $2,000